कैश ऑन डिलीवरी के साथ ऑनलाइन बिक्री के आसान उपाय
भारत में ऑनलाइन बिजनेस शुरू से ही तेजी से फल-फूल रहा है। आज की सिंगल फेमिली व फ्लैट कल्चर ने ऑन लाइन बिजनेस को बहुत तेजी से बढ़ाया है। इसका प्रमुख कारण यह है कि भारत में युवाओं की संख्या अधिक है। ये सभी युवा आज की आधुनिक जीवनशैली की अपनी प्रोफेशनल व्यस्तताओं में उलझे रहते हैं। इन युवाओं को अपनी जॉब या बिजनेस से इतनी फुर्सत ही नहीं मिलती है कि वे बाजार में जाकर अपनी घर-गृहस्थी व अन्य जरूरतों का सामान खरीद सकें। आज के जमाने में जब से सिंगल फेमिली का कल्चर डेवलप हुआ है तब से तो ऑनलाइन ऑर्डर व सप्लाई की सुविधा प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यक आवश्यकता बनती जा रही है। इसलिये भारत में ऑनलाइन बिजनेस का स्कोप बहुत अधिक बढ़ गया है। वही ऑनलाइन बिजनेस करने वाले बिजनेस मैन भी तेजी से बढ़ रहे हैं।
कोविड-19 की महामारी से ऑनलाइन बिजनेस आई जबर्दस्त उछाले
अकेले भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में जब से कोविड-19 की महामारी का प्रकोप बढ़ा है तब से ऑनलाइन बिजनेस में तो मानों बूम ही आ गया हो। जहां इस महामारी के दौरान बड़े-बड़े शोरूम, शॉपिंग मॉल, बड़े-बडेÞ स्टोर बंद हो रहे थे, वही ऑनलाइन बिजनेस करने वालों की तो लॉटरी निकल रही थी। कोविड-19 की महामारी से बचाव के लिए उठाये गये कदमों, जैसे लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग ने आम आदमी को घर में कैद कर दिया और इंसान से इंसान के बीच की दूरी बढ़ा दी। लोगों ने इस महामारी से बचाव करते हुए अपने जीवन में रोजमर्रा की वस्तुओं को ऑनलाइन मंगाना शुरू कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि इस महामारी के दौरान ऑनलाइन व्यापार सुरक्षित साधन के रूप में उभर कर सामने आया है।
प्रिपेड का जमाना खत्म और कैश ऑन डिलीवरी का जमाना शुरू
भारतीय नौजवानों में ऑनलाइन सामान खरीदने का क्रेज उस समय से है जब से यह व्यापार शुरू हुआ था। यही कारण है कि यह व्यापार बहुत तेजी से बढ़ा है। इस व्यापार के तेजी से बढ़ने का एक प्रमुख कारण यह भी है कि आज के जमाने में युवाओं के पास एंड्रायड फोन और इंटरनेट की अच्छी सुविधा है।
जब भी कोई चाहता है वह अपने मनपसंद का कोई सा भी सामान घर बैठे आसानी से ऑनलाइन मंगा सकता है। इसका नतीजा यह हुआ है कि कुछ ही वर्षों में ऑनलाइन बिजनेस से भारत में अकेले ही लगभग 30 से 40 करोड़ खरीददार जुड़ गये हैं। यही हालत ऑनलाइन बिजनेस करने वालों की भी है। वर्तमान समय में 10 बिजनेस करने वालों में से 4 बिजनेसमैन ऑनलाइन बिजनेस से जुड़े हुए हैं। इसके बावजूद ये बिजनेस अन्य बिजनेस करने वालों की अपेक्षा ऑनलाइन बिजनेस मैन दोगुना से अधिक माल बेच रहे हैं।
इस बीच इस ऑनलाइन बिजनेस में कुछ ऐसी चुनौतियां सामने आई हैं , जिसको लेकर छोटे बिजनेसमैन को परेशानी हो रही है। कैश ऑन डिलीवरी के समय कई कस्टमर्स द्वारा सामान नहीं लिया जाना। उसके लिए हम केवल कस्टमर्स को दोषी नहीं ठहरा सकते हैं। इसके लिए चंद लापरवाह बिजनेस मैन अथवा धोखेबाज बिजनेसमैन ने कस्टमरों का विश्वास ही खत्म कर दिया है। उसका खामियाजा भारी संख्या के बिजनेस मैन को भुगतना पड़ रहा है। कैश ऑन डिलीवरी इसके विकल्प के रूप में उभरा है। आइये देखते हैं कि कैश ऑन डिलीवरी के साथ ऑनलाइना बिजनेस को किस तरह चमकायें, आइये इस हुनर को भी सीखते हैं।
कैसे आया कैश ऑन डिलीवरी का चलन
पहले ऑनलाइन सामान प्रि पेड सिस्टम से बिकता था। यानी आपके द्वारा ऑनलाइन मंगाया गया माल आपके पते पर बाद में पहुंचेगा और आपको पहले उस माल का पेमेंट करना होता था। इस सिस्टम की कमियां उस समय सामने आयीं जब अनेक कंपनियों ने कस्टमर्स के साथा धोखाधड़ी की, जैसे किसी कस्टमर्स ने मोबाइल मंगाया और उसे सप्लाई में साबुन की टिकिया मिली, किसी ने हाथ में बांधने वाली घड़ी मंगाई, उसे बच्चों के खेलने वाली घड़ी मिली। इस तरह के विवादों की खबरें रोजाना समाचार पत्रों की सुर्खियां बनती रहीं। इस समस्या से निजात पाने के लिए कस्टमर्स ने पोस्ट पेमेंट करने की शर्त रखनी शुरू कर दी। इससे बिजनेसमैन की टेंशन अचानक बढ़ने लगीं। इसके बाद बीच का एक नया रास्ता खोजा गया। वो रास्ता कैश ऑन डिलीवरी का था। जिसका अब तेजी से दौर चल रहा है। इसका कस्टमर्स और बिजनेस मैन दोनों को ही लाभ है। दोनों किसी खास पेमेंट मोड की व्यवस्था नहीं करनी होती है।
चार में से तीन ऑनलाइन कस्टमर्स ने अनेक कारणों से प्रि पेड की जगह कैश ऑन डिलीवरी को पसंद करना शुरू कर दिया है। इसके कई कारण हो सकते हैं जिनमें डिजिटल पेमेंट सिस्टम का न होना, ऑनलाइन विक्रेताओं के प्रति ग्राहकों के विश्वास की कमी, खराब प्रोडक्ट या खराब क्वालिटी वाले सामान की सप्लाई की आशंका आदि शामिल हैं।
जब ग्राहक कैश ऑन डिलीवरी का विकल्प चुनता है तो इसका मतलब यह हुआ कि ग्राहक पहले भुगतान करने की अपेक्षा डिलीवरी मिलने के बाद ही आपको भुगतान करेगा। इसके लिए छोटे ऑनलाइन व्यापारियों को पहले से ही तैयारी करनी होगी और इसके लिए हमेशा जोखिम उठाने को तैयार रहना होगा।
ये हैं कुछ खास टिप्स
इन समस्याओं से निजात दिलाने के लिए और कैश ऑन डिलीवरी के साथ ऑनलाइन बिजनेस करने के कुछ खास उपाय बताये जा रहे हैं, जो इस प्रकार है:-
1. बेचने वाले प्रोडक्ट का चयन करें
ऑनलाइन बिजनेस में आज सुई से लेकर जहाज तक बेचा जा रहा है। एक व्यापारी सारी वस्तुओं को चाह कर भी नहीं बेच सकता है। इसलिये आपको सबसे पहले यह तय करना होगा कि आप अपने ऑनलाइन बिजनेस में कौन सी चीज बेचना चाहते हैं या कौन सी सर्विस देना चाहते हैं। आजकल ऑनलाइन बिजनेस के प्रमुख आकर्षक प्रोडक्ट इस प्रकार हैं:-
1. बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े प्रोडक्ट
2. किताबें पढ़ाई, लिखाई के अलावा प्रोफेशन एजूकेशन तथा मनोरंजक व जानकारी वाली किताबें आदि
3. इलेक्ट्रानिक वस्तुएं टीवी, लैपटॉप, मोबाइल व ऐसेसरीज, मिक्सी, फ्रिज, वाशिंग मशीन आदि
4. कपड़े , बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के रेडीमेड कपड़े, महिलाओं व पुरुषों के कपड़े, पार्टी वियर्स आदि
5. कास्मेटिक व ब्यूटी प्रोडक्ट
6. हेल्थ से जुड़े प्रोडक्ट यानी मेडिकल प्रोडक्ट
7. घर के रखरखाव वाला सामान
8. किराना व जनरल स्टोर वाला सामान
9. साफ सफाई के काम आने वाला सामान
10. फर्नीचर से सबंधित प्रोडक्ट
यह लिस्ट काफी लम्बी भी हो सकती है। इसमें आप अपनी क्षमता, रुचि व सप्लाई की सुविधा के अनुसार प्रोडक्ट को छांट लें। जिसमें आपको ग्राहक आसानी से मिल सकते हों और उनसे अधिक मुनाफा कमाया जा सकता हो।
2. ऑनलाइन बिजनेस का प्लेटफार्म चुनते समय सावधानी बरतें
छोटे बिजनेस मैन को चाहिये कि वो ऑनलाइन बिजनेस करने के लिये प्लेटफार्म चुनते समय कुछ खास सावधानियां बरते। आज की ऑनलाइन बिजनेस में बिजनेसमैन की मदद करने के लिए अनेक ऐसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म हैं जो उन्हें आगे बढाÞने और खुद की अपनी पहचान बनाने में मदद करते हैं, जिनसे उनका कैश ऑन डिलीवरी के साथ ऑन लाइन बिजनेस काफी तरक्की कर सकता है। इन प्लेटफार्मों में क्विकर, पेटीएम, होमशॉप18, ई बे, स्रैपडील, मायन्त्रा, अलीबाबा,अमेजन, फ्लिपकार्ड, इंडियामार्ट, फेसबुक मार्केटप्लेस, गूगल माई बिजनेस आदि शामिल हैं। आप इनमें से मनचाहे प्लेटफार्म को चुनकर उनके यहां रजिस्ट्रेशन कराकर अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
- बेहतर होगा कि आप जिस प्रोडक्ट का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, उस प्रोडक्ट की विशेषज्ञ कंपनी यानी एक्सपर्ट कंपनी के साथ अपना बिजनेस रजिस्टर करें। इसके अलावा आपको एक साथ कई ऐसी कंपनियों या प्लेटफार्म पर अपना बिजनेस रजिस्टर करना चाहिये जहां पर रजिस्ट्रेशन फ्री में होता हो। इन कंपनियों के साथ आप प्रॉफिट को तो शेयर करेंगे ही तो आपको यह चाहिये कि अपने प्रोडक्ट की पिक्चर, उसकी अच्छाइयां भी उनके प्लेटफार्म पर अपलोड करें।
- इसके अलावा यदि आपके पास अपनी वेबसाइट बनवाने और उसको ऑपरेट करने की सुविधा उपलब्ध हो तो साथ ही साथ अपनी वेबसाइट भी बनवायें और उसमें प्रोडक्ट की सारी डिटेल पोस्ट करें। समय समय पर होने वाले प्रोडक्ट संबंधी परिवर्तन की भी जानकारी अपनी वेबसाइट पर पोस्ट करते रहें। इसका लाभ आपको धीरे-धीरे मिलेगा और ग्राहक भी बढ़ेंगे।
यदि आप ऑनलाइन बिजनेस की बारीकियों को ध्यान से देखेंगे तो बड़ी-बड़ी ई कॉमर्स कंपनियों प्रोडक्ट को बेचने पर सबसे अधिक ध्यान देतीं हैं। इससे उनकी अच्छी खासी मार्केट बन जाती है। ग्राहक भी काफी संख्या में उन्हें मिलते रहते हैं। आपको इन ई कॉमर्स कंपनियों का सहारा तभी तक लेना है जब तक आपके पास डायरेक्ट ग्राहक नहीं आ जाते। जब आप अपना प्रोडक्ट सोशल मीडिया के प्लेटफार्म के माध्यम से ऑनलाइन बेचने के लिए तैयार हो जायें तब आपको मार्केटिंग के कुछ खास उपाय करने होंगे। इनमें से कुछ खास उपाय इस प्रकार हैं:-
1. फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपना एकाउंट बनायें और उसमें लगातार अपनी मौजूदगी बनाये रखें। आप यह समझ लीजिये कि आपने इन प्लेटफार्म पर अपनी एक ऑनलाइन दुकान खोल ली और उसमें आपको अपने ग्राहकों को बुलाना है, उसके लिए उपाय करना शुरू कर दें।
2. अपने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए अपने प्रोडक्ट को इन सोशल मीडिया के प्लेट फार्म पर प्रचारित करें। इसके लिए अच्छा कैटलॉग तैयार करायें और अपलोड करें। इस कैटलॉग में आपके प्रोडक्ट की तस्वींरें और सभी तरह की जानकारियां उपलब्ध होनी चाहिये। कोशिश करें कि आपकी वेबसाइट लैपटॉप, डेस्कटॉप और मोबाइल यूजर्स के लिए काफी सुविधाजनक और आकर्षक होनी चाहिये। जिससे आपके प्रोडक्ट का अच्छा लुक दिखाई दे।
3. यदि आप अपने प्रोडक्ट को अपनी वेबसाइट से चलाने के लिए किसी सोशल मीडिया अथवा किसी एडवरटाइजिंग कंपनी की सेवायें लेना चाहें तो उसे कम से कम पेमेंट पर शुरू करें। इसका परिणाम सामने आने के बाद ही अगला कोई कदम बढ़ायें।
4. आपको अपने प्रोडक्ट को सेल करने के लिए प्रचार आदि पर विशेष ध्यान देना होगा। उस समय आपको इस बात का भी विशेष ध्यान रखना होगा कि इंटरनेट पर तो करोड़ों-अरबों यूजर हैं, उन सभी को टारगेट नहीं करना है बल्कि आपको अपने प्रोडक्ट से जुड़े खास वर्ग को ही अपने प्रोडक्ट को जानकारी देनी है। जो आपके पास खरीद के लिए आ सकते हैं। उदाहरण के लिए यदि आप महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी कोई प्रोडक्ट बेचना चाहते हैं तो आपको उस उम्र की महिलाओं को ही टारगेट करके अपना प्रचार करना होगा, जिन्हें इस तरह के प्रोडक्ट की जरूरत है। उसका लाभ केवल एक वर्ग यानी महिला वर्ग ही ले सकता है। आम तौर पर इस तरह के प्रोडक्ट को खरीदने वाली महिलाओं में 25 से 45 वर्ष की उम्र वाली होतीं हैं। इस बारे में सोशल मीडिया के एक्सपर्ट भी आपके बिजनेस के बारे में आपकी मदद भी कर सकते हैं।
3. अपने कस्टमर्स से नजदीकियां बढ़ाने के प्रयास करें
जब आपने अपनी वेबसाइट बनवा ली और अपना ई स्टोर भी तैयार करवा लिया तो आपको अगला कदम उठाते हुए अपने ग्राहकों की ऑनलाइन तलाश तेज कर देनी चाहिये। अपने ग्राहकों से सम्पर्क बढ़ाने के लिए कुछ खास उपाय करने होंगे।
आप यदि अपनी वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन बिजनेस करते हैं। आपको इंस्टाग्राम, फेसबुक, व्हाटसऐप व अन्य किसी सोशल मीडिया प्लेट के माध्यम से सीधे ग्राहक मिलते हैं। इसके अलावा प्रोडक्ट खरीदने के लिए आपसे सीधे कॉल करके ऑर्डर देते हैं तो आपको उस समय ऑर्डर लेने से लेकर डिलीवरी देने के बाद पेमेंट लेने तक बहुत अधिक सावधानी बरतनी होगी। आपको अपनी डिलीवरी की पैकिंग, डिलीवरी का टाइम, प्रोडक्ट सही सलामत पहुंचाने आदि की बहुत अच्छी व्यवस्थाएं करनी होंगी। इसके अलावा आप अपने कस्टमर्स को कुछ खास सुविधाएं दें जैसे अपने प्रॉफिट का मामूली हिस्सा कैशबैक दें या कोई छोटा मोटा ऑफर या गिफ्ट आदि दे सकते हैं। तो उसका लाभ आपको अच्छा मिल सकता है। इस दौरान कस्टमर्स की डीलिंग इतनी अच्छी होनी चाहिये कि वह आपके व्यवहार से खुश हों। आपको प्रोडक्ट को सेल करते समय उसकी सारी डिटेल दे देनी चाहिये। आपके द्वारा दी गई डिटेल बिलकुल सही होनी चाहिये क्योंकि ऑनलाइन बिजनेस पूरी तरह से विश्वास पर ही टिका होता है। इसके लिये ये सावधानियां अवश्यक बरतें:-
1. ग्राहक का नाम, मोबाइल नंबर, डिलीवरी का पता, पेमेंड मोड, कौन सा आइटम कितनी मात्रा व संख्या में खरीदने के इच्छुक हैं। यदि कोई बड़ी खरीद कर रहे हैं तो उसका पेमेंट एकसाथ करेंगे या पार्ट में करेंगे, इन सब बातों की अच्छी तरह से पुष्टि कर लेनी होगी।
2. इसके बाद यह भी अच्छी तरह से चेक कर लें ग्राहक द्वारा बताये डिलीवरी प्वाइंट पर आप उनकी डिमांड की प्रोडक्ट को आसानी से समय पर पहुंचा भी सकते हैं या नहीं।
3. लोकेशन के आधार पर यह तय करें कि उसमें कोई शिपिंग चार्ज लगता है या नहीं। यदि कोई शिपिंग चार्ज लागू हो तो ग्राहक को यह बताना आवश्यक होता है कि इसमें शिपिंग शुल्क भी शामिल है।
4. एक बार कोई ग्राहक आपको आर्डर दे देता है तो आपको उससे पेमेंट लेने के लिए डिलीवरी पैकेज के साथ-साथ इन्वाइस यानी प्राप्ति की रसीद आदि तैयार करके भेजनी चाहिये।
दूसरा यह है कि आप यदि किसी बड़ी ई कॉमर्स कंपनी के लिस्टेड बिजनेस मैन हैं तो आपको किसी बात की चिंता करने की आवश्यकता नहीं हैं क्योंकि वे कंपनियां अपनी मार्केटिंग खुद करतीं हैं। इसके लिए आपको आर्डर लेने से लेकर उसकी डिलीवरी तक की सारी अच्छी व्यवस्थायें करनी होतीं हैं। इस तरह के बिजनेस में आपको पेमेंट की किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है क्योंकि आप किसी कस्टमर से डायरेक्ट पेमेंट नहीं लेनी होती है बल्कि बड़ी कंपनी आपको अपनी टर्म्स कंडीशन के अनुसार पेमेंट करतीं है।
4. सस्ती और अच्छी सर्विस देने वाले लॉजिस्टिक कंपनी को तलाशें
जब आपको ग्राहकों के ऑर्डर मिलने लगें तो आपको अपने बिजनेस को विश्वसनीय बनाने के लिए एक अच्छी व सस्ती दरों वाली भरोसेमंद लॉजिस्टिक कंपनी को तलाशना होगा। उसके साथ टाइअप करते समय प्रोडक्ट को सही पते पर, सही समय पर, सही सलामत पहुंचाकर वहां से पेमेंट लाने की प्रमुख बातें तय कर लेना चाहिये। ऐसी किसी कंपनी से एग्रीमेंट नहीं करना है जिनके रेट थोड़े-थोड़े समय पर बढ़ते रहते हों, जिनके डिलीवरी मैन अपनी सर्विस में लापरवाही बरतते हों। यह भी देखना होगा कि आपने अपने प्रोडक्ट को डिलीवरी करने के लिए जो राशि तय की है उतने में लॉजिस्टिक कंपनी काम करने को तैयार है या नहीं। इसके अलावा कभी-कभी ऑर्डर देने के बाद किसी कारण से कैश ऑनडिलीवरी नहीं हो पाती है तो उस स्थिति में लॉजिस्टिक कंपनी किसी तरह का आपके साथ सहयोग करने को तैयार है। यानी अपने चार्ज में किसी तरह की छूट देने को तैयार हो, उसी कंपनी को चुनना होगा।
5. पेमेंट के जोखिम के लिए भी तैयार रहें
जब आपकी लॉजिस्टिक कंपनी का डिलीवरी मैन आपके प्रोडक्ट को आपके द्वारा दिये गये पते पर ग्राहक को पहुंचा देता है तब उस ग्राहक से नकदी में पेमेंट ले लेता है और उसमें अपना शिपिंग चार्ज का हिस्सा काट कर बाकी रकम आपको दे देगा।
यदि आपको पेमेंट नहीं मिलती है तो आपका प्रोडक्ट रिटेलर को वापस चला जायेगा लेकिन लॉजिस्टिक कंपनी को शिपिंग चार्ज और कैश ऑन डिलीवरी चार्ज दोनों का ही भुगतान करना होगा। इस तरह की अप्रिय स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहें। ऐसी स्थिति तब आ सकती है जब किसी कारण से ग्राहक अपने द्वारा दिये पते पर उपलब्ध न हो अथवा आपके डिलीवरी मैन को ग्राहक द्वारा दिया गया पता न मिल पाया हो।
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