कोचिंग सेंटर कैसे खोलें? बस रखें इन 11 बातों का ख़्याल!

हर बच्चे के लिए शिक्षा आवश्यक है  क्योंकि यह ज्ञान को समृद्ध करके समाज को व्यवस्थित करने में इसका बहुत बड़ा योगदान है। आज जिस प्रकार से शिक्षा की महत्ता बढ़ी है उसने कोचिंग सेंटर्स को एक नया आयाम दिया है। आज चाहे स्कूल हो, कॉलेज हो या सरकारी परीक्षा की तैयारी सभी को एक अच्छे कोचिंग की तलाश हमेशा रहती है। ये कोचिंग्स विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी के लिए वो सभी चीजें जैसे की नोट्स, डाउट क्लियर, ट्रिक्स, और टेस्ट उनके अनुरूप प्रदान करते हैं, जिससे की वह परीक्षा में अच्छे नंबर ला सकें। वे अच्छे नंबर ही हैं जिन्होंने कोचिंग्स को फलने- फूलने में बहुत मदद की है। आज के समय में किसी अच्छे संस्थान में एडमिशन लेना हो पढाई के लिए या फिर अच्छी नौकरी चाहिए हो, सभी के लिए अच्छे नंबर बहुत ज्यादा जरूरी होते हैं। इसलिए हमने देखा है की आज हर जगह कोचिंग क्लासेज दिख ही जाती हैं। जहाँ बच्चों की भरमार होती है। जितनी अच्छी शिक्षा व्यवस्था होती है उतने ही ज्यादा उस कोचिंग में बच्चे होते हैं।

पहले के समय में विद्यालय ही एक मात्र ऐसी जगह होती थी, जहाँ बच्चे अध्ययन करते थे। उसके बाद घर-घर आधारित ट्यूशन चालू हो गए, जिसमे पढ़ाई में कमजोर वर्ग के बच्चे जाते थे, जो आज भी चल रही है और इसने काफी लम्बा सफर तय किया है। पर जैसे - जैसे शिक्षा पद्धति में बदलाव आये हैं वैसे-वैसे घर आधारित ट्यूशन केवल स्कूल तक ही सीमित रह गए। वहीँ इंजीनियरिंग, डॉक्टरी, वकील, चार्टेड एकाउंटेंट व अन्य उच्च शिक्षा संस्थान में या उच्च नौकरी के लिए कोचिंग्स की शुरुआत हुई। लेकिन अब यह दो भागों में बंट चुकी है पहली जो केवल बच्चों को विद्यालय लेवल पर पढ़ाती है और बोर्ड परीक्षा में अच्छे नंबर लेने में मदद करती है। ऐसे छात्र जिन्हे अच्छे संस्थान में, या अच्छी नौकरी के लिए अच्छी कंपनी में जॉब लेनी होती है जहाँ बिना टेस्ट (प्रतियोगी परीक्षा) के बिना जाना संभव नहीं। उस परीक्षा को क्वालीफाई करने के लिए विद्यार्थी कोचिंग सेंटर्स की तरफ रुख करते हैं जो इन्हे कम समय में आसान ट्रिक्स की मदद से परीक्षा में अच्छा स्कोर लाने में मदद करते हैं। ये केंद्र सुनिश्चित करते हैं की विद्यार्थी अच्छे अंकों से प्रवेश ले सकें।

कोरोना काल में जिस प्रकार बहुत से लोगों की जॉब गयी है उससे कई लोगों का मानना है की अब उन्हें भी खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहिए। तो अगर आप भी कोचिंग का संचालन करने का सोच रहे हैं तो यह आपके लिये बहुत अच्छा विकल्प हो सकता है इसमें परेशान होने वाली कोई बात नहीं है, सिर्फ इन जरूरी चीजों को ध्यान में रखकर आप भी कोचिंग चालू कर सकते है:-

1. पंजीकरण (Registration)

यदि आप छोटा कोचिंग सेंटर चालू करना चाहते हैं तो आपको किसी प्रकार की लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती है । लेकिन बड़ी कोचिंग खोलने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है। सालाना लाभ 9 लाख से अधिक होने पर ट्रेड लाइसेंस चाहिए होगा व पंजीकरण अनिवार्य हो जाता है और एक महीने में ही सेवा कर देय हो जाता है। यदि कोचिंग एक मात्र स्वामित्व है या कोचिंग संस्थान के रूप में है तो अलग - अलग मानदंडों में उसका पंजीकरण होगा।

2. विषय का निर्धारण (Subject)

कोचिंग सेण्टर चालू करने से पहले आपको उन विषयों का चयन करना होगा जिसे केंद्र में पढ़ाया जायेगा। क्योंकि जिन विषयों में आपकी योग्यता है, तो उन विषयों को उच्च स्तर पर पढ़ा पाएंगे। जितना अच्छा स्तर होगा और जितना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आप देंगे उतने अधिक विद्यार्थी दाख़िला लेंगे। या फिर थोड़ा शोध कीजिए की आपके इलाके में किस विषय की ज्यादा मांग है और कोशिश करें की ऐसे विषय को ढ़ूँढ़ पाएं जिसकी डिमांड अच्छी हो और उसके ट्यूटर मुश्किल से उपलब्ध हों। शुरुआत में फीस कम रख सकते हैं।

3. स्थान (Location)

सुनिश्चित करें की केंद्र ऐसी जगह चालू हो जहाँ पर परिसर अच्छा हो, शहर के केंद्र में हो और हर कोने से छात्र ट्रेन, बस या अन्य साधन द्वारा आसानी से वहां  पहुँच सकें।

4. संसाधन (Resources)

किसी भी व्यवसाय को चलाने के लिए संसाधनों की आवश्यकता तो होती ही है। जिसमे पाठ्यक्रम, पुराने पत्रों का परीक्षण, पाठ्यपुस्तक, पेपर, कैलकुलेटर और पेन जैसी कई सामग्रियां शामिल हैं। अध्ययन सामग्री या नयी किताबें खरीदने से बेहतर सेकंड हैंड लेना उचित होगा यह आपकी व्यय को काम करेगा।

5. मार्केटिंग (Marketing)

आपने विषय, स्थान और संस्थान चुन लिया इसके बाद बात आती है मार्केटिंग की। मार्केटिंग जो आपके कोचिंग सेंटर को बढ़ावा देगी। प्रतियोगिता के इस दौर में पहले से जड़ जमा चुकी संस्थानों को टक्कर देना बड़ी बात होती है। क्योंकि पहली बात तो यह की वो काफी समय से सेवा प्रदान कर रही हैं इसलिए उसका भरोसा विद्यार्थियों में बना हुआ है और आपका सेंटर नया है तब भरोसे की सम्भावना कम रहती है व ज्यादातर लोगों को आपके बारे में पता नहीं होता। उसके लिए आप विज्ञापन दे सकते हैं।

अपने सेंटर की मार्केटिंग वेबसाइट, सोशल मीडिया एकाउंट्स, बैनर विज्ञापन, समाचार पत्र, पम्पलेट, व्हाट्सप्प व अन्य कई साधनों के द्वारा कर सकते हैं। वहीँ ई-मेल, मैसेज द्वारा भी अपने लक्षित ग्राहकों को अपने सेंटर के बारे में बता सकते हैं।

6. फीस (Fees)

पहले से ही उपस्थित और भरोसा जीत चुके कोचिंग केंद्रों के मुकाबले खुद के सेंटर का मुकाम हासिल करना चुनौती पूर्ण काम है। इसलिए शुरुआत में बच्चों को आकर्षित करने के लिए कम फीस रख सकते हैं। एक बार जब विद्यार्थी आने लगें और उनको अच्छे लेवल की शिक्षा मिलेगी तो फिर आपको मार्केटिंग की जरुरत स्वतः कम हो जाएगी। आपका सबसे मजबूत नेटवर्क रेफ़्रेन्स का हो जायेगा। अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा से लोकप्रियता बढ़ेगी ही उसके बाद भविष्य में ट्यूशन फीस बढ़ा सकते हैं।

7. सक्षम कर्मचारी (Competent staff)

एक कोचिंग आप अकेले नहीं चला सकते इसके लिए आपको सह कर्मियों की जरुरत होती है। लेकिन किसी भी ट्यूटर को रखने से पहले सावधान रहे क्योंकि यह आपके कोचिंग पर असर करता है। इसके लिए जो विषय में कुशल और छात्रों की आवश्यकता के अनुसार पढ़ाता हो ऐसे सक्षम ट्यूटर को चुनें।

8. शिक्षण साधन (Teaching Aids)

सुनिश्चित करें की आपने जिन शिक्षकों को चुना है उन्हें शिक्षण साधनों का उपयोग अच्छे से आता हो। जिनमे व्हाइट बोर्ड या मार्कर के अलावा अन्य उपकरण जैसे चार्ट, वर्किंग मॉडल, ऑनलाइन मदद शामिल है। जिससे विद्यार्थियों की कक्षाएं प्रभावी होने के साथ - साथ दिलचस्प भी हो।

9. गुणवत्ता (Quality)

कुछ सेंटर केवल पैसों के लिए काम करते हैं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं देते। इसलिए आपको किसी भी परिस्थिति में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से समझौता नहीं करना चाहिए। इसलिए समय - समय पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, शानदार शिक्षण माहौल और ट्यूटर्स के अध्ययन पर निरीक्षण करते रहें। ट्यूटर पर जितना ज्यादा अपडेट रहेंगे उतना ज्यादा बच्चों को लाभ होगा। समय - समय पर अनुभवी शिक्षकों से सलाह लेते रहें।

10. बुनियादी ढाँचा (infrastructure)

कोचिंग का बुनियादी ढाँचा पर्याप्त होना चाहिए। जिसमे अध्ययन सामग्री हो, बैठने की उचित व्यवस्था हो, पानी की व्यवस्था, बेंच, कुर्सी, टेबल, लाइट्स, पंखे  और वाशरूम शामिल हैं।

11. छात्रवृत्ति (Scholarship)

समाज का एक वर्ग ऐसा भी है जो ट्यूशन के खर्च वहन नहीं कर सकता। उस समबन्ध में आप छात्रवृत्ति भी दे सकते हैं।

कोचिंग चलाना भी बिज़नेस जैसा ही है। कुछ अंश पर अगर ध्यान दें तो यहाँ से भी लोकप्रियता हासिल कर सकते हैं। जैसे की -

  • सबसे अहम बात यह है की पढ़ाने का तरीका जितना आकर्षक होगा बच्चों को याद करने में उतनी ही सहायता होगी।
  • सामाजिक कार्यों में भाग लें और ज़रूरतमंद छात्रों को मुफ्त शिक्षा दें।
  • हर दिन अपने कौशल में सुधार करें।
  • नए-नए तरीकों से समझाएं, जरुरत पड़ने पर चार्ट, पेपर या अन्य चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अच्छे स्कोर से पास हुआ विद्यार्थी आपको लोकप्रियता दिलाएगा इसलिए गुणवत्ता से समझौता न करें।

निष्कर्ष

इस लेख में हमने मुख्य चीजें को इंगित किया हुआ है। उम्मीद करता हूँ इस लेख से आपको निर्णय लेने में काफी सहायता होगी। आप अगर इन सभी बिंदुओं पर गौर से सोंच कर इसका पालन करेंगे तो आप निश्चित ही सबसे लोकप्रिय कोचिंग के डायरेक्टर बनेंगे।

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