Coir Udyami Yojana in Hindi [पूरा पढ़ें ]
देश में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने स्वरोजगार को बढ़ावा देने की योजना बनायी है। स्वरोजगार के लिए सरकार ने सभी क्षेत्रों में स्वरोजगार के प्रति आकर्षित करने के लिए युवाओं को अनेक तरह के प्रशिक्षण एवं बिजनेस लोन से आर्थिक मदद देने का निश्चय किया है। इस तरह की योजनाओं में जूट से जुड़े कारोबार या उद्योग स्थापित करने वालों के लिए सरकार ने कयर उद्यमी योजना यानी जूट उद्यमी योजना की शुरुआत की है। इस योजना को सीयूवी भी कहते हैं।
जूट उद्यमी योजना क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना है
सरकार की स्वरोजगार के बढ़ावा देने वाली यह योजना मूल रूप से क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना है। इस योजना के तहत जो उद्यमी जूट उद्योग से जुड़ा कोई उद्यम या कारोबार स्थापित करना चाहते हैं, सरकार उनको दस लाख रुपये तक का लोन दिलाने की व्यवस्था करती है। इस योजना में उद्यमी को लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें व नियम भी रखे गये हैं। साथ ही उद्यमी को सब्सिडी भी दी जाती है।
Coir Udyami Yojana in Hindi | जूट उद्यमी योजना
प्लास्टिक उद्योग के बढ़ने के कारण जूट उद्योग पर ग्रहण लग गये हैं। जूट उद्योग को संकट से उबारने के लिए सरकार ने जूट उद्योग से जुड़े उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए जूट उद्यमी योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत उद्यमी को अधिकतम दस लाख रुपये की बिजनेस लोन के रूप में आर्थिक मदद दी जाती है।
कौन-कौन उद्यमी ले सकते हैं लाभ
जूट उद्यमी योजना का लाभ नय कारोबार शुरू करने के अलावा बिजनेस के विस्तार के लिए भी मिलता है। इसका मतलब यह है कि जूट से जुड़े बिजनेस करने वाले व्यक्ति को शुरुआत में बिजनेस को चलाने के लिये थोड़ी पूंजी का इन्वेस्ट करना होता है। जूट उद्योग से जुड़े लोग अपना कारोबार शुरू करने के लिए जूट से जुड़े विभिन्न उत्पादों को तैयार करने के लिए जूट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को स्टार्ट अप के रूप में शुरू कर सकते हैं। इसमें भी इस योजना के तहत उद्यमी को सरकार की ओर से लाभ दिया जाता है।
55 प्रतिशत लोन मिलता है और 40 प्रतिशत मिलती है सब्सिडी
कयर बोर्ड यानी जूट बोर्ड केन्द्र सरकार के एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत कार्य करता है। जूट से बने प्रोडक्ट को प्रमोट करने के लिए बोर्ड कार्य करता है। इसी के लिए सीयूवाई यानी कयर उद्यमी योजना बोर्ड द्वारा शुरू की गयी है। कोई व्यक्ति जूट से जुड़े कार्य में दक्ष है या अनुभवी है और वह अपना काम शुरू करना चाहता है तो वह इस योजना से लाभ ले सकता है। इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक के पास अपने प्रोजेक्ट लागत का 5 प्रतिशत हिस्सा अपना होना चाहिये। इस योजना के तहत आवेदक को बैंक द्वारा 55 प्रतिशत का ऋण दिया जाता है। यह ऋण सात साल के लिए दिया जाता है। जबकि कयर बोर्ड द्वारा आवेदक को 40 प्रतिशत अनुदान यानी सब्सिडी दी जाती है।
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आवेदन के लिए कहां जाना होगा
जूट उद्योग से जुड़े यूनिट को स्थापित करने के इच्छुक व्यक्ति अपने राज्य के जूट बोर्ड या जूट बोर्ड द्वारा नामित संस्थान के पास जाना होगा और वहां जाकर जूट उद्यमी योजना की विस्तृत जानकारी प्राप्त करना होता है और वहां से इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के बारे ें पूरी जानकारी जुटाकर सारे कागजात इकट्ठे करने होंगे और उसके बाद आवेदन की प्रक्रिया अपनाना होगा।
ऑफ लाइन या ऑनलाइन कैसे भी आवेदन करें
आवेदक जूट उद्यमी योजना से लाभ उठाने के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही तरीके से आवेदन कर सकता है। यह आवेदक की सुविधा पर निर्भर है कि वह किस तरह से आवेदन करना चाहता है। इसके लिए आवेदक पूरी तरह से स्वतंत्र है। ऑनलाइन आवेदन के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन की प्रक्रिया पूरी करना होगा। ऑफ लाइन आवेदन के लिए आवेदक स्वयं निजी तौर पर या कंपनी के माध्यम से , एनजीओ के माध्यम से, रजिस्टर्ड सोसायटी के माध्यम से,उत्पादन सहकारी समिति के माध्यम से आवेदन कर सकता है।
सब्सिडी का लाभ ले चुके न करें आवेदन
जूट उद्यमी योजना की एक प्रमुख शर्त यह भी है कि आवेदक यदि सरकार की किसी तरह की सब्सिडी वाली योजना का लाभ प्राप्त कर चुका है तो उसको इस योजना के लिए अपात्र होगा। यानी उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे व्यक्ति को आवेदन भी नहीं करना चहिये।
कौन-कौन से जूट के कारोबार शामिल है इस योजना में
इस योजना में केन्द्र सरकार की ओर से जूट से जुड़े कुछ खास उद्योगों को शामिल किया गया है। जिन उद्योगों से जुड़े उद्यमी ही इस योजना में आवेदन करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। ये उद्योग इस प्रकार हैं:-
- फ्लोर मैट: फर्श पर बिछाने वाली चटाई, कालीन या टाट फट्टी आदि
- मुख्य दरवाजों और बाथरूम आदि जगह के दरवजों के बाहर बिछाने वालाा पायदान
- अनेक कार्यो में काम आने वाले जूट से बने ब्रश बनाने का कारोबार
- फोम के गद्दे में लगने वाला सपोर्ट का कार्य
- वाहनों की सीट में लगने वाले गद्दे आदि का कार्य
- इसके अलावा अन्य छोटे कार्यों का बड़ा बिजनेस, जैसे सुतली, रस्सी आदि बनाने का कारोबार
आवेदन के लिए पात्रता की शर्तें
जूट उद्यमी योजना के लिए आवेदक की पात्रता के लिए अनेक शर्तें सरकार द्वारा निर्धारित की गयीं हैं , इनमें से प्रमुख इस प्रकार हैं:-
- बिजनेस की जगह या घर में से एक जगह का मालिकाना हक आवेदक के नाम होना चाहिये। अथवा यह मालिकाना हक माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नी, पुत्र-पुत्री के नाम हो होगा तो मान्य होगा।
- बिजनेस कम से कम दो साल से अधिक पुराना होना चाहिये।
- जूट से जुड़े बिजनेस की कम से कम वार्षिक 1.5 लाख रुपये की आईटीआर होनी चाहिये।
- जूट से सम्बन्धित बिजनेस का वार्षिक टर्नओवर कम से कम 10 लाख रुपये का होना चाहिये। इससे कम टर्नओवर वाले बिजनेस के लिए यह योजना नहीं है।
जूट उद्यमी योजना मिलने वाले प्रमुख लाभ
- इस योजना के तहत पहले से चल रहे जूट मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट या नया यूनिट शूरू करने के लिए सब्सिडी पर बिजनेस लोन मिलता है। इसके लिये एक नियम यह तय किया गया है कि यदि आवेदक की प्रोजेक्ट की लागत 10 लाख रुपये या उससे अधिक होनी चाहिये। इससे वाले प्रोजेक्ट पर लोन नहीं और सब्सिडी नहीं मिल पाती है।
- आवेदक के प्रोजेक्ट की कुल लागत में 10 लाख रुपये में बिजनेस की वर्किंग कैपिटल को नहीं जोड़ा जाता है।
- आवंदक के प्रोजेक्ट में वर्किंग कैपिटल प्रोजेक्ट की कुल लागत का 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिये।
- आवेदक को प्रोजेक्ट पर 10 लाख रुपये तक की बिजनेस लोन के रूप में आर्थिक मदद दिये जाने की सरकार द्वारा व्यवस्था की गयी है। लेकिन कुंल लागत का सिर्फ 5 प्रतिशत हिस्सा ही आवेदक द्वारा वहन किया जाना चाहिये।
- आवेदक प्रोजेक्ट की लागत का सरकार की ओर से 40 प्रतिशत की सब्सिडी का लाभ उठा सकता है।
- आवेदक को बिजनेस लोन प्रोजेक्ट के शेष 55 प्रतिशत हिस्से पर दिया जाता है।
जूट उद्यमी योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी कागजात
जूट उद्यमी योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक के पास कौन-कौन से कागजात होने चाहिये, जो आवेदन के समय मांगे जाते हैं। आवेदक को चाहिये कि उन सभी कागजातों की जानकारी लेकर सभी को इकट्ठा कर लें। यदि ऑफ लाइन आवेदन करना हो तो सभी की फोटो कॉपी करवा लें। यदि ऑनलाइन आवेदन करना हो तो सभी कागजातों की पीडीएफ फाइल अवश्य बनवा लें। आवश्यक कागजातों में प्रमुख इस प्रकार हैं:-
- आवेदक का 18 वर्ष से अधिक की उम्र का होना चाहिये। साथ ही भारतीय नागरिक होना भी जरूरी है।
- आवेदक के पास अपना पहचान पत्र, आधार कार्ड,वोटर आईडी, राशन कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड आदि।
- आवेदक के पास निवास प्रमाण पत्र भी होना चाहिये
- आवेदक जिस स्थान पर अपना जूट उद्योग चला रहा है या नया शुरू करने जा रहा है। उस भवन का मालिकाना हक की प्रति होनी चाहिये। यदि किराये पर जगह हो तो भूमि मालिक का अनापत्ति प्रमाण पत्र होना चाहिये।
- यदि आवेदक को जाति गत आरक्षण का लाभ लेना हो तो तहसीलदार, एसडीएम अथवा सक्षम अधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र होना जरूरी है।
- यदि आवेदक व्यक्तिगत तौर पर आवेदन करत है तो उसके लिए एक ही फार्म चाहिये। यदि आवेदन करने वाला कोई संगठन है तो संगठन के नियमों की प्रमाणित कॉपी आवेदन के साथ लगाना अनिवार्य है।
- प्रोजेक्ट के खर्चे का पूरा विवरण देना होगा। इसमें आवेदक को यह बताना होता है कि अब तक उसके बिजनेस में कुल कितना खर्चा हो चुका है। अब कितना धन प्रोजेक्ट पर खर्च किये जाने की संभावना है। किस मद पर कितना खर्च होगा।
- यदि नया बिजनेस शुरू करने वाला आवेदक जूट उद्योग से जुड़े किसी भी संस्थान में काम कर चुका है तो उसका अनुभव प्रमाण पत्र भी देना जरूरी है।
- आवेदक ने यदि ईडीपी से जूट उद्योग के बारे में ट्रेनिंग की है तो उसका प्रमाण पत्र
- आवेदक के पास जिला उद्योग केन्द्र द्वारा जारी औद्योगिक प्रतिष्ठान प्रमाण पत्र भी होना जरूरी है।
जूट उद्यमी योजना में आवेदन कैसे करें
जूट उद्यमी योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक दोनों तरह से यानी ऑफलाइन और ऑनलाइन प्रक्रिया अपना सकते हैं। दोनों तरह के आवेदन के लिए अलग-अलग प्रक्रिया अपनाना होता है। जो इस प्रकार है:-
ऑफलाइन आवेदन कैसे करें
जूट उद्यमी योजना का लाभ लेने के लिए जो आवेदक ऑफलाइन आवेदन करना चाहते हैं। उन्हें जूट बोर्ड कार्यालय, जिला औद्योगिक केन्द्र, जूट प्रोजेक्ट कार्यालय, पंचायती राज विभाग, जूट बोर्ड द्वारा नामित किये गये कार्यालय में जाकर सम्पर्क करना होगा। वहां से आवेदन फार्म लेकर उसमें सभी आवश्यक जानकारियां भरने के बाद उसमें मांगे गये दस्तावेजों की फोटोकॉपी संलग्ग करके जमा करना होगा। इसके बाद सरकारी कार्यालय से कार्यवाही पूरी की जायेगी। आवश्यक जांच पड़ताल के बाद जब आवेदन पत्र मंजूर कर लिय जायेगा तब योजना का लाभ आवेदक को स्वत: ही मिल जायेगा।
ऑनलाइन आवेदन
ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आवेदक को सबसे पहले जूट बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग इन करना होगा। इसके बाद आपको वहां पर होम पेज पर जूट उद्यमी के लिए आवेदन फार्म को तलाशना होगा। उसकी प्रक्रिय पूरी करने के बाद जब आवेदन फार्म सामने आ जाये तो उसें मांगी गयी आपकी व्यक्तिगत और उद्योग से जुड़ी समस्त जानकारियों को ध्यान से पढ़ना होगा और उन्हें बहुत सावधानी से भरना होगा। इसके साथ ही आपके द्वारा आवेदन फार्म में दी गयी जानकारी के अनुसार सभी आवश्यक दस्तावेजों की पीडीएफ फाइल को अपलोड करना होगा। उसके बाद फार्म को सबमिट करना होगा। इस तरह से आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
बेरोजगारी दूर करने में सहायक है ये योजना
जूट उद्यमी योजना देश में बढ़ती बेरोजगारी को दूर करने के लिए बनायी गयी है। ये योजना उन उद्यमियों के लिए वरदान से कम नहीं है जो पैसे के अभाव में अपना बिजनेस गंवा चुके हैं या शुरू नहीं कर पा रहे हैं जबकि उनके पास जूट से जुड़े उद्यमों में काम करने का अच्छा खासा अनुभव है। इसके अलावा जो नये उद्यमी जूट से जुड़े कार्यों में सिद्धहस्त हैं और वे अपना नया कारोबार शुरू करके अपनी बेरोजगारी दूर करना चाहते हैं वे भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट अच्छी तरह से बनानी होगी और उस प्रोजेक्ट रिपोर्ट में उद्यम को शुरू करने के लिए आने वाली लागत का मात्र 5 प्रतिशत पूंजी का प्रबंध करना होगा। इससे आसान और कुछ नहीं हो सकता है।
बेरोजगारी को दूर करने में यह योजना इस प्रकार से भी सहायक हो सकती है क्योंकि यदि एक उद्यमी ने इस योजना के तहत अपना कारोबार शुरू किया और उस कारोबार चलाने के लिए जूट प्रोडक्ट के लिए अनेक कुशल कर्मचारियों की आवश्यकता होगी तो उसमें अनेक कुशल कर्मचारियों को रोजगार का अवसर मिल सकेगा जो कोरोना महामारी के कारण या अन्य किसी कारण से किसी भी उद्योग के बंद होने से बेरोजगार हैं।
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