Affiliate Marketing Meaning in Hindi [विस्तार से समझें]
आजकल इंटरनेट का जमाना है। हर हाथ में एंड्रायड फोन है। इसलिये पूरी दुनिया मार्केट बनी हुई है। अब किसी देश की कोई सरहद इस आँनलाइन बिजनेस को नहीं रोक सकती है। दुनिया के एक कोने से लेकर दूसरे कोने तक जहां भी जो व्यक्ति चाहे पलक झपकाते खरीद सकता है और बेच भी सकता है। इसलिये बिजनेस को चमकाने के नये-नये तरीके ईजाद हो रहे हैं। प्रत्येक बिजनेस मैन अपने प्रोडक्ट को अधिक से अधिक बेच कर भारी मुनाफा कमाना चाहता है।
ऑनलाइन बिजनेस में अहम रोल निभाती है एफिलिएट मार्केटिंग
युवाओं के बीच ऑनलाइन बिजनेस काफी लोकप्रिय है। आज के जमाने में घर बैठे सामान मंगाने का प्रचलन बहुत तेजी से चल रहा है। ऑनलाइन बिजनेस करने वाले रोज ही नये-नये तरीेके अपना कर अपना बिजनेस बढ़ाने की कोशिश करते रहते हैं। एलिलेटिंंग बिजनेस भी ऐसा ही एक प्रयास है जिसके माध्यम से ऑनलाइन बिजनेस करने वाले व्यापारी अपना व्यापार उन लोगों से बढ़वाते हैं, जिनके पास ऑनलाइन चहेतों की लम्बी-चौड़ी फौज है। इसका कारण यह माना जा रहा है कि ऐसे लोग अपने चहेतों से जिस चीज को खरीदने की सिफारिश करेंगे वो लोग आसानी से उस चीज को खरीद लेंगे। ऑनलाइन व्यापारी इसके बदले में सिफारिश करने वाले को कमीशन देते हैं। इस सिस्टम को ही एफिलिएट मार्केटिंग करते हैं। इस एफिलिएट मार्केटिंग करके कोई भी व्यक्ति अपने घर पर ही बैठ कर अच्छी खासी कमाई कर सकता है।
कौन करता है एफिलिएट मार्केटिंग
कुछ ब्लॉगर अपनी ऑनलाइन गतिविधियों से लोगों के बीच काफी मशहूर हो जाते हैं। इन मशहूर ब्लॉगरों के चहेतों यानी फॉलोअर्स की संख्या बहुत अधिक होती है। ये फॉलोअर्स अपने ब्लागर पर पूरा विश्वास करते हैं। उनकी हर बात मानने को तैयार रहते हैं। ऑनलाइन बिजनेस के बड़े-बड़े व्यापारी व कंपनियां इसी बात का लाभ उठाते हुए इन ब्लागरों से अपने ब्लाग के माध्यम से अपने प्रोडक्ट को कमीशन पर बिकवाने को कहते हैं।
अब सवाल उठता है कि क्या प्रत्येक ब्लागर एफिलिएट मार्केटिंग कर सकता है? जी नहीं सारे ब्लागर या वेबसाइट वाले एफिलिएट मार्केटिंग नहीं कर सकते हैं बल्कि वे ब्लॉगर या वेबसाइट वाले एफिलिएट मार्केटिंग कर सकते हैं जिनके पास फॉलोअर्स की बहुत बड़ी संख्या है। क्योंकि ई-बिजनेस करने वाले कंपनिया फॉलोअर्स की संख्या देखकर ही ब्लागरों को एफिलिएट मार्केटिंग के बारे में बात करते हैं। यही नहीं केवल फॉलोअर्स की संख्या ही नहीं देखी जाती है बल्कि यह भी देखा जाता है कि ब्लागर्स का अपने फॉलोअर्स पर कितना प्रभाव है। जो ब्लॉगर्स या वेबसाइट वाला जितना अधिक प्रभावी होगा और उसकी फॉलोअर्स की संख्याजितनी अधिक होगी उसको उतना अधिक कमीशन मिलता है यानी उसको उतनी ही अधिक कमाई होती है।
कौन कर सकता है अच्छी कमाई
एफिलिए मार्केटिंग की खास बात यह है कि कुछ ऐसे प्रोडक्ट हैं जिनको बिकवाने में अधिक कमाई होती है और बाकी अन्य प्रोडक्ट की सेलिंग पर कम कमाई होती है। जानकार लोगों का मानना है कि एफिलिएट मार्केटिंग से सबसे अधिक कमाई फैशन और लाइफस्टाइल से जुड़े प्रोडक्ट को सेल करने से होती है। इसलिये फैशन और लाइफ स्टाइल वाले ब्लॉगर को अपने ब्लाग से अधिक कमाई हो सकती है। इसके बाद इलेक्ट्रानिक्स प्रोडक्ट का नंबर आता है। ऐसा नहीं कि अन्य प्रोडक्ट की एफिलिएट मार्केटिंग पर कमाई बिलकुल ही नहीं होती है। लेकिन उसका परसेंटेज फैशन व लाइफस्टाइल व इलेक्ट्रानिक प्रोडक्ट से कम होता है। फैशन, लाइफस्टाइल व इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट लोग जल्दी-जल्दी खरीदते हैं उसके लिए बजट नहीं देखते बल्कि अपना स्टेटस देखते हैं जबकि अन्य चीजों में लोग पैसे को पहले देखते हैं।
कैसे होगा अधिक फायदा
उन ब्लॉगरों और वेबसाइट्स को अधिक फायदा होगा, जिनके पास हैवी ट्रैफिक है। कहने का मतलब जिन ब्लागर्स और जिस वेबसाइट पर रोजाना के कम से कम 5000 लोगों का ट्रैफिक है तब आपकी अच्छी कमाई हो सकती है। इससे कम विजिटर्स वाले ब्लाग और वेबसाइट पर ज्यादा कमाई नहीं हो सकती है। इसलिये बेहतर तो यही होगा कि आप अपने विजिटर्स को बढ़ाने के लिए पहले प्रयास करने होंगे,उसके बाद ही आप एफिलिएट मार्केटिंग के बारे में सोचे।
एफिलिएट मार्केटिंग का पूरा सिस्टम क्या है
एफिलिएट मार्केटिंग से होने वाली कमाई से पहले हमें इसके पूरे सिस्टम को जानना जरूरी है कि यह मार्केटिंग किस तरह से काम करती है और किस तरह से कमाई होती है। आइए जानते हैं पूरा विवरण:-
1. यदि कोई कंपनी या आर्गेनाइजेशन अपने प्रोडक्ट की सेल बढ़ाना चाहता है तो वह उस प्रोडक्ट को प्रमोट करने का प्रयास करता है। इसके लिए वह कंपनी या आर्गेनाइजेशन एफिलिएट प्रोग्राम को शुरू करता है। जिससे जुड़ कर लोग कमाई कर सकते हैं।
2. एफिलिएट मार्केटिंग का बिजनेस पूरी तरह से कमीशन पर आधारित होता है। जब कोई ब्लागर या वेबसाइट का ऑनर अपने प्रोडक्ट को प्रमोट करने के लिए कंपनी या आर्गेनाइजेशन बैनर या लिंक देती है। इसके पश्चात ये लोग अपने ब्लाग पर या वेबसाइट पर उस लिंक या बैनर को अलग अलग तरीके से लगा कर उसका प्रचार करते हैं।
3. ऐसे ब्लाग या वेबसाइट पर पहले से भारी संख्या में विजिटर्स रोज ही आते हैं। यदि इनमें से अनेक विजिटर्स ब्लाग या वेबसाइट पर लगे लिंक, बैनर या ऑफर को क्लिक करते हैं तो वो प्रोडक्ट आधारित कंपनी की वेबसाइट पर पहुंच जायेगा और वहां से यदि कोई चीज खरीदता है या किसी खास सर्विस को लेता है तो उसके बदले में प्रोडक्ट वाली कंपनी ब्लॉगर या वेबसाइट मालिक को कमीशन देती है।
कैसे करें कमाई
ऑनलाइन मार्केटिंग की दुनिया बहुत बड़ी है। उप•ोक्ताओं की भरमार है। जैसे पहले गली, मुहल्लों और नुक्कड़ों मे दुकानें खुलतीं थी आज ऑनलाइन की दुनिया में एफिलिएट मार्केटिंग भी इसी तरह है। बस फर्क यह है कि दुकान मालिक को अपनी दुकान में बेचने के लिए सामान भरना पड़ता था और एफिलिएट मार्केटिंग में अपने ब्लॉग या वेबसाइट पर संभावित ग्राहकों की लम्बी-चौड़ी फौज इकट्ठी करनी होती है। आप अपना सामान की जगह दूसरे का सामान बिकवाने में उसकी मदद करते हैं और वो इस काम के लिए आपको पैसा देता है।
1. एफिलिएट मार्केट से कमाई करने के लिए ब्लॉगर या वेबसाइट ऑनर को किसी एफिलिएट प्रोग्राम से जुड़ने के लिए उसमें रजिस्टर करना होगा।
2. रजिस्ट्रेशन कराने के बाद कंपनी या आर्गेनाइजेशन द्वारा एड्स और प्रोडक्ट्स के लिंग को अपने ब्लाग या वेबसाइट पर ऐड करना होगा। इसके बाद व्लाग या वेबसाइट पर जब भी कोई विजिटर्स ऐड पर क्लि करके प्रोडक्ट खरीदताहै तो कंपनी उस ब्लॉगर या वेबसाइट के ऑनर को कमीशन देती है।
3. आजकल अनेक कंपनियां अपने प्रोडक्ट को प्रमोट करने के लिए एफिलिएट प्रोग्राम चलातीं हैं। जिसमें से साइनअप करके या रजिस्टर करके आसानी से जुड़ा जा सकता है। इसके साथ ही आप उनके प्रोडक्ट्स में अपने मनपसंद प्रोडक्ट को सेलेक्ट भी कर सकते हैं। उन प्रोडक्ट अपने ब्लाग या वेबसाइट पर लिंक या एड्स को लगा सकते हैं। इसे करके आप बहुत कमाई कर सकते हैं। खास बात यह है कि किसी भी कंपनी के एफिलिएट प्रोग्राम से जुड़ने के लिए कोई फीस या चार्ज नहीं लिया जाता है।
4. अब आपके सामने एक समस्या यह है कि आप ऐसी कंपनीज या आर्गेनाइजेशन कहां जाकर तलाशें जो एफिलिएट मार्केटिंग का प्रोग्राम चलातीं हैं। इसका जवाब यह है कि आप गूगल सर्च पर दुनिया की हर चीज तलाशते हो तो वहीं पर आपको इस तरह की कंपनियां मिल जायेंगी जो इस तरह के प्रोग्राम चलातीं हैं।
5. इस तरह से सर्च करके आप कंपनियों की सूची में आप अपनी मनपसंद कंपनी या आर्गेनाइजेशन को तलाश सकते हैं। इसके बाद आप उनके नियम व शर्तों को अच्छी तरह से पढ़ लें और उसके बाद ही उनके प्रोग्राम से जुडेंÞ।
पेमेंट का सिस्टम क्या है?
एफिलिएट प्रोग्राम से ब्लॉगर और वेबसाइट ऑनर को किस तरह से कमाई होती है, आइये जानते हैं ,इसका पूरा विवरण इस प्रकार है:-
1. अलग-अलग एफिलिएट प्रोग्राम का अलग-अलग पेमेंट का सिस्टम है। वे पेमेंट किस मोड से आपको करते हैं। बैंक ट्रांसफर या यूपीआई के माध्यम से किसी भी मोड से पेमेंट करते हैं।
2. सीपीसी यानी कास्ट पर क्लिक: ब्लाग या वेबसाइट पर लगे एडवरटाइजमेंट, टेक्स्ट, बैनर पर विजिटर की क्लिक पर ब्लागर वेबसाइट के मालिक को कमीशन मिलता है।
3. सीपीएम यानी कॉस्ट पर 1000 इम्प्रेशन: प्रोडक्ट के मालिक द्वारा ब्लॉगर या वेबसाइट के मालिक को ब्लॉग या वेबसाइट पर लगाये गये प्रोडक्ट्स के ऐड पर 1000 व्यूज होने पर कमीशन दिया जाता है।
4. सीपीएस यानी कास्ट पर सेल: सबसे अधिक कमीशन इसमें मिलता है क्योंकि प्रोडक्ट मालिक ब्लॉगर या वेबसाइट के मालिक को उस समय यह कमीशन देता है जब उसके ब्लॉग या वेबसाइट पर प्रोडक्ट के लिंक को क्लिक करके कोई प्रोडक्ट खरीदता है।
एफिलिएट प्रोग्राम को किस तरह से ज्वाइन करें
हर ब्लॉगर और वेबसाइट ऑनर की जल्दी से जल्दी पैसा कमाने की चाहत होती है। वो इसके लिए तरह तरह के रास्ते तलाशने की कोशिश करता है। इसलिए हर ब्लॉगर या वेबसाइट मालिक को एफिलिएट मार्केटिंग से जुड़ने की प्रबल इच्छा होती है। आइये जानते हैं कि किस तरह से एफिलिएट प्रोग्राम से जुड़ा जा सकता है:-
आपको जिस कंपनी के एफिलिएट प्रोग्राम से जुड़ना है उसकी वेबसाइट पर जाकर उसके एफिलिएट पेज पर क्लिक करें और वहां पर अपना नया खोता खोलने के लिए न्यू एकाउंट क्रिएट करना होगा। वहां पर आपसे कुछ जानकारी मांगी जायेगी, उन जानकारियों का सही जवाब देना होगा। आपसे मांगी जाने वाली जानकारी में प्रमुख इस प्रकार हैं:-
- आपका नाम
- आपका पता
- ई-मेल आईडी
- मोबाइल नंबर
- पैनकार्ड की डिटेल
- ब्लाग या वेबसाइट का यूआरएल जहां पर आप कंपनी के प्रोडक्ट को प्रमोट करना चाहेंगे।
- इसके बाद पेमेंट डिटेल्स जहां पर आपकी सारी कमाई को भेजा जा सकता हो।
- सभी जानकारी सही तरीके से भर देने के बाद आपके ब्लाग या वेबसाइट पर चेक करने के बाद आपको कन्फर्मेशन मेल भेजी जाती है। रजिस्टर करने के लिए आप जब लॉगइन करेंगे तो आपकी स्क्रीन पर एक डैशबोर्ड दिख जायेगा। जहां पर आपको प्रोडक्ट्स को सेलेक्ट करके उसके एफिलेट लिंक को कॉपी कर लेना होता है और उसे अपने ब्लाग या वेबसाइट पर शेयर करना है, जहां से आपके विजिटर्स प्रोडक्ट को खरीदते हैं तो उसका कमीशन आपको मिल जायेगा।
एफिलिएट प्रोग्राम ज्वाइन करने से पहले क्या करें
जब कोई ब्लागर या वेबसाइट ऑनर किसी नये एफिलिएट प्रोग्राम को ज्वाइन करना चाहे तब आपको कुछ चीजों पर विशेष ध्यान देना होता है। वे चीजें इस प्रकार हैं:-
- उसमें एफिलिएट कन्ट्रोल पैनल है या नहीं
- प्रमोशनल मैटर में किस तरह की सुविधाएं हैं
- क्या बैनर्स उपलब्ध हैं या नहीं
- कम से कम पैसा कितना मिलता है या निकाला जा सकता है
- पेमेंट का तरीका क्या है, क्या वह आपके सुविधानुसार है या नहीं
- टैक्स फॉर्म की आवश्यकता है या नहीं
ये सभी जानने से आपको यह निर्णय लेने में मदद मिलेगी कि आप किसी विशेष प्रोडक्ट को प्रमोट करने से कितना फायदा और नुकसान होने वाला है। मान लीजिए कि आपने किसी सीजनल प्रोडक्ट को सेलेक्ट कर लेते हैं और कंपनी उसके प्रमोशनल के लिए कम से कम 1000 डॉलर की शर्त रखी है और आप सीजन में उतना टारगेट नहीं हासिल कर पायेंगे तो आपका नुकसान ही होगा।
फायदे की बात: यदि आप किसी बड़े ब्रांड से जुड़ जाएं तो यह आपके लिए बहुत अच्छी बात होगी। इसलिये आपको यह प्रयास करना होगा कि कम कमीशन पर भी अच्छे ब्रांड के साथ जुड़ जायें। इससे आपके फॉलोअर्स के बीच आपकी इज्जत तो बढ़ेगी और लोग आपके ब्लाग या वेबसाइट पर लगे प्रोडक्ट के लिंक को अधिक से अधिक क्लिक करेंगे तथा अधिक से अधिक प्रोडक्ट को भी खरीदना चाहेंगे।
किस तरह से तलाशें कंपनियांजब आपको एफिलिएट प्रोगाम की तलाश हो तब आप गूगल सर्च पर जाकर तलाशकर सकते हैं। वहां आपको कंपनी का नाम डालकर उसके सामने एफिलिएट लिखकर सर्च करेंगे तो तमाम कंपनियों के नाम सामने आ जायेंगे। उनमें से आप अपनी मनपसंद कंपनियों के एफिलिएट प्रोग्राम को सेलेक्ट करके उनको ज्वाइन कर सकते हैं। वैसे चुनिंदा कंपनियों में एमेजॉन एफिलिएट, स्नैपडील एफिलिएट, ईबे एफिलिएट, कमीशन जंक्शन एफिलिएट, क्लिकबैँक एफिलिएट प्रमुख हैं। इन कंपनियों के एफिलिएट प्रोग्राम ट्रांसपैरेट हैं और इनका पेमेंट सिस्टम भी ठीक बताया जा रहा है।
यह भी पढ़े:
1) Warranty vs Guarantee in Hindi [अंतर समझें ]
2) Debit Card vs Credit Card in Hindi [जानिये क्या है अंतर]
3) Jila Udyog Kendra Loan in Hindi [पूरी जानकारी]
4) Coir Udyami Yojana in Hindi [पूरा पढ़ें ]
5) Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojana in Hindi [विस्तार से पढ़ें ]
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