सूपर्मार्केट व्यापारी रखें इन बातों का ख़याल - क्या करें क्या ना करें?

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सूपर्मार्केट व्यापारी रखें इन बातों का ख़याल - क्या करें क्या ना करें?

ज़्यादातर लोग दूसरों की नौकरी करने से बेहतर खुद का व्यवसाय (Business) करना पसंद करते हैं। उनका यह मानना है कि दूसरों की जी हुजूरी करने से अच्छा है वह अपना खुद का बिजनेस शुरू करें। चाहे वह छोटा ही क्यों न हो। ऐसे में कुछ लोग सुपर बाजार (Supermarket) खोलने के बारे में भी सोचते हैं। यदि आप भी उन्हीं में से एक हैं तो सुपरमार्केट खोलने से पहले आपको क्या करना चाहिए। और क्या नहीं इसके बार में जानना होगा।

इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि एक सुपरमार्केट का मालिक होने के नाते आपको क्या-क्या चीजें करनी चाहिए और क्या नहीं। इसके अतिरिक्त हम सुपरमार्केट के बारे में और भी चीज़ों के बारे में आपको विस्तार से बताएंगे। जिनके बारे में जानना आपके लिए बहुत  आवश्यक है। इसलिए इस पोस्ट को आप अंत तक पढ़ें।

सुपरमार्केट क्या है? (What is Supermarket in Hindi?) :

सुपरमार्केट को हिंदी में सुपर बाजार या किराने की दुकान के नाम से भी जाना जाता है। सुपरमार्केट एक ऐसी दुकान होती है, जहां सस्ते और दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाले सामान (Products) मिलते हैं। सुपरमार्केट में सामान अलमारियों पर सजे होते हैं और उनके मूल्य सामानों पर लिखे होते हैं।

इस प्रकार की दुकान में समान फुटकर में बेचे जाते हैं। यहां आपको अपना सामान खुद चुनना पड़ता है, क्योंकि यहां पर आपको कोई विक्रेता (Seller) नहीं मिलता। बस आपको अपनी मनचाही वस्तु को सेलेक्ट करना होता है और सामान को ट्रॉली पर इकट्ठा करना होता है।

सुपर मार्केट एक बड़े पैमाने पर काम करता है। यहां पर कस्टमर को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। जिससे की कस्टमर को शॉपिंग करने में कोई भी कठिनाई न हो। इसके अलावा सुपरमार्केट में पार्किंग के लिए भी जगह होती है। जिससे कि दूर से आए हुए कस्टमर अपने वाहन को बिना किसी परेशानी के खड़ा कर सकें।

सुपरमार्केट का महत्व - Importance of Supermarket in Hindi :

आज के आधुनिक युग में सुपरमार्केट को लोग बहुत ही ज़्यादा पसंद कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि एक ही जगह पर उनको दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले सारे सामान मिल जाते हैं। इस प्रकार लोगों का समय भी बच जाता है और उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुएं भी मिल जाती हैं। सुपरमार्केट का इस तरह से लोगों के बीच लोकप्रिय होना। सुपरमार्केट के मालिक के लिए बहुत ही फायदेमंद है।

इसलिए यदि आप एक सुपरमार्केट के मालिक बनकर, एक सुपरमार्केट खोलने के बारे में सोच रहे हैं। तो इससे आपको काफी लाभ प्राप्त हो सकता है। वहीं अगर आप अपनी एक अच्छी सी ब्रांड बनाने में सफलता प्राप्त कर लेते हैं तो आपको आसानी से निवेशक (Investors) भी मिल जाते हैं। जिससे आपको कई तरह के फायदे होते हैं।

animated interior of supermarket

सुपरमार्केट खोलते समय ध्यान देने वाली बातें - Do's & Don'ts for a Supermarket Owner :

सुपरमार्केट खोलना इतना आसान नहीं है। लेकिन देखा जाए तो यह काम इतना मुश्किल भी नहीं है। बस इसके लिए सुपरमार्केट के मालिक (Supermarket Owner) यानी आपको एक अच्छी सी योजना, फंड और एक अच्छी स्किल की आवश्यकता पड़ेगी। इसके अतिरिक्त एक सुपरमार्केट के मालिक को निम्नलिखित चीज़ों का ख्याल रखना होगा -

(1) सबसे पहले आपको अपना बजट देखना होगा कि इतने बजट में आपका कार्य सही प्रकार से होगा या नहीं। यदि आपके पास बिजनेस में लगाने के लिए पर्याप्त बजट नहीं है तो आपको सुपरमार्केट खोलने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। क्योंकि एक छोटी सी सुपरमार्केट खोलने के लिए भी आपको अच्छे खासे पैसों (Money Investment) की जरूरत पड़ेगी।

(2) सुपरमार्केट का बिजनेस शुरू करने से पहले आपको समय निकाल कर एक अच्छी सी योजना (Plan) बनानी होगी। जिससे कि बिजनेस को सही ढंग से प्रारंभ किया जा सके और वह सफलता की ऊंचाइयों को छू सके। यदि आपके पास सोचने, समझने और निर्णय लेने की ज़्यादा समझ नहीं है तो आप अपने लिए एक सलाहकार (Business Advisor) को रख सकते हैं। जो इस कार्य में आपकी सहायता कर सके।

(3) एक सुपरमार्केट शुरू करने से पहले आपको लोकेशन के बारे में अच्छे से रिसर्च कर लेनी चाहिए। रिसर्च करने से आपको इस बात की जानकारी हो जाएगी कि कौन से क्षेत्र में आपका बिजनेस ज़्यादा चलेगा। और कौनसी जगह (Location) पर कम। हमेशा ऐसी जगह का ही चुनाव करें जहां आपको ज़्यादा से ज़्यादा ग्राहक (Customer) मिल सकें। और वहां पर आपके बिजनेस से संबंधित प्रतियोगी भी कम हों। यदि आपने ऐसा नहीं किया तो आपको घाटे का सौदा करना पड़ सकता है।

(4) एक सुपरमार्केट आरंभ करने से पहले एक सुपरमार्केट के मालिक को उसे रजिस्टर करना भी आवश्यक होता है। साथ ही आपको हर उस अनुमति और लाइसेंस की आवश्यकता पड़ती है, जो आपके बिजनेस के लिए जरूरी है। ऐसा करने से आप अपनी मनचाही जगह पर बिना किसी दबाव या रोक टोक के कार्य कर सकते हैं।

(5) एक सुपरमार्केट खोलने से पहले आपको जगह के साथ-साथ उसमें पार्किंग का भी ध्यान रखना होगा। यह आपके कस्टमर की बढ़ोत्तरी में काफी हद तक आपकी मदद कर सकती है। जगह और पार्किंग के लिए आपको अपने रियल स्टेट एजेंट से ज़रूर सलाह लेनी चाहिए।

(6) जो भी प्रोडक्ट आप अपनी सुपरमार्केट में रख रहे हैं उसकी क्वालिटी पर ज़रूर ध्यान दें। यदि सामान की क्वालिटी अच्छी होगी तो यह आपके कस्टमर को आकर्षित करने में एक अहम भूमिका निभा सकता है। वहीं आप इस बात का भी ध्यान रखें कि आप अलग-अलग ब्रांड के प्रोडक्ट्स को अपने सुपर बाजार में रखें। क्योंकि हर व्यक्ति अलग-अलग ब्रांड का सामान इस्तेमाल करता है।

animated outlook of supermarket on a busy road

(7) एक सुपरमार्केट खोलना कोई छोटा काम नहीं है। ऐसे में यदि आप अकेले काम करने की सोच रहे हैं तो ऐसा आप बिल्कुल भी न करें। क्योंकि एक सफल सुपरमार्केट के लिए आपको पर्याप्त लोगों की आवश्यकता पड़ेगी जो आपके सुपरमार्केट को चलाने में आपकी सहायता कर सकें। इसलिए आपको भरोसेमंद, ईमानदार और कुशल कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। जैसे - मैनेजर, कैशियर, सिक्योरिटी गार्ड इत्यादि।

वहीं आपके कर्मचारी ठीक प्रकार से कार्य करें। इसके लिए भी आपको उनको ट्रेनिंग देनी होगी। जिसमें आपको पैसे और समय दोनों की आवश्यकता पड़ेगी।

(8) सुपरमार्केट का आखरी और सबसे महत्वपूर्ण कार्य है उसका विज्ञापन (Advertisement) करना। यदि आप अपने बिजनेस के बारे में लोगों को नहीं बताएंगे तो उन्हें पता कैसे चलेगा। इसलिए आप अपने सुपरमार्केट को टीवी, बैनर, रोड शो, न्यूज़पेपर और ऑनलाइन सोशल मीडिया की मदद से प्रोमोट कर सकते हैं।

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सुपरमार्केट के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्न. सुपरमार्केट की विशेषताएँ क्या हैं?

उत्तर. सुपरमार्केट एक ऐसी दुकान होती है, जहां पर कस्टमर अपनी मर्ज़ी से फुटकर सामान को छांटकर ले सकता है। इसमें प्रोडक्ट्स के दाम पहले से ही तय रहते हैं, और वह प्रोडक्ट के ऊपर ही लिखे रहते हैं। इसमें कस्टमर को किसी भी सेलर की जरूरत नहीं पड़ती। बस कस्टमर को सारा सामान खरीदकर एक ट्रॉली में रखकर काउंटर पर ले जाना होता है और भुगतान (Payment) करना होता है।

प्रश्न. सुपरमार्केट से ग्राहकों को क्या लाभ होता है?

उत्तर. सुपरमार्केट में हर प्रकार के सामान ग्राहकों को एक ही जगह पर मिल जाते हैं। जिससे उन्हें उधर-उधर भटकना नहीं पड़ता और समय की बचत हो जाती है। वहीं सुपरमार्केट में कोई सेलर न होने के कारण भी ग्राहकों का बातचीत में समय बर्बाद होने से बच जाता है। इसके अतिरिक्त सुपरमार्केट में हर चीज के दाम दूसरी दुकानों की तुलना में कम होते हैं। साथ ही प्रोडक्ट के दाम भी पहले से निश्चित (Fixed) होते हैं। जिससे कि कस्टमर मोल-भाव करने की झंझट से बच जाते हैं।

प्रश्न. सुपरमार्केट के मालिक को क्या फायदा होता है?

उत्तर. सुपरमार्केट में आने वाले सामान सुपरमार्केट के मालिक को बहुत ही कम दाम में प्राप्त हो जाते हैं। जिस कारण उन वस्तुओं को सुपरमार्केट का मालिक या ऑनर बहुत कम मूल्य में कस्टमर को बेच देता है। ऐसा करने से उसके ग्राहकों में दिन-प्रतिदिन बढ़ोत्तरी होती है और ज़्यादा से ज़्यादा सामान की बिक्री होती है। इसके अलावा सुपरमार्केट में सेलर न रखने के पैसे भी बचते हैं, जो कि सुपर बाजार के ऑनर के खाते में जाते हैं। इस प्रकार सुपर मार्केट के ऑनर को अन्य दुकानदार की तुलना में बड़े पैमाने का लाभ (Profit) होता है।

प्रश्न. सुपरमार्केट के मालिक को होने वाले नुकसान क्या हैं?

उत्तर. सुपरमार्केट में अधिक से अधिक सामान रखने की आवश्यकता होती है। जिस कारण सुपरमार्केट के ऑनर को एक बार में ही बहुत ज़्यादा मूल्य चुकाना पड़ जाता है। वहीं ज़्यादा सामान होने से सामान खराब होने का खतरा भी रहता है। इसके अलावा जो निर्माता या उत्पादक सामान की डिलीवरी करते हैं उन्हें तुरंत पैसे देने पड़ते हैं। और कभी-कभी ऐसा भी होता है कि सुपर बाजार के मालिक को एडवांस पेमेंट भी करने पड़ जाते हैं। वहीं कुछ स्थिति में ऐसा भी होता है कि शहर और महानगर में जगह नहीं मिलती। जिस कारण सुपरमार्केट शहर के बाहर खोलनी पड़ती है। इससे ग्राहक (Customer) की पहुंच सुपरमार्केट तक कम हो जाती है।

प्रश्न. सुपरमार्केट से ग्राहकों को होने वाले नुकसान क्या हैं?

उत्तर. सुपरमार्केट शहर से दूर होने के कारण ग्राहकों (Customers) को वहां तक पहुंचने में समय बर्बाद होता है। इसके अलावा सुपरमार्केट में सामान का मूल्य तो कम होता है, लेकिन ग्राहकों को आने जाने के साधन में ज़्यादा पैसे खर्च करने पड़ जाते हैं। वहीं कुछ कस्टमर ऐसे भी होते हैं जिनको सामान की सही जानकारी नहीं होती है। ऐसे में सेलर के अभाव में वो गलत सामान खरीद लेते हैं। जिस कारण उन्हें असंतुष्टि ही प्राप्त होती है।