जम्मू कश्मीर का फेमस स्ट्रीट फूड और कैसे शुरू कर सकते हैं आप इसका बिज़नेस भारत में कहीं भी

हाल ही के दिनों में अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद खबरों में रहा जम्मू कश्मीर भारत सरकार के द्वारा अब एक राज्य नहीं बल्कि केंद्र शासित प्रदेश के रूप में प्रशासित किया जाएगा।

बहुत समय से पाकिस्तान और चीन के साथ डिस्प्यूट के कारण कश्मीर का टूरिज्म बुरी तरीके से प्रभावित हुआ है, क्या आपको पता है कि अनुच्छेद 370 को हटाने से पहले जम्मू कश्मीर का अपना एक अलग संविधान होने के साथ-साथ खुद का अलग झंडा भी होता था।

यदि नहीं पता तो, आपको बता दें की जम्मू कश्मीर अपनी विधानसभा के अनुसार निर्मित संविधान का पालन करता आ रहा है और वहां पर इतने समय तक इंडियन पीनल कोड की जगह खुद की बनाई हुई रणबीर संहिता के द्वारा उपद्रव और अनैतिक कार्यों को नियंत्रित किया जाता था।

हिमालय की गोद में बसा हुआ जम्मू कश्मीर दूसरे भारतीय राज्यों की तुलना में टूरिज्म के क्षेत्र में बहुत ही आगे है, क्योंकि यहां पर दूसरे भारतीय राज्यों की तरह गर्मी का अनुभव नहीं होता बल्कि लगभग हर समय कड़ाके की सर्दी रहती है।

अभी कुछ समय पहले ही जम्मू कश्मीर राज्य को तोड़कर उसे जम्मू एंड कश्मीर तथा लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया है।

पाकिस्तान के साथ डिस्प्यूट के कारण निर्मित की गई लाइन ऑफ कंट्रोल और चीन के साथ डिस्प्यूट के कारण बनाई गई लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल जम्मू कश्मीर में आने वाले टूरिस्ट की संख्या को प्रभावित करती है।

भारत के लगभग हर राज्य में हिंदी भाषा को बोला और समझा जाता है परंतु जम्मू कश्मीर में हिंदी को समझने वाले लोगों की संख्या केवल 2% है और वहां पर स्थानीय कश्मीरी भाषा बोलने वाले लोगों की संख्या 51% है।यह भारत का एकमात्र ऐसा स्टेट है जहां पर मुस्लिम समुदाय मेजॉरिटी में पाया जाता है।

इस प्रकार जम्मू कश्मीर के बारे में थोड़ी जानकारी लेने के बाद अब हम आपको बताने जा रहे हैं जम्मू कश्मीर के कुछ स्ट्रीट फूड के बारे में जो कि यहां के स्थानीय निवासियों की पकवान बनाने की क्षमता को प्रदर्शित करता है, आइए जानते हैं :-  

1. मुंजी गाडे (Monji Gaade):-

यदि आप मछली खाने के शौकीन हैं तो जरूर आपको यह डिश ट्राई करना चाहिए, जिसको बनाने के लिए वहां के स्थानीय लोगों के हाथों में जो हुनर है वह अन्य कहीं भी नहीं है।

इस डिश में मछली के शरीर के ऊपर बेसन और चावल के आटे में लपेटकर उसमें अलग प्रकार का कलर डालते हुए उसे बहुत देर तक तला जाता है।

कई बार इस डिश को आप यहां पर आए हुए टूरिस्ट को बतौर ब्रेकफास्ट के रूप में इस्तेमाल करते हुए देख पाएंगे।

2. हलवा पराठा :-

यह एक तरीके से सूजी से बनाई हुई रोटियाँ ही होती हैं, इनका व्यास लगभग 3 फीट तक होता है।

स्थानीय निवासियों के बीच में यह पराठा बहुत ही लोकप्रिय है, कई बार इस को स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें मीठा भी डाला जाता है

3. लाऐह :-

कई बार आप मंदिर में जाते हैं तो वहां पर आपको अलग-अलग प्रकार का प्रसाद दिखाई देता है जिसे भगवान के मंदिर में चढ़ाया जाता है, यह भी एक तरीके का प्रसाद ही होता है जिसे यहां के स्थानीय लोग दैनिक दिनचर्या में खाने में प्रयोग करते हैं।

इसको बनाने में चावल, शुगर और अलग-अलग प्रकार के रंग की आवश्यकता होती है।

जरूर आपने कभी ना कभी आप की गली में या मोहल्ले में बेचने आए किसी व्यक्ति से "गुड्डी के बाल" खरीदे होंगे जिनका रंग गुलाबी होता है, एक बार जैसे ही आप इसको मुंह में रखते हैं वह बिल्कुल छोटा सा हो जाता है और गायब हो जाता है।

इसी तरीके से यह डिश भी आपके मुंह में जाते ही गायब हो जाती है और अपना एक मीठा सा स्वाद छोड़ जाती है।

4. खांड गज़ीरि (Khand Gaziri) :-

यह एक प्रकार की कैंडी होती है जिसे सूखे मसाला और आटा के साथ घी और चासनी में डुबोकर बनाया जाता है।

यह  स्थानीय स्नेक के रूप में बहुत ही लोकप्रिय डिश है।

इस डिश की एक और खास बात यह है कि जैसे जैसे आप इसको चबाते जाएंगे, वैसे वैसे इसका स्वाद परिवर्तित होता जाता है

5. बसराख (Basrakh) :-

यह एक तरीके से लोकप्रिय भारतीय मिठाई पेठा का ही दूसरा रूप होता है।

इसमें घी का अत्यधिक इस्तेमाल किया जाता है और चासनी की सहायता से इसे मीठा बना दिया जाता है और अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए सूखे फलों और मेवों के पिसे हुए मिश्रण का वितरण कर दिया जाता है।

6. लाला संग्राम :-

यह नाम सुनकर आपको लग रहा होगा कि यह किसी राजा-महाराजा का नाम होगा परंतु ऐसा नहीं है।

यह जम्मू कश्मीर का एक लोकप्रिय स्ट्रीट फूड हैं जिसे सूजी,चीनी तथा आटे की सहायता से बनाया जाता है।

इसके निर्माण में काम में लिया गया आटा चावल तथा गेंहूँ का मिश्रण होता है,इसके बाद इनको घी के अंदर फ्राई किया जाता है।

इस मिठाई का नाम इसको सबसे पहले बनाने वाले हलवाई लाला संग्राम सिंह के नाम पर रखा गया है।

7. मसाल छोट(Masaal Tchot) :-

इसी स्थानीय भाषा में कश्मीर मसाल भी बोला जाता है।आपने कई बार लोगों को एक डिश खाते हुए देखा होगा जिसमें एक रोटी सी लपेटी होती है और उसके अंदर हरी सब्जियां तथा टोमेटो सॉस डाला हुआ रहता है, इसे व्रेप के नाम से जाना जाता है।

कश्मीर मसाल भी व्रेप का ही एक कश्मीरी वर्जन होता है,जिसको बनाने में चने का इस्तेमाल किया जाता है।

इसको लाल चटनी के साथ सर्व किया जाता है।

यह इस तरह की डिश है जो ना केवल आपकी भूख मिटाएगी बल्कि साथ ही आपकी स्वाद कलिकाओं को भी संतुष्टि प्रदान करेगी।

8. मोदुर पुलाव (Modur Pulao) :-

यह पुलाव अत्यधिक मात्रा इस्तेमाल किये गए दूध,घी और सिनेमन के साथ साथ केसर  से बना होता है।

इसके साथ ही इसमें चावल और कुछ ड्राई फूड जैसे कि बादाम और काजू भी मिलाए जाते हैं।

इस पुलाव की मुख्य विशेषता इसमें मिलाया गया केसर होता है और यह तो आपको पता ही है की भारत में सबसे ज्यादा केसर कश्मीर में ही पाया जाता है

9. कश्मीरी बैंगन चाट :-

बैंगन की चाट तो आपने बहुत से शहरों में स्ट्रीट फूड के रूप में इस्तेमाल करते हुए देखा होगा पर कश्मीरी बैंगन की चाट में मिलाया हुआ दही इसके स्वाद को अलग बना देता है।

यह एक शाकाहारी डिश होती है परंतु कई बार नॉनवेज खाने वाले व्यक्ति इसके साथ चिकन के कुछ टुकड़ों को भी पीसकर मिला देते हैं।

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कश्मीर के स्थानीय लोग इस डिश का बहुत ही कम इस्तेमाल करते हैं और यह पूरी तरह से यहां पर आने वाले टूरिस्ट लोगों के द्वारा ही खाया जाता है।

10. कश्मीरी राजमा :-

कश्मीरी राजमा और उसके साथ में तवा पराठा (जोकि लच्छा पराठा की तरह ही होता है) आपको एक बार इस डिस को खाने के लिए मजबूर कर देंगे।

यह पूरी तरीके से शाकाहारी भोजन होता है और लगभग हर स्ट्रीट फूड मार्केट में बनाया जाता है।

इस प्रकार हमने जाना कि आप कैसे कश्मीर की विजिट पर वहां के स्थानीय स्ट्रीट फूड का मजा उठा सकते हैं, अब हम जानेंगे कुछ ऐसे टिप्स जिनकी सहायता से आप इसी तरह का व्यवसाय भारत के किसी भी कोने में शुरू कर सकते हैं :-

  • सबसे पहले किसी भी दूसरे स्थान की स्ट्रीट फूड का व्यवसाय करने के लिए आपको भारत सरकार के द्वारा जारी किया जाने वाला एक रेस्टोरेंट खोलने का लाइसेंस लेना होगा।अलग-अलग राज्यों में यह प्रक्रिया अलग-अलग होती है।
  • एक बार लाइसेंस मिल जाने के बाद आपको ऐसे क्षेत्र में अपना रेस्टोरेंट खोलना चाहिए,जहां पर कोई दूसरा ऐसा रेस्टोरेंट ना हो जोकि कश्मीर का ही लोकल स्ट्रीट फ़ूड बनाता हो,क्योंकि ऐसी स्थिति में उस क्षेत्र में आया हुआ कस्टमर आपके और आपके प्रतिस्पर्धी के बीच में बंट जाएगा,जो कि इस व्यवसाय में होने वाले आपके मुनाफे को कम कर सकता है।
  • कश्मीरी स्ट्रीट फ़ूड को एक विशेष तरह की गुणवत्ता प्रदान करने के लिए आप कुछ दिन तक इस भोजन को बनाने की ट्रेनिंग ले सकते हैं या फिर आप किसी कश्मीरी रेस्टोरेंट में फ़ूड बनाने वाले व्यक्ति को अपने रेस्टोरेंट में हायर कर सकते हैं और उस व्यक्ति को बतौर रेस्टोरेंट के प्रमोशन के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते है।
  • क्योंकि कई बार आपने ऐसा देखा होगा कि बहुत से ऐसे रेस्टोरेंट होते हैं जो कि दावा करते हैं कि वह किसी खास जगह का स्पेशल फूड बनाते हैं परंतु उसके अंदर काम कर रहा वर्कर स्थानीय होता है जो कि खाने को वैसी क्वालिटी प्रदान नहीं कर पाता,जो कि कश्मीर के स्थानीय व्यक्ति के द्वारा प्रदान की जा सकती है।
  • आप नए और अलग तरीके के प्रोमोशन का सहारा भी ले सकते हैं,जैसे कि एक डिश के भुगतान के साथ आपको दूसरी डिश मुफ्त में दी जाएगी।
  • इसके साथ ही ऑनलाइन तरीके के प्रयोग से आप अपने इस स्ट्रीट फूड व्यवसाय को होम डिलीवरी के माध्यम से अधिक से अधिक ग्राहकों तक पहुंचा सकते हैं।
  • अपने प्रतिस्पर्धी के व्यवसायिक निर्णयों के बारे में अच्छी तरीके से जानकारी रखें,क्योंकि ऐसी स्थिति में आप यह जान पाएंगे कि किस कारण की वजह से उसके रेस्टोरेंट पर जाने वाले ग्राहकों की संख्या आपके रेस्टोरेंट की तुलना में ज्यादा होती है और उसी कारण माध्यम बनाकर आप खुद के रेस्टोरेंट में भी कुछ ऐसी सुविधाएं दे सकते हैं,जोकि आपके रेस्टोरेंट को एक साधारण रेस्टोरेंट से बदलकर एक ब्रांड में स्थापित कर दे।

इस प्रकार आपने जाना की आप भारत के किसी भी कोने से जम्मू कश्मीर का स्ट्रीट फूड रेस्टोरेंट बनाकर एक सफल व्यवसाय कर सकते हैं।

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