जानिए कैसे खोला जाता है प्रदूषण जांच केंद्र ?
आज के समय में प्रदूषण जांच केंद्र का रोजगार काफी बढ़ गया है, वहीं सरकार भी प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए जोर दे रही है। इतना ही नहीं बल्कि जब से नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू हुआ है तब से हर व्यक्ति अपने वाहन प्रदूषण की जांच करवा रहा है। ऐसे में यदि आप प्रदूषण जांच केंद्र ओपन करते हैं तो इसमें आप अच्छी खासी इनकम कर सकते हैं। इस बिजनेस की सबसे खास बात यह है कि, इसकी मार्केट में अधिक मांग है साथ ही इसे शुरू करने के लिए आपको निवेश भी कम करना होगा। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताने जा रहे हैं कि, जांच प्रदूषण केंद्र कैसे शुरू किया जाता है साथ ही आपको बताएंगे कि, आप इस बिजनेस में कितनी कमाई कर सकते हैं? तो आइए जानते हैं इसकी पूरी जानकारी।
क्या होता है प्रदूषण जांच केंद्र?
प्रदूषण जांच केंद्र के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपने वाहन का प्रदूषण दस्तावेज तैयार करवा सकते हैं। इन डॉक्युमेंट्स के जरिए आसानी से पता लगाया जा सकता है कि, कौन सा वाहन वातावरण को कितना प्रदूषित करता है। बता दें, वाहन के जितने भी दस्तावेज होते हैं उन्ही में से प्रदूषण दस्तावेज भी सबसे अहम दस्तावेज माना जाता है। प्रदूषण सर्टिफिकेट केवल प्रदूषण जांच केंद्र के जरिए ही तैयार किया जाता है, यदि आप इस डॉक्युमेंट को तैयार नहीं करवाते हैं तो आपको करीब 10 हजार रुपए तक जुमार्ना भरना पड़ सकता है।
क्यों करें प्रदूषण जांच केंद्र का बिजनेस?
साल 2019 के दिसंबर माह में भारत सरकार ने नया वाहन एक्ट जारी किया जिसके अंतर्गत किसी भी वाहन मालिक के पास वाहन से जुड़े दस्तावेज नहीं होते हैं, तो ऐसी स्थिति में वाहन मालिक या वाहन चालक को भारी जुमार्ना चुकाना पड़ता है। ऐसे में सभी वाहन मालिक या वाहन चालक के पास अपने वाहन का प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र होना बहुत ही जरूरी है। यदि आप वाहन प्रदूषण जांच केंद्र को ओपन करना चाहते हैं तो आप हर महीने इसे बिजनेस में 40 से 50 हजार रुपए बड़े आराम से कमा सकते हैं।
प्रदूषण जांच केंद्र के लिए जरुरी उपकरण
वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए आपको कुछ जरूरी सामान लाना होगा जो मार्केट में आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे। इस बिजनेस को लंबे समय तक चलाने के लिए आपके पास इससे जुड़ी सारी चीजें होना जरूरी है तभी जाकर आप वाहन चालक को सर्टिफिकेट जारी कर पाएंगे। तो आइए जानते हैं वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए कौन-कौन सी चीजों का होना अनिवार्य है।
● प्रदूषण जांच केंद्र में कंप्यूटर या लैपटॉप होना आवश्यक है।
● इसके साथ ही आपको एक अच्छी स्पीड वाले इंटरनेट कनेक्शन की भी जरूरत होगी।
● इसके अलावा आपको स्मोक एनालाइजर की जरूरत होगी।
● प्रदूषण केंद्र चलाने के लिए इंकजेट प्रिंटर का होना भी जरूरी है।
● एक पावर सप्लाई की भी जरूरत होगी।
● इसके अलावा यूएसबी वेब कैमरा का होना अनिवार्य है।
प्रदूषण जांच केंद्र के लिए योग्यता
वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए आपके पास इससे जुड़े सारे सर्टिफिकेट होना जरुरी है, तभी आप इस केंद्र को ओपन कर पाएंगे, अन्यथा आप इसे चलाने के योग्य नहीं माने जाएंगे। आइए जानते हैं इसे चलाने के लिए कौन से सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है?
● मोटर मैकेनिक
● ऑटो मैकेनिक
● स्कूटर मैकेनिक
● डीजल मैकेनिक
● ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग
● इसके अलावा इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट से प्रमाणित सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है।
प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए लेना होगा लाइसेंस
इस केंद्र को ओपन करने से पहले आपको इस केंद्र का लाइसेंस या पंजीकरण करवाना होगा। इसका लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आपको आरटीओ ऑफिस जाना होगा और रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई करना होगा। इसके अलावा आपको प्रदूषण जांच केंद्र खोलने से पहले जीएसटी नंबर के लिए भी अप्लाई करना होगा, तभी आप इस बिजनेस की शुरुआत कर सकते हैं। यदि आप यह सरकारी कार्य नहीं करवाते हैं तो आपको इसका जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। बेहतर होगा बिजनेस की शुरुआत से पहले आप इन सभी कामों को निपटा लें ताकि आपको भविष्य में किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।
प्रदूषण जांच केंद्र के लिए सही जगह
प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए एक सही जगह का चुनाव करना होगा, जहां आपको आगे चलकर किसी तरह की परेशानी न आए। बता दें, आपका केबिन लंबाई 2.5 मीटर ,चौड़ाई 2 मीटर ,ऊंचाई 2 मीटर के आकार का होना चाहिए। इस केबिन का रंग पीला होना चाहिए। इसके साथ ही इस केबिन पर आपका लाइसेंस नंबर लिखा होना चाहिए। बता दें, देश में प्रदूषण जांच केंद्र कोई भी व्यक्ति आसानी से खोल सकता है।
प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के नियम
यदि आप वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोलना चाहते हैं तो पहले आप इससे जुड़ी शर्ते और नियमों को अच्छे से जान लें ताकि आप इसे बिना किसी रुकावट के आसानी से चला सके।
● प्रदूषण जांच केंद्र में आए हुए वाहनों को एक प्रिंटेड सर्टिफिकेट देना होता है।
● इस सर्टिफिकेट में सरकार की तरफ से जारी स्टीकर लगाया जाता है।
● इस स्टीकर की कीमत 2 रुपए होती है।
● प्रदूषण जांच केंद्र में आने वाले हर वाहन की डिटेल आपको 1 साल तक रखनी होती है।
● प्रदूषण जांच केंद्र का लाइसेंस जिसके नाम होगा वही व्यक्ति इसे चला सकता है, कोई अन्य व्यक्ति इस प्रदूषण केंद्र को नहीं चला सकता है।
● बता दे, प्रदूषण जांच केंद्र के लाइसेंस की वैलिडिटी 1 साल की होती है, ऐसे में आपको हर साल इस लाइसेंस का नवीनीकरण कराना होगा।
● प्रदूषण जांच केंद्र को आप ऑटोमोबाइल वर्कशॉप या पेट्रोल पंप के पास खोल सकते हैं।
● प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए आपको सबसे पहले अपने क्षेत्र के RTO ऑफिस से 'नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट' लेना जरूरी होता है।
प्रदूषण जांच केंद्र खोलने की सही प्रक्रिया
● वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए आपको सबसे पहले पॉल्यूशन टेस्टिंग सेंटर यानी कि प्रदूषण जांच केंद्र की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
● पॉल्यूशन टेस्टिंग सेंटर की आधिकारिक वेबसाइट पर जाने के बाद आपके सामने 'न्यू /ओल्ड पीयूसी सेंटर' नाम का ऑप्शन आएगा। इस ऑप्शन पर आपको क्लिक करना होगा।
● इसके बाद आपके सामने एक आवेदन फॉर्म ओपन होगा जिसके जरिए आप प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए अप्लाई करेंगे।
● इस फॉर्म में आपको ध्यानपूर्वक पूछे जाने वाली सारी इंफॉर्मेशन को सही-सही भरना होगा।
● इसके बाद आपको रजिस्टर्ड का विकल्प मिलेगा, अब आप इस विकल्प पर क्लिक कर दें।
● इस पूरी प्रक्रिया के बाद आप प्रदूषण जांच केंद्र के लिए आसानी से अप्लाई कर सकते हैं।
ऑफलाइन भी कर सकते हैं अप्लाई
यदि आप ऑनलाइन अप्लाई नहीं कर सकते हैं तो आप RTO ऑफिस जाकर भी इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं। RTO ऑफिस से आपको एक लाइसेंस लेना होगा, साथ ही जिस एप्लिकेशन के जरिए आप अप्लाई कर रहे हैं उसके लिए आपको 10 रुपए का एफिडेविट देना होगा। बता दें, हर राज्य में इस लाइसेंस को बनाने की अलग-अलग कीमत होगी।
इस बिजनेस के लिए कितना करना होगा निवेश?
यह एक ऐसा बिजनेस है जिसमें आपको अधिक निवेश की जरूरत नहीं होगी। बात दें, भारत के हर राज्य में वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए अलग-अलग फ़ीस तय की गई है। ऐसे में यदि हम बात करें दिल्ली एनसीआर की तो यहां पर सिक्योरिटी शुल्क 5 हजार और लाइसेंस के लिए 5000 हजार रुपए चुकाने होते हैं। यदि आप दिल्ली एनसीआर में कहीं पर भी इस बिजनेस की शुरुआत करते हैं तो आपको केवल 10 हजार रुपए का निवेश करना होगा। इसके अलावा अलग-अलग राज्य में निर्धारित की हुई फ़ीस के मुताबिक आप वाहन प्रदूषण जांच केंद्र की शुरुआत कर सकते हैं।
कितना लेना होगा इस बिजनेस में जोखिम?
बदलते समय के अनुसार हर बिजनेस में जोखिम तो होता ही है, लेकिन प्रदूषण जांच केंद्र एक ऐसा बिजनेस होगा जिसमें आपको किसी भी तरह का जोखिम नहीं लेना होगा। दरअसल शहर हो या फिर ग्रामीण, हर क्षेत्र में वाहन प्रदूषण जांच केंद्र की मांग बढ़ रही है, ऐसे में यह एक ऐसा बिजनेस है जो कभी ख़त्म नहीं होगा बल्कि दिन-प्रतिदिन इसकी मांग बढ़ती जाएगी। इस बिजनेस के जरिए आप लोगों की वाहन प्रदूषण सर्टिफिकेट संबंधी समस्या तो दूर करेंगे ही साथ ही आप इससे अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं। इस बिजनेस को लंबे समय तक चलाने के लिए आपको केंद्र में आए ग्राहकों का काम समय पर करना होगा। ऐसा करने से आपके पास अधिक से अधिक ग्राहक आएंगे और आपकी इनकम में भी बढ़ोत्तरी होगी।
कितनी होगी इस बिजनेस में कमाई?
इस बिजनेस के जरिए आप हर दिन 1 से 3 हजार रुपए तक की कमाई कर सकते हैं, जबकि महीने में आप 40 से 50 हजार रुपए की आसानी से कमाई कर सकते हैं। शुरूआती दिनों में आपको अधिक कमाई नहीं होगी लेकिन जैसे-जैसे आपका बिजनेस बढ़ता जाएगा वैसे ही आपकी कमाई भी बढ़ती जाएगी। इसके अलावा आपकी कमाई इस बात पर डिपेंड करती है कि, आपके केंद्र में कितने लोग वाहन प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवाने आते हैं। जितने ज्यादा लोग आपसे वाहन प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवाएंगे आपको उतना ही ज्यादा मुनाफा होगा।
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