रियल एस्टेट कंसल्टिंग फर्म का बिज़नेस कैसे शुरू करें?

मनी भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार रियल एस्टेट बिज़नेस का जीडीपी में अभी तक 7% की हिस्सेदारी है। जीएसटी लागू होने के बाद से जिस तरह से इस क्षेत्र में होने वाले इन्वेस्टमेन्ट में पारदर्शिता आयी है उसे देखते हुए बिल्डिंग मैटेरियल्स एंड टेक्नोलॉजी प्रोमोशन कौंसिल (बीएमटीपीसी) ने अनुमान लगाया है की 2040 तक जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी 14% हो सकती है। अभी रियल एस्टेट का मार्किट 8.50 लाख करोड़ रूपये का है, जिसमे तकरीबन साढ़े 5 करोड़ लोग कार्यरत हैं। इसका असर सीधे तौर पर 200 से अधिक क्षेत्रों में पड़ता है। वहीँ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के 2022 तक नए भारत के आह्वान के बाद से इस क्षेत्र में कुछ ज्यादा ही तेजी देखने को मिल रही है।

वैसे तो काफी लोगों का मानना है की रियल एस्टेट के बिज़नेस में केवल वही इन्वेस्ट करते हैं जिनके पास ज्यादा पैसा होता है। पर ऐसा मानना पूरी तरह से गलत है। रियल एस्टेट एक अच्छा बिज़नेस विकल्प है यदि आप भी इस व्यवसाय को शुरू करने की योजना पर विचार कर रहे हैं तो बिल्कुल शुरू कर सकते हैं। जैसे की हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा है वैसे ही यहाँ भी पहले से स्थापित दिग्गजों से आपको चुनौती मिलना आम बात है।

लेकिन, आपको प्रतिस्पर्धा से भयभीत और डरने की जरुरत नहीं है। अगर इसके शुरुआत में ही ध्यान से योजना बना लेते हैं तो आप इस प्रतियोगिता के माहौल में भी सफलतापूर्वक इसका कार्य आरम्भ कर सकते हैं। जितनी अच्छी नींव (शुरुआती योजना) होगी उतने ही सफल आप होंगे। इसलिए हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहें। संगठित बने व्यक्तिगत स्तर पर और एक व्यवसायी के रूप में भी। क्योंकि रियल एस्टेट सेक्टर में तत्काल सफलता नहीं मिलेगी इस में आपको बहुत धैर्य रखने की आवश्यकता होगी। तो चलिए देखते हैं की हम किस प्रकार से रियल एस्टेट के व्यवसाये मे उतर सकते हैं व इस दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

1. योजना  (Planning)

अत्यधिक प्रतिस्पर्धा क्षेत्र होने के कारण सबसे पहले आपको अपनी ताकत, कमजोरियों और उन क्षेत्रों पर विचार करना होगा। यह एक विशाल क्षेत्र है इसलिए आगे बढ़ने से पहले अपनी योजना सुचारु रूप से बना लें। जिसमे वेबसाइट, लोगो, नाम से लेकर ऑफिस का इंफ्रास्ट्रक्चर कैसा होना चाहिए व पूरे काम के लिए कितनी लागत आएगी। इस तरह योजना बना के आगे बढ़ने पर आत्मविश्वास बना रहेगा। योजना बनाते समय लघु व्यवसाय विकास केंद्र के विशेषज्ञों से सलाह ले सकते हैं। यह आपको रियल एस्टेट परियोजनाओं में शामिल करने का अच्छा तरकीब है एवं निवेशकों और ऋणदाताओं को दस्तावेज़ों के द्वारा भी सम्मिलित कर सकते हैं।

  • खुद पर भी विचार करें क्या यही सही व्यवसाय होगा आपके लिए?
  • शहर के विशिष्ट क्षेत्र (Particular Area) में संपत्ति बेचना चाहते हैं या किसी विशेष आबादी (Targeted Audience) को संपत्ति बेचना चाहते हैं?
  • केवल किराये की संपत्ति (Rental Office, Rental Apartment) पर ध्यान केंद्रित करना चाहते है या संपत्तियों के क्षेत्र विशेषज्ञ बनना चाहते हैं?

यदि आपका ग्राहक लक्षित हैं तो सफलता का अवसर उतना ही बेहतर होगा। साथ ही सुनिश्चित करें आप ग्राहकों के सभी ज़रूरतों को पूरा कर रहे हैं। संपत्ति के साथ-साथ डॉक्यूमेंशन और लोन के लिए भी मदद कर रहे हैं।

अचल संपत्ति का व्यवसाय करने के लिए विचार करें-

  • आवासीय
  • रिज़ॉर्ट और वेकेशन होम
  • आय संपत्ति (निवेशक द्वारा ख़रीदा गया घर जिसे किराये पर दिया जा रहा)
  • कॉन्डो
  • वाणिज्यिक रूप से ज़ोन की संपत्ति
  • संपत्ति प्रबंधन
  • किराये की संपत्ति

साथ ही इस पर भी विचार करें की क्या केवल खरीददारों के लिए ही काम करना चाहते हैं या जो घर बेचना चाहते हैं उनके लिए काम करेंगे।

2. बाजार अनुसंधान (Market Research)

हर व्यवसाय के लिए मार्किट का आकलन करना जरूरी होता है। यह रिसर्च ही बताती है की जो आपका विचार है व्यवसाय को ले के वह कितना काम का है, कौन से स्थान की संपत्ति (Property) अच्छी रहेगी। वही इससे आपकी वर्तमान स्थिति पर भी विचार करने पर मदद करेगा। रिसर्च खुद भी कर सकते हैं या किसी प्रोफेशनल को रख सकते हैं।

इन बिंदुओं पर विचार करे -

• रिसर्च की सुनिश्चितता तय करें ताकि धन और समय दोनों बचें।

• सही कौशल और मानक के अनुरूप ही बाजार का रिसर्च करें।

•  इस रिसर्च से वास्तविकता का अनुभव होगा।

• रिसर्च में विशेषज्ञों और अनुभवी से सलाह भी लेंगे तो यह आपके लिए फ़ायदेमंद होगा।

• प्रतिस्पर्धियों की पहचान करें।

ऑनलाइन उपलब्ध डाटा का उपयोग कर आकलन कर सकते हैं। जैसे की आयु सीमा, जीवन शैली और व्यवहार पैटर्न जैसी प्रमुख विशेषताएँ आपके लक्षित ग्राहकों को खंडों में विभाजित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले कुछ डेटा बिंदु हैं। रिसर्च करते समय इन बिंदुओं को ध्यान में रखकर डाटा एकत्र कर सकते हैं।

3. ब्रांड बिल्डिंग (Brand Building)

हर व्यवसाय की ब्रांडिंग उसकी विश्वसनीयता के लिए होती है जो आपके उपभोक्ता के लिए अत्यंत जरूरी है। यह भरोसा ही लोगों के मन में आपके व्यवसाय के प्रति धारणा बनाने में मदद करता है। इसके लिए आप वेबसाइट, व्यवसाय का लोगो बनवा सकते है साथ में प्रेस रिलीज़, विज्ञापन, पम्पलेट, होर्डिंग व अन्य रणनीतियों से भी अपनी मार्केटिंग कर सकते हैं।

अपने भरोसे को बनाने के लिए इन बिंदु पर ध्यान दें-

• ग्राहकों के साथ अच्छा संबंध बनाएं

• व्यक्तिगत स्तर पर अपने ग्राहकों को व्यस्त रखें

• ग्राहकों से अधिक से अधिक बातचीत करें

• अपने रियल एस्टेट व्यवसाय को अन्य से अलग प्रेजेंट करें

• ग्राहकों को उनके पैसों के मुताबिक ही संपत्ति प्रोवाइड करें

• संपत्ति के सभी मुद्दों को एक विशेषज्ञ की तरह हल करें

4. वित्त (Finance)

वैसे तो रियल एस्टेट कंपनी के लिए छोटी राशि पर्याप्त होती है पर केवल स्टार्टअप लागत की गणना करने की गलती से बचें। इसकी बजाय कॉस्ट कैरी की गणना करें इसमें ग्राहक से पहला पेमेंट लेने से अगले 5 से 6 महीने में लगने वाली लागत का मूल्य हो। अगर आपके पास बड़ा स्त्रोत नहीं है तो निवेशक ढूंढे।

5. ऑफिस (Office Setup)

ऑफिस के लिए ऐसा स्थान चुने जहाँ ग्राहक आसानी से आप तक पहुँच सकें। स्टार्टअप तो आमतौर पर घर से शुरू होता है पर आरम्भ में छोटा ऑफिस देख सकते हैं। अगर ऑफिस बजट के बाहर है तो स्टोरफ्रंट के बिना काम करने के तरीका का पता लगाएँ। लेकिन ऑफिस रखना ज्यादा भरोसेमंद होगा ग्राहकों के लिए।

एक मुनीम को रखें ये पूरी तरह से अकाउंटेंट नहीं होता पर डॉक्यूमेंट को व्यवस्थित रखने, बिलों का भुगतान करने के लिए होता है जिससे आपको रियल एस्टेट लेनदेन के रिकॉर्ड को व्यवस्थित करने में आसानी होती है। यह बैंक खातों का विवरण, रिपोर्ट तैयार करने और वित्तीय रिकॉर्ड रखने में मदद करता है।

6. ऑनलाइन प्रमोशन (Online Promotion)

टेक्नोलॉजी के बढ़ते दौर में ग्राहक किसी का भी पता लगाने के लिए ऑनलाइन मदद लेते हैं तो आपको यह सुनिश्चित करना होगा की आपकी ऑनलाइन प्रजेंस कैसा है? क्या आपकी वेबसाइट गूगल पर सर्च करने के पश्चात यूजर को दिखाई दे रही है? जितनी ज्यादा दृश्यता होगी आपके वेबसाइट की उतने ज्यादा ग्राहक आपसे संपर्क करेंगे। वेबसाइट पर और सोशल मीडिया एकाउंट्स पर अपना पूरा विवरण सही-सही डालें।

निष्कर्ष

इन स्टेप्स को ध्यान में रखकर आप अपना व्यवसाय चालू कर सकते हैं लेकिन यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है की जब ग्राहक आपसे संपर्क करना चालू करते है तब उनसे जुड़ना जरुरी होता है। कई अध्ययनों से पता चलता है की जिन लीडस् पर लम्बे समय तक बात नहीं होती या ग्राहक अनुत्तरित रहता है उसकी बिक्री में परिवर्तन की सम्भावना 80% से 20% के पास पहुँच जाती है। इसलिए जितना जल्दी हो संपर्क करें, उत्तर नहीं देने पर संपर्क करते रहें और संपत्ति लेनदेन के लिए उत्तर तैयार रखें ताकि ग्राहक के प्रश्नों का समाधान कर सकें। सकारात्मक रहें, चिंता बिलकुल भी न करें। जितने ज्यादा नम्र रहेंगे उतने ज्यादा आपके भरोसे की नींव मजबूत होगी। इसलिए मात्रा की बजाय गुणवत्ता पर ध्यान दें।

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