7 बातों का ख़याल रखें और शुरू करें अपना रेस्ट्रॉंट बिज़नेस!

रेस्ट्रॉंट का बिज़नेस कैसे शुरू करें?

अगर आपका भी हमेशा से सपना रहा है कि आपका एक रेस्टोरेंट हो, तो हम आपके सफल होने की रेसिपी लेकर आएं हैं. रेस्टोरेंट का बिजनेस आज के समय में काफी आसान है. साथ ही आजकल समय की कमी के चलते बाहर खाने का चलन बहुत ज्यादा हो गया है.

रेस्टोरेंट बिज़नेस आपका समय और पैसा भले ही मांगता है, पर उतना ही फायदा भी आपको देता है. इसमें जरुरत है तो बस एक अच्छी प्लानिंग और सभी पहलुओं को अच्छे से जान लेनी की.

इस आर्टिकल में हम आपको डिटेल में बताएंगे कि आप किन स्टेप्स को फॉलो करते हुए अपने इस सपने को पूरा कर सकते हैं.

1. कांसेप्ट और थीम कर लें तय

रेस्टोरेंट खोलते समय अपने बजट के अनुसार ये  पहले ही तय कर लेना ज़रूरी है कि आपके रेस्टोरेंट का कांसेप्ट क्या होने वाला है. बाद में आप बार- बार आईडिया में बदलाव नहीं कर पाएंगें. कांसेप्ट निर्धारित करने के लिए आपके पास कई तरह के विकल्प मौजूद है. स्थानीय व्यजनों के अलावा अगर आपको लगता है कि आपके आस पास के लोग लोग इंटरनेशनल या नॉन-वेजेटेरियन खाने  का जायका भी चखना पसंद करते हैं तो आप उस तरह का रेस्टोरेंट भी खोल सकते हैं.

जैसे कि आजकल के हिसाब से पिज्जा या फ़ास्ट फ़ूड कांसेप्ट के रेस्टोरेंट काफी चलते हैं, तो आप उसी के अनुसार तय कर सकते हैं.

एक बार बजट के हिसाब से आईडिया तय करने के बाद आपको ये ध्यान रखना होगा कि आपको रेस्टोरेंट की थीम पर भी ध्यान देना होगा. रेस्टोरेंट के अंदर का इंटीरियर उसके फ़ूड आइटम्स से मेल खाना ज़रूरी है. इंटीरियर पर एक बार भले ही खर्च होगा पर ये कस्टमर को आकर्षित करने में काफी मदद करता है.

2. अच्छी लोकेशन का चुनाव

इस बिज़नेस में लोकेशन के मायने बहुत ज्यादा है. आपको पूरी तरह से सर्वे करना होगा कि आपने जिस जगह का चुनाव किया है वहां आपके प्रतिस्पर्धी कौन है, कितने हैं. साथ ही देखें कि जो थीम आपके रेस्टोरेंट की है वैसे ही थीम से मेल खाते रेस्टोरेंट क्या पहले से एरिया में मौजूद हैं या नहीं.

साथ ही जानकारी रखें कि आपको किस तरह के कस्टमर से डील करना है. अगर आपने लोकेशन तय करने में कोई ढील की तो ये आपके रेस्टोरेंट बिज़नेस को पूरी तरह से नुकसान पहुंचा सकता है.

3. रेस्टोरेंट शुरू करने से पहले लगने वाली लागत

बहुत से लोगों के रेस्टोरेंट खोलने के सपने बजट के सामने कमज़ोर हो जाते हैं. इसलिए लागत की जानकारी पहले से ही होना ज़रूरी हैं. एक बार लागत निर्धारित होने के बाद आपके लिए काफी चीज आसान हो जाती है.

ऐसे में आप दो तरह से होने वाले खर्च का निर्धारण कर सकते हैं

  • खुद से खर्चा उठाना

अगर आपके बैंक में इतना पैसा है कि आप शुरूआती कुछ महीने रेस्टोरेंट को संभाल सकते हैं तो इससे अच्छा कुछ नहीं है.अगर ऐसा नहीं है तो आप लोन लेने का विचार ले सकते हैं. जिसके लिए आप बैंक में अपने आईडिया को प्रोपोज कर लोन के लिए आवेदन दे सकते हैं.

  • अगर करवाना चाहते हैं फंडिंग

अगर आप चाहते हैं कि आपके बिज़नेस की फंडिंग कोई बाहरी एजेंसी करें तो आप ऐसा भी कर सकते हैं. हालांकि ये जरा सा मुश्किल है क्योंकि कोई भी बाहरी फंडिंग करने से पहले आपके द्वारा किया गया मुनाफा जरुर देखता है. ऐसे में आपको सामने वाली पार्टी को इस बात के लिए मानना होगा कि आपका आईडिया किस तरह से बाकि लोगों से अलग है.

4. रेस्टोरेंट शुरू होने पर लगने वाला पूरा खर्चा

रेस्टोरेंट खोलने के बाद बहुत सी चीज हैं जिन पर आपके खर्च का ज्यादातर हिस्सा लगता है. इनको हम इस तरह से समझ सकते हैं;

  • रेंट: सबसे अहम खर्चा जो आपको उठाना होगा वो है रेस्टोरेंट का रेंट. अगर जगह आपकी खुद की है तो अलग बात है नहीं तो आपको इसके रेंट को लेकर एग्रीमेंट आदि की जानकारी लेने होगी.
  • खाने का खर्चा: कोई भी डिश तैयार करने के लिए आपको उससे जुड़े कच्चे सामान को जुटाना ज़रूरी है. इसके लिए आपको सप्लाई करवाने वाले लोगों से संपर्क करना होगा और मन्यु में खाने की कीमत अपने खर्च के अनुसार निर्धारित करनी होगी.
  • लेबर का खर्च: रेस्टोरेंट के कांसेप्ट के आधार पर आपको एक्सपर्ट शेफ और साथ ही बाकि लेबर भी हायर करने होंगे.  साथ ही ध्यान रखें की नौकरी पर रखे गए स्टाफ को अपनी जिम्मेदारी अच्छे से पता हो. खाना बनाने और सर्व करने के लिए पूरी तरह से ट्रेनेड लोग ही रखें वरना ये आपके रेस्टोरेंट की इमेज को खराब कर सकता है.

5. सभी तरह के लाइसेंस लेना है ज़रूरी

अगर आप रेस्टोरेंट बिज़नेस शुरू करने के बाद किसी भी तरह की क़ानूनी परेशानी नहीं चाहते हैं तो आपको सभी लाइसेंस/अनापत्ति प्रमाण-पत्रों की जानकारी होनी चाहिए.

  • अन्न सुरक्षा लाइसेंस : FSS (खाद्य व्यवसायों के लिए लाइसेंसिंग और पंजीयन) नियामक 2011 के अंतर्गत लाइसेंस पाना प्राथमिक आवश्यकता है। हर रेस्टोरेंट मालिक को FSSAI के साथ रजिस्ट्रेशन करना ज़रूरी है.इस लाइसेंस के बिना रेस्टोरेंट बिज़नेस करना  करना कानूनन जुर्म है और इसके लिए सजा भी हो सकती है.
  • बीमा : रेस्टोरेंट्स के पास सार्वजनिक जिम्मेदारी, उत्पाद की जिम्मेदारी, अग्निसुरक्षा- नीति तथा इमारत और मालमत्ता नीति - इनके लिए बीमा होना आवश्यक है। ये किसी भी मान्यता प्राप्त बीमा कंपनी से पाए जा सकते हैं।
  • साइनेज  लाइसेंस : इस लाइसेंस को आप नगरपालिका समिति या नगर निगम जैसे स्थानीय नागरिक प्राधिकरण से प्राप्त कर सकते हैं।
  • शॉप्स एंड एस्टैब्लिशमेंट एक्ट : आपने शॉप्स एंड एस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत आपके रेस्टोरेंट का रजिस्ट्रेशन  करना आवश्यक है। इन सब के अलावा नापतौल विभाग की स्वीकृति,अग्नि-सुरक्षा प्रमाणपत्र,उद्वाहक अनुमति, पर्यावरणीय मंजूरी का प्रमाणपत्र लेना भी आवश्यक है।

6. सही तरह से मार्केटिंग करना है ज़रूरी

विज्ञापन देने के लिए आपको रेस्तरां के खुलने तक का इंतज़ार करने की जरूरत नहीं है। लोगों को आकर्षित करने के लिए आप अपने रेस्तरां का प्रचार कुछ हफ्ते पहले ही आरंभ कर सकते हैं। इसके लिए आप शहर के प्रमुख जंक्शनों पर अपने रेस्तरां के बैनर व पोस्टर लगा सकते हैं। स्थानीय ऐड्वर्टाइज़्मन्ट एजंसी की मदद से पर्चों द्वारा अपने रेस्तरां का प्रचार कर सकते हैं।

इसके अलावा आप रेस्टोरेंट के बारे में बताने के लिए सोशल मीडिया का सहारा भी ले सकते हैं. आप अपने रेस्टोरेंट की स्पेशल डिश की फोटो को आकर्षक ढंग लगा कर लोगों तक पहुंच बना सकते हैं.

7. फीड़बैक है बेहद ज़रूरी

रेस्तरां में आने वाले ग्राहकों से फीड़बैक जरूर लें। ये सुझाव रेस्तरां को बेहतर बनाने में आपकी मदद करेंगे। यह सफलता तक पहुंचने की पहली सीढ़ी है। यहां की गई चूक आपको आगे नहीं बल्कि पीछे खींचेगी।

इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए आप अपना रेस्टोरेंट खोल सकते हैं. बस ये हमेशा ध्यान में रखें कि इस बिज़नेस में लोग बहुत विश्वास से आपके पास आते हैं, क्योंकि खाना सीधा लोगों के दिल दिमाग और हेल्थ से जुड़ा है, इसलिए  हमेशा ध्यान रखें कि आप कस्टमर की उम्मीद पर खरा उतरें.

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