इवेंट मैनेजमेंट का बिजनेस कैसे शुरू करें, लागत, मुनाफा व अन्य जानकारियाँ

. 1 min read
इवेंट मैनेजमेंट का बिजनेस कैसे शुरू करें, लागत, मुनाफा व अन्य जानकारियाँ

आजकल हमारे देश में किसी भी खास अवसर पर होने वाले कार्यक्रम को धूम-धड़ाके से पेश करने का फैशन चल गया है। कार्यक्रम में धूम-धड़ाके का तड़का लगाने वाले अनेक बिजनेस के लीडर को इवेंट मैनेजमेंट का मुखिया मानते हैं। उसे हम साधारण बोलचाल की भाषा मे इवेंट मैनेजर भी कह सकते हैं  लेकिन आजकल के स्टेटस के हिसाब से इस तरह का काम करने वाले को इवेंट मैनेजमेंट कंपनी का सीईओ या डायरेक्टर  अथवा चेयरमैन कहा जाता है। चूंकि यह चेयरमैन या सीईओ अपने मैनेजमेंट के हुनर से किसी भी कार्यक्रम को बहुत ही खूबसूरत अंदाज में संपन्न करा देता है और कार्यक्रम का आयोजन करने वाले आयोजकों को किसी भी काम का सिरदर्द भी नहीं लेने देता है। इसी खूबसूरती के कारण आज की बिजी लाइफ में इस तरह के इवेंट मैनेजमेंट की कंपनी की काफी अच्छी डिमांड है। हर कोई बिना मेहनत किये अच्छी सी पार्टी व अच्छा कार्यक्रम आयोजित करना चाहता है।

भारत में इवेंट मैनेजमेंट उद्योग की स्थिति

एक सर्वे के अनुसार भारत में वर्तमान समय में लगभग 500 इवेंट मैनेजमेंट कंपनियां काम कर रहीं हैं। इनमें से कई कंपनियां तो राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों के आयोजन के लिए विशेषज्ञ कंपनियां मानी जातीं हैं। यदि हम इस बिजनेस की सालाना ग्रोथ की बात करें तो एक अनुमान के अनुसार यह बिजनेस आज से चार पहले 60 से 70 प्रतिशत सालाना ग्रोथ कर रहा था, आज कितनी ग्रोथ होगी, इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। रही बात इस बिजनेस के टर्नओवर की तो इस बिजनेस का टर्नओवर बहुत तेजी से बढ़ रहा है। एक अनुमान के अनुसार जहां इस बिजनेस का 1990 के दशक में टर्नओवर मात्र 20 करोड़ का था, वहीं यह  2016 में तेजी से बढ़कर 700 करोड़ रुपये का हो गया है। आज के समय के लिए अनुमान लगाया जा रहा है कि यह बिजनेस अब बढ़कर लगभग 3500 करोड़ रुपये का हो गया होगा। इसका मतलब समझ रहे हैं कि यह बिजनेस कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसका भविष्य क्या है।

पहले किसी कार्यक्रम के आयोजन के लिए कैसे-कैसे पापड़ बेलने पड़ते थे

पहले जमाने में गांव हो या शहर, कही भी किसी भी व्यक्ति के यहां बच्चे का जन्म दिन, मुंंडन संस्कार, यज्ञोपवीत संस्कार, शादी विवाह आदि जैसे कार्यक्रमों के आयोजन के लिए पूरे परिवार को ही नहीं बल्कि अनेक रिश्तेदारों और घनिष्ठ मित्रों को भी हफ्तों पहले कार्यक्रम के आयोजन की तैयारियां करनी होतीं थी। इसके बावजूद प्रत्येक कार्यक्रम मेंं कुछ न कुछ कमियां रह ही जातीं थी, जिसको लेकर तमाम चर्चायें भी होतीं थीं। ठीक से प्रबंध न हो पाने के कारण नाते-रिश्तेदार व मेहमान नाराज भी हो जाते थे। किसी-किसी मेहमान व रिश्तेदार को तो इतना बुरा लग जाता था कि वो कार्यक्रम को बीच में  छोड़ कर अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए पूरे परिवार सहित वाकआउट करके अपने घर वापस चला जाता था  लेकिन उस समय इसका कोई दूसरा विकल्प ही नहीं था तो लोग ये मजबूरी में ये सब सहन भी करते थे।

धीरे-धीरे जीवनशैली बदली और कार्यक्रम के आयोजनों का तरीका भी बदला

धीरे-धीरे समय बदला, लोगों की जीवनशैली बदली। नयी-नयी टेक्नोलॉजी आयी। नई-नई पढ़ाई शुरू हुई। लोगों की जानकारियां बढ़ीं। संसाधन बढ़े, उद्योग धंधे बढ़े। इन सब कारणों से जीवन से जुड़े सभी क्षेत्रों में अनेक आमूलचूल परिवर्तन हुए। इसका असर सामाजिक ढांचे पर भी पड़ा, जहां पहले लोग सामूहिक परिवार में रहना पसंद करते थे, फिर धीरे-धीरे सामूहिक परिवार मजबूरी बनने लगे। उसके बाद जब शिक्षा का अधिक प्रसार हो गया और शिक्षा के आधार पर लोगों को अच्छी-अच्छी जॉब मिलने लगी। पढ़ाई, लिखाई और जॉब करने में युवकों और युवतियों में कोई अन्तर नहीं रह गया। दोनों के हाथ में पैसा आने लगा तो वे वैचारिक रूप से स्वतंत्र भी हो गये। इसका असर यह हुआ कि सामूहिक परिवार का विचार धीरे-धीरे समाप्त हो गया। धीरे-धीरे सामूहिक परिवार की जगह एकल परिवार ने ले ली। एकल परिवार में पति-पत्नी के अलावा कोई नहीं रह गया। फ्लैट कल्चर और एकल परिवार ने सिर्फ दो लोगों को ही परिवार की दुनिया, संसार बना दिया।

event management flowchart concept drawn on a blackboard with white chalk

एकल परिवार के जमाने में इवेंट मैनेजमेंट बना बहुत बड़ा सहारा

पहले जहां पूरा परिवार, कुनबा, नाते-रिश्तेदार और घनिष्ठ मित्र मिलकर हफ्तों की तैयारी के बाद भी जिस काम को नहीं कर पाते थे, उस  काम को अब केवल मियां-बीबी अकेले कैसे कर पायेंगे। इसलिये पहले अलग-अलग बिजनेस मैन जैसे टेंट वाले, बिजली वाले, पानी वाले, साज-सजावट वाले, स्टेज बनाने वाले, खाना बनाने वाले आदि-आदि ने अलग-अलग अपनी-अपनी सेवायें देने का ठेका लेना शुरू कर दिया। इससे काफी आराम तो हुआ लेकिन कुछ समस्यायें भी बढ़ी। इन सभी बिजनेस मैन के बीच अहम की लड़ाई के चलते आपसी खींचतान होना शुरू हो गयी, क्योंकि इनको गाइड करने वाला यानी मार्गदर्शन के साथ नियंत्रण करने वाला तो था नहीं, इनकी लड़ाई आयोजक का सिरदर्द बनने लगी। पढ़े लिखे लोगों ने यानी मैनेजमेंट का कोर्स करने वालों ने इस गैप को खोजा और इवेंट मैनेजमेंट का काम शुरू कर दिया। पहले जो बिजनेस मैन अलग-अलग अपनी सेवाएं ठेके पर दे रहे थे। इवेंट मैनेजर इन सभी सेवाओं का ठेकेदार बनकर सामने आ गया। इस इवेंट मैनेजर ने इन्हीं बिजनेसमैनों से काम करा कर लोगों के कार्यक्रम शानदार तरीके से संपन्न कराने का काम करना शुरू कर दिया।

इवेंट मैनेजमेंट होता क्या है और क्या-क्या काम कराने होते हैं

किसी भी सामाजिक,धार्मिक, व्यवसायिक, फैशन, प्रतियोगितात्मक कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक आयोजन कराने के काम को इवेंट मैनेजमेंट कहते हैं। इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के कार्यक्रम के आयोजन संबंधी मुख्य कार्य इस प्रकार होते हैं:-

  1. होटल या बैंक्वेट हाल की बुकिंग कराना
  2. कार्यक्रम स्थल का डेकोरेशन कराना यानी साज सजावट कराना
  3. आने वाले अतिथियों के एंटरटेनमेंट की सुविधाएं उपलब्ध कराना
  4. ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर के लिए मेन्यू तैयार कराना
  5. अतिथियों का स्वागत सत्कार कराना

किन-किन कार्यक्रमों के लिए इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की जरूरत होती है

वैसे आजकल के जमाने में जनम से मरण तक आयोजित होने वाले सभी तरह के सामाजिक कार्यक्रमों में स्टेटस के हिसाब से इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की सेवाओं की आवश्यकता होती है। वैसे इवेंट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों को पांच भागों में विभाजित कर सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:-

  1. सामाजिक यानी सोशल प्रोग्राम
  2. कारपोरेट यानी व्यापारिक प्रोग्राम
  3. फैशन शो, ब्यूटी कॉन्टेस्ट
  4. धार्मिक व सांस्कृतिक प्रोग्राम
  5. सेलेब्रिटीज प्रोग्राम

सामाजिक यानी सोशल प्रोग्राम

इस तरह के कार्यक्रमों में जन्म दिन, शादी-विवाह की वर्षगांठ, शादी से पहले होने वाली रिंग सेरेमनी, सगाई, मेंहदी-हल्दी सेरेमनी, शादी व्याह, रिसेप्शन आदि। अब इन कार्यक्रमों मे एक अपवाद के रूप में मृत्यु के बाद शोकसभा के आयोजन में भी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की सेवाएं लेने का प्रचलन शुरू हो गया है। अब किसी भी कार्यक्रम का आयोजन केवल  सगे संबंधियों व इष्ट-मित्रों को खाने-खिलाने तक सीमित नहीं रह गया है बल्कि इसे सोशल स्टेटस से जोड़ दिया गया है। इसलिये सारे कार्यक्रम अपनी शानो-शौकत के हिसाब से संपन्न कराने का रिवाज चल गया है, जिसमें इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की सेवाएं ली जा रहीं हैं।

कारपोरेट यानी व्यापारिक प्रोग्राम

इस तरह के कार्यक्रमों में प्रदर्शनी, कारपोरेट सेमिनार, कंपनी द्वारा प्रोडक्ट लांचिंग प्रोग्राम, बोर्ड मीटिंग, कान्फ्रेंस एवं अवार्ड डिस्ट्रीव्यूशन प्रोग्राम शामिल हैं। इनमें भी कंपनी अपने व्यापार को अधिक से अधिक प्रचारित करने के लिए इन कार्यक्रमों को धूम धड़ाके के साथ आयोजित करना चाहती है, जिसकी चर्चा काफी समय में काफी लोगों में होती रहे। इसलिये इसमें इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की सेवाएं ली जातीं हैं।

फैशन शो एवं ब्यूटी कान्टेस्ट

ये कार्यक्रम तो ऐसे होते हैं जितनी ज्यादा तड़क-भड़क हो उतने ही ज्यादा पापुलर होंगे। इसके लिए आयोजक कंपनी एक नहीं अनेक इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों की सेवाएं लेतीं हैं। इस तरह के आयोजक इवेंट के प्रत्येक हिस्से के लिए अलग-अलग विशेषज्ञ इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों को हायर करतीं हैं क्योंकि ये बहुत बड़े कार्यक्रम होते हैं और इन कार्यक्रमों के लिए आयोजकों के पास बहुत बड़े फंड भी होते हैं। क्योंकि उनका कार्यक्रम जितन अधिक पापुलर होगा उतनी ही अधिक आयोजकों को कमाई भी होगी।

धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम

धार्मिक कार्यक्रमों में भागवत कथा, रामलीला, धार्मिक प्रवचनों, धार्मिक गोष्ठियां और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नाटक, विचार गोष्ठियां, संगीत कार्यक्रम, नृत्य कार्यक्रम आदि होते हैं। जिनका आयोजन पूर्ण भक्तिभाव एवं कलात्मकता के माहौल में होता है। लेकिन इन कार्यक्रमों को आयोजकों द्वारा भव्य बनाने के लिए इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों की सेवाएं ली जातीं हैं।

सेलेब्रिटीज प्रोग्राम

सेलेब्रिटीज प्रोग्राम में बॉलीवुड, स्पोर्ट्स स्टार, या किसी मशहूर हस्ती के लिए आयोजित होने वाले सारे कार्यक्रम होते हैं, अवार्ड डिस्ट्रीब्यूशन, फिल्म या मूवी का प्रीमियर, प्रमोशनल कार्यक्रम आदि होते हैं। ये सारे काम शो और पब्लिक को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए आयोजित होते हैं इसलिये इन कार्यक्रमों में इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों की सेवाएं ली जातीं हैं।

कैसे शुरू किया जा सकता है इवेंट मैनेजमेंट कंपनी का बिजनेस ?

यह काम बहुत ही अनुभवी और शुद्ध भाषा में कहें तो विशेषज्ञ व्यक्ति ही कर सकता है। इस काम को सीखने के लिए भले ही आपक किसी कोर्स को कर लें और कितनी भी पढ़ाई कर लें लेकिन उसके लिए प्रैक्टिकल करने के लिए आपको समाज व मार्केट में अच्छा खासा समय देना पडेगा, क्योंकि कोई भी कंपनी एक दिन में बनकर तैयार नहीं हो सकती। किसी कंपनी को बनाने के लिए उसमें काम आने वाली प्रत्येक चीज को एक-एक करके जुटाना होता है और उनका ऑपरेट करना होता है। इवेंट मैनेजमेंट का काम ऐसा होता है कि आप किसी को कुछ दे नहीं रहे होते, न ही कोई प्रोडक्ट ही बेच रहे होते हैं। ये टीम वर्क का काम है जो कई लोगों के साथ मिलकर करना होता है। आपको अपने भरोसेमंद सहयोगियों की भी सख्त आवश्यकता होती हैं जिनके बिना काम पूरा नहीं किया जा सकता है।

इसके लिये सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप इवेंट मैनेजमेंट कंपनी से जुड़कर काम करना सीखें। यह कैसे सीखेंगे यह आप पर निर्भर करता है। इवेंट मैनेजमेंट कंपनी में काम करके या इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के साथ काम करने वाले बिजनेस मैन बनके काम सीख सकते हैं।

किसी भी कार्यक्रम के आयोजन में डेकोरेटिंग यानी साज सजावट और  कैटरिंग यानी नाश्ते-खाने का प्रबंध मुख्य आकर्षण का केन्द्र होते हैं। किसी भी भी कार्यक्रम में आने वाले अतिथि की सबसे पहले कार्यक्रम स्थल की डेकोरेटिंग पर नजर पड़ती है। घर की कम जगह में अधिक से अधिक मेहमानों की आकर्षक व्यवस्था, होटल व बैंकट हाल की सजावट, लॉन की सजावट की खूबसूरती चर्चा में आती है। जिसकी लोग तारीफ भी करते हैं। दूसरा मुख्य आकर्षण होता है कैटरिंग यानी नाश्ते व लंच/डिनर का मैन्यू और उसका स्वाद, जिसका इस्तेमाल करके लोग आनंद लेते हैं और उसको भी याद रखते हैं। इन दोनों में से किसी एक काम को अपनी सुविधानुसार व रुचि के अनुसार चुन लें और उसकी शुरुआत करके काफी कुछ सीखा जा सकता है।

इस तरह से आप इवेंट मैनेजमेंट में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं। आप इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को तो प्रभावित करते ही हैं, साथ ही आप अप्रत्यक्ष रूप से ग्राहकों को भी प्रभावित करते हैं। इसके अलावा आपको इवेंट मैनेजमेंट के काम आने वाले अनेक बिजनेस मैन से भी सम्पर्क होता है। आपको इस सीखने के दौरान कार्यक्रम का आयोजन करने वालों और काम करने वाले वेंडरों से अधिक से अधिक संपर्क करके उनके कॉन्टेक्ट नंबर जुटाने चाहिये तथा लोगों को विश्वास में लेना चाहिये।

जब आपको लगे कि आप इवेंट मैनेजमेंट का काम स्वतंत्र रूप से कर सकते हैं तो अपने विश्वसनीय व्यक्ति के कार्यक्रम को आयोजित करने ठेका लें और उस कार्यक्रम को पूरी ताकत से सफलतापूर्वक आयोजित करके अपने नाम का परचम लहरा दें। यदि आपका काम और काम करने का तरीका लोगों को पसंद आ गया तो समझो कि आपका बिजनेस शुरू हो गया। उसके बाद आप मार्केट में अपनी कंपनी स्थापित कर सकते हैं और उससे इतनी कमाई कर सकते हैं जितनी आपने कभी सोची भी न होगी।

इवेंट कंपनी का प्रमोशन किस प्रकार करें ?

1. जब आपकी कंपनी स्थापित करने की क्षमता हो जाये तो किसी भी बड़े शहर के मेन प्राइम लोकेशन पर अपना एयरकंडीशन ऑफिस खोलें और इस ऑफिस का उद्घाटन भी अपने इवेंट मैनेजमेंट के गुर के साथ करें। अपने इस उद्घाटन कार्यक्रम में खास-खास लोगों को आमंत्रित करें, जिसमें आपके टारगेटेड कस्टमर और साथ में काम करने वाले विश्वसनीय बिजनेसमैन व कोई मशहूर हस्ती या राजनीतिज्ञ भी शामिल हों। इस तरह से आपकी कंपनी की उद्घाटन के साथ ही पब्लिसिटी शुरू हो जायेगी।

2. इसके अलावा शुरू-शुरू में ग्राहक को आकर्षित करने के लिए या अपनी मार्केट बनाने के लिए कुछ दिनों तक अपने हिस्से का मुनाफा कम करके अपने रेट थोड़े डाउन ही रखें। इससे आपके पास ग्राहकों अधिक आ सकते हैं। उसी बजट में आप अच्छा काम करके देंगे तो आपके ग्राहक ही अपने लोगों के बीच आपका प्रचार करके उन्हें कार्यक्रमों में आपकी कंपनी को हायर करने की सिफारिश करेंगे। इससे आपका व्यवसाय अपने आप बढ़ने लगेगा।

3. दूसरा तरीका यह है कि कंपनी के सहयोगी वेंडर को बिजनेस के लिये इस्तेमाल करें। सभी वेंडर के भी अपने-अपने कांन्टेक्ट होते हैं अथवा कुछ ग्राहक सीधे उनके पास पहुंच जाते हैं। ऐसे वेंडरों को थोड़ा अधिक कमीशन का लालच या ग्राहक देने का अलग से कमीशन देने का लालच देंगे तो वो आपके लिए काम करना पसंद करेंगे। इससे आपका बिजनेस भी बढ़ेगा और आपका नाम भी दूर-दूर तक फैलने लगेगा।

4. इसके अलावा आप अपनी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी का प्रचार सोशल मीडिया, लोकल मीडिया, एफएम रेडियो, टीवी चैनलों में विज्ञापन देकर भी कर सकते हैं। वेबसाइट बनवाकर उसके माध्यम से भी प्रचार किया जा सकता है।

Event management texted in center of the meeting table

इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को कितना मुनाफा मिलता है

इस बिजनेस का यह सबसे अच्छा हिस्सा है। इस बिजनेस में मुनाफा बिजनेस मैन की स्किल पर निर्भर करता है। एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी जिस काम में एक लाख रुपये कमाती है तो वहीं दूसरी कंपनी उसी तरह के काम में 5 लाख रुपये भी कमा सकती है। इसलिये इस बिजनेस में मुनाफे की कोई निश्चित सीमा नहीं है। यह बिजनेस मैन के मैनेजमेंट स्किल पर निर्भर करता है। फिर भी मार्केट में जो चल रहा है, उसके बारे में कुछ जानकारों के अनुसार अलग-अलग तरह के इवेंट के लिए अलग-अलग आमदनी या मुनाफा बिजनेस मैन को मिलता है। जो इस प्रकार है:-

1. कारपोरेट सेक्टर के एक काम में कंपनी को 1-5 लाख रुपये तक बचते हैं, कभी कभी यह राशि इससे भी ज्यादा हो जाती है,वो कंपनी के स्टेटस और कार्यक्रम के आकार पर निर्भर करता है।

2. शादी-ब्याह में कंपनी को 2 से 10 लाख रुपये तक बचता है। साथ ही स्टेटस व आकार से यह मुनाफा बढ़ भी सकता है। इसके अलावा जन्म दिन, रिंग सेरेमनी, हल्दी-मेहंदी, रिसेप्शन जैसे कार्यक्रम में कम से कम एक से दो लाख रुपये कंपनी को मिल ही जाते हैं।

3. कल्चरल प्रोग्राम में कंपनी को 5 से 10 लाख रुपये तक बचत हो सकती है। इसका कारण यह है कि इस तरह के कार्यक्रम एक दिन के भी हो सकते हैं और कई दिन के भी हो सकते हैं।

4. फैशन शो, ब्यूटी कांटेस्ट्र, सेलेब्रिटी शो में तो मुनाफे की कोई सीमा नहीं होती है। फिर भी अनुमान लगाया जा रहा है कि इस तरह के कार्यक्रम में कंपनी को दस से 20 लाख रुपये तक का मुनाफा हो सकता है। यदि कस्टमर खुश हो गया तो इससे भी अधिक पैसा मिल सकता है।

यह भी पढ़े :

1) IRCTC एजेंट कैसे बनें? पूरी जानकारी
2) योगा सेक्टर में बिजनेस कैसे शुरू करें?
3) प्रॉपर्टी डीलर कैसे बनें?
4) OK Credit क्या है? कैसे ये आपका बिजनेस बढ़ाने में सहायक है?

OkCredit के ब्लॉग के साथ पाएँ बेस्ट बिज़नेस आइडीयाज़ और बिज़नेस टिप्स कई भाषाओं में जैसे की हिंदी, अंग्रेज़ी, मलयालम, मराठी और भी कई भाषाओं में.
डाउनलोड करें OkCredit अभी और छुटकारा पाएँ रोज़ की झंझट से.
OkCredit 100% भारत में बनाया हुआ ऐप है!