फर्नीचर की दुकान कैसे खोलें?
लागत, मुनाफा, सही जगह का चुनाव और अन्य जानकारियां
फर्नीचर को वैसे तो आम तौर पर लकड़ी से बने कुर्सी, मेज, सोफासेट, आलमारी, बेड, डाइनिंग टेबल को ही माना जाता है। लेकिन बदले जमाने के साथ ही फर्नीचर का बिजनेस भी काफी बदल गया है। इस फर्नीचर केवल लकड़ी का नहीं रह गया है। अब लेदर, बांस, अल्यूमिनियम, स्टील, लकड़ी, प्लास्टिक, ग्लास के फर्नीचरों का तेजी से चलन हो गया है। फर्नीचर की दुकान खोलने वालों के लिए अब कई ऑप्शन सामने आ गये हैं। पारंपरिक लकड़ी के फर्नीचर के अलावा इन नये आधुनिक फर्नीचरों की डिमांड बहुत ज्यादा है। इसलिये आजकल नये जमाने में फर्नीचर का बिजनेस शुरू करने वालों पर अनेक अवसर हैं। प्रत्येक तरह के बिजनेस में स्कोप भी बहुत हैं। इस बिजनेस में फायदा भी बहुत है।
फर्नीचर का बिजनेस की कोई सीमा नहीं
अब केवल घरों में ही सजावट के लिए फर्नीचर की जरूरत नहीं होती बल्कि आफिसों, दुकानों, शॉपिंग सेंटरों, बड़े-बड़े कारखानों, शॉपिंग माल्स, स्कूल, कॉलेज, हायर एजूकेशन सेंटर, बड़े-बड़े कॉलेज के अलावा वो हर जगह जहां कुछ न कुछ कंस्ट्रक्शन होता रहता हों वहां भी तरह-तरह के फर्नीचर की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही आजकल लोगों के ट्रांसफर होने के साथ फर्नीचर बदल जाता है तथा शौकीन लोग समय-समय पर लेटेस्ट डिजाइन के चक्कर में फर्नीचर बदलने का ट्रेंड चल रहा है। इस कारण से फर्नीचर के बिजनेस के चलने के अच्छे चांस हैं। इसलिये फर्नीचर की दुकान खोलना फायदे का सौदा हो सकता है।
बेहतर होगा बिजनेस प्लान बनायें
- यदि फर्नीचर की दुकान खोलना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको यह सोचना होगा कि आप किस तरह के फर्नीचर की दुकान खोलना चाहते हैं, उसके लिए कौन सी जगह सही साबित होगी, वहां पर आपकी दुकान में आने वाले कस्टमर कौन-कौन होंगे, कितनी लागत आयेगी और कितना मुनाफा होगा। इन सब बातों पर विचार करना होगा।
- बेहतर तो यही होगा उसके लिए पहले आप अपना बिजनेस प्लान बना लें। यदि लकड़ी के फर्नीचर की दुकान खोलनी है तो आप स्वयं कारीगर हैं तो बहुत ही अच्छा है और यदि स्टील, प्लास्टिक व लेदर तथा ग्लास के फर्नीचर का काम शुरू करना चाहते हैं।
- इसके दो विभाग हैं, पहला तो यह है कि आप बने-बनाये फर्नीचर अपनी दुकान पर बेचें अथवा आर्डर पर कस्टमर की पसंद का फर्नीचर बनवा कर देना और आर्डर पर कस्टमर के घर पर सर्विस देने का काम किया जा सकता है।
- जहां तक सर्विस देने वालों के लिए स्वयं का कारीगर होना जरूरी है अन्यथा आपको कारीगरों को हायर करना होगा। लकड़ी के पारंपरिक फर्नीचर बनाने वाले तो आपको सहज में आसानी से मिल जायेंगे।
- इसके अलावा लेदर, स्टील व ग्लास के फर्नीचर बनाने के लिए उनके एक्सपर्ट कारीगरों की आवश्यकता होगी अथवा आपने कोई कोर्स कर रखा हो अथवा काम करने का अनुभव हो तो आपको इस तरह के फर्नीचर की दुकान खोलना बहुत ही आसान होगा।
कम बजट की दुकान ऐसे खोलें
यदि आप कम बजट में फर्नीचर की दुकान खोलना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको फर्नीचर बनाने की कला आनी चाहिये। यानी स्वयं ही कारीगर होना चाहिये। इसके बाद आपको काम करने और कच्चा माल इकट्ठा करने के लिए ऐसी जगह चाहिये जिसे आप वर्कशाप और वेयरहाउस दोनों ही बना सकें। इसके बाद स्वयं ही फर्नीचर बनाकर उनकोे बेचने का काम कर सकते हैं। यदि आपके पास अच्छा बजट हो तो आप एक शोरूम जो मेन मार्केट में खोल सकते हैं। इसके अलावा वर्कशाप और वेयरहाउस किसी भी पास के सस्ते किराये वाले या अपने घर में खोल सकते हैं। जहां पर कारीगरों से फनीचर बनवाकर शोरूम में रखा जाये। फर्नीचर मेकिंग व सप्लाई के ऑनलाइन आर्डर लिये जा सकते हैं।
फर्नीचर के बिजनेस के कुछ अलग हैं तरीके
फर्नीचर का बिजनेस रोज-रोज बिकने वाले खाने-पीने वाले सामान के बिजनेस से बिलकुल अलग है। एक बार फर्नीचर खरीदने वाला साल-दो साल से पहले कोई फर्नीचर आइटम नहीं खरीदना चाहेगा। यह भी जरूरी नहीं है कि प्रत्येक घर में फर्नीचर की खरीद होती हो। इसके अलावा फर्नीचर का काम थोड़ा अलग तरीके का है। इस बिजनेस मेंं लागत बहुत आती है और मुनाफे के लिए इंतजार करना पड़ता है। इस लाइन में कारीगर का महत्व होता है और उसकी मेहनत का पैसा तो अच्छा मिल जाता है लेकिन फर्नीचर बिक्री का काम थोड़ा सा टेढ़ा होता है और उसके लिए अलग से प्रयास भी करने होते हैं। इसलिए इस तरह की दूकान को लो बजट में ही शुरू करनी चाहिये। इसके बाद जैसे-जैसे काम बढ़ता जाये और आमदनी बढ़ने लगे, वैसे-वैसे ही आप अपने बिजनेस को बदल सकते हैं।
शोरूम मेन मार्केट में ही होना चाहिये
आपकी फर्नीचर की दुकान मार्केट में होनी चाहिये। दुकान थोड़ी बड़ी होनी चाहिये ताकि आपके फर्नीचर को डेकोरेट करके लगाया जा सके। आपकी दुकान कस्टमर की पहुंच में होनी चाहिये यानी कस्टमर बिना किसी अड़चन-परेशानी के आसानी से पहुंच सके। यदि बजट कम हो तो आप मेन मार्केट के नजदीक सस्ते किराये पर बड़ी जगह लेकर भी काम चला सकते हैं। लेकिन दुकान मेन रोड पर होनी चाहिये। ताकि आने-जाने वालों की नजर आपके फर्नीचर आइटमों पर पड़ती रहे। किसी भी तरह का बिजनेस शुरू करने के लिए कुछ जरूरी लीगल डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है। इसमें सबसे पहले आप अपनी फर्म का रजिस्ट्रेशन करवा लें। बिजनेस के लिए आप जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करवाकर वहां से जीएसटी नंबर हासिल कर लें। इसके लिए आपको जीएसटी के पोर्टल पर आवेदन करना होगा। आवेदन के समय फर्म का रेजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, फर्म के मालिक का आईडी पू्रफ फोटो आईडी व आधार कार्ड, पैन कार्ड व एड्रेस प्रूफ होना चाहिये। जीएसटी के रजिस्ट्रेशन का आवेदन ऑनलाइन भी हो सकता है। इसके लिए आपको भागदौड़ करने की आवश्यकता नहीं होगी।
दुकान खोलने के बाद कौन सा जरूरी काम करें
आप जब अपनी दुकान तय कर लेते हैं तो सबसे पहले उस दुकान की इंटीरियर डेकोरेटिंग करवाएं जिससे देखने में अच्छी लगने लगे और आपका सामान व्यवस्थित तरीके से आ सके। आप अपनी दुकान के बारे में उस एरिया में लोगोंं तक जानकारी पहुंचाना चाहते हैं तो आप उस दुकान के उद्घाटन का कार्यक्रम बना लें और किसी स्थानीय प्रसिद्ध हस्ती को आमंत्रित करके उससे उद्घाटन करवा लें उससे उस प्रसिद्ध हस्ती से जुड़े लोग भी आपकी दुकान के बारे में जान जायेंगे। इसका कारण यह है कि फर्नीचर खरीदने की हैसियत सभी लोगों की नहीं होती है, जिन लोगों को फर्नीचर की जरूरत होती है, उन्हें इस तरह से टारगेट किया जा सकता है।
कितनी लागत आ सकती है फर्नीचर की दुकान खोलने में
अब सवाल आता है कि फर्नीचर की दुकान में लागत कितनी तक आ सकती है। यह आपके बजट पर डिपेंड करता है। आप किस लेबल की दुकान खोलना चाहते हैं।
- आप स्वयं कारीगर हैं तो और आपके पास जगह है तो बहुत अच्छा है। यदि नहीं है तो आपको जगह किराये पर लेनी होगी।
- खुद कारीगर नहीं हैं तो कारीगरों को हायर करना होगा। इसके बाद काम आने वाले औजार हथौड़ा, हैंड आरी, क्रास कट आरी, रिप आरी, टेनन आरी, डवटेलआरी, निशान लगाने वाले तथा मापने वाले औजार यानी मार्किंग पंच, तांबे का हथौड़ा, प्लास्टिक का हथौड़ा, पकड़ने वाले औजार बैंच वाइस, हैंड वाइस, मशीन वाइस, लेग वाइस, क्लैम्प, रन्दा, ड्रा नाइफ, ड्रिलर, स्क्रू ड्राइवर, सा सेटर, पिन्सर, व्हील ब्रेस, कील, स्क्रू, आदि की व्यवस्था करनी होती है।
- यदि केवल फर्नीचर बेचना है तो आपको होलसेल मार्केट से फर्नीचर लाना होगा अथवा किसी मशहूर ब्रांड की फ्रेंचाइजी लेनी होगी। इससे आपका काम शुरू हो सकती है।
- साधारण फर्नीचर की दुकान खोलने में हजारों की लागत आयेगी। यदि शोरूम खोलना हो और स्वयं की वर्कशाप भी खोलनी हो तो एक्सपर्ट की राय के अनुसार आपको 3 से 5 लाख रुपये तक खर्च करने ही होंगे। इससे अधिक की कोई सीमा नहीं है।
मुनाफा कब और कितना मिल सकता है
फर्नीचर की दुकान से कितना लाभ या मुनाफा हो सकता है। यह आपके काम के नेचर पर डिपेंड करता है।
- पहला यह है कि यदि आप स्वयं कारीगर हैं तो मामूली खर्चा निकाल कर आपकी पूरी आमदनी ही होती है। इसमें शुरू-शुरू में औजार आदि में जो खर्चा होता है वही लगता है, उसके बाद आपकी स्किल के आधार पर सर्विस होती है।
- सर्विस में आपकी मेहनत ही लगती है, बाकी लगने वाले सामान की कीमत सर्विस लेने वाला स्वयं ही देता है। उसमें से भी आपको कमीशन मिल सकता है। इस तरह से तो आपका यह बिजनेस आम के आम और गुठलियों के दाम देने वाला साबित हो सकता है।
- इसके अलावा यदि आप फर्नीचर बेचने का काम शुरू करना चाहते हैं तो आपको इस बिजनेस में पेशेंस तो रखना ही होगा। साथ ही कुछ अलग हटकर काम करना होगा। जैसे आप जनरल फर्नीचर रख कर अपना शोरूम चलायें और साथ मे किसी मशहूर कंपनी की फ्रेंचाइजी ले लें।
- इसके साथ ही कारीगरों से सम्पर्क कर लें और ऑनलाइन आर्डर अथवा ऑनलाइन सर्विस में अपने कारीगर को भेजकर काम करवा सकते हैं। इसके अलावा आप सेकेंड हैंड फर्नीचर खरीद कर उनकी रिपेयरिंग व शााइनिंग करके बेच सकते हैं।
- आज के कंपटीशन वाले जमाने में आपको शुरू-शुरू में तो अधिक मुनाफे की उम्मीद नहीं करनी चाहिये लेकिन थोड़े समय बाद जब आपका बिजनेस सेट हो जाये तो आपको अच्छा खासा मुनाफा हो सकता है।
- मुनाफे के बारे में एक्सपर्ट की राय है कि शुरू-शुरू में आपका यह मुनाफा दस परसेंट के आसपास रह सकता है क्योंकि शुरू में आपको कस्टमर्स को अट्रैक्ट करने के लिए अपने मुनाफे का हिस्सा कम रखना होगा।
- जैसे जैसे आपकी दुकान की रेपो अच्छी होती चली जाये और कस्टमर्स का आना बढ़ जाये तब आपका बिजनेस तो बढ़ेगा और आपकी क्रेडिट बढ़ने के साथ ही आपका मुनाफा भी बढ़ जायेगा। एक्सपर्ट का कहना है कि तब आपका मुनाफा 30 से 50 परसेंट तक पहुंच सकता है।
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