जीएसटी के फायदे और नुकसान

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जीएसटी के फायदे और नुकसान

GST और इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

वर्तमान समय में भारत में उत्पाद कर, बिक्री कर, मनोरंजन शुल्क, वैट, चुंगी कर और सीमा शुल्क  जैसे अप्रत्यक्ष कर लगते हैं लेकिन जीएसटी लागू होने से इन सभी परोक्ष करों की जगह पर केवल एक “वस्तु एवं सेवा कर” लगाया जा रहा है। ऐसा करने से हम 165 देशों की लिस्ट के लिए 166वें सदस्य बन गए हैं जिस देश में जीएसटी लागू है। यहाँ तक की कई लोगों को इसकी जानकारी शायद ही हो की पाकिस्तान में भी जीएसटी लागू है।

जीएसटी के फायदे और नुकसान के बारे में जानने से पहले हम बात करते है, भारत में जीएसटी के महत्वता की तो जैसा की हम जानते हैं की भारत के इतिहास में सबसे बड़े कर सुधारों में से एक माल, माल ढुलाई और सेवा कर है, जिसे हम भारत में जीएसटी कहते है। वस्तुओं और सेवाओं पर लगाए गए कर ने केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा लगाए गए सभी अप्रत्यक्ष करों को बदल दिया है। जीएसटी से करों के कैस्केडिंग प्रभाव को समाप्त किया गया है। इससे यह अनुमान लगा सकते हैं की भारत आने वाले वर्षों में विश्व अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। साथ ही यह अपने अनुमान पर खरी भी उतर रही है।

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) क्या है?

माल एवं सेवा कर एक अप्रत्यक्ष कर है, जिसके कारण आज भारत के बाज़ारों का एकीकरण हो गया है और भारतीय अर्थव्यवस्था को एक स्वरुप के आधार पर एक बाजार में बदल दिया है। जिससे भारत में व्यापार करने में आसानी हो गयी है। वहीँ कुछ कंपनियों को जीएसटी लगने से फायदा और कुछ कंपनियों को नुक्सान हुआ है क्योंकि जीएसटी टैक्स दर वर्तमान कर से कम है वही दूसरी तरफ, कुछ क्षेत्रों को अधिक कर का भुगतान करना पड़ रहा है। क्योंकि जीएसटी समान रूप से पुराने करों को बदला है जिससे कुछ सेक्टर बढे हुए जीएसटी के दायरे में आ गए हैं।

जीएसटी अधिनियम 29 मार्च 2017 को संसद में पारित किया गया था और यह अधिनियम 1 जुलाई 2017 को प्रभावी हुआ था पूरे देश में।

अगर सरल शब्दों में कहें तो,

जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स ) सामानों और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया गया एक अप्रत्यक्ष कर है। इस कानून के आने से कई अप्रत्यक्ष कर जिसके बारे में एक आम इंसान को पता ही नहीं होता था उन कानूनों को बदल दिया गया है।

जीएसटी के फ़ायदे :

जीएसटी ऐसा कर है, जिसने पूरे देश के अलग-थलग पड़े बाजार को एकीकृत कर आम बाजार बना दिया है, जो केवल प्रत्येक चरण में मूल्यवर्धन पर लगाया जाता है। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की शुरूआत ने कई फायदे लाए हैं। आइये जाने उसके बारे में:-

1. कैस्केडिंग प्रभाव को समाप्त करना

जीएसटी फायदे में सबसे पहले देश में कैस्केडिंग प्रभाव को समाप्त करना था, और अलग-अलग अप्रत्यक्ष कर को हटा कर एक कर करना था। जीएसटी की शुरूआत ने कैस्केडिंग प्रभाव को पूर्ण रूप से हटा दिया। क्योकि जब वैट लगता था तब एक कर लगाने के लिए बहुत सारे कर लगाए जाते थे जिससे ग्राहकों के लिए वस्तुएं और सेवाएं बहुत अधिक महंगी थी। जीएसटी ने अन्य सभी करों को एकीकृत किया और कर पर प्रभाव को समाप्त कर दिया।

कैस्केडिंग (‘टैक्स पर कर’) - आइए इस उदाहरण को समझते हैं कि टैक्स पर टैक्स क्या है

निर्माता के लिए मूल्य पुराना कर जीएसटी
बनाने की कीमत 2,00,000 2,00,000
10% का लाभ मार्जिन 20,000 20,000
12% की उत्पाद शुल्क 24,000 -
कुल उत्पादन लागत 2,44,000 2,20,000
12.5% का वैट 30,500 -
6% का एसजीएसटी - 13,200
6% का सीजीएसटी - 13,200
निर्माता के लिए चालान मूल्य 2,74,500 2,46,400
थोक व्यापारी के लिए मूल्य
माल की लागत 2,74,500 2,46,400
10% का लाभ मार्जिन 27,450 24,640
कुल मूल्य 3,01,950 2,71,040
12.5% का वैट 37,743.75 -
6% का एसजीएसटी - 16,262.40
6% का सीजीएसटी - 16,262.40
थोक व्यापारी को चालान मूल्य 3,39,693.75 3,03,564.80
खुदरा के लिए मूल्य
माल की लागत 3,39,693.75 3,03,564.80
10% का लाभ मार्जिन 33,969.375 30,356.48
कुल मूल्य 3,73,663.125 3,33,921.28
12.5% का वैट 46,708 -
6% का एसजीएसटी - 20,035.28
6% का सीजीएसटी + 20,035.28
खुदरा विक्रेता के लिए चालान मूल्य 4,20,371.125 3,73,991.84

2. जीएसटी लागू होने से केंद्रीय उत्पाद शुल्क, राज्य शुल्क, लक्जरी कर, सेवा कर, बिक्री कर व अन्य कई करों को जोड़ दिया है। इससे टैक्स की गणना और संग्रह प्रक्रिया सरल हो गई है।

3. टैक्स लेने की प्रक्रिया की पारदर्शिता में सुधार हुआ है।

4. जीएसटी के कारण अब वस्तुओं और सेवाओं की लागत में कमी आयी है क्योंकि पहले कई मूल्य वर्धित कर (वैट) हटे हैं।

5. 20 लाख से कम टर्नओवर वाले व्यापारियों को जीएसटी का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। वहीँ उत्तर-पूर्वी राज्यों में, यह सीमा 10 लाख रुपये है। यह छोटे व्यवसायों के लिए एक बड़ा लाभ है।

6. भारत में, असंगठित क्षेत्र बड़े पैमाने पर रोज़गार प्रदान करने के साथ भारी रेवन्यु जनरेट करते हैं लेकिन टैक्स के समय वह अनियमित रहते हैं अब जीएसटी आने से इसकी भी विसंगति ठीक हुई है।

7. पहले की प्रणाली के तहत वस्तुओं और सेवाओं के लिए अलग-अलग कर थे जिससे देयता निर्धारित करने के लिए लेन-देन मूल्यों को माल और सेवाओं के मूल्यों से अलग करना होता था जो की एक बड़ा सर दर्द था।

8. जीएसटी पूरी तरह से एक संघटित प्लेटफॉर्म है, जो माल व सेवा कर गतिविधियों के संचालन को सरल और सुनिश्चित करता है।

9. किसी भी वस्तु के बनने और और उस सेवा के उपभोग के अंतिम स्थान पर ही जीएसटी लगता है जिससे यह फायदा हुआ की निर्माता से लेकर रिटेलर आउटलेट तक दोहरे कराधान को हटाया जा सका। यह आर्थिक समस्याओं को खत्म करने की दिशा में एक प्रशंसनीय कदम है।

10. जीएसटी के मुख्य लाभ में से एक यह है कि करदाता ऑनलाइन पंजीकरण, रिटर्न दाखिल करना और कर का भुगतान सबकुछ ओनलाईन जीएसटी पोर्टल के माध्यम से कर सकते हैं।

11. पहले की वैट प्रणाली में, ई-कॉमर्स व्यवसायों का कर अनुपालन के संबंध में काफी अंतर था। लेकिन जीएसटी ने अंतर-राज्य माल की आवाजाही से संबंधित व अन्य जटिलताओं को भी समाप्त कर दिया है।

जीएसटी के नुकसान :

1. जीएसटी पूरी तरह से एक आईटी-संचालित कानून है। व्यापारियों को या तो अपने मौजूदा लेखांकन या ईआरपी सॉफ़्टवेयर को जीएसटी-अनुपालन के लिए अपडेट करना होगा या एक जीएसटी सॉफ़्टवेयर खरीदना होगा ताकि वे अपने व्यवसाय को चालू रख सकें।

2. छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों (एसएमई) जिन्होंने अभी तक जीएसटी के लिए हस्ताक्षर नहीं किए हैं, उन्हें जल्दी से जीएसटी कर व्यवस्था की बारीकियों को समझना होगा।

3. जिन कंपनियों का कई राज्यों में कारोबार संचालित है, उन्हें उन सभी राज्यों में पंजीकरण कराना होगा।

4. जीएसटी लागू होने के बाद बीमा रिन्युअल प्रीमियम, हेल्थ केयर, कूरियर सेवाएं, डीटीएच सेवाएं महंगी हो गयी हैं।

5. जीएसटी ने दिव्यांग लोगो के लिए जरूरी व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र, ब्रेल पेपर आदि जैसे आइटम को कर के दायरे में रखा हैं।

6. जीएसटी नेट ने अब तक पेट्रोल और पेट्रोलियम उत्पादों को बाहर रखा है। यह “कर एकीकरण” के विचार से अलग है।

7. कर अधिकारियों और अन्य संबंधित अधिकारियों को प्रभावी तरीके से नए नियमों को लागू करने, निगरानी करने और व्यापारियों के शिकायतों के लिए पेशेवर नियुक्त करने होंगे और उन्हें इसके लिए प्रशिक्षित करना होगा।

निष्कर्ष :

हर नई पहल नुकसान और परेशानियों के बिना नहीं आती। और जीएसटी परिषद नियमित आधार पर निगरानी निरंतर कर रही है और उन मुद्दों के संबंध में व्यापार क्षेत्र से प्रतिक्रिया भी ले रही है। इसलिए, यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि आने वाले समय में जीएसटी विकास और व्यापार के अनुकूल कर होने के अपने उद्देश्य को पूर्ण करेगा।

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