पोल्ट्री फार्मिंग का बिजनेस कैसे शुरू करें?

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पोल्ट्री फार्मिंग का बिजनेस कैसे शुरू करें?

जगह का चुनाव, लागत, मुनाफा आदि के बारे में पूरी जानकारी

पिछले कुछ समय से आपने भारत के युवा वर्ग में एक बात नोटिस की होगी कि वे अब धीरे-धीरे सेहत के प्रति जागरूक हो गए हैं और जिम में जाने वाली युवाओं की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। इसके पीछे उनकी दो तरह की सोच है, एक तो अच्छी सेहत कई बीमारियों को दूर करती है साथ ही व्यक्ति को गुड लुकिंग बनाने में भी मददगार होती है। वर्तमान में भारत में यह व्यवसाय ने बहुत ही बेहतर स्थिति में मुनाफा कमा रहा है और आने वाले कई दशकों तक यह सेक्टर भारत का शीर्ष मुनाफा देने वाला सेक्टर के रूप में जाना जाएगा।

पोल्ट्री फार्मिंग तेजी से बढ़ता हुआ और एक प्रॉफिटेबल एग्री-बिजनेस है और वर्तमान में यह आपके लिए एक बेहतरीन चुनाव हो सकता है, यदि आप भी भारत के एग्रो बिजनेस सेक्टर में अपना योगदान देना चाहते हैं। इसमें मुख्यतया अलग-अलग स्थानीय मुर्गियों (जिनका इस्तेमाल कमर्शियल रूप से किया जाता है) का मीट, अंडे और दूसरे प्रकार के सामानों को बेचकर व्यवसाय किया जाता है। वैसे तो इस व्यवसाय में लगभग सभी लोग अपना मुनाफा कमाते हैं, परंतु फिर भी कुछ लोग अपनी गलत बिजनेस प्लैनिंग की वजह से यहां पर भी नुकसान खा सकते हैं।

आज हम बात करेंगे कि आप कैसे इस तरह का पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस शुरू कर सकते हैं, आइए जानते हैं इस बिजनेस के फायदे:-

1. कम निवेश में की जा सकती है शुरुआत :-

इस बिजनेस का सबसे बड़ा फायदा यही है कि इसके लिए आपको अधिक निवेश की आवश्यकता नहीं होगी और जिस तरह की पोल्ट्री आप खरीदते हैं उनकी कीमत भी बहुत कम होती है।

2. कम जगह की आवश्यकता :-

हालांकि आप यदि बड़े स्तर पर पॉल्ट्री फार्म बनाकर इसकी शुरुआत करना चाहते हैं तो आप को बहुत बड़ा फार्म बनाना चाहिए, परंतु इसे आप छोटे से स्थान पर भी शुरू कर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं।

तमिलनाडु और केरल के कुछ क्षेत्रों में लोग अपने घर के पीछे के बैकयार्ड हिस्से में ही अपना पोल्ट्री फार्म भी संचालित करते हैं।

3. अधिक मुनाफा और वह भी कम समय में :-

वर्तमान में यह व्यवसाय भारत का एक बेहतरीन रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट देने वाला व्यवसाय है और जिस में मुनाफा होने में वक्त भी बहुत कम लगता है,क्योंकि भारतीय पोल्ट्री व्यवसायी वर्तमान में ब्रायलर चिकन के बच्चों का इस्तेमाल करते हैं जो कि बड़े होने में बहुत ही कम समय लगाते हैं और यह आसानी से पोर्टेबल भी होते हैं।

4. लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती :-

आपने बहुत से ऐसे व्यवसाय देखे जिनमें देखा होगा कि आपको सरकार द्वारा जारी लाइसेंस लेने की जरूरत होती है, जिससे कि भविष्य में आप कोई कानूनी झमेले में ना फंसे।

परंतु पोल्ट्री व्यवसाय में आपको किसी प्रकार के लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि लगभग सभी क्षेत्रों में लगाये गए मुर्गी फार्म में पाले जाने वाले बर्ड स्थानीय होते हैं।हालांकि कुछ राज्यों ने इसके लिए लाइसेंस की व्यवस्था कर रखी है, वहां पर आपको लाइसेंस लेना ही होगा।

5. अंतर्राष्ट्रीय मांग :-

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सेहत के प्रति लोगों की बढ़ती जागरूकता वर्तमान में चिकन की अंतरराष्ट्रीय डिमांड को बढ़ा रही है, इसके पीछे दो कारण हैं एक तो चिकन में प्रोटीन की अधिक मात्रा होती है साथ ही यह मीट की तुलना में सस्ता भी होता है तो जो लोग नॉनवेज खाना पसंद करते हैं वह मुख्यतया चिकन को ही मीट की तुलना में प्राथमिकता देते है, साथ ही यह हर क्षेत्र में उपलब्ध भी हो जाता है।

Indoors chicken farm, chicken feeding

6. इजी बैंक लोन :-

इस प्रकार के व्यवसाय के लिए लगभग सभी प्रकार के बैंक लोन पास करते हैं और इसके लिए आपको अपना कोई भी कॉलेटरल गिरवी रखने की भी आवश्यकता नहीं होती है।

इस प्रकार हमने जाना पोल्ट्री बिजनेस के कुछ फायदे, आइए अब हम जानते हैं इसे शुरू करने के लिए आप को किन-किन बातों को ध्यान में रखने की आवश्यकता होगी :-

  • इसके लिए आपको सबसे पहले अपने क्षेत्र को निर्धारित करना होगा, जैसे कि आप अपने यहां किस प्रकार की मुर्गी लाएंगे, जिनसे चिकन प्राप्त किया जा सकता है या फिर जिनसे अंडे प्राप्त किया जा सकता है।
  • इसके लिए दो प्रकार के बर्ड होते हैं जिनमें एक को ब्रायलर के नाम से जानते हैं जिसका इस्तेमाल मुख्यतया चिकन के लिए किया जाता है, जबकि दूसरे को लेयर के नाम से जानते हैं जिसका इस्तेमाल अंडे उत्पादन करने के लिए किया जाता है।
  • साथ ही अपने बिजनेस को एक नया नाम रजिस्टर करवा कर इसे एक कंपनी के रूप में स्थापित करें जो कि आगे चलकर आपकी ब्रांडिंग में भी सहायता करेगा।
  • अपने क्षेत्र में ही अपने टारगेट ऑडियंस को ढूंढे जैसे कि आप अपने यहां पर तैयार बर्ड को होलसेल मार्केट, रिटेलर तथा कई स्थानीय दुकानदारों को बेच सकते हैं जो कि अपने यहां मीट बेचने का काम करते हैं।

7. जगह का चुनाव :-

इसके लिए आपको ट्रेडिशनल रूप से कोई अलग से घर बनाने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि आप अपने घर के ही किसी खाली पड़े स्थान पर टिन शेड डालकर अपने बैकयार्ड में भी शुरुआत कर सकते हैं।

यदि आप बड़े स्तर पर इसका काम करना चाहते हैं तो आपको एक बड़ा हॉल बनाना होगा, जिसमें मुर्गियों के लिए एक अच्छा वातावरण उपलब्ध करवाना होगा।

बहुत अधिक गर्मी और बहुत अधिक सर्दी में इनके बड़े होने की गति बहुत धीमी हो जाती है, जिस कारण इन बच्चों को अपने पास अधिक समय तक रखना होगा जो कि आप के खर्चे को बढ़ाएगा, इसलिए अपनी जगह का चुनाव करते वक्त ध्यान रखें कि क्षेत्र में ज्यादा सर्दी और ज्यादा गर्मी ना पड़ती हो।

साथ ही अपनी जगह को ऐसे स्थान पर रखें जहां पर परिवहन की उपयुक्त सुविधा हो, जिससे कि आपके यहां पर आने वाले बच्चे और आपके यहां से बड़े होकर बाजार में बिकने वाले मुर्गे बहुत ही जल्दी मार्केट तक पहुंच सके जो कि आपको तुरंत रिटर्न देने में लाभप्रद होंगे।

8. लागत :-

अपने घर में ही पहले से बने हुए क्षेत्र में इसकी शुरुआत की जाए तो आपको लगभग एक से डेढ़ लाख रुपए तक के निवेश में मुर्गी के छोटे बच्चे प्राप्त हो जाएंगे साथ ही उनका दाना पानी और अन्य व्यवस्थाएं भी आप कर सकते हैं।

परंतु यदि आप इसे बड़े स्तर पर शुरू करना चाहते हैं उसके लिए आपको एक बड़ा होल बनाना पड़ेगा और उसमें कई अन्य प्रकार की सुविधाएं भी रखनी होगी जैसे कि इलेक्ट्रिसिटी, हवा की अच्छी व्यवस्था, कूलिंग की व्यवस्था जिस कारण आपको लगभग सात से दस लाख रुपये तक का खर्चा आ सकता है, परंतु बड़े स्तर पर शुरू करने पर आपको मुनाफा भी उतना ही अधिक होगा।

chickens sit in open-air cages and eat mixed feed, on conveyor belts lie hen's eggs

9. मुनाफा :-

आपका मुनाफा आपके यहां से बिकने वाली मुर्गियों की संख्या पर निर्भर करेगा, भारत में सामान्यतः 1 किलो की मुर्गी की रेट लगभग सौ रुपये रहती है जो कि समय के साथ और अलग अलग क्षेत्र के अनुसार ऊपर नीचे होती रहती है, लेकिन हम ₹100 को एक बेसिक कीमत मानकर आज आपको मुनाफे के बारे में जानकारी देंगे।

यदि आप सात से दस लाख रुपये तक का निवेश करते हैं और एक हज़ार से दो हज़ार बच्चे खरीदते हैं तो आप आसानी से एक से दो लाख रुपये तक का टर्नओवर कर पाएंगे, जिनमें से लगभग सतर से अस्सी हजार रुपये प्रति सीजन आपका मुनाफा होगा।

एक सीजन को तैयार होने में लगभग 2 महीने का समय लगता है, इस प्रकार आप 1 वर्ष में लगभग 6 सीजन तैयार किये जा सकते हैं, एक सीजन में आपके मुनाफे को यदि हम  6 सीजन के अनुसार काउंट करें तो एक वर्ष का मुनाफा लगभग चार से पांच लाख रुपये हो सकता है, जो कि आपके निवेश का लगभग 60% होता है, इतना अधिक मुनाफा आप केवल एक बेहतरीन बिजनेस प्लान की सहायता से ही कर सकते है।

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FAQs- अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्न. क्या कम निवेश में इसकी शुरुआत की जा सकती है?

उत्तर. जी हां! बिल्कुल, आप एक से दो लाख रुपये तक के निवेश में पोल्ट्री बिजनेस की शुरुआत कर सकते हैं।

अंडे उत्पादन करने वाले मुर्गे आपको मीट देने वाले मुर्गों की तुलना में थोड़े महंगे पड़ते हैं, परंतु उनसे मुनाफा भी अधिक होता है।

प्रश्न. बर्ड फ्लू जैसी समस्याओं से कैसे निपटें ?

उत्तर. इसके लिए स्थानीय सरकार ने अपने-अपने क्षेत्रों में अलग कानून बनाए हैं, साथ ही भारत सरकार के भी कई कानून है जो कि आपको अपने फार्म में किसी भी मुर्गे में घटित होने वाली अलग प्रकार की घटनाओं की रिपोर्टिंग करने के लिए प्रतिबंधित करते है।

बर्ड फ्लू जैसी बीमारी फैलने पर आपको थोड़ा बहुत नुकसान होने की संभावना रहती है, परंतु वर्तमान में उच्च गुणवत्ता की दवाइयों की वजह से ऐसी बीमारियों का प्रसार बहुत ही कम हो गया है।

प्रश्न. अपने मुर्गी फार्म में तैयार मुर्गों को मार्केट तक कैसे पहुंचाएं?

उत्तर. इसके लिए आप बड़ी मीट उत्पादन करने वाली कंपनियों से संपर्क स्थापित कर सकते हैं, साथ ही स्थानीय दुकान वाले जो कि अपने यहां कच्चा मीट बेचते हैं, वह भी आपके यहां से मुर्गे खरीद कर ले जाएंगे।

शुरुआत में अपना मार्केट जमाने के लिए आपको उन्हें कम कीमत में मुर्गे बेचने होंगे, परंतु एक बार विश्वसनीयता बढ़ जाने के बाद आप उचित दर पर कीमत वसूल सकते हैं।