डिस्पोजेबल कप, प्लेट्स, ग्लास इत्यादि का बिज़नेस कैसे शुरू करें?

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डिस्पोजेबल कप, प्लेट्स, ग्लास इत्यादि का बिज़नेस कैसे शुरू करें?

इन्वेस्टमेंट टिप्स, स्टेप्स और प्रोफ़िट के बारे में पूरी जानकारी

पेपर कप, प्लेट का इस्तेमाल अब सिर्फ़ शादी-ब्याह तक ही सीमित नहीं रह गया है. अब ज़्यादा से ज़्यादा लोग दैनिक जीवन में भी इसका उपयोग करने लगे हैं. कहीं हद पेपर कप, प्लेट का उपयोग न सिर्फ़ हमारे लिये फ़ायदेमंद है, बल्कि इससे पर्यावरण को भी बहुत फ़ायदा पहुंचाता.

पेपर कप, प्लेट को इस्तेमाल करने के बाद उन्हें रिसाइकिल करना बेहद आसान होता है. इसलिये अब अधिकतर लोग कामकाज में प्लास्टिक के कप-प्लेट्स की जगह इसका उपयोग करने लगे हैं. यही वजह है कि हिंदुस्तान में हर दिन इसकी मांग बढ़ती जा रही है. इसके अलावा लोग धड़ल्ले से इसका कारोबार करने की भी सोचने लगे हैं.

जहां कई लोग इसका बिज़नेस करने का प्लान बना रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इसका बिज़नेस खोल कर भी बैठ गये हैं. इसलिये मार्केट में एक से बढ़ एक डिज़ाइन पेपर कप, प्लेट बेचे जाने लगे हैं. कई बार तो पेपर के बने इन कप, प्लटे्स को देख कर विश्वास नहीं होता कि कोई पेपर से इतनी ख़ूबसूरत चीज़ बना सकता है.

ख़ैर, इस बारे में ज़्यादा क्या कहें. अब काम की बात कर लेते हैं, तो जी बात ऐसी है कि अगर पेपर कप, प्लेट्स का व्यापार करने की सोच रहे हैं, तो अब सिर्फ़ प्लान मत बनाइये, बल्कि करना शुरू कर दीजिये. अगर ये सोच रहे हैं कि काम शुरू कैसे करना है, तो इसमें हम आपकी मदद करेंगे. हम आपको बिज़नेस शुरू करने से लेकर इसके मुनाफ़े की पूरी जानकारी देंगे, बस आपको पैसे लगा कर थोड़ी मेहनत शुरू कर देनी है. तो चलो हो जाओ शुरू.

व्यापार की योजना

आपको बता दें कि भारत में पेपर कप, प्लेट्स का व्यापार तेज़ी से बढ़ता जा रहा है. ऐसे में अगर आप पेपर प्लेट्स और कप के लिये मैन्युफै़क्चरिंग केंद्र खोलने का प्लान बना रहे हैं, तो इसके लिये आपको पूरी प्लानिंग की आवश्यकता है.

आपका व्यापार सिर्फ़ और सिर्फ़ मैन्युफै़क्चरिंग तक ही सीमित नहीं रहना चाहिये. मैन्युफै़क्चरिंग के साथ-साथ आप इसे आपूर्ति और रिटर्न की ओर भी बढ़ायें. जब इन सभी चीज़ों का ध्यान रख व्यापार करेंगे, तभी आगे बढ़ पायेंगे.

व्यापार के लिये कैसे खोलें मैन्युफैक्चरिंग प्लांट

पेपर कप, प्लेट्स के बिज़नेस के लिये मैन्युफैक्चरिंग प्लांट खोलना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है. इस काम में उतनी समस्याएं नहीं है, जितनी पढ़ने में लग रही हैं. जब मैन्युफैक्चरिंग प्लांट खोलने जायेंगे, तो आराम-आराम से सब कुछ होता चला जायेगा. बस आपको कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना होगा.

Plastic packaging, disposable tableware line icons

प्लांट खोलने से पेहले महत्वपूर्ण बातों पर फ़ोकस करें

1. जगह

पेपर कप, प्लेट्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिये आपको एक भूमि की आवश्यकता होगी. ऐसी भूमि जहां आप अपना प्लांट लगा सकें. याद रहे ज़मीन ऐसी जगह पर लें, जहां बुनियादी सुविधायें हों. ताकि आपको छोटी-छोटी चीज़ों के लिये इधर-उधर न भागना पड़े. अगर प्लांट के लिये बहुत बड़ी जगह नहीं मिल रही है, तो इसके लिये 100 वर्ग फुट ज़मीन भी काम आ जायेगी.

ज़मीन लेते वक़्त याद रखें कि उससे कोई विवाद जुड़ा नहीं होना चाहिये. किसी भी विवाद से बचने के लिये ज़मीन से जुड़ी आधिकारिक औपचारिकताएं पूरी कर लें.

2.पानी

पेपर कप, प्लेट्स की मैन्युफैक्चरिंग का व्यवसाय एक ऐसा व्यवसाय है, जहां लगातार पानी की आपूर्ति की आवश्यकता पड़ती रहती है. कई लोग इसे एक नुकसान के तौर पर भी ले सकते हैं, क्योंकि इस काम पानी काफ़ी बड़ी मात्रा में ख़र्च होता है. इसलिये ध्यान रहे कि जगह हो, जहां पानी की कोई किल्लत न हो. वरना इसका असर पूरे काम पर पड़ेगा.

3. बिजली

इस व्यापार में जितना महत्वपूर्ण रोल पानी का है, उतना ही बिजली का भी है. बिना बिजली-पानी मैन्युफैक्चरिंग का काम बिल्कुल संभव नहीं है. पेपर मशीन, पापी पंप और बाकी इलेक्ट्रॉनिक्स से चलने वाली चीज़ों के लिये बिजली बेहद आवश्यक है.

बिजली की आपूर्ति ज़रूरी वोल्टेज के साथ स्थिर और सामान्य होनी चाहिये. जिससे मशीन बेहतरीन से काम करे और कप, प्लेट्स अच्छे से बन सकें.

4. कच्ची सामग्री

इस व्यापार के लिये आप बाज़ार से कच्चे माल को पेपर या फिर पेपर रोल के रूप में लें, तो ही अच्छा होगा. अगर कच्चा माल नहीं लेंगे, तो आपको पेपर की भी मैन्युफैक्चरिंग करनी होगी. पेपर की मैन्युफैक्चरिंग करना आसान काम नहीं है. इस कार्य में बहुत अधिक संसाधन, समय और सबसे ज़रूरी धन की ज़रूरत होती है.

इसलिये बेहतर होगा कि आप स्क्रैप दुकानों से बहुत सा पेपर ख़रीद सकते हैं. ये कागज़ात आपको प्रति किलो दर की हिसाब से कम दाम पर मिल जायेंगे. इसे ऐसे समझ लीजिये कि 1000 किलोग्राम पेपर के लिये आपको कम से कम 5000 से 7000 रुपये तक ख़र्च करने होंगे, जो कि मैन्युफैक्चरिंग की लागत से काफ़ी कम रक़म है.

5. मैन्युफैक्चरिंग मशीन

अगर व्यावसाय पेपर कप, प्लेट्स की मैन्युफैक्चरिंग का हो रहा है, तो उसके लिये आपको मैन्युफैक्चरिंग मशीन की आवश्यकता होगी. बाज़ार में बहुत से तरीक़े की मैन्युफैक्चरिंग मशीन आती हैं, जिनके दाम कम, ज़्यादा और बहुत ज़्यादा हो सकते हैं. चूंकि, मशीन आप लेने जा रहे हैं, तो उसकी क्वालिटी भी आपको ही देखनी होगी.

मशीन की क्वालिटी पर निर्भर करेगा कि वो प्रति घंटे कितने पेपर कप, प्लेट्स का निर्माण कर सकती है. अगर मशीन की क्वालिटी सही नहीं हुई, तो उससे प्रति घंटे बनने वाले पेपर कप, प्लेट्स की संख्या में बड़ा अंतर आ सकता है.

एक सामान्य मशीन के लिये आपको 75,000 रुपये से लेकर 500,000 लाख रुपये तक ख़र्च करने पड़ सकते हैं.

6. कर्मचारी

पेपर कप, प्लेट्स का बिज़नेस इतना भी आसान नहीं है कि इसे अकेले किया जा सके. मैन्युफैक्चरिंग कराने के लिये आपको कम से कम दो लोगों की ज़रूरत होगी. अगर मार्केट से ट्रेंड लोग लेते हैं, तो वो मनचाह पैसे मानेंगे. अगर ज़्यादा पैसे नहीं दे सकते हैं, तो लोगों को काम पर रख उन्हें उसमें निपुण भी कर सकते हैं.

7. क्या-क्या संसाधन चाहिये

देखिये जैसे कि हम आपको पहले भी बता चुकें हैं कि मैन्युफैक्चरिंग के प्लांट के लिये ज़मीन आपकी मूलभूत ज़रूरत है. अगर ज़मीन नहीं है, तो घर पर भी कारोबार शुरू किया जा सकता है.

घर पर काम खोलने के लिये भी आपको एक तो मशीन चाहिये ही होगी. इसके बाद आपको पंजीकरण, टैक्सेशन जैसे बाक़ी काम भी समय पर पूरे करने होंगे.

व्यापार के लिये कितना निवेश आवश्यक है

अगर आप काम घर से शुरू करेंगे, तो आप ज़मीन का पैसा बचा रहे हैं. ऐसे में आपको सिर्फ़ और सिर्फ़ बिजली, पानी और मशीन में पैसा ख़र्च करना होगा.

मशीन के लिये आपको कम से कम 2 से 3 लाख रुपये की ज़रूरत होगी. इसके बाद आता है, कच्चा माल, श्रमिक, पानी, बिजली, और टैक्सेशन आदि. पूरे कार्य के लिये आप लगभग 10 लाख रुपये ख़र्च मानकर चलिये.

कुल मिला कर व्यापार के लिये आपको 15 लाख रुपयों की आवश्यकता होगी. इस दौरान आप अपनी बुद्धिमता से पैसे बचा भी सकते हैं.

Food eco packaging made from recycled kraft paper

व्यापार करते हुए इन बातों का ध्यान रखें

1. आपकी बनाई हुई चीज़ें अच्छी क्वालिटी की हों, ताकि आपको बाज़ार से बराबर उसके ऑर्डर मिलते रहें.

2. आपके पास ऑप्शन में दूसरी मैन्युफैक्चरिंग मशीन भी होनी चाहिये. वो इसलिये, क्योंकि अगर कभी एक मशीन ख़राब होकर रुक जाये, तो दूसरी से काम चालू रहे. इससे मार्केट में आप समय पर लोगों की मांग भी पूरी कर सकेंगे और आपका भी नहीं रुकेगा.

3. काम शुरू करने पहले बाज़ार जाकर इसकी पुरी जानकारी हासिल करें, ताकि कोई आपको किसी भी चीज़ के लिये मूर्ख न बना पाये. माहौल को देखते हुए हर चीज़ का जानकार होना अच्छी बात है.

4. कारीगरों को प्रोत्साहित करना भी आवश्यक है. अगर आप काम के बीच-बीच में कारीगरों की मेहनत को सराहयेंगे और उनकी तारीफ़ करेंगे, तो इससे वो आगे बेहतर काम करेंगे. कहते हैं कि आलोचना की जगह तारीफ़ करने से कर्मचारी बेहतर काम करते हैं.

5. व्यापार के बारे में आप जानकारों से भी सलाह ले सकते हैं. अगर व्यापार को लेकर मन में दुविधा या आशंका है, तो उनसे परामर्श करके सभी समस्याओं का हल जान सकते हैं.

6. मार्केट में विरोधियों की जगह दोस्त बनाने की कोशिश करेंगे, तो व्यापार अच्छा चलेगा.

7. याद रहे अगर व्यापार में नाम कमाना है, तो समय पर लोगों की डिमांड पूरी करें. अगर समय पर काम पूरा नहीं किया, तो इससे आपकी गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े होंगे.

कितना है मुनाफ़ा

व्यापार में आप जितना निवेश करते हैं. उस हिसाब से मुनाफ़ा भी कमाते हैं. हो सकता है कि पहली दफ़ा में आपको निवेश से अच्छा रिटर्न न मिले, लेकिन कोशिश करने वालों की एक दिन जीत होती है.

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