Mahila Samriddhi Yojana in Hindi [विस्तार से समझें]
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इस योजना को लांच किया है। इस योजना को गरीब व हाशिए पर पड़ी महिला उद्यमी की आर्थिक मदद करना है। इस योजना के तहत महिला उद्यमी को सस्ती ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध कराना है। इसके अलावा जो नयी महिला उद्यमी अपने हुनर से नया उद्यम स्थापित करना चाहतीं हैं और वो पैसे के अभाव में अपने हुनर का सही उपयोग नहीं कर पा रहीं हैं, उनको आर्थिक मदद देकर उन्हें अपने पांव पर खड़ा कराने की सरकार ने यह योजना बनायी है।
स्ट्रेटजी पॉलिसी के रूप में है ये योजना
सरकारी भाषा में महिला समृद्धि योजना को स्ट्रेटजी पॉलिसी कहा जाता है। इसका सीधा सा मतलब यह होता है कि एक अच्छी रणनीति बनाकर आर्थिक रूप से खुद को मजबूत बनाने के साथ दूसरों को सहारा देना है। इससे सरकार का एक तीर से कई निशाने लग जाते हें।
- जहां समाज व परिवार में अबला समझी जाने वाली महिला को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता है। महिला सशक्त होती है।
- महिला समृद्धि योजना मे माध्यम से लोन लेकर अपना उद्यम स्थापित करके महिला अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करके अपना व अपने परिवार का पालन पोषण अच्छी तरीके से करेगी।
- इसके साथ ही उसके उद्यम में कई सहयोगियों को रोजगार भी उपलब्ध करायेगी। इससे बेरोजगारी दूर होगी। दूसरा उद्यम में कार्य करके सभी परिवारों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।
- आर्थिक स्थिति मजबूत होने के साथ उसके उद्यम से होने वाले व्यापार से अनेक लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा।
- इससे सरकार को भी राजस्व विभिन्न टैक्सों के माध्यम से मिलेगा।
- राजस्व बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था को भी सहारा मिलेगा।
कौन-कौन से कारोबार शुरू कर सकतीं है पात्र महिलाएं
महिला समृद्धि योजना के तहत अनूसूचित जाति की महिलाएं निर्धारित मानदंड को पूरा करने के बाद ऋण प्राप्त कर सकती हैं। यह ऋण महिलाओं से जुड़े कारोबार के लिए दिया जाता है, इसमें से कुछ इस प्रकार हैं:-
- ब्यूटी पार्लर का कारोबार शुरू करने के लिए
- बुटीक का कार्य प्रारम्भ करने के लिए
- कॉस्मेटिक की दुकान खोलने के लिए
- डेयरी फार्मिंग का काम शुरू करने के लिए
- सिलाई की दुकान के लिए
- चाय की दुकान खोलने के लिए
- पापड़ बनाने का रोजगार शुरू करने के लिए
- टोकरी बनानेका कार्य शुरू करने के लिए
- चूड़ी की दुकान खोलने के लिए
- हस्तकला व शिल्पकला का कारोबार शुरू करने के लिए
किन महिलाओं को मिलेगा इस योजना से लाभ
सरकार ने समाज की समस्त महिलाओं के लिये यह योजना नहीं बनायी है। समाज के निचले वर्ग की महिलाओं को समृद्ध करने के लिए ही महिला समृद्धि योजना बनायी है। सरकार ने इस दूरदर्शी योजना के तहत समाज के उपेक्षित वर्ग की महिलाओं को उद्यम शुरू करने के लिए इस योजना को लागू किया है।
- इस योजना के तहत महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जाता है।
- महिला सशक्तिकरण को देखते हुए इस योजना के तहत देश भर में कई तरह के चैनल पार्टनर के माध्यम से लागू करने के भी प्रावधान बनाये हैं।
- इस योजना के तहत निर्बल वर्ग एवं आरक्षित वर्ग की पात्र महिला उद्यमियों की पहचान की जाती है।
- इस योजना के लिए चिन्हित पात्र महिलाओं को सीधे या स्वयं सहायता समूह के माध्यम से न्यूनतम ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध कराया जाता है।
- महिला समृद्धि योजना के तहत लोन की 95 प्रतिशत राशि आवेदक को दी जाती है। शेष 5 प्रतिशत में से स्टेट चैनेलाइजिंग एजेंसीज या लाभार्थी को देना होता है।
- इसमें से भी एजेंसी एक प्रतिशत का योगदान दे सकती है जबकि लाभार्थी को 4 प्रतिशत का अंशदान देना होता है।
- इस योजना को लागू करने की अवधि केवल चार महीने की होती है। कहने का मतलब जिस तारीख से लोन की राशि आवेदक के खाते में पहुंच जाती है उसके ठीक चार महीने के अन्दर बिजनेस शुरू हो जाना चाहिये। इसके बाद आपको नये सिरे से आवेदन करना होगा।
महिला समृद्धि योजना में सहायक
महिला समृद्धि योजना में दो तरीके से महिला आवेदक लाभ प्राप्त कर सकती हे। प्रथम तो वह सीधे इस योजना से लाभ उठा सकती है। दूसरा वह स्वयं सहायता समूह के माध्यम से इस योजना के तहत आवेदन कर सकती है। इस योजना में कुछ संस्थान ऐसे सहायक होते हैं जो महिला आवेदक को पूरी तरह से मदद करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन संस्थानों में कुछ इस प्रकार हैं:-
- प्रथम स्वयं सहायता समूह ही सबसे बड़े सहायक होते है। स्वयं सहायता समूह उनको कहते हें जो अपनी गतिविधियों को संचालित करके बचत व योगदान के माध्यम से आय को बढ़ाने के लिए समूह को बनाते हैं।
- राशन सदस्य उनको कहा जाता है जो स्वयं सहायता समूह के ही सदस्य होते हैं। एक स्वयं सहायता समूह में अधिकतम 20 महिला सदस्यों को रखा जा सकता है। इस समूह में शामिल सदस्यों में 75 प्रतिशत सदस्य पिछड़े वर्ग से होने आवश्यक है। इसी आधार पर स्वयं सहायता समूह की मान्यता होती है। इसके अलावा शेष 25 प्रतिशत महिला सदस्य अन्य पिछड़ा वर्ग, एससी/एसटी या विकलांग वर्ग होना चाहिये।
- चैनल पार्टनर की भी इस योजना में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ये चैनल पार्टनर आर्थिक रूप से सक्षम पेशेवर होते हैं। जो इस योजना में महिला लाभार्थियों को हर तरह से मदद देते हैं। स्वयं सहायता समूह और उसके सदस्यों की मदद करते हैं।
- एससीए यानी स्टेट चैनेलाइजिंग एजेंसीज, ये वे संस्थाएं होतीं हें जो लाभार्थियों को ऋण प्रदान करतीं हें। इनमें क्षेत्रीय ग्रामीण बैंग और राष्ट्रीय बैंक की शाखाएं शामिल होतीं हैं।
Eligibility Criteria For Mahila Samriddhi Scheme in Hindi | महिला समृद्धि योजना के लिए निर्धारित योग्यताएं
यह योजना चूंकि समाज के निर्बल व दुर्बल वर्ग की महिलाओं को आर्थिक मदद देकर उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए लायी गयी है। इसके साथ ही सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि इस योजना का गलत तरीके से इस्तेमाल न किया जा सके। इसके लिए सरकार ने इस योजना की पात्रता के लिए कुछ सख्त नियम बनाये हैं। इन नियमों में से कुछ इस प्रकार हैं:-
- समाज के पिछड़े वर्ग की महिलाएं इस योजना के लिए पात्र हैं, वे चाहें तो सीधे इस योजना का लाभ उठा सकती हैं या स्वयं सहायता समूह के माध्यम से भी इस योजना के लाभ को हासिल कर सकतीं हैं। यह महिला उद्यमी के साधन, सुविध और योग्यता पर निर्भर करता है।
- महिला समृद्धि योजना का लाभ प्राप्त करने वाली महिला आवेदक की उम्र कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिये।
- महिला आवेदक के पास बीपीएल कार्ड होना जरूरी है।
- महिला लाभार्थी की वार्षिक आय 3 लाख रुपये से कम ही होनी चाहिये।
- महिला लाभार्थी के खिलाफ किसी प्रकार का आपराधिक मामला दर्ज नहीं होना चाहिये। आपराधिक रिकार्ड वाली आवेदक के आवेदन पर विचार नहीं किया जायेगा।
- महिला लाभार्थी द्वारा आवेदन में किसी तरह का गलत ब्यौरा नहीं दिया जाना चाहिये। वैरीफिकेशन में कोई भी जानकारी गलत पाये जाने पर उसके आवेदन को अस्वीकार कर दिया जायेगा।
- यह योजना केवल पिछड़ी जाति या अनुसूचित जाति की महिला उद्यमी के लिए है। इस योजना में सामान्य वर्ग की महिला आवेदक आवेदन नहीं कर सकती हैं।
- महिला समृद्धि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक के पास बीपीएल कार्ड और जाति प्रमाण पत्र होना नितान्त आवश्यक है।
- महिला समृद्धि योजना से मिले लोन को जारी होने के माह से 48 माह में जुकाया जा सकता हैँ। इसमें छह माह का मोरेटोरियम पीरियड भी शामिल है।
- इस योजना में महिला आवेदक को 60 हजार रुपये तक का ही लोन प्राप्त हो सकता है।
Documents Required For Mahila Samriddhi Scheme in Hindi | आवेदन के लिए जरूरी कागजात
महिला समृद्धि योजना के लिए आवेदन करने वाले महिला के लिए कई आवश्यक दस्तावेजों की भी जरूरत पड़ती है क्योंकि लाभ लेने वाली महिला के हित एवं सुरक्षा को देखते हुए सरकार ने इस योजना के तहत अनेक सख्त नियम बनाये हैं। इस योजना के लिए सरकार ने न्यूनतम कागजी आवश्यकता की औपचारिकता करने की व्यवस्था बनायी है। इस योजना का लाभ उठाने वाली महिला उद्यमियों को जिन कागजातों की आवश्यकता होती है, उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:-
- महिला समृद्धि योजना के लिए सरकार द्वारा निर्धारित फार्म सबसे पहले चाहिए।
- महिला लाभार्थी का एक पहचान प्रमाण पत्र होना जरूरी है, चाहे वह आधार कार्ड हो, चाहे वो वोटर आईडी कार्ड हो या अन्य कोई सरकारी पहचान प्रमाण पत्र होना जरूरी है।
- महिला लाभार्थी के पास इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए स्वयं सहायता समूह का सदस्यता पहचान प्रमाण पत्र होना जरूरी है। यह प्रमाण पत्र उन महिला लाभार्थियों के लिये आवश्यक है जो स्वयं सहायता समूह के माध्यम से इस योजना के लिए आवेदन करना चाहतीं हें।
- इस योजना के लिए आवेदक के पास उसका अपना आधार कार्ड होना भी जरूरी है।
- चूंकि यह योजना समाज के निर्बल वर्ग और आरक्षित वर्ग की महिला उद्यमियों के लिए है, इसलिये लाभ प्राप्त करने वाली महिला आवेदक के पास जाति प्रमाण पत्र होना आवश्यक है। जिसके आधार पर लाभार्थी को योजना का लाभ दिया जा सके।
- महिला समृद्धि योजना से लाभ प्राप्त करने वाली महिला आवेदक के पास उसका अपना बैंक खाता भी होना चाहिये, जिसका विवरण आवेदन पत्र में भरा जाता है और लोन की राशि उसी खाते में आ सके।
- महिला आवेदक के लेटेस्ट पासपोर्ट साइज के फोटो भी होना जरूरी है।
- महिला समृद्धि योजना के लाभार्थी के पास निवास प्रमाण पत्र होना जरूरी है। निवास प्रमाण पत्र के अनुसार लेटेस्ट बिजली के बिल की कॉपी होनी जरूरी है। इसके अलावा राशन कार्ड को भी पते के लिए वैध प्रमाण पत्र माना जाता है।
Apply Online For Mahila Samriddhi Scheme in Hindi | ऑनलाइन आवेदन इस प्रकार से करें
महिला समृद्धि योजना में सरकार द्वारा लोन प्राप्त करने के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया इस प्रकार है:-
स्टेप 1: सबसे पहले आपको आधिकरिक वेबसाइट पर जाना होगा
स्टेप 2: यहा पर होम पेज दिखेगा जिस पर आनको न्यू यूजर? रजिस्टर हियर लिखा दिखेगा जिस पर आपको क्लिक करना होगा।
स्टेप 3: इसके बाद आपको स्क्रीन पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का फार्म दिखेगा।
स्टेप 4: इस फार्म को बहुत ही ध्यान से पढ़ना है और उसमें मांगी गयी जानकारी को बहुत ही सावधानी से भरना होगा। इससे आपका रजिस्ट्रेशन हो जाचेगा।
स्टेप 5: इसके बाद आपको लॉगइन आईडी और पासवर्ड मिल जायेगा। जिसका उपयोग करते और नई विंडो खुल जायेगी जिसमें अप्लाई फॉर सर्विस पर क्लिक करें और वहां पर आपको व्यू आल एवलेबल सर्विसेज की बटन पर क्लिक करना होगा। अगली विंडो में आपको सर्च बाक्स में महिला समृद्धि टाइप करें।
स्टेप 6: इसके बाद आपके नाम का चयन इस योजना के लिए मांगा जायेगा। उसमें आप अपना नाम आदि की जानकारी दें।
स्टेप 7: इस के बाद आपके सामने महिला समृद्धि योजना के लिए आवेदन का फार्म सामने आ जायेगा।
स्टेप 8: इस फार्म को ध्यान से पढ़ें और उसमें मांगी गयी जानकारी को बहुत ही सावधानी से भरें।
स्टेप 9: इसके बाद जानकारी से सम्बन्धित सभी दस्तावेज भी अपलोड करें। उसके बाद सबमिट कर दें। इस तरह से आपका आवेदन हो जायेगा।
Benefits of Mahila Samriddhi Scheme In Hindi | कौन-कौन से लाभ मिलते हैं महिला समृद्धि योजना से
सरकार ने निर्बल वर्ग की हुनरमंद महिलाओं के आर्थिक उत्थान के लिए महिला समृद्धि योजना लागू की है। इस योजना से महिला आवेदकों को कौन-कौन से लाभ मिल सकते हैं, इस योजना से मिलने वाले प्रमुख लाभ में से कुछ इस प्रकार हैं:-
- महिला समृद्धि योजना से गरीबी की शिकार महिला के परिवार को मुख्य धारा में लाने में सफलता मिलती है।
- यह योजना महिला उद्यमी के माध्यम से आवेदक को तो रोजगार देती ही है साथ ही उसके साथ कई अन्य लोगों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार का लाभ मिलता है।
- इस योजना को अपनाने से महिला लाभार्थी की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में आमूलचूल बदलाव आता है।
- महिला समृद्धि योजना से महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को प्रोत्साहन मिलता है। महिला आवेदकों में आगे बढ़ने की भावना बढ़ती है। एक महिला को लाभ मिलता देख दूसरी महिला भी प्रभावित होती है।
- इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि लाभ प्राप्त करने वाली महिला आवेदक अपना उद्यम स्थापित करके आत्मनिर्भर बन जाती है।
- महिला समृद्धि योजना का लाभ प्राप्त करने लिए न्यूनतम दस्तावेजों की औपचारिकता पूरी करने से महिला आवेदक को परेशान नहीं होना पड़ता है।
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