छोटे कारोबार में इन 9 तरह की होती हैं बीमा पॉलिसी
सुख-दुख तो जीवन में आते जाते ही रहते हैं। सुख तो आसानी से कट जाते हैं । सुख के दिनों में तो आपको अनेक साथी मिल सकते हैं लेकिन जब दुख आता है तो इंसान को अकेले ही इन दुखों को झेलना पड़ता है। इस तरह की विषम परिस्थिति में दूर-दराज के यार-मित्र की बात ही छोड़िये अपने सगे-सम्बन्धी भी साथ छोड़ जाते हैं। सुख और दुख दोनों में कोई भी ढोल बजाकर नहीं आता है। सुख आता है तो उसकी खुशियां पूरी दुनिया जान जाती है लेकिन जब दुख आता है तो इंसान को उसका भुगतने वाले के अलावा किसी को पता नहीं चलता है। उस इंसान को अकेले ही उस विषम परिस्थिति का सामना करना पड़ता है। उस समय करीबी लोग भी जान कर अनजान बनने का नाटक करते हैं। उनको लगता है कि कहीं दुख में मदद न करनी पड़ जाये। इसलिये दुख आने की स्थिति के लिए कुछ न कुछ तैयारी करके रखना चाहिये। क्योंकि वही व्यक्ति जीवन में आये दुखों का सामना कर सकता है, जिसने पहले से ही कोई ऐसी संकटकालीन परिस्थिति के लिए कोई खास तैयारी कर रखी हो। उस व्यक्ति को बुद्धिमान व्यक्ति कहा जा सकता है।
जल्दी-जल्दी हिचकोले खाता है छोटा कारोबार
ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जो आने वाले अच्छे व बुरे समय के बारे भविष्यवाणी कर सकता हो। कोई भी नहीं यह नहीं जान सकता कि अगले पल क्या होने वाला है। इसके मायने यह होता है कि अच्छा या बुरा जैसा भी समय आयेगा हमें उसका सामना करना ही होगा। यदि आप स्मार्ट हैं और आपने किसी संभावित संकट से निपटने तैयारी कर रखी है तो आपको दुख कभी भी सता नहीं सकता है। यदि छोटे कारोबार के संकट या खराब दिनों की बात करें तो एक बात यह अच्छी तरह से जान लीजिये कि छोटे कारोबार में तो संकट की स्थितियां हमेशा बनीं रहतीं हैं। छोटी पूंजी वाले छोटे कारोबार जरा से झटके में डांवाडोल होने लगते हैं। इसके लिए हमें पहले से तैयार व सतर्क रहना चाहिये। जो व्यक्ति इन परिस्थितियों से निपटने के लिए सतर्क रहता है वो खुद को और अपने व्यवसाय को आसानी से बचाने में कामयाब हो जाता है।
छोटे व्यापारियों के लिए बीमा कराना क्यों आवश्यक है
अधिकांश छोटे व्यापारियों के लिये उनका कारोबार ही असली जीवन होता है। इसके बावजूद वे कड़ी मेहनत करने के बाद ही अपने कारोबार से बहुत ही मुश्किल से अपने जीवन की गुजर-बसर करने लायक ही मुनाफा कमा पाते हैं। उन्हें कोई न कोई झटका लगता रहता है। उन्हें अक्सर नुकसान होने या बिजनेस के लड़खड़ाने की आशंका सताती रहती है। ऐसे छोटे कारोबारियों का भाग्य उनका कारोबार ही तय करता है। यदि कारोबार डूबता है तो उसके साथ वे खुद भी डूब जाते हैं। इसलिये बुद्धिमान व्यापारी को चाहिये कि छोटे कारोबार में होने वाले सारे जोखिमों को कवर करने के लिए जरूरत वाले सही बीमा कराना चाहिये। जिससे निश्चिंत होकर अपना व्यवसाय करें। बीमा पॉलिसियों से लाभ उठायें।
बीमा पालिसी ऐसे खतरों से बचाती है, जिसकी कभी कल्पना तक नहीं की होती है
बीमा छोटे और मध्यम दर्जे के उद्यमियों को अनेक खतरों से बचाता है। चाहे वह आग लगने का खतरा हो, चोरी-डकैती का खतरा हो या किसी अन्य कुदरती आपदा व अन्य अनजानी घटनाओं से होने वाली हानि का खतरा हो, सभी में बीमा आपको पूर्ण सुरक्षा प्रदान करता है। आप यदि असुरक्षित हैं अथवा आपने बीमा से अपने व्यवसाय के जोखिमों को कवर नहीं किया है तो आप ऐसी आपदाओं से होने वाले नुकसान से बुरी तरह लड़खड़ा जायेंगे। आपकी वित्तीय स्थिति बुरी तरह गड़बड़ा सकती है और आपका व्यवसाय भी अस्थिर हो सकता है। यहां तक कि कभी कभी तो ऐसी विषम स्थिति उत्पन्न हो जाती है कि मुसीबतों के झंझावातों में फंसा छोटा व्यापारी दिवालिया तक हो सकता है।
किस प्रकार की बीमा पॉलिसी लें
आपकी कंपनी को किस तरह के बीमा कवरेज की आवश्यकता होती है। यह कंपनी की कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे कंपनी का वित्तीय आकार क्या है, आपकी कंपनी किस स्थान पर स्थित है, कंपनी में कितने कर्मचारी काम करते हैं आदि। आप जिस तरह से अपनी कंपनी का संचालन करते हैं, उसमें किस तरह के खतरों की संभावना रहती है, इन खतरों को किस तरह से कवर किया जाना चाहिये, उन पर विचार करने के बाद ही अपनी पॉलिसी की जरूरत के बारे में सोचें।
ये हैं प्रमुख लाभकारी बीमा पॉलिसियां
छोटे व मध्यम दर्जे के उद्यमियों के संस्थानों के खतरों को कवर करने के लिये ये मुख्यतया 9 प्रकार की बीमा पॉलिसी हैं और ये पॉलिसी क्या क्या कवर करते हैं, आइये उनके बारे में जानते हैं।
1. जनरल लाइबेलिटीज का बीमा
ऐसा कोई बिजनेस नहीं है जिसके पास आम जिम्मेदारियां या जनरल लाइबेलिटी न हों। यह जिम्मेदार प्रत्येक व्यापारी के पास होनी ही चाहिये। जब लाइबेलिटी हों तो उनको कवर करने के लिए बीमा का होना बहुत जरूरी है। यह बीमा आपके बिजनेस को कई तरह के सामान्य दावों से बचाता है। आप चाहे घर से काम कर रहे हों या किसी मार्केट से लेकिन आपको जनरल लाइबेलिटी वाला बीमा अवश्य कराना चाहिये। यह बीमा बिजनेस के दौरान वाली शारीरिक क्षति, मुकदमेबाजी, जांच पड़ताल व समझौते के वक्त बिजनेस मैन की पूरी मदद करता है।
क्या क्या चीजें कवर करती है ये बीमा पॉलिसी
ये जनरल लाइबेलिटी इंश्योरेंस पॉलिसी क्या क्या कवर करती है। आपके बिजनेस के दौरान किसी अप्रिय दुर्घटना घटने से शारीरिक क्षति या सम्पत्ति का नुकसान होता है। इस तरह से होने वाले दोनों तरह के नुकसान की स्थिति में यह बीमा चिकित्सा में होने वाले खर्च और मुकदमें की स्थिति में वकीलों की फीस को पूरी तरह से कवर करता है। इस अप्रिय स्थिति में व्यापारी अनावश्यक वित्तीय बोझ से बच जाता है। उसे काफी राहत होती है।इसलिये यह बीमा पॉलिसी सभी व्यापारियों को लेनी चाहिये।
2. प्रॉपर्टी डैमेज इंश्योरेंस यानी सम्पत्ति के नुकसान का बीमा
आप जहां से अपना बिजनेस चला रहे होते हैं, वह शॉप, स्टोर आपकी अपनी सम्पत्ति के समान ही होती है। आप वहां से प्रोडक्ट को बेचते हैं या किसी तरह की सर्विस देते हैं अथवा स्टोर खोलते हैं वो आपके लिए अपने घर से भी ज्यादा महत्व का स्थान होता है। यहां पर किसी तरह की छोटी या बड़ी गड़बड़ी अकस्मात हो जाये तो आपके बिजनेस या प्रॉपर्टी का नुकसान तो होता ही है साथ ही अच्छी तरह से चलने वाले बिजनेस पर नकारात्मक असर पड़ता है।
उदाहरण के लिए आग लगने से केवल आपकी इमारत को ही नुकसान नहीं पहुंचेगा बल्कि वहां पर रखे आपके माल के स्टॉक, वहां पर लगी मशीनरी और उपकरण भी तो नष्ट होंगे। आपके कर्मचारी घायल हो सकते हैं, अथवा दुखद मृत्यु तक हो सकती है। इस तरह के हादसे से आपको भारी नुकसान हो सकता है। यह विपदा कई तरह की मुसीबतों को अपने साथ लेकर आती है। इस तरह आयी इस विपत्ति से आपका रोजमर्रा वाला बिजनेस तो प्रभावित होता ही है और साथ ही में आपके लेन-देन को भी प्रभावित करता है। इससे आपको भारी वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। यदि आपके द्वारा प्रॉपर्टी डैमेज इंश्योरेंस नहीं किया गया है तो आप दोहरे नुकसान के जाल में फंस जायेंगे। एक तरफ तो आपका आग लगने की घटना से
भारी वित्तीय नुकसान हुआ है और दूसरा यह कि रोजमर्रा का कारोबार भी पटरी से उतर जायेगा। देनदार लोग भुगतान भी कम करने लगेंगे और लेनदार अपने बकाये की वसूली के लिए तेजी से अपने प्रयास करेंगे। इन सारी विपरीत स्थितियों से बचने के लिए आपको सम्पति क्षति बीमा यानी प्रॉपर्टी डैमेज इंश्योरेंस अवश्य कराना चाहिये।
इससे क्या-क्या कवर होता है?
प्रॉपर्टी डैमेज इंश्योरेंस आग, तूफान, दंगा या चोरी की स्थिति में व्यावसायिक सम्पत्ति को हुए नुकसान की भरपाई कराने में सहायता करता है। इस तरह के संकट से खराब या क्षतिग्रस्त हुई आपकी प्रॉपर्टी की मरम्मत या रिप्लेसमेंट कराने में यह बीमा पॉलिसी पूरी तरह से मदद करती है।
3. वाहन बीमा पॉलिसी
किसी भी तरह के बिजनेस में इस्ते माल होने वाले उसके सभी वाहनों का बीमा होना अति आवश्यक होता है। वैसे भी सरकार के इस बारे में स्पष्ट निर्देश हैं कि कारोबार में इस्तेमाल होने वाले सभी वाहनों का बीमा अवश्य ही होना चाहिये। इसके बावजूद यदि आपका कोई कर्मचारी अपना निजी वाहन का इस्तेमाल करता है और कोई दुर्घटना हो जाती है तो उनकी पर्सनल पॉलिसी उनके वाहन दुर्घटना को कवर करेगी। कॉमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस वाहनों को दुर्घटना, तोड़फोड़, प्राकृतिक आपदाओं तथा आग से होने वाले नुकसान और घाटे की भरपाई करती है। व्यापार में इस्तेमाल होने वाले आॅटो रिक्शा, कैब, स्कूल बस, ट्रक व अन्य कॉमर्शियल व्हीकल के लिए इंश्योरेंस कराना जरूरी होता है।
यह बीमा पॉलिसी क्या कवर करती है
वाहन बीमा पॉलिसी आपके वाहन या चालक को होने वाले किसी तरह के नुकसान को कवर करती है। चाहे वह सड़क दुर्घटना से नुकसान हुआ हो या किसी अन्य वजह से नुकसान हुआ हो अथवा वाहन की चोरी हो गयी हो। यह पॉलिसी तीसरे पक्ष के रूप में आपको इन हादसों में बीमा का लाभ दिलाने का काम करती है।
4. कर्मचारी बीमा पॉलिसी
प्रत्येक कंपनी में भारी संख्या में कर्मचारी काम करते हैं। कई ऐसी भी कंपनियां भी होती हैं जो बहुत ही जोखिम वाली मशीनों से प्रोडक्ट तैयारकरतीं हैं। इसमें हमेशा कर्मचारियों का जीवन दांव पर लगा होता है। कहने का मतलब यह है कि जरा सी लापरवाही में कर्मचारी की जान भी जा सकती है या अंग भंग होकर जीवन भर के लिए बेकार भी हो जाता है। आपके बिजनेस के लिए काम कर रहे श्रमिकों की काम द्वारा किये जा रहे किसी खतरनाक काम के दौरान मृत्यु हो जाती है या गंभीर रूप से चोट लग जाती है तो यह स्थिति आपके व्यवसाय के लिए बहुत ही खतरनाक हो जाती है। इस तरह की स्थिति से न केवल आपको अपने कर्मचारी की बीमारी व चोट में उपचार के लिए भारी राशि खर्च करनी होती है बल्कि कर्मचारी के परिवार की ओर से आपके खिलाफ केस भी दर्ज किया जा सकता है, जिसमें भारी भरकम मुआवजा मांगा जाता है। यदि उनका नुकसान बहुत गंभीर होेता है और उसका मुआवजा बहुत भारी तय होता है जो आपकी क्षमता के बाहर होता है तो आप दिवालिया तक हो सकते हैं। इस स्थिति से बचाने के लिए कर्मचारी बीमा पॉलिसी आपकी पूरी तरह से सहायता करती है। भारत सहित लगभग सभी देशों में खतरनाक किस्म के उद्योगों में कर्मचारी बीमा पॉलिसी को लेना अत्यावश्यक कर दिया गया है।
यह क्या-क्या कवर करता है
यह पॉलिसी आपके कर्मचारियों की चोट या बीमारी पर होने वाले खर्च को कवर करती है। कर्मचारी परिवार की ओर से दायर किये गये कानूनी मुकदमें की स्थिति में कंपनी द्वारा लीगल कास्ट को सामना करने की स्थिति में भी यह पॉलिसी मदद करती है। यह पॉलिसी कंपनी के मालिक व कर्मचारी दोनों के लिए ही लाभकारी है क्योंकि यह पॉलिसी कर्मचारी व मालिक दोनों की ही समस्याओं का समाधान करने में मदद करती है।
5. कानूनी जिम्मेदारी बीमा यानी लीगल लाइबेलिटी इंश्योरेंस
किसी भी कंपनी का अपने क्लाइंट्स, कस्टमर्स, वेंडर्स से विवाद होना कोई नयी बात नहीं है। छोटे-मोटे विवाद तो अक्सर चलते ही रहते हैं लेकिन कभी-कभी कोई विवाद इतने बड़े हो जाते हैं कि उसमें न्याय के लिए अदालत में जाना ही होता है। कभी-कभी बिजनेस मैन किसी अन्य के नुकसान के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। ऐसी स्थिति में बिजनेस मैन को पीड़ित पक्ष को क्षतिपूर्ति के रूप में भारी रकम देनी होती है। इसके अलावा आपका मामला कोर्ट में चला जाता है तो आपको आपको कानूनी फीस भी देनी होती है। ऐसे मामलों में राहत पाने के लिए आपको लीगल लाइबेलिटी पॉलिसी लेनी बहुत जरूरी होती है। यदि आपने यह पॉलिसी नहीं ली है और आपके सामने ऐसी ही विषम स्थिति उत्पन्न हो जाती है तो उस स्थिति में आपको कानूनी फीस का पूरा खर्चा खुद ही उठाना पड़ता है।
क्या-क्या कवर करती है यह बीमा पॉलिसी
यह बीमा पॉलिसी किसी तरह के विवाद में तीसरे पक्ष के व्यक्ति या संस्था से निपटने के समय सभी कानूनी खर्चों को कवर करती है। आपके यहां काम करने वाले व्यक्ति को दुर्घटना आदि से गंभीर चोट आने अथवा मृत्यु होने की स्थिति में तीसरे पक्ष द्वारा दावा किया जाता है तो उस स्थिति में खर्च की संभावना बहुत ज्यादा होती है। उस समय यह पॉलिसी उस खर्च को कवर करके आपको अधिक राहत देती है।
6. प्रोडक्ट लाइबेलिटी पॉलिसी
यह आप मैन्यूफैक्चर उद्योग से जुड़े हुए हैं तो यह पॉलिसी आपके लिए बहुत ही लाभदायक तो है ही साथ ही जरूरी भी है। आपके द्वारा अपने ग्राहक को भेजे गये किसी भी प्रोडक्ट के बीच में खराब हो जाने पर यह पॉलिसी आपके काम आती है।
क्या-क्या कवर किया जाता है इस पॉलिसी से
आपके प्रोडक्ट की खराबी की स्थिति में ग्राहक द्वारा किये जाने वाले मुकदमे का पूरा खर्चा उठाने में यह पॉलिसी मदद करती है। प्रोडक्ट लाइबेलिटी पॉलिसी पूरी तरह से बिजनेस मैन के लिए बनायी गयी है और उसको पूरा फायदा भी उसी को ही मिलता है।
7. कारोबारी बाधा बीमा यानी बिजनेस इंटरेप्शन पॉलिसी
इस तरह की पॉलिसी विशेषकर रिटेल शॉप करने वाले बिजनेसमैन के लिये ही बनायी गयी है। इस तरह की शॉप को एक निश्चित स्थान की आवश्यकता होती है। कभी-कभी कुदरती आपदा या दंगे आदि हो जाने के कारण मुश्किल स्थिति उत्पन्न हो जाती है। कर्मचारियों को काम करने के लिए संस्थान तक आ पाना मुश्किल हो जाता है। इससे आपके कामकाज, वस्तु उत्पादन अथवा सेवाओं को जारी रखने में बाधा पड़ती है और आपको नुकसान भी उठाना पड़ता है। यह बीमा पॉलिसी आपको ब्यवसाय में हुए वित्तीय नुकसान की स्थिति में सुरक्षा प्रदान करती है। इस पॉलिसी से व्यापारियों को काफी लाभ प्राप्त होता है।
क्या क्या कवर करती है ये बिजनेस इंटरेप्शन पॉलिसी
यह बिजनेस इंटरेप्शन पॉलिसी यानी कारोबारी बाधा बीमा पॉलिसी आग या कुदरती आपदा के दौरान कंपनी के संचालन में आयी रुकावट से हुए नुकसान की भरपाई करने में मदद करती है।
8. त्रुटियों व लापरवाही संबंधी बीमा पॉलिसी, प्रोफेशनल लाइबेलिटी पॉलिसी
इरर्स एण्ड ओमिशन यानी त्रुटियों व लापरवाही बीमा पॉलिसी बहुत लाभकारी होती है, जिसे प्रोफेशन लाइबेलिटी पॉलिसी भी कहा जाता है। यह पूरी तरह से पेशेवर जिम्मेदारी से जुड़ी बीमा पॉलिसी है। किसी भी तरह का बिजनेस अपने बिजनेसमैन से बहुत बड़ी जिम्मेदारी की मांग करता है। यदि किसी बिजनेसमैन द्वारा लगातार बरती जा रही लापरवाही से ग्राहक नाखुश होने लगता है। नाराज ग्राहक उस बिजनेस मैन से दूरी बनाने लगता है। यहां तक कि वह पैसे का भुगतान करने से भी इनकार कर देता है। इससे कंपनी के सामने नकदी मुद्रा का संकट उत्पन्न हो जाता है। ऐसी स्थिति में संस्थान को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इस विकट स्थिति में यह बीमा पॉलिसी कंपनी की मददगार साबित होती है।
क्या क्या कवर करती है यह बीमा पॉलिसी
किसी भी बिजनेस में प्रोडक्ट बेचने या सर्विस देने में की गई त्रुटियों व चूक से होने वाले किसी तरह के नुकसान की भरपाई में यह पॉलिसी मदद करती है। इसलिये यह पॉलिसी बिजनेसमैन खासकर छोटे कारोबारी के लिए बहुत फायदेमंद होती है।
9. कस्टामाइज्ड इंश्योरेंस
कुछ ऐसे बिजनेस होते हैं उन्हें अपने बिजनेस सेंं संबंधी जोखिमों के लिए विशेष सुविधाओं की आवश्यकता होती है। वे अपने-अपने बिजनेस की जरूरतों के हिसाब से बीमा पॉलिसी चाहते हैं। उनके लिये यह कस्टोमाइज्ड पॉलिसी सबसे बेहतर होती है।
ये पॉलिसी क्या क्या कवर करती है
उद्योगों के हिसाब से यह पॉलिसी बिजनेस मैन को लाभान्वित करती है। इसलिये बिजनेस मैन अपने बिजनेस वाली विशेष पॉलिसी को पसंद करता है। जैसे पेट्रोल पम्प के मालिक पेट्रोल पम्प इंश्योरेंस को पसंद करते हैं। उसी प्रकार रेस्टोरेंट और वेयरहाउस वाले भी अपने-अपने बिजनेस की पॉलिसी को करा सकते हैं।
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