Apna business kaise shuru kare: जानें पूरी प्रोसेस

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Apna business kaise shuru kare: जानें पूरी प्रोसेस

आजकल कोरोना महामारी से उबरने का समय तो आ गया है लेकिन बाजार की हालत सही नहीं है। महामंदी से गुजरे विश्व के आर्थिक हालात अभी भी अच्छे नहीं कहे जा सकते हैं। इस कोरोना महामारी में बड़े से बड़े बिजनेस से लेकर छोटी सी छोटी नौकरी करने वाले सभी लोगों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। ऐसी दशा में बड़ी संख्या में बेरोजगारी भी बढ़ी है। हालात यहां तक हैं कि लॉकडाउन में 50 से 60 परसेंट वेतन पर काम करने वालों को आज अनलॉक होने के बाद भी वही स्थिति बनी हुई है जबकि महंगाई दिनोंदिन चरम सीमा पर पहुंच रही है। ऐसी स्थिति में ज्यादातर लोगों के समक्ष बिजनेस करने का विकल्प दिखाई दे रहा है। बिजनेस को शुरू करना तो आसान है लेकिन आर्थिक संकट के समय इसको शुरू करना आसान काम नहीं है। हालांकि यह मुश्किल या नामुमकिन भी नहीं है। यदि व्यक्ति बिजनेस की कुछ गंभीरताओं और बिजनेस की बारीक खामियों को अच्छी तरह से समझ ले तो आपका बिजनेस अच्छी तरह से जम भी सकता है।

Business kaise shuru kare: ऐसे शुरू करें बिजनेस

एक सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि जोश-जोश में बिजनेस तो लोग शुरू कर देते हैं लेकिन उनमें से 60 प्रतिशत ऐसे बिजनेसमैन होते हैं जिनका बिजनेस एक साल में दम तोड़ देता है। इसके अलावा 30 प्रतिशत ऐसे बिजनेसमैन होते हैं जो थोड़ी बहुत सावधानी से अपना बिजनेस चलाते हैं लेकिन अपने नियमों में लम्बे समय तक दृढ़ न रह पाने के कारण उनका बिजनेस 3 साल में दम तोड़ देता है लेकिन 10 प्रतिशत ऐसे बिजनेस मैन होते हैं जो सभी तरह की सावधानियों को ध्यान में रखते हुए बिजनेस को लम्बे समय तक चलाने में कामयाब होते हैं। ये आंकड़े पाठकों को डराने के लिए नहीं दिये जा रहे हैं बल्कि हम नये बिजनेस मैन को सतर्क कर रहे हैं कि वे बिजनेस शुरू करने से पहले अनुभवी लोगों से जानकारी लेकर वो सारी सावधानी बरतें जो एक बिजनेस को चलाने के लिए जरूरी होती हैं। ये जानकारी देने का प्रमुख उद्देश्य आपको उन 10 प्रतिशत लोगों में शामिल करना है जो कामयाबी की बुलंदियों पर पहुंचते हैं।

Business tips in hindi: क्या है बिजनेस का मूलमंत्र

बिजनेस का मूल मंत्र यही है कि कम से कम जोखिम लेकर अधिक से अधिक व्यापार का विस्तार किया जाये। एक ग्राहक की अपेक्षा कई ग्राहकों के साथ व्यापार किया जाये। प्रोडक्शन यानी कच्चा माल में उतना ही पैसा लगाया जाये जितना बहुत जरूरी हो। यदि रोटेशन बन सकता हो तो पूंजी को रोट्रेट करके उससे अधिक से अधिक आय कमायी की जाये। लेन-देन के कुछ सख्त नियम भी बनाये जायें ताकि पैसे का क्षय रोका जा सके। बिजनेस को विस्तार देने या समय-समय पर जरूरतों को पूरा करने के लिए इमरजेंसी फंड बनाया जाये।

How to start business in hindi: कैसे शुरू किया जाता है बिजनेस

बिजनेस भी कई तरीके से किये जाते हैं। पहला बिजनेस तो वो है जो छोटा-मोटा व्यक्ति स्वयं अपने अकेले कंधे पर सब कुछ करना चाहता है। इसका सीधा सा मतलब यह है कि वह व्यक्ति बिजनेस में अधिक पूंजी लगाने में सक्षम नहीं है।

दूसरा बिजनेस करने का तरीका होता है मैनेजमेंट का। बिजनेस मैन के पास पैसा खूब है और वो अधिक इन्वेस्टमेंट करना चाहता है लेकिन वह स्वयं सारे काम न करके। सभी कामों के लिए एक्सपर्ट की सहायता लेकर अपना विजनेस शुरू करना चाहता है।

1. बिजनेस की पहली सीढ़ी

वैसे बिजनेस करने की चली आ रही परम्परा के अनुसार चार तरह से बिजनेस शुरू किया जा सकता है:-

  • सोल प्रोप्राइटरशिप फर्म
  • वन पर्सन कंपनी
  • पार्टनरशिप फर्म
  • एलएलपी लिमिटेड लाइबेलिटी पार्टनरशिप
  • प्राइवेट लिमिटेड कंपनी
  • पब्लिक लिमिटेड कंपनी

2. एक व्यक्ति को कैसे शुरू करना चाहिये बिजनेस

छोटे स्तर पर अधिकतर लोग सोल प्रोप्राइटरशिप फर्म से बिजनेस शुरू करते हैं। इस तरह के बिजनेस में बिजनेस मैन ही सारे कार्य स्वयं करता है। इसमें कमी यह है कि यदि बिजनेस में किसी तरह का उतार आता है तो बिजनेस मैन को पर्सनल एसेट्स लगानी होती है। जबकि वन पर्सन कंपनी में भी मालिक एक ही होता है लेकिन बिजनेस मैन की पर्सनल एसेंट्स और कंपनी की एसेट्स अलग-अलग होती है। बिजनेस प्रभावित होने पर बिजनेस मैन की पर्सनल एसेट्स प्रभावित नहीं होती है।

3. साझेदारी में इस प्रकार से शुरू करें काम

इसी तरह से दो या दो से अधिक साझेदारों वाली पार्टरशिप फर्म में भी यही कमी आती है। यदि बिजनेस में किसी तरह की ऊंच-नीच होती है तो कंपनी के साझेदारों की पर्सनल एसेट्स यानी व्यक्तिगत पूंजी उसमें लगानी होती है जबकि एलएलपी फर्म में सभी साझेदारों की अपनी-अपनी जिम्मेदारी तय होती है। बिजनेस में ऊंच-नीच होने पर साझेदारों की पर्सनल एसेटस बच जाती है।

5. छोटे स्तर पर बिजनेस के लिए जरूरी बातें

  • छोटे स्तर पर बिजनेस शुरू करने के लिए सबसे पहले व्यक्ति को सामान बेचने की कला आनी चाहिये। यदि आप किसी तरह का प्रोडक्ट अपनी खूबियों से मार्केट में ग्राहक को बेच सकते हैं तो आप सफल बिजनेस मैन बन सकते हैं।
  • सबसे पहले आप अपनी क्षमता का आंकलन करें। क्षमता का मतलब आप अपनी आर्थिक क्षमता का आंकलन करें साथ ही आप अपनी अभिरुचि व तकनीकी क्षमता का आंकलन करें यदि कोई अनुभव है तो उसका भी आंकलन करें। अपनी क्षमता और अनुभव तथा अभिरुचि तीनों का संगम का आंकलन करके आप यह विचार करें कि आप कौन सा बिजनेस आसानी से शुरू कर सकते हैं। इसमें आपको कम से कम पूंजी, कम से कम हेल्पिंग हैंड की आवश्यकता होगी।

6. बिजनेस का चुनाव करते समय सावधानी बरतें।

  • आप किसी ऐसी वस्तु के बिजनेस का चुनाव करते हैं जिसको गरीब-अमीर, पूरे वर्ष भर इस्तेमाल करता हो।
  • आप सीजनल वस्तुओं के बिजनेस का भी चुनाव कर सकते हैं। जैसे सर्दी के मौसम में बिकने वाली वस्तुएं, गर्मी के मौसम में बिकने वाली वस्तुएं, बरसात के मौसम में बिकने वाली वस्तुएं, आदि-आदि।
  • इसके अलावा आप साल में आने वाले धार्मिक त्यौहार होली, दीवाली, ईद, रक्षाबंधन, वैलेंटाइन डे, आदि-आदि में बिकने वाली खास वस्तुओं के व्यापार का भी चयन कर सकते हैं।
  • इसके अलावा कुछ खास अवसरों पर भी बिजनेसमैन अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं जैसे कि वर्तमान समय में कोरोना महामारी के दौरान मास्क, सैनेटाइजर, हैंडवाश, तथा इनके उपयोग करने वाली मशीनों का भी व्यापार काफी किया गया। इस तरह के अवसर पर भी खास मांग वाली वस्तुओं का भी व्यापार किया जा सकता है।

7. मार्केट व ग्राहक तलाशें

अब आपको सबसे पहले अपने उस खास एरिया का चुनाव करना होगा, जहां पर आप बिजनेस शुरू करना चाहते हैं। आपको अपने मनपसंद प्रोडक्ट के ग्राहकों की तलाश करनी होगी। उनकी पॉकेट कैपेसिटी को भी देखना होगा। पता चला कि आपने अपनी मार्केट के लिए कोई बड़े बजट का सामान तैयार कर लिया जबकि उस मार्केट में इतने बजट का सामान खरीदने वाला कोई नहीं है। इसके लिए अपने प्रतिद्वंद्वी यानी मार्केट में पहले से उससे मिलते जुलते प्रोडक्ट के बारे में रिसर्च करनी होगी।

8. बिजनेस प्लान बनाएं

मार्केट रिसर्च के बाद आपको बिजनेस का प्लान बनाना होगा। आपको सबसे पहले अपनी पॉकेट को देखना होगा। आप अपने पास उपलब्ध पूंजी से ही व्यापार करना चाहते हैं या व्यापार करने के लिए आपको पैसों की जरूरत होगी।

आपका बिजनेस लम्बे समय तक चल सके और उससे अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सके।

9. आर्थिक प्रबंधन

यदि आपके पास पैसे नहीं हैं तो आप क्या करेंगे। उसके लिए आपको प्लानिंग बनानी पड़ेगी। जो इस प्रकार है:-

  • पैसे की व्यवस्था के लिए आप एक अच्छा सा बिजनेस प्लान बनाकर बैंक से लोन प्राप्त कर सकते हैं।
  • अच्छा बिजनेस प्लान बनाकर सरकार के एमएसएमई विभाग के समक्ष उसका प्रजेंटेशन करके और भविष्य में अच्छी आमदनी का भरोसा दिखाकर बिना गारंटी वाला लोन ले सकते हैं।
  • अच्छे बिजनेस प्लान के आधार पर आप पार्टनरों को बिजनेस में शामिल करके उनसे भी पैसे जुटा सकते हैं।
  • आप अपने प्रोडक्ट या फर्म को प्रचारित करके उसकी फ्रेंचाइजी देकर भी पैसे बिजनेस के लिए जुटा सकते हैं।

10. दूसरी महत्वपूर्ण बातें

बिजनेस के लिए आर्थिक प्रबंध करने के बाद आप अन्य काम आने वाली वस्तुएं कच्चा माल, दुकान, फैक्ट्री, कारखाना, शोरूम आदि पर विचार करें। शोरूम या दुकान से बिजनेस शुरू करना हो तो आपको मेन मार्केट मेें जगह तलाशनी होगी, जबकि फैक्ट्री, कारखाना, वर्कशाप के लिए आप मार्केट से हटकर भी जगह का चुनाव कर सकते हैं। जहां बिजली, पानी एवं आवागमन के साधन उपलब्ध हों।

11. एक्सपर्ट हायर करें

इसके बाद आपको अपने काम के लिए एक्सपर्ट, सहायक को हायर करने यानी उन्हें वेतन पर रखने के बारे में विचार करना चाहिये।

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12. सेल्स प्रमोशन के लिए क्या करें

आपको सबसे अधिक सेल्स डिपार्टमेंट पर ध्यान देना होगा। यदि आप स्वयं सेलिंग कर सकते हैं तो सबसे अच्छा वरना आपको अच्छा रिजल्ट देने वाली सेल्स टीम को हायर करना होगा।

13. ऑफलाइन प्रचार

अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए आपको प्रचार पर भी जोर देना होगा। प्रचार के अनेक साधन उपलब्ध हैं। छोटे स्तर पर बिजनेस के लिए वाल पेंटिंग, बैनर, पोस्टर, पब्लिक वाहनों के पीछे पेंटिंग, होर्डिंग्स, लोकल रेडियो, टीवी, न्यूज पेपर्स आदि में भी प्रचार कर सकते हैं।

14. ऑनलाइन प्रचार

इन प्रचार साधनों के अलावा आजकल ऑनलाइन प्रचार पर जोर दिया जा रहा है। आप अपनी वेबसाइट बनवा कर भी उसमें प्रचार सकते हैं। ये वेबसाइट ऐसी बनवायें जो मोबाइल यूजर्स से सीधे जुड़ सके। क्योंकि आज के जमाने में 8 साल के बच्चे से लेकर 80 तक के बुजूर्ग के पास अपना पर्सनल मोबाइल होता है। आप अपने ग्राहकों को आसानी से इस माध्यम से टारगेट कर सकते हैं।

15. कंपनी का फेवरिट नाम चयन करें

अब आपको अपने बिजनेस के लिए सबसे महत्वपूर्ण काम यह करना है कि आप को अपने अपनी फर्म, प्रोडक्ट का नाम पसंद करना है। ये नाम ऐसा होना चाहिये, जो बहुत छोटा एवं सरल शब्दों में हो। ताकि लोगों की जुबान पर आसानी से चढ़ जाये। खास कर कोई प्रोडक्ट तैयार करते हों तो उसका नाम आपको यह सोच कर रखना है कि आगे चलकर इसे ब्रांड बनाना है। वैसे आजकल फर्म को भी ब्रांड बनाया जा रहा है।

16. कानूनों का पालन करें

इन सब कामों को करने के बाद बारी आती है कानूनी बाध्यताओं की तो यदि आप छोटे पैमाने पर बिजनेस शुरू करने जा रहे हैं तो आपके समक्ष शुरू-शुरू में कानूनी बाध्यताएं कम होतीं हैं। जैसे शोरूम या दुकान खोलने के लिए आपको अपनी दुकान या फर्म का रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्रार आफ कंपनी के पास अवश्य कराना होता है। इसके अलावा राज्य व स्थानीय स्तर पर सरकारी अनुमति लेनी जरूरी होती है। इससे आपको बिजनेस करने में परेशानी नहीं होती है और न ही बिजनेस के दौरान किसी प्रकार की सरकारी स्तर पर टोेकाटाकी होती है और न ही किसी तरह की कानूनी कार्यवाही का ही डर होता है। यदि इस बुनियादी कानूनी कार्यवाही का पालन न किया तो आपको निश्चित रूप से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आप बिजनेस करेंगे या कानूनी झंझटों से निपटने के लिए कोर्ट-कचेहरी, थाने के चक्कर लगायेंगे। इससे आपका बिजनेस दो तरफ से प्रभावित होगा। इसलिये बुनियादी कानूनी कार्यवाही अवश्य कर लेनी चाहिये।

फर्म का रजिस्ट्रेशन व राज्य व स्थानीय स्तर पर सरकारी कानूनी कार्यवाही पूरी कर लेने के बाद आपको अब सरकार के अन्य कानूनों के पालन करने का भी ध्यान रखना चाहिये। इसमें कई ऐसे कानून है जिनकी सीमा रेखा तय होती है। जब आपका बिजनेस उस सीमा रेखा के अन्दर आ जाये तो आपको तत्काल कानूनी कार्यवाही करवा लेना चाहिये। इससे आपके बिजनेस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

यदि आप खान-पान से जुड़ा कोई बिजनेस करते हैं तो उसके लिए एफएसएसएआई से फूड लाइसेंस अवश्य ले लें। किसी घातक रासायनिक वस्तुओं का व्यापार करते हैं तो उससे सम्बन्धित लाइसेंस अवश्य ले लें। इसके अलावा जीएसटी के दायरे में जब आपका बिजनेस आ जाये तो जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करवाने की पूरी कार्यवाही करें।आपका बिजनेस काफी अच्छा चल जाये और आपकी आय इन्कम टैक्स के दायरे में आ जाये तो आप आयकर का भुगतान अवश्य समय पर करें। इन करों के भुगतान न करने के कारण सरकारी छापामार टीमों की कार्यवाही से बिजनेस मैन का नाम बदनाम होता है। इससे आपके बिजनेस पर भी काफी प्रभाव पड़ सकता है। इसलिये किसी भी अप्रिय स्थिति के आने से पहले ही अपने करों का भुगतान ईमानदारी से करें।

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