जीएसटी ए.आर.एन क्या है?
इसके बिना आपका कौन सा काम रुक सकता है
2014 में पहली बार सत्ता में आने के तीन वर्षों के बाद 2017 में नरेन्द्र मोदी सरकार ने नया व्यापारिक कानून जीएसटी (गुड्स एण्ड सर्विट टैक्स) लागू कर दिया। उस समय अचानक इस कानून को लागू करने का जबर्दस्त विरोध किया गया। व्यापारियों ने पूरे देश में कड़ा विरोध किया। सरकार ने इसे ‘एक देश-एक टैक्स’ कह कर व्यापारियों को समझाया। साथ ही यह भी बताया गया कि अब तक व्यापारियों में राज्य से लेकर केन्द्र सरकार की ओर से लगाये जाने वाले अनेक टैक्सों को समाप्त कर उसकी जगह यह नया कानून लाया गया है। इस कानून को लागू करने के बाद व्यापारियों के समक्ष नई समस्या यह उत्पन्न हुई कि वे अपना कारोबार कैसे करें क्योंकि टैक्स के बिना कारोबार करना कानूनी कार्रवाई को निमंत्रण देना है।
इसके बाद व्यापारियों ने धड़ाधड़ जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करने के लिए अप्लाई करना शुरू कर दिया। व्यापारियों की भीड़ को देखते हुए सरकार ने यह फैसला किया कि जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करने वाले व्यापारियों को किसी तरह की परेशानी न हो। साथ ही जीएसटी विभाग में रजिस्ट्रेशन की कार्रवाई के स्टेटस को जानने के लिए व्यापारियों को एक कोड नंबर दिया गया , जिसे एआरएन कहा गया। इस एआरएन का मतलब एप्लीकेशन रेफरेंस नंबर यानी आवेदन संदर्भ संख्या है। इस नंबर से आप जीएसटी के रजिस्ट्रेशन के लिए अपने आवेदन पर हो रही सरकारी कार्रवाई को पल-पल देख सकते हैं।
जीएसटी के तहत एआरएन नंबर यानी एप्लिकेशन रेफरेंस नंबर का प्रतिनिधित्व करता है। अर्थात आपके द्वारा जीएसटी के रजिस्ट्रेशन के आवेदन के बारे में जांच पड़ताल करने का एक कोड नंबर है। जिसकी मदद से आपके आवेदन पत्र को आसानी से खोजा जा सकता है और उस पर हो रही कार्रवाई से अवगत कराया जाता है। इस नंबर के बिना आपके जीएसटी रजिस्ट्रेशन के आवेदन को खोज पाना मुश्किल होता है। जीएसटी एआरएन नंबर, जीएसटी के लिए आवेदन पत्र जीएसटी विभाग में जमा करने के बाद आटोमेटिक जीएसटी वेबसाइट पर क्रिएट हो जाता है। इस एआरएन नंबर के लिए विभाग की ओर से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है यानी पूरी तरह निशुल्क होता है। एआरएन नंबर एक आवेदन फॉर्म नंबर जैसा होता है। इसको जीएसटी पंजीकरण की स्थिति की जांच के लिए उपयोग किए किया जाता है। जीएसटी के तहत पंजीकरण के प्रमाण के लिए यह नंबर उम्मीदवारों को उनके ई मेल पर या मोबाइल फोन पर भेजा जाता है। इस एआरएन नंबर का महत्व तभी तक है जब तक जीएसटी प्रमाण पत्र और जीएसटीएन सरकार द्वारा जारी नहीं किया जाता है। इसीलिये सरकार द्वारा करदाताओं से अपने एआरएन नंबर को सुरक्षित रखने को कहा जाता है। क्योंकि एआरएन नंबर को स्थिति की जांच करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। बिना इसके जीएसटी आवेदन की एआरएन स्टेटस ट्रैक नहीं किया जा सकता है।
क्या मतलब होता है 15 अंकों वाला एआरएन नंबर का?
जीएसटी में एआरएन नंबर में 15 डिजिट होते है। प्रत्येक करदाता पर एक अलग एआरएन नंबर होता है। इन 15 डिजिट का क्या मतलब होता है। यह जानना काफी महत्वपूर्ण है। एआरएन नंबर में पहली दो संख्या वर्णमाला में से आते है। जो की राज्य के नाम को दर्शाते हंै। उसके बाद अगली दो संख्या राज्य के कोड को दर्शाती हंै।
फिर उसके बाद आने वाली दो संख्या एआरएन नंबर की प्राप्त महीना दर्शाते हंै। अगली दो संख्या एआरएन नंबर प्राप्त करने का वर्ष बताते है। जैसे की 2019, 2018
अगले छ: डिजिट सिस्टम जनरेट कोड के बारे में बताते हैं। आखिर मेंं बचा एक डिजिट संख्या का कार्य अंकों की जाँच करने के लिए होता है।
जीएसटी आवेदन की एआरएन से स्टेटस चेक करने की प्रक्रिया
जीएसटी आवेदन की एआरएन स्टेटस चेक या फिर जीएसटी रजिस्ट्रेशन को ट्रैक चेक करने के लिए सबसे पहले जीएसटी की आधिकारिक वेबसाइट gst.gov.in पर जाएं । वहां सर्विस>रजिस्ट्रेशन> ट्रैक एप्लिकेशन पर क्लिक करें। क्लिक करने के बाद अपना एआरएन नंबर दर्ज करें और फिर वहां दिख रहे कैप्चा कोड को भरे, जिसके बाद सर्च पर क्लिक करें। सर्च पर क्लिक करने के बाद ट्रैक एप्लीकेशन स्टेटस पेज पॉप अप हो जाएगा। इसके बाद जीएसटी रजिस्ट्रेशन एप्लिकेशन सबमिट करने के बाद आपको जो एआरएन नंबर मिला है, उसे दर्ज करें। एआरएन नंबर दर्ज करने के बाद आप अपने नामांकन आवेदन की एआरएन स्टेटस देख पाएंगे। इतना ही नहीं, आपका एआरएन नंबर स्टेटस आपके द्वारा रजिस्टर कराये गये फोन नंबर पर भेजा जाएगा।
एआरएन नंबर का सबसे महत्वपूर्ण काम क्या है?
व्यापारियों द्वारा जीएसटी में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने के बाद यह कैसे मालूम होगा कि उनके आवेदन में क्या कमियां रह गर्इं हैं, कौन से कागज नहीं है, आवेदन में कहां क्या छूट गया है। एआरएन नंबर द्वारा जब आवेदन का ट्रैक किया जाता है तो ये सारी बातें मालूम होतीं रहतीं हैं। जिससे व्यापारी फालतू की भागदौड़ किये बिना ही अपने आवेदन की कमियां दूर कर सकता है। इससे उसके आवेदन के खारिज होने के अवसर कम हो जाते हैं। आवेदन के खारिज होने से व्यापारी को घबड़ाना नहीं चाहिये। बल्कि उन कमियों और त्रुटियों को बारीकी से देखना चाहिये। यदि ये त्रुटियां आॅनलाइन सही हो सकतीं हैं तो उन्हें सुधारने का प्रयास करना चाहिये। इसके बाद यदि ये त्रुटियां समझ में नहीं आतीं हैं तो जीएसटी के जानकार लोगों से राय मशविरा करके त्रुटियों की पूरी जानकारी लेकर उनके समाधान के तरीके जानकर उनका समाधान करना चाहिये। इसलिये जब भी एआरएन नंबर से अपने आवेदन की जांच करें तो आवेदन के कैंसिल होने से हताश नहीं होना चाहिये क्योंकि किसी खास कारणों से आवेदन कैंसल भी हो जाए तो दोबारा पुन: नये सिरे से आवेदन किया जा सकता है।
जीएसटी आवेदन का स्टेटस चेक करने पर मिलने वाले संकेतों का मतलब समझें
जब आप एआरएन नंबर के साथ जीएसटी एप्लिकेशन की जांच करते हैं, तो स्टेटस के कई संकेत दिये जाते हैं। उनका क्या मतलब होता है, उसे इस तरह से जाने। जैसा कि आपको चेक करने पर प्रोविजनल दिखाई देता है। इसका मतलब यह है कि आपके आवेदन का दस्तावेजीकरण नहींं किया गया है यानि आपके रजिस्ट्रेशन का कार्य पहले चरण में है। आपकी प्रोविजनल आईडी तैयार हो गई है। यदि चेकिंग के समय सस्पेंडेड या प्रक्रिया का लम्बित होने का संकेत मिले तो आपको यह समझना चाहिये कि आपका आवेदन दूसरे चरण में पहुंच गया है जहां पर आपके द्वारा प्रस्तुत किये गये दस्तावेजों की जांच चल रही है यानी सत्यापित किया जा रहा है। अगर कहीं पर एरर या त्रुटि होने का संकेत मिले तो यह समझना चाहिये कि आपके द्वारा प्रस्तुत पैन कार्ड अथवा अन्य दस्तावेजों की जानकारी असली दस्तावेजों से अलग है, जिसकी वजह से आपको दुबारा फार्म भरना पड़ेगा। इसी तरह माइगे्रटेड का संकेत बताता है कि आपका जीएसटी का आवेदन अभी भी प्रभावी है और उस पर कार्यवाही चल रही है। यदि स्वीकृत का संकेत मिले तो यह समझना चाहिये कि कुछ फाइनल फेस के काम बाकी हैं जिनके पूर्ण होते ही आपको जल्द से जल्द जीएसटीआईएन और जीएसटी पंजीकरण पत्र मिल जायेगा। खारिज होने का संकेत मिलने पर आपके आवेदन में कोई बड़ी गलती के कारण उसे खारिज कर दिया गया है और आप नये सिरे से आवेदन करें।
एआरएन नंबर कैसे डाउनलोड करें?
ऑनलाइन जीएसटी पोर्टल की सहायता से आप एआरएन नंबर भी डाउनलोड कर सकते है। एआरएन नंबर को डाउनलोड करने के लिए आपको सबसे पहले आपको भारत सरकार की तरफ से दिया गया ऑनलाइन जीएसटी पोर्टल पर जाना होगा। इस पर जाने के लिए आपको इस लिंक gst.gov.in पर क्लिक करना होगा।
ऑनलाइन पोर्टल पर आने के बाद, आपको अकाउंट लॉगिन करना है। अकाउंट लॉगिन हो जाने के बाद, आपके सामने डैशबोर्ड नाम का पेज दिखाई देगा। इसमें आपको पंजीकृत व्यक्ति की कुछ जानकारी देखने को मिलेगी। जिसमे पोर्टल में पंजीकरण करवाने के लिए आपका स्वागत किया जायेगा। इसके नीचे नीले रंग का एक कंटिन्यू नाम का बटन देखने को मिलेगा। आपको उसी पर क्लिक करना है । डैशबोर्ड पेज पर आने के बाद, अब आपको अगले पेज पर पंजीकृत व्यक्ति की कुछ जानकारी देखने को मिलेंगी। जैसे की प्रोविजनल आईडी, प्रोफाइल, ण्प्लिकेशन टाइप आदि जैसे विकल्प देखने को मिलेंगे। इस पेज में सबसे ऊपर आने पर नीले रंग की पट्टी में डैशबोर्ड नाम का ऑप्शन दिखाई दे रहा होगा। अब आपको उसी पर क्लिक करना है। डैशबोर्ड विकल्प पर क्लिक करने के बाद, अब आपको कुछ नए ऑप्शन देखने को मिलेंगे। इन विकल्प में से एक विकल्प माई सेव एप्लीकेशन नाम का दिखाई दे रहा होगा। अब आपको उसी पर क्लिक करना है। माई सेव एप्लीकेशन विकल्प पर क्लिक करने के बाद, अब आपको एक नई विंडो देखने को मिलेगी। जिसमें पंजीकृत व्यक्ति की गोपनीय जानकारी आपको देखने को मिलेगी। इसके और नीचे आने पर आपको दो ऑप्शन देखने को मिलेंगे। पहला है पावती डाउनलोड करें बटन पर क्लिक करने के बाद, आपके पेज में सबसे नीचे की ओर देखने पर एक फॉर्म डाउनलोड होने लगेगा।जिसका नाम एक्नॉलेजमेंट फॉर्म (पावती फॉर्म) होगा। इस फॉर्म में आपको सबसे ऊपर देखने पर एआरएन नंबर प्राप्त होगा। उसके बाद, नीचे आने पर कुछ जानकारियाँ देखने को मिलेगी। जैसे की करदाता का नाम, भरने की तारीख, प्रोविजनल आईडी नंबर आदि जैसी जानकारी देखने को मिलेगी। इस तरह से अपना जीएसटी में एआरएन नंबर डाउनलोड कर सकते है।
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