NEFT kya hai: क्या हैं इसके फायदे, कैसे होता है इसका इस्तेमाल
हम डिजिटल जमाने में रह रहे हैं। जहां लेन-देन के लिए बैंक के चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं बल्कि मोबाइल व लैपटॉप पर घर, दुकान कहीं से भी यह काम हो जाता है। विशेषकर 2016 में जब डिजिटल इंडिया का अभियान शुरू किया गया था तब से प्रत्येक व्यक्ति ऑनलाइन लेन-देन को बढ़ावा देने में जुटा हुआ है। इसका कारण यह है कि बैंकों द्वारा ऑनलाइन लेन-देन की अनेक सुविधाएं दी जा रहीं हैं। बैंकों के अलावा अब अनेक प्राइवेट एवं मल्टीनेशनल कंपनियां भी इस क्षेत्र में आ गयीं हैं जो देश और देश से बाहर भी ऑनलाइन भुगतान करने में हर तरह से मदद कर रहीं हैं। इससे आज कारोबारियों से लेकर आम आदमी को सभी तरह का लेन-देन करना बहुत आसान हो गया है।
सबसे अधिक भरोसेमंद और सुविधाजनक है एनईएफटी
छोटे-मोटे ऑनलाइन भुगतान करने के लिए अधिकांश लोग प्राइवेट कंपनियों पेटीएम, फोन पे, गूगल पे आदि का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इनके इस्तेमाल करने का तरीका काफी सरल और आसान होता है। इनको पढ़ा लिखा व्यक्ति और बिना पढ़ा लिखा व्यक्ति भी इस्तेमाल कर सकता है। इन कंपनियों ने 5 रुपये से कम तक के भी भुगतान को करने की सुविधा दी है, जिसका लाभ छोटे-छोटे दुकानदार व स्टूडेंट, युवा और आम ग्राहक अपनी छोटी-छोटी चीजों को खरीदने में उठाते हैं। ऑनलाइन भुगतान की सुविधा देने की होड़ में अनेक कंपनियों में कुछ खामियां भी पायीं गयीं हैं जिसका लाभ उठाकर साइबर क्रिमिनल आप उपभोक्ताओं को अपनी नई नई तिकड़म से चूना भी लगाते रहते हैं। साइबर कानून अभी इतना सख्त नहीं है और न ही साइबर कानून को लागू करने वाले पुलिस विभाग के अधिकारी ही इतने एक्सपर्ट हैं कि साइबर अपराधियों को पकड़ कर उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलवा सकें। इस वजह से बड़ा भुगतान करने वाले व्यापारी, कारोबारी, उद्यमी, फर्मों के संचालक व निजी तौर पर बड़ा लेन-देन करने वाले आज भी बैंकों पर ही सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं। बैंकों के माध्यम से आम आदमी आरजीटीएस, आईएमपीएस और एनईएफटी के माध्यम से ऑनलाइन व ऑफलाइन लेन-देन आसानी से कर सकता है।
NEFT kya hai | कब हुई थी शुरुआत, कितनी सुविधाएं बढ़ीं
एनईएफटी की शुरुआत 2005 में रिजर्व बैंक द्वारा इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेन्ट एण्ड रिसर्च इन बैंकिंग टेक्नोलॉजी (Institute for Development and research in Banking Technology) की मदद से शुरू की गयी थी। शुरू-शुरू में तो कुछ ही बैंकों की प्रमुख शाखाओं में यह सुविधा दी गयी थी। धीरे-धीरे इसका विस्तार किया गया लेकिन 2016 में डिजिटल इंडिया अभियानके तहत इस सुविधा का पूरे देश में तेजी से विस्तार किया गया। एनईएफटी को बैंक की उन शाखाओं के माध्यम से एक खाते से दूसरे खाते में पैसों के लेनदेन का काम शुरू किया गया था, जहां पर एनईएफटी की विशेष सुविधाएं उपलब्ध थीं। एनईएफटी से एक खाते से दूसरे खाते में पैसा तत्काल नहीं जाता है बल्कि इसमें एक घंटे का समय लगता है। शुरुआत में एनईएफटी के माध्यम से पैसे भेजने के लिए प्रत्येक घंटे में एक बैच भेजने की व्यवस्था थी। इस प्रकार से 24 घंटे में कुल 23 बैच ही भेजे जाते थे। इसका मतलब यह होता था कि प्रत्येक घंटे में जितने लोगों ने एक खाते से दूसरे खाते में पैसे भेजे हैं, उन सभी को इकट्ठा करके एक बैच में भेजा जाता था। लेकिन 16 दिसम्बर 2016 से अब प्रत्येक आधे घंटे में एक बैच में पैसा भेजे जाने की व्यवस्था की गयी है। इस प्रकार से अब प्रतिदिन 48 बैच भेजे जाते हैं।
कितनी बैँक शाखाओं में है एनईएफटी की सुविधा
2005 में यह सुविधा कुछ ही बैंक शाखाओं में उपलब्ध थी लेकिन 30 नवम्बर 2019 से एनईएफटी की सुविधा देश के 216 बैंकों की 1,48,477 ब्रांचों में शुरू कर दी गयी है। सरल और सुरक्षित लेन-देन के कारण एनईएफटी की सुविधा आम लोगों में काफी लोकप्रिय है। एनईएफटी में अब पैसों के लेन-देन की कोई सीमा नहीं रखी गयी है।
Detailed process for NEFT | एनईएफटी की क्या है पूरी प्रक्रिया
नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रांसफर को एनईएफटी कहते हैं। एनईएफटी की सुविधा बैंकों की सभी शाखाओं पर उपलब्ध नहीं होती है बल्कि बैंकों की जिन खास-खास शाखाओं में यह सुविधा उपलब्ध होती है, उसकी सूचना रिजर्व बैंक के पास रहती है और रिजर्व बैंक अपनी वेबसाइट में इन बैंकों की सूची प्रसारित करता है। इसलिये एनईएफटी सुविधा वाली शाखाओं की जानकारी के लिए रिजर्व बैंक की वेबसाइट से मदद ली जा सकती है। एनईएफटी सुविधा वाली एक बैंक शाखा से दूसरी एनईएफटी सुविधा वाली शाखा में ही एनईएफटी की जा सकती है।
एनईएफटी तीन तरह से की जा सकती है।
1. ऑफलाइन: बैंक की शाखा में जहां आपका खाता है, वहां जाकर एनईएफटी की जा सकती है।
2. ऑनलाइन: जिन खाताधारकों के पास नेटबैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग की सुविधा है, वे अपने घर या दूकान, कंपनी, फर्म, इंस्टीट्यूट, फैक्ट्री आदि कहीं से एनईएफटी कर सकते हैं।
3. कुछ खास बैंकों ने अपने ग्राहकों को एटीएम के माध्यम से भी एनईएफटी करने की सुविधा प्रदान की है।
किस तरह से भेजे जाते हैं पैसे
ऑफलाइन: देनदार खाताधारक को ऑफलाइन पेमेंट के लिए अपने खाते वाली बैंक की शाखा में जाकर एनईएफटी करने के लिए निर्धारित फार्म भरना होता है। इस फार्म में प्राप्त करने वाले व्यक्ति के खातेदार का नाम, खाता नंबर, बैंक व उसकी शाखा का नाम, बैंक का आईएफएससी कोड, बैंक का खाता किस प्रकार का है यानी सेविंग एकाउंट है या करेंट एकाउंट है एवं दी जाने वाली राशि की पूरी जानकारी लिखित रूप से बैंक अधिकारी/कर्मचारी को देनी होगी। उसके बाद बैंक अपनी कार्रवाई पूरी करता है।
इसी तरह से ऑनलाइन नेटबैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग या एटीएम कार्ड के माध्यम से एनईएफटी की जा सकती है।
आंतरिक प्रक्रिया
- देनदार व्यक्ति की बैंक शाखा अपने ग्राहकों से प्राप्त एनईएफटी के बारे में मैसेज, अपने पूलिंग सेंटर ( जिन्हें एनईएफटी सर्विस सेन्टर भी कहा जाता है) को भेजती है।
- ये पूलिंग सेंटर अपनी शाखाओं से मिले एनईएफटी के मैसेज एनईएफटी क्लियरिंग सेन्टर को भेजते हैं। ये क्लियरिंग सेंटर रिजर्व बैंक द्वारा चलाये जाते हैं। इन मैसेज को अगले विभिन्न शाखाओं में भेजे जाने वाले बैच में शामिल किया जाता है।
- क्लियरिंग सेन्टर देनदार बैंकों की शाखाओं के सारे मैसेज इकट्ठा करके प्राप्तकर्ता बैंक की शाखाओं के अनुसार सारा हिसाब-किताब तैयार करके उनके पास सारी डिटेल भेजा देता है। प्राप्त कर्ता बैंक अपने पूलिंग सेंटरों के माध्यम से अपने-अपने मैसेज रिसीव कर लेते हैं और उसके बाद निर्दिष्ट खाते में रकम की एंट्री करते हैं।
Step-wise process for NEFT transactions in Hindi | ऑन लाइन एनईएफटी करने की क्या है प्रक्रिया
- स्टेप 1. आपके पास नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग है तो सबसे पहले आपको अपना नेट बैंकिंग एकाउंट को लॉगइन करना चाहिये।
- स्टेप 2. जिस व्यक्ति को आपको पेमेंट देना है तो उसका नाम पेयी (payee) यानी भुगतान पाने वाले के रूप में आपको अपने एकाउंट में ऐड करना होगा यानी जोड़ना होगा। इसके लिए आपको पैसे पाने वाले का नाम, खाता नम्बर, बैंक का नाम, बैंक की शाखा का नाम, शाखा का आईएफएससी कोड, और खाते का वर्ग यानी सेविंग या करेंंट एकाउंट आदि का विवरण भरना होगा।
- स्टेप 3. जब आपके पाए पेयी के रूप में जिसका नाम ऐड हो जायेगा उसके बाद आप उसको एनईएफटी आसानी से कभी भी कर सकते हैं। इसके बाद आपको फण्ड ट्रांसफर सेक्शन में जाना होगा।
- स्टेप 4. अब आपको देने वाले का एकाउंट सेलेक्ट करना होगा, उसके बाद उसमें जितने पैसे भेजने हैं उतने भरें और भेज दें।
इस बात का ध्यान रहे कि एनईएफटी के माध्यम से भेजे जाने वाले पैसे का भुगतान तत्काल नहीं होता है बल्कि इसमें कम से कम एक घंटे का समय लगता है क्योंकि प्रत्येक आधे घंटे में एक बैच निकलता है, जिसकी कार्रवाई पूरी होने में एक घंटे का समय लग ही जाता है।
एनईएफटी की सेवा का उपयोग किस तरह के भुगतान में किया जा सकता है।
1. पहला तो आपको किसी प्रकार के व्यावसायिक या अव्यावसायिक भुगतान करना हो उसे आसानी से किया जा सकता है।
2. आपने किसी प्रकार लोन लिया हो या बीमा कराया हो अथवा किसी सरकारी, गैरसरकारी किस्तों का भुगतान करन हो उसे भी एनईएफटी से किया जा सकता है।
3. आप क्रेडिट कार्ड के बकाये का भुगतान भी एनईएफटी के माध्यम से कर सकते हैं।
4. आप केवल किसी एक व्यक्ति को ही नहीं बल्कि गु्रप में भी भुगतान एनईएफटी के माध्यम से कर सकते हैं।
बिना खाते वाला व्यक्ति भी कर सकता है एनईएफटी
एनईएफटी की सुविधा वो व्यक्ति भी प्राप्त कर सकता है जिसका किसी भी बैंक में खाता नहीं हो लेकिन प्राप्त करने वाले व्यक्ति का खाता होना जरूरी है।
इसके लिए जिस व्यक्ति को एनईएफटी के माध्यम से भुगतान करना हो, उसे बैंक को अपने नाम, पता, सम्पर्क करने का मोबाइल नंबर, ईमेल आदि की पुख्ता जानकारी देनी होगी यानी दस्तावेजी सबूत देने होंगे। उसके बाद आप बैंक की शाखा से किसी भी व्यक्ति को एक बार में अधिक से अधिक 50 हजार रुपये भेज सकते हैं।
एक बार में कितनी रकम भेजी जा सकती है
- एनईएफटी से रकम भेजने की कोई सीमा नहीं रखी गयी है लेकिन इसमें एक बार में 50 हजार रुपये से अधिक नहीं भेजे जा सकते हैं।
- एनईएफटी की सुविधा छोटे भुगतान व सुरक्षित भुगतान के लिए शुरू की गयी है। इसको इस्तेमाल करने के आसान तरीके के कारण ही एनईएफटी उन लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है, जो छोटे-छोटे भुगतान करना चाहते हैं।
किससे लिया जाता है एनईएफटी का चार्ज
- एनईएफटी प्राप्त करने वाले व्यक्ति से पैसे प्राप्त करने का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।
- 1 जनवरी 2020 को बैंकों को यह सलाह दी गयी है कि सेविंग बैंक एकाउंट वालों से ऑनलाइन एनईएफटी करने के चार्ज नहीं लिये जायें।
इसके अलावा ऑफलाइन और अन्य तरह के खातों से रोजाना और भारी संख्या में एनईएफटी करने वालोें से चार्ज लिये जाने की व्यवस्था की गयी है।
एनईएफटी पर लिये जाने वाले चार्ज का विवरण
- 1000 से 10,000 रुपये तक 2.50 रुपये और जीएसटी
- 10,000 से 1 लाख रुपये तक 5.00 रुपये और जीएसटी
- 1 लाख से 2 लाख रुपये तक 15 रुपये और जीएसटी
- 2 लाख रुपये तक 25 रुपये और जीएसटी
एनईएफटी कराने के दिन व समय
एनईएफटी साल में 365 दिन नहीं होती है। बैंकों के अनुसार एनईएफटी दूसरे, चौथे शनिवार और सरकारी अवकाश के दिनों में नहीं होती है। इसलिये एनईएफटी कराने वालों को बैंकों की सरकारी छुट्टियों का विशेष ध्यान रखना होता है।
एनईएफटी कराने का समय
- ऑफलाइन एनईएफटी
बैंकों की सक्षम शाखाओं में एनईएफटी कराने का समय सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक का समय निर्धारित है लेकिन अधिकांश बैंक शाम 6बजे तक खुलते अवश्य है लेकिन पब्लिक का काम केवल शाम 4 बजे तक ही करते हैं, उसके बाद ग्राहकों द्वारा दिन भर के लेन-देन से सम्बन्धी बैंक के आंतरिक कार्य होते हैं। इसलिये ऑफलाइन यानी बैंक की शाखाओं में जाकर एनईएफटी कराने वालों के शाम चार बजे से पहले का समय सबसे उपयुक्त रहता है।
- ऑनलाइन एनईएफटी
ऑनलाइन एनईएफटी कराने के लिए ग्राहकों को सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक समय निर्धारित है। नेटबैंकिंग से एनईएफटी करने वाले बैंक के ग्राहक बैंकों की छुट्टियों के दौरान एनईएफटी नहीं कर सकते हैं।
Benefits of NEFT in Hindi | एनईएफटी कराने के फायदे
एनईएफटी कराने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इसके माध्यम से पैसे का लेन-देन पूरी तरह से सुरक्षित रहता है। यह कार्य रिजर्व बैंक द्वारा संचालित क्लियरेंस सेंटर द्वारा कार्य किये जाने से किसी प्रकार की गड़बड़ी होने की संभावना नहीं रहती है। यदि किसी तकनीकी गड़बड़ी हो भी जाये तो आपका पैसा सुरक्षित रहता है और वापस खाते में आ जाता है।
एनईएफटी कराये जाने की बैंकों द्वारा मनी ट्रांसफर की सबसे कम फीस ली जाती है। एनईएफटी कराये जाने की प्रक्रिया बहुत ही आसान है।
एनईएफटी करने वाले सक्षम बैंक शाखाएं पूरे देश में उपलब्ध हैं। बैंक ग्राहक देश के किसी कोने में बैठे अपने लेनदार का आसानी से सुरक्षित भुगतान कर सकते हैं।मनीट्रांसफर के अन्य प्राइवेट मोड में होने वाली किसी प्रकार की घपलेबाजी से पूरी तरह सुरक्षित है एनईएफटी। इस कारण छोटे व्यापारी व कामकाजी व्यक्ति इस पर सबसे अधिक विश्वास करते हैं।
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