कैसे शुरू करें स्वयं का वेजिटेबल व्यवसाय?

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कैसे शुरू करें स्वयं का वेजिटेबल व्यवसाय?

पिछले कुछ वर्षों से स्वास्थ्य के प्रति सतर्क हुई भारतीय युवा पीढ़ी ताजा फल और सब्जियों का इस्तेमाल भी अधिक करने लगी है। सब्जियों की वजह से शरीर के लिए आवश्यक कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन के अलावा बहुत से न्यूट्रिएंट्स मिलते है, इसी कारण डॉक्टरों के द्वारा भी हरी सब्जी के इस्तेमाल को प्राथमिकता दी जा रही है।

क्या आप भी अपना स्वयं का एक फ्रूट एवं वेजिटेबल व्यवसाय शुरू करना चाहते है ?

यदि हां! तो आज हम आपको बताएंगे स्वयं का वेजिटेबल बिजनेस स्टार्ट करने के कुछ यूनिक बिजनेस आइडियाज और इस व्यवसाय में होने वाले मुनाफे एवं लागत के बारे में पूरी जानकारी, आइए जानते हैं :-

बनाए एक वेजिटेबल बिजनेस प्लान :-

किसी भी व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपको एक अच्छे बिजनेस प्लान की आवश्यकता होती है, उसी तरह वेजिटेबल बिजनेस को शुरू करने के लिए भी आपको एक अच्छा बिजनेस प्लान बनाना होगा।

जिसके तहत आपको अपने व्यवसाय को शुरू करने से पहले ही कुछ बातें सोच कर रखनी होगी, जैसे कि आप इस व्यवसाय में कितना पैसा निवेश करने वाले हैं एवं उस निवेश के आधार पर कितना अनुमानित मुनाफ़ा करना चाहते हैं तथा कौन-कौन से स्थानों पर अपनी सब्जी को बेचने का नेटवर्क बनाना चाहते है, साथ ही वर्तमान में वेजिटेबल व्यवसाय की मार्केट पोटेंशियल कितनी अधिक है एवं इस तरह के व्यवसाय को शुरू करने के लिए कौन सी मशीनें एवम फर्टिलाइजर की आवश्यकता होगी।

इस तरह से पहले ही सोच कर बनाया गया प्रॉपर बिजनेस प्लान आपके व्यवसाय को सफल बनाने में बहुत बड़ा योगदान देगा।

किन चीजों की होगी आवश्यकता :-

अपना वेजिटेबल व्यवसाय शुरू करने के लिए उर्वरक जमीन के साथ ही कुछ मशीनरी जैसी चीजों के जरूरत पड़ेगी, आइए जानते हैं:-

1. गार्डन या उपजाऊ जमीन :-

आप अपने आसपास के क्षेत्र में ही किसी जगह को किराए पर लेकर वहां पर सब्जी उठा सकते है। यदि आपके पास पहले से ही जमीन है तो उसी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, और वहां पर ही सब्जियों ऊगा सकते है।

यदि आप की जमीन इतनी अधिक अच्छी उपजाऊ नहीं है तो उसकी उर्वरता बढ़ाने के लिए फर्टिलाइजर जैसी उर्वरकों का इस्तेमाल कर सकते हैं एवं पानी की उपलब्धता सुचारू जारी रखने के लिए ट्यूबवेल करवा सकते हैं।

2. अच्छी गुणवत्ता की पौध :-

जैसा कि आपको पता है इस तरह के बिजनेस में आपको सब्जी उगानी होगी इसलिए आपको किसी अच्छी नर्सरी की सहायता से अच्छी क्वालिटी और बेहतर उत्पादकता देने वाली पौध खरीदनी होगी।

यहां पर पौध से हमारा तात्पर्य है छोटे-छोटे पौधे।

यदि आप बीज की सहायता से घर पर ही इस तरह की पौध लगा सकते हैं तो यह काम आप घर पर भी कर सकते है, परंतु इसके लिए आपको बहुत अधिक सावधानी और केयर की आवश्यकता होगी, इसलिए हमारी राय मानें तो नर्सरी से खरीदना ही आप के समय की बचत भी करेगा और इस समय का इस्तेमाल आप अपने व्यवसाय की मार्केटिंग जैसे कामों में कर सकते है।

3. अच्छी क्लाइमेटिक कंडीशन :-

यदि आपने एक अच्छा बिजनेस प्लान बनाया है तो आपको यह भी पता होगा कि सब्जियां उगाने के लिए एक विशेष प्रकार के वातावरण की आवश्यकता होती है। बहुत अधिक तापमान और बहुत कम तापमान वाले क्षेत्रों में इस तरह का बिजनेस प्राकृतिक रूप से नहीं किया जा सकता है, इसलिए या तो आप स्थान को चुनते वक्त ही ऐसे स्थान का चयन करें जहां पर तापमान और ह्यूमिडिटी का प्रभाव सीमित रहे या फिर आप अपने क्षेत्र में ग्रीन हाउस बनाकर सब्जियां उगा सकते हैं।

ग्रीन हाउस का मतलब होता है कि आप एक बड़ा अपार्टमेंट जैसी शेप का एक डोम बनाएंगे जो कि ऊपर से प्लास्टिक से ढका हुआ रहेगा और एक टेंपरेचर कन्वर्टर मशीन की सहायता से उस क्षेत्र का तापमान अच्छी तरीके से नियंत्रित रख पाएंगे। इस प्रकार आपकी इच्छा के अनुसार तापमान बनाकर अलग-अलग प्रकार की सब्जियों का उत्पादन कर सकते हैं।

4. एक अच्छा डिस्ट्रीब्यूटर :-

जैसा कि आप जानते हैं कि सब्जियों को मार्केट तक पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था काफी त्वरित होनी चाहिए नहीं तो अधिक समय लगने की वजह से सब्जी खराब भी हो सकती है। अर्थशास्त्रियों के द्वारा एक विशेष शब्द "ट्रक इकोनॉमी" का इस्तेमाल भी मुख्यतया सब्जियों से संबंधित इकोनॉमी के लिए ही किया जाता है।

क्योंकि ट्रक की सहायता से सुबह के समय लोड करके शहर की सब्जी मंडियों तक सब्जी पहुंचायी जाती है। इस प्रकार की इकोनामी में और अधिक पारदर्शिता और बढ़ोतरी करने के लिए सरकार के द्वारा कई कदम उठाए गए हैं। इन सबके अलावा आपको एक डिस्ट्रीब्यूटर की आवश्यकता होगी और जिस क्षेत्र में आप अपनी तैयार सब्जियां भेजना चाहते हैं वहां पर पहले से ही सब्जी की फील्ड में काम कर रहे डिस्ट्रीब्यूटर से ही जुड़ कर उसे कम कीमत पर सब्जी बेच सकते है।

इससे शुरुआत में आपको एक टारगेट कस्टमर बेस भी मिल जाएगा एवं सब्जी वाले के लिए भी उसके प्रतिस्पर्धी की तुलना में कम कीमत पर सब्जी मिल जाएगी, जिससे उसका मार्जिन भी अधिक होगा, इसलिए वह स्वयं भी आपके साथ जुड़ना पसन्द करेगा।

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कैसे जमाएं ऑनलाइन व्यवसाय में अपने पैर :-

जियो के आगमन के साथ इंडियन इकोनामी धीरे-धीरे डिजिटल इंडियन इकोनामी में परिवर्तित हो रही है। आपके लिए भी यही उचित समय है जब आप भी इंटरनेट की सहायता से अपने मास प्रोडक्शन को आसपास के क्षेत्र में पहुंचा सकते है।

इंटरनेट का अधिक इस्तेमाल करने की वजह से युवा वर्ग तक आपकी सब्जियों की सीधी पहुंच बढ़ेगी, जिससे कि आपको मिलने वाले ऑर्डर भी अधिक होने की संभावना है और इसके अलावा आप खुद भी ध्यान रखें कि आप केवल उसी प्रकार की सब्जियों को उगाने पर ध्यान दें जोकि स्वास्थ्य के लिए ज्यादा अच्छी रहे। स्वयं की एक एक वेबसाइट बनाकर आप के द्वारा उपजाई जाने वाली सब्जियों के बारे में जानकारी डाल सकते हैं एवं इनकी प्राइस भी डाल सकते है।

इसके अलावा उन सब्जियों की वजह से शरीर को होने वाले हेल्थ बेनिफिट के बारे में जानकारी डालना कभी ना भूले, क्योंकि कई बार आपने भी नोटिस किया होगा कि आप घर में पड़ी किसी ऐसी चीज को खाने में आनाकानी करते हैं जो कि स्वाद में बुरी लगती है परंतु जब आपको पता चलता है कि उसके सेहत के नजरिये से बहुत अधिक फायदे है तो आप खुद भी उसको खाना शुरु कर देते थे।

इसके साथ ही इंटरनेट का फायदा उठाकर मार्केटिंग तक भी पहुंच बना सकते हैं और यह बात तो आपको भी पता है कि डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन मार्केटिंग, ऑफलाइन मार्केटिंग की तुलना में काफी सस्ती होने के साथ-साथ अधिक लोगों तक पहुंच बनाने में भी सफल हो पाती है।

कैसे ढूंढे अपना टारगेट कस्टमर बेस :-

अपने आसपास के क्षेत्र में हैं एक यूनिक कस्टमर बेस बनाना होगा इसके लिए आप किसी डिस्ट्रीब्यूटर के चक्कर में ना पड़कर स्वयं ही अपने द्वारा उपजाई जाने वाली सब्जी की शॉप ओपन कर सकते हैं और उसके मार्केटिंग पर थोड़ा बहुत पैसा खर्च कर उसकी ब्रांडिंग पर काम कर सकते है। एक बात हमेशा ध्यान में रखें कि अपनी शॉप को उसी क्षेत्र में स्थापित करें जहां पर जिम या कोई दूसरा फिजिकल एक्टिविटी से संबंधित स्थान हो और युवा लोगों की पहुंच अधिक हो।

कितनी हो सकती है लागत :-

इस तरह के व्यवसाय को शुरू करने के लिए आप की लागत कई बातों पर निर्भर करेगी जैसे कि यदि आपके पास पहले से ही जगह उपलब्ध है तो आपको अपनी सब्जी उत्पादन करने के लिए जगह का किराया नहीं देना पड़ेगा और बेहतर ट्रांसपोर्टेशन सुविधा के साथ आप आसानी से आसपास के मार्केट में पहुंच बना सकते हैं।

इसके अलावा यदि किसी खराब तापमान वाले क्षेत्र में अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो आपको ग्रीन हाउस भी बनाना पड़ सकता है जोकि आपके लिए काफी कोस्टली भी हो सकता है।

इसके अलावा नर्सरी से पौध खरीदने की कीमत और फर्टिलाइजर एवम दूसरे प्रकार के खर्चों को जोड़कर आप आसानी से दस लाख रुपए तक के निवेश में इस व्यवसाय की शुरुआत कर सकते है, जरूरत के हिसाब से आपका निवेश कम या अधिक भी हो सकता है।

बनाए एक सेफ्टी प्लान :-

समय के साथ खराब होने वाले सामानों के व्यवसाय में एक सेफ्टी प्लान बनाकर व्यवसाय के दौरान आने वाली कठिनाइयों से लड़ने में मदद ली जा सकती है। सेफ्टी प्लान से मतलब है कि कई बार बेवजह बारिश, सूखा एवं दूसरी समस्याओं के कारण आपकी सब्जी खराब हो जाए तब आपको सेफ्टी के बारे में सोच कर चलना चाहिए, क्योंकि आप अपना पूरा पैसा एक बार ही रिस्क पर नहीं लगा सकते है।

उदाहरण के तौर पर समझिए कि मान लो आपने इस बार प्याज एवं टमाटर की सब्जी उगाई है, आपके अलावा दूसरे लोगों ने भी इसी प्रकार से सब्जी उगाई है और बंपर पैदावार के कारण मार्केट में उसकी रेट काफी कम हो गई जिस कारण आपको मिलने वाला रिटर्न आपके निवेश से भी कम हो गया और आप को नुकसान हो सकता है, इसलिए ऐसी समस्याओं से बचने के लिए आपको पहले ही सोच कर रखना होगा कि मार्केट में पैदा होने वाली अलग-अलग कंडीशन के अनुसार आपको अपने माल को किस समय तैयार करके मार्केट में बेचने के लिए भेजना होगा।

जैसा कि यदि आज के समय अच्छी पैदावार हो रही है और मार्केट में भी उस सब्जी की डिमांड पूरी हो चुकी है तो आपको अपने यहां एक स्टोर रूम बनाकर सब्जी की स्टोरेज की व्यवस्था करनी चाहिए।

बनाए एक स्टोर रूम :-

जैसा कि आपको पता है यदि आपके यहां तैयार सब्जी तो कुछ घँटों के भीतर मार्केट में नहीं पहुंचाया गया तो उसकी खराब होने की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती है।

इसलिए आप किसी इंजीनियर की सहायता से एक स्टोर रूम की डिजाइन तैयार करवा सकते है और कूलिंग की व्यवस्था भी उपलब्ध करवा सकते है। आपकी व्यवसाय को बड़े स्तर पर सफल बनवाने के लिए उठाए गए यह छोटे छोटे कदम ही आप की सब्जी को खराब होने से बचाएंगे और बेवजह होने वाले नुकसान से पैदा होने वाले मानसिक और आर्थिक तनाव से लड़ने में भी मदद करेंगे।

करवाएं अपने व्यवसाय का इंश्योरेंस :-

इस बिजनेस में माल खराब होने का खतरा काफी अधिक रहता है, इसलिए आपको किसी भी अच्छी इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क कर अपने द्वारा उत्पादित की जा रही सब्जियों का इंश्योरेंस करवा लेना चाहिए। इसके लिए वर्तमान में सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भी संचालित की जा रही है, जिसके अंतर्गत काफी कम प्रीमियम में अच्छा मुआवजा वसूल सकते हैं।

कैसे करें निवेश की व्यवस्था :-

यदि आपके पास दस लाख रुपए तक का निवेश नहीं हो पा रहा है और आप इस व्यवसाय की शुरुआत करना चाहते हैं तो बैंकों की सहायता से लोन ले सकते हैं। वर्तमान में सरकार के द्वारा आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत इंटरेस्ट सब्वेंशन जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई गई है।

इंटरेस्ट सब्वेंशन से मतलब होता है कि यदि आप किसी भी बैंक से 8% की ब्याज दर पर लोन लेते हैं तो और आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो आपके लोन का दो से तीन प्रतिशत सरकार के द्वारा जमा करवा दिया जाएगा। हालांकि बड़े स्तर पर देखा जाए तो इससे आपको अधिक फायदा नहीं होगा, परंतु फिर भी इस प्रकार के छोटे खर्चे बचाकर ही आप इस बचे हुए पैसे का इस्तेमाल अपने व्यवसाय को बड़ा बनाने में कर सकते है।

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कितना हो सकता है मुनाफा :-

जैसा कि आपको पता है सब्जी का व्यवसाय अलग-अलग सीजन के अनुसार चलता है। यदि किसी सीजन में अच्छी बारिश हुई तो आपका मुनाफा भी अधिक हो सकता है परंतु कई बार बंपर पैदावार की वजह से अपने यहां बनाए गए स्टोरेज रूम के कारण आप माल को कुछ समय तक रोककर मार्केट में भेज कर उचित समय पर मुनाफा कमा सकते है।

इसके अलावा भी कई फैक्टर जैसे कि आपकी आपके टारगेट कस्टमर बेस तक पहुंच, आपके द्वारा उत्पादित सब्जी की गुणवत्ता जैसी बातों पर भी आप का मुनाफा निर्भर करेगा। बड़े स्तर पर देखा जाए तो यदि आपकी सब्जी पैदावार अच्छी हुई है तो आप एक सीजन में आसानी से तीन से चार लाख रुपए का मुनाफा कर सकते है। इस प्रकार यदि एक वर्ष को 3 सीजन में बांटा जाए तो आप आसानी से आठ लाख रुपए तक मुनाफा कर पाएंगे।

इस प्रकार आठ से दस लाख रुपए के निवेश में आठ लाख रुपए तक का मुनाफा 100% रिटर्न ओन इन्वेस्टमेंट के तहत एक अच्छे व्यवसाय में गिना जाएगा।

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