फ्रेंच फ्राइज का बिजनेस फायदे का बिजनेस है?
आजकल हमारे देश में फ्लैट कल्चर डेवलप हो गया है। इस फ्लैट कल्चर में सिंगल फैमिली रहती है। यानी कि पति-पत्नी रहते हैं। ये पति पत्नी दोनों ही अपने-अपने काम यानी जॉब में व्यस्त रहते हैं। इनके पास इतना समय नहीं रहता है कि वे अपने खुद के खाने के लिए दो समय का नाश्ता और लंच डिनर बना सकें। अधिकतर समय में ये एकल परिवार बाजार की खाने वाली चीजों पर निर्भर करते हैं। जब भी कभी कोई खास चीज बनाने की इच्छा होती है या बाजार का खाना खाते-खाते ऊब जाते हैं और कुछ सिंपल-सादा खाना खाने की इच्छा होती है तभी ये परिवार किचन में जाकर मेहनत करते हैं। इसका कारण यह है कि आजकल हर चीज ऑनलाइन उपलब्ध है तो इन एकल परिवार के पति-पत्नी भी ऑनलाइन फूड आइटम मंगा कर इस्तेमाल कर लेते हैं। लेकिन इसके बावजूद स्ट्रीट फूड का ऐसा चलन है कि लोग इसके बिना खुद को अधूरा महसूस करते हैं। इसलिये स्ट्रीट फूड का आनंद लेने के लिये ये फेमिली अक्सर शाम को सैर को निकल जाते हैं और शहर के किनारे लगे किसी अच्छे स्टॉल में स्ट्रीट फूड का आनंद लेते हैं। जब ग्राहक आसानी से मिल सकते हैं और डिमांड भी अच्छी है तो फिर स्ट्रीट फूड का बिजनेस चलना स्वाभाविक है। इसलिये इस तरह का स्ट्रीट फूड का बिजनेस शुरू करना बहुत अच्छा और अधिक मुनाफे वाला आइडिया है।
सदाबहार बिजनेस है
स्ट्रीट फूड का बिजनेस सदाबहार बिजनेस है। यह बिजनेस बहुत ही कम पूंजी से शुरू किया जा सकता है और इस बिजनेस में जबर्दस्त मुनाफा भी मिलता है। यह स्ट्रीट फूड लगभग प्रत्येक शहर में चलता है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बैंगलूर, हैदराबाद, गुवाहाटी, चंडीगढ़, अहमदाबाद, चेन्नई जैसे महानगरों में शाम होते ही स्ट्रीट फूड की दुकानें सजने लगतीं हैं। हर शहर का अपना एक विशेष स्ट्रीट फूड होता है लेकिन इन सबमें एक स्ट्रीट फूड ऐसा कॉमन है जो प्रत्येक शहर में मिलता है और इसकी डिमांड बहुत अधिक है। ये स्ट्रीट फूड है फ्रेंच फ्राइज।
क्यों खास है फ्रेंच फ्राइज का बिजनेस
फ्रेंच फ्राइज के बारे में कहा जाता है कि यह ऐसा स्ट्रीट फूड है जो अमेरिका में सबसे ज्यादा खाया जाता है। इसके अलावा कई अन्य देशों में भी फ्रेंच फ्राइज की अच्छी खासी डिमांड है। यदि भारत की बात करें तो इस देश का ऐसा कोई कोना नहीं बचा है जहां पर फ्रेंच फ्राइज की डिमांड न हो। ये केवल स्ट्रीट फूड नहीं बल्कि शादियों व पार्टियों का खास आइटम भी बन गया है। फ्रेंच फ्राइज की डिमांड इतनी ज्यादा है कि इसके बिजनेस करने वालों की संख्या कम पड़ रही है। यह बिजनेस बहुत ही आसान और बहुत ही सरल है।
फ्रेंच फ्राइज के बिजनेस को शुरू करने के लिए किसी तरह की योग्यता नहीं चाहिये। इस बिजनेस के लिए महिला व पुरुष का होना भी अनिवार्य नहीं है। बहुत ही छोटी सी जगह से ये बिजनेस आसानी से शुरू किया जा सकता है। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए थोड़ी बहुत मेहनत करनी होती है। इसके लिए आपको ग्राहक की भी तलाश के लिए कोई रिसर्च और डेवलपमेंट जैसी मेहनत नहीं करनी होती है लेकिन इसके मायने नहीं कि जहां चाहो वहीं बिजनेस शुरू कर दो। इसके लिए थोड़ा बहुत तो देखना-भालना ही पड़ेगा।
फ्रेंच फ्राइज के अलावा आलू के कई और भी स्ट्रीट फूड हैं
फ्रेंच फ्राइज आलू से बनने वाला एक क्रिस्पी व टेस्टी स्ट्रीट फूड है। यह स्ट्रीट फूड बच्चों व युवाओं और बुजुर्गों तक की खास पसंद वाला स्ट्रीट फूड है। फिर भी बच्चे उसको सबसे ज्यादा पसंद करते हैं। वैसे आलू के अनेक स्ट्रीट फूड बनते हैं। आइये जानते हैं कि आलू से बनने वाले और कौन-कौन से स्ट्रीट फूड देश के अलग-अलग कोने में लोकप्रिय हैं।
1. मुंबई में आलू का बड़ा पाव
2. दिल्ली में आलू का समोसा, टिक्की, चिली पोटैटो
3. बैंगलोर में समोसा
4. कोलकाता में समोसा, टिक्की
5. आलू के चिप्स सभी जगह
6. बीकानेर व राजस्थान में आलू भुजिया
7. कानपुर में धनिया के आलू, आलू की चाट
इसी तरह देश के अनेक शहरों में आलू के अनेक स्ट्रीट फूड्स भले ही पसंद किये जाते हों लेकिन फ्रेंच फ्राइज हर जगह हर वर्ग के लोग पसंद करते हैं। फ्रेंच फ्राइज दो तरह से खाये जाते हैं। कुछ लोग तो इसको सॉस यानी चटनी के साथ खाते हैं और कुछ लोग इसे चाय-कॉफी के साथ खाना पसंद करते हैं।
फ्रेंच फ्राइज के बारे में यह जरूरी नहीं है कि यह शाम को ही खाया जाए। यह कभी भी हल्की भूख लगने पर खाया जाता है। वैसे मार्केट में अधिकतर प्रचलन शाम को नाश्ते का होता है। शाम के नाश्ते के समय फ्रेंच फ्राइज का अधिकांश: इस्तेमाल किया जाता है।
फ्रेंच फ्राइज का बिजनेस शुरू करने से पहले क्या करें
सबसे पहले प्रत्येक बिजनेस की तरह आपको अपनी मार्केट व ग्राहक की खोज करनी होगी। किस मार्केट में किस जगह पर इस तरह के स्ट्रीट फूड खाने के लिए अधिक लोग आते हैं। ऐसी जगहों को तलाश करना होगा। आपको विभिन्न जगहों पर स्ट्रीट फूड लगाने वाले स्टालों को देखना होगा । जगह-जगह स्ट्रीट फूड के ठेले लगाने वालों को देखें तथा चाय नाश्ते वाली दुकानों को भी देखना होगा। आपको इन सभी बिजनेस वालों के बिजनेस को देखना होगा कि ये लोग कैसे अपना बिजनेस करते हैं और कितने समय तक करते हैं। किस समय उनके पास ग्राहकों की भीड़ सबसे ज्यादा आती है और किस समय ग्राहकों की भीड़ कम होती है और किस समय के बाद ग्राहक आते ही नहीं हैं। इन सब बातों का एक चार्ट बना लें । इससे आपका समय खराब नहीं होगा तथा यह भी मालूम हो जायेगा कि स्ट्रीट फूड की मार्केट कब से कब तक चलती है और ग्राहक कब से आना शुरू कर देता है और कब आना बंद कर देता है। इसके साथ ही कोशिश करके यह भी चेक करें कि उस एरिया में फ्रेंच फ्राइज बेचने वाला कोई व्यवसायी पहले से तो नहीं है। यदि नहीं है तो आपके लिए बिजनेस करना बहुत ही अच्छा रहेगा।
कहां-कहां पर आपका फ्रेंच फ्राइज का बिजनेस चल सकता है?
स्ट्रीट फूड का बिजनेस युवाओं के पसंद का बिजनेस है। इसलिये आपको यह बिजनेस ऐसी जगह का चयन करना चाहिये जहां पर युवाओं की भीड़ आती जाती हो। बेहतर हो तो इन युवाओं का आना जाना ऐसे समय में हो जब या तो खाने या नाश्ते का समय हो। तो आपका यह बिजनेस खूब चलेगा। ऐसे स्थानों में कुछ स्थान प्रमुख हैं, जो इस प्रकार हैं:-
1. स्कूल-कॉलेज
2. हॉस्टल, लाइब्रेरी
3. पार्क, सिनेमाघर
4. मेन मार्केट
5. कोर्ट कचहरी
6. बस स्टॉप व रेलवे स्टेशन
7. शॉपिंग मॉल
8. स्टेडियम व स्पोर्ट सेंटर
9. कोचिंग सेंटर
10. लेडीज मार्केट
11. पॉश कॉलोनी की मार्केट
12. इंडस्ट्रियल एरिया
13. ऑफिस कैंपस
कहने का मतलब यह है कि वो सारे स्थान फ्रेंच फ्राइज के बिजनेस के लिए अच्छे स्थान हो सकते हैं जहां पर लोगों का विशेषकर युवाओं का आना जाना लगा रहता हो। ऐसे स्थानों में शहरों के बीच में बने हुए पेट्रोल पम्प और कार रिपेयरिंग सेंटर के पास की जगह भी इस बिजनेस के लिए अच्छी साबित हो सकती है।
कैसे शुरू करें बिजनेस
फ्रेंच फ्राइज का बिजनेस शुरू करने में कोई बहुत बड़ी टेक्नीक की आवश्यकता नहीं है। सबसे पहले आप किसी भीड़भाड़ वाले इलाके को चुनें और वहां पर अपना चलते-फिरते ठेले में यह बिजनेस शुरू कर सकते हैं। यदि ठेले की जगह स्टॉल लगाना चाहते हों और कहीं पर अच्छी जगह नहीं मिल रही हो तो किसी बड़े दुकानदार की दुकान के सामने अपना स्टॉल लगाने की परमीशन उससे मांग लें। इस तरह से अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए क्या करें
1. आपने अपना फ्रेंच फ्राइज का बिजनेस शुरू कर दिया। आपको चाहिये कि आप ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए अपने ठेले या स्टॉल को खूबसूरत अंदाज में डेकोरेट करें ताकि ग्राहक दूर से ही देख कर आपकी ओर आकर्षित हो सके।
2. आप अपने ठेले व स्टॉल में साफ सफाई रखें। आपके फ्रेंच फ्राइज बनाने वाले बर्तन,चाकू, कड़ाही, कलछी या झारा, आलू काटने वाला पट्टा एकदम साफ सुथरा होना चाहिये। कहीं ऐसा न हो कि आप ऐसी जगह खड़े हों जहां पर नाली बह रही हो, अथवा आपका काउंटर व बर्तन गंदे हों। इस तरह के माहौल को देख कर कोई ग्राहक आना पसंद नहीं करेगा। आपको फ्रेंच फ्राइज के लिए अच्छे क्लास वाले ग्राहक को बुलाना है तो आपको ठेला या स्टॉल चकाचक रखना होगा।
3. आपको स्वयं भी साफ सुथरे रहना होगा और साफ सुथरे कपड़े पहनना चाहिये। साथ ही बर्तन साफ करने वाला कपड़ा भी रोज धुला होना चाहिये। खाने के बाद प्लेट या बॉक्स को डालने के लिए एक डस्ट बिन भी रखना चाहिये। ठेले व स्टाल में एक नोटिस लिखा होना चाहिये कि खाने के बाद प्लेट या बॉक्स को डस्ट बिन में डालें।
4. ग्राहकों को सर्व करने का तरीका काफी अच्छा होना चाहिये। फ्रेंच फ्राइज के साथ सॉस भी कम से कम दो तरह की होनी चाहिये। एक मीठी लाल वाली सॉस तो दूसरी चिली सॉस होनी चाहिये। सॉस लेने में कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिये।
5. आजकल ई पेमेंट का जमाना है। आपको बिजनेस के साथ ही पैसे लेने के लिए ग्राहकों की सुविधा के लिए ई पेमेंट की व्यवस्था करनी चाहिये। ताकि कोई ग्राहक आपको नकदी दिये बिना भी फे्रंच फ्राइज खरीद सके।
6. इसके अलावा यदि आप पैकिंग करके डिलीवरी कर सकते हैं तो उसके लिए अपने ठेले व स्टॉल में अपना फोन नंबर लिखे तथा पैकिंग और डिलीवरी की सुविधा भी दी जाती है, लिखें। साथ ही आप अपने बिजनेस को गूगल माई बिजनेस में भी रजिस्टर्ड करा दें ताकि कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन आपकी लोकेशन देख कर आ सकता है या फोन नंबर से आपको कॉल करके ऑर्डर भी दे सकता है। इसके अलावा आप ऑफलाइन प्रचार करके अपने आस पास के एरिया में अपने बिजनेस के नाम के पोस्टर बनवा कर खास-खास जगहों पर चिपका दें।
7. यदि आपके बिजनेस स्पॉट के पास हॉस्टल, हॉस्पिटल,पार्क आदि हो तो वहां पर भी अपना पोस्टर चिपका दें।
8. आपको अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी काफी अच्छी रखनी होगी। इसमें प्रयोग होने वाला आलू, ऑयल और सॉस सभी हाई क्वालिटी की होनी चाहिये वरना ग्राहक आने के बाद वापस भी हो सकता है।
9. सबसे ज्यादा आपका ग्राहकों के साथ व्यवहार अच्छा होना चाहिये। ऐसा नहीं कि आप घर से किसी बात पर लड़ कर आयें और उसका गुस्सा ग्राहकों पर उतारने लगें।
कैसे-कैसे विस्तार करें अपना बिजनेस
यदि आपका फ्रेंच फ्राइज का बिजनेस स्थापित होने की स्थिति में आ जाये। इस बिजनेस से आपने इतना कमा लिया है कि आप एक दुकान ले सकते हैं तो फिर आपको देर नहीं करनी चाहिये। आपको उसी एरिया में दुकान ले लेनी चाहिये। अधिकांश ग्राहक आपको जान-पहचान गये होंगे तो वे थोड़ी दूर इधर-उधर टहल कर आपके पास आ-जा सकते हैं।
दुकान हो जाने के बाद आप उसमें फ्रेंच फ्राइज के साथ अन्य साइड बिजनेस भी कर सकते हैं। जैसे फ्रेंच फ्राइज के अलावा अन्य स्ट्रीट फूड व चाय तथा कॉफी की भी सर्विस शुरू कर सकते हैं। इससे आपके ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी और आपका अधिक से अधिक माल बिकेगा। परिणामस्वरूप आपका बिजनेस तो बढ़ेगा और साथ में ही मुनाफा भी बढ़ेगा।
यदि दुकान में ग्राहकों को बैठाने की अच्छी जगह हो तो फिर कहने ही क्या, आपका बिजनेस तेजी से आगे बढ़ जायेगा। यदि इसके बाद दुकान में थोड़ी सी भी जगह हो जहां पर एक रेफ्रिजर को रखा जा सकता हो तो कोल्ड ड्रिंक का भी बिजनेस शुरू किया जा सकता है। आपको और आमदनी देगा।
कौन-कौन से लाइसेंस की जरूरत होगी
शुरू-शुरू में तो किसी प्रकार के लाइसेंस अथवा कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं करना होता है। जैसे-जैसे आपका बिजनेस कानूनी प्रक्रिया के दायरे में आता जाता है। वैसे-वैसे ही आपको कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होता है। बिजनेस बढ़ने की स्थिति में तो सबसे पहले जब आप दुकान लेंगे तो उस दुकान का एक अच्छा सा नाम तो रखना होगा। नाम को रखने के बाद आपको अपनी फर्म का शॉपिंग एक्ट में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके अलावा आपको बिजनेस करने के लिए लोकल अथॉरिटी से बिजनेस करने का परमीशन या बिजनेस लाइसेंस लेना होता है। चुकी आप खाने-पीने से संबंधित बिजनेस कर रहे हैं तो आपको फूड सेफ्टी एण्ड स्टैण्डर्ड अथॉरिटी आफ इंडिया (एफएसएसएआई) से फूड लाइसेंस लेना होगा। इसके अलावा आपको जीएसटी नंबर भी लेना होता है।
क्या कोई मशीन की जरूरत पड़ती है
साधारण तौर पर लोग बिना किसी मशीन के ही चाकू-छुरी से आलू को छील काट कर तल लेते हैं। लेकिन आज के जमाने में यदि आपको अपना बिजनेस थोड़ा आधुनिक दिखाना हो और उसमें साफ सफाई का तड़का लगाना हो तो इसके लिए दो छोटी-छोटी मशीनों की आवश्यकता होती है। एक मशीन आलू को लम्बी व पतली-पतली शेप में काटने के लिए पोटैटो कटर मशीन आती है और इसके अलावा एक डीप फ्राई करने के लिए एक मशीन होती है। दोनों मशीनों की कीमत चार से पांच हजार रुपये बताई जाती है। जो लोग मशीन नहीं खरीदते हैं उनको गैस स्टोव, कड़ाही, कलछी-झारा, दो तीन भगोने, चटनी या सॉस की बोतल आदि की जरूरत पड़ती है। मशीन वालों को काटने व पकाने के सामान की आवश्यकता नहीं होती है।
कच्चा माल कौन कौन सा लगता है
फ्रेंच फ्राइज के बिजनेस शुरू करने के लिए कौन-कौन सा कच्चा माल लगता है, जानते हैं:-
1. आलू
2. आयल
3. नमक
4. चाट मसाला
5. काली मिर्च पाउडर
6. तेल
लागत कितनी आती है
यह स्ट्रीट फूड का बिजनेस बहुत ही कम पूंजी में शुरू हो जाता है। यदि आप मशीन आदि खरीद कर बिजनेस करना चाहते हैं तो यह बिजनेस आपको कुल मिलाकर दस हजार रुपये में शुरू हो सकता है। यदि घर के बर्तनों से काम शुरू करना चाहते हैं तो आपका यह बिजनेस 5 हजार रुपये में शुरू हो सकता है। जैसे-जैसे यह बिजनेस बढ़ता जायेगा। वैसे-वैसे इसकी लागत बढ़ती जायेगी। जब दुकान आदि से यह बिजनेस करना चाहेंगे तब दुकान का किराया आदि शमिल कर यह बिजनेस की लागत कम से कम 1 से 2 लाख रुपये आयेगी। इसके अलावा यदि आप अपनी दुकान में साइड बिजनेस करना चाहेंगे तो उस हिसाब से लागत बढ़ती ही जायेगी।
मुनाफा कितना तक मिल सकता हैये छोटे बिजनेस ऐसे हैं जो शुरू में ही बिजनेस मैन को मुनाफा देने लगते हैं। क्योंकि इस तरह के बिजनेस में कोई लम्बी चौड़ी लागत नहीं होती है और ना ही बिजनेस का ढांचा ही इतना लम्बा चौड़ा होता है जिस पर भारी भरकम खर्च होता हो। सीधे ग्राहक से बिक्री करने के कारण इसमें कोई बीच में मध्यस्थ भी नहीं होता है, जो आपकी आमदनी का हिस्सा बंटायेगा। इससे बिजनेस मैन को सीधी आमदनी होती है। इसलिये इस तरह के बिजनेस में अच्छा खासा मुनाफा होता है। हालांकि दावा यह किया जाता है कि 10000 हजार रुपये की लागत से बिजनेस करने वाले बिजनेस मैन को रोजाना 500 से 1000 हजार रुपये की बचत होती है। बिजनेस शुरू करने के समय जो दस हजार रुपये की लागत लगती है वो बाद में घटकर दो-तीन हजार में आ जाती है। तीन हजार रुपये में यदि बिजनेस मैन को एक हजार रुपये बचता है तो उसे 33.3 प्रतिशत का मुनाफा हुआ। लेकिन इससे भी अधिक मुनाफा होता है। यह आलू के सीजन व आलू की कीमत पर निर्भर करता है। यदि आपने आलू सस्ते दाम में ले लिया तो आपका मुनाफा और बढ़ जायेगा। बाद बाकी फ्राई करने वाला ऑयल तो लगभग एक ही रेट रहता है।
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