ऑनलाइन ज्वेलरी स्टोर शुरू करने के बेस्ट टिप्स, जानिये
आजकल सोने-चांदी की कीमतें काफी अधिक हो जाने के कारण इससे बनने वाली ज्वेलरी की डिमांड काफी कम हो गयी है। इस तरह की ज्वेलरी एक खास वर्ग के स्टेटस सिंबल बन कर रह गयी है। इसका कारण यह भी है कि सोना-चांदी खरीदना हर आदमी के वश की बात नहीं रह गयी है। दूसरा यह कि ये दोनों धातुएं महंगी होने के कारण इनके बने आभूषण पहन कर आने-जाने में बहुत बड़ा रिस्क होता है। इस वजह से लोग सोने-चांदी के आभूषणों के इस्तेमाल करने से बचते हैं। लेकिन फैशन के लिए ज्वेलरी तो चाहिये ही, इसलिये लोग इसका विकल्प ही इस्तेमाल करते हैं। इसके विकल्प के रूप में आर्टिफिशियल ज्वेलरी को ही अपनाते हैं। इसलिए आजकल इस वैकल्पिक ज्वेलरी का बिजनेस अच्छा खासा फल फूल रहा है। सस्ते और कम रिस्की होने की वजह से लोग इनका अधिक इस्तेमाल करते हैं और जहां चाहे आसानी से ले जा सकते हैं। इस ज्वेलरी के डिमांड होने का एक कारण यह भी है कि सस्ती होने से इसे अधिक से अधिक लोग खरीद सकते हैं। ज्वेलरी की मार्केट का भविष्य बहुत अच्छा है। ये बिजनेस सदाबहार और अधिक फायदा देने वाला बिजनेस है।
फैशन और महिलाओं के शौक में है घनिष्ठ रिश्ता
आजकल फैशन का दौर चल रहा है। फैशन में महिलाएं सबसे आगे रहतीं हैं। ज्वेलरी महिलाओं की पहली पसंद होती है। महिलाएं ज्वेलरी के मामले में इतनी अधिक शौकीन होतीं हैं कि उनका कभी भी ज्वेलरी खरीदने से मन ही नहीं भरता है। महिलाएं त्योहारों, पार्टियों में तो नई-नई लेटेस्ट डिजाइन की ज्वेलरी खरीदना अधिक पसंद करतीं हैं। इसके साथ वो अपने कपड़ों से मैच करने वाली ज्वैलरी भी अलग-अलग खरीदना पसंद करतीं हैं। बिजनेस करने वालों को थोक मार्केट में ये ज्वेलरी बहुत ही कम दामों में मिलती है, जिसको फुटकर में काफी अधिक दाम में बेच कर मुनाफा कमाते हैं।
ऑफलाइन बिजनेस को कोविड-19 ने बना दिया ऑनलाइन बिजनेस
1. ज्वेलरी का बिजनेस मुख्यत: ऑफलाइन यानी मेन मार्केट में शॉप या शोरूम खोल कर किया जाता था। यही परम्परागत तरीका था लेकिन आजकल जबसे कोविड-19 की महामारी का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। तब से प्रत्येक बिजनेस का ऑनलाइन बिजनेस ऑफलाइन बिजनेस से अधिक चल रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि आम इंसान अब बाजार की भीड़भाड़ में जाने का रिस्क नहीं लेना चाहता है।
2. प्रत्येक व्यक्ति अपनी जॉब और बिजनेस में इतना अधिक व्यस्त रहता है कि उसके पास इतना समय नहीं रहता है कि फेमिली को लेकर बाजार में घंटों रिसर्च करके अपने मनपसंद की ज्वेलरी आदि खरीदे।
3. तीसरा कारण यह भी है कि आजकल सभी के पास एंड्रायड फोन और इंटरनेट इतना आसान है कि उसे मार्केट में सर्च करने की जगह ऑनलाइन सर्च करना बहुत ही सरल पड़ता है। इसमें समय व भागदौड़ दोनों बचती है। साथ बाजार आने-जाने का खर्च भी बचता है। इस तरह से ज्वेलरी का ऑनलाइन बिजनेस बहुत ही अच्छा आइडिया है। यह बिजनेस अपने घर से ही कम पूंजी में शुरू किया जा सकता है। इस ज्वेलरी के थोक दाम का आइडिया ग्राहकों को न होने के कारण इस बिजनेस में काफी अधिक मुनाफा लिया जा सकता है।
ऑनलाइन बिजनेस दो तरीके से किया जा सकता है
सभी तरह के बिजनेस की तरह ज्वेलरी का ऑनलाइन बिजनेस भी दो तरीके से किया जा सकता है।
1. पहला तरीका तो यह है कि आप अपनी वेबसाईट बनायें और ई स्टोर बनवायें और किसी भी ईकॉमर्स कंपनी के साथ मिलकर काम करें।
2. दूसरा तरीका यह है कि आप अपनी वेबसाइट बनवायें, अपना ई स्टोर बनवा कर स्वयं प्रचार प्रसार करके अपना खुद का बिजनेस शुरू करें।
पहले तरह के बिजनेस में आपको लाभ कम मिलेगा लेकिन आपको ग्राहकों को तलाशने की टेंशन नहीं होगी। साथ ही आपको अपने प्रोडक्ट की सेल की ज्यादा टेंशन नहीं लेनी पड़ती है। कहने का मतलब यह है कि इस तरह के बिजनेस में आपको कम मेहनत करनी होती है।
दूसरी तरह के बिजनेस में आपको मेहनत बहुत करनी होती है और पहले तरीके की अपेक्षा अधिक पैसा भी खर्च करना होता है। माल संबंधी सारे जोखिम आपको स्वयं उठाने होते हैं। आपको ही ग्राहक तलाशना होगा, आपको ही माल बेचना होगा, कंपटीशन को देखते हुए आपको अपना मुनाफा भी तय करना होगा। शुरू-शुरू में मार्केट बनाने आपको एड़ी-चोटी का जोर लगाना होगा और मुनाफे के लिये धैर्य रखकर अच्छे समय के आने का इंतजार करना होगा।
मार्केटिंग टिप्स कैसे सीखें
ज्वेलरी के ऑनलाइन स्टोर खोलने के लिए आपको मार्केटिंग का गुण आना चाहिये। क्योंकि आप ऐसे प्रोडक्ट को मार्केट में सेल करने जा रहे हैं जो ऑप्शनल है यानी आपका ग्राहक वो चीज न खरीदे तो भी उसकी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। कोई भी व्यक्ति फालतू पैसे खर्च करने से बचने की कोशिश करता है। इसका मतलब यह हुआ कि ग्राहक आपके पास आयेगा नहीं बल्कि आपको ग्राहक बुलाना पड़ेगा और उसे अपना प्रोडक्ट बेचना भी होगा। इसके सारे गुण आपको आने चाहिये, यदि नहीं आते हैं तो आपको ऑनलाइन या ऑफलाइन सीखने होंगे। किस तरह से सीखें
1. ऑनलाइन आपको ट्यूटोरियल वीडियो देखकर आप उनसे कुछ सीख सकते हैं
2. ऑनलाइन ज्वेलरी स्टोर की गतिविधियों को देखकर भी सीख सकते हैं
3. ऑफलाइन मार्केटिंग टिप्स सीखने के लिए आपको अपने किसी परिचित के अनुभव का लाभ उठाना होगा
4. यदि कोई सस्ता और कम समय का कोर्स होता हो तो उसको करके भी मार्केटिँग के टिप्स सीखे जा सकते हैं
5. दूसरा रास्ता है सेल्फ स्टडी का, आप किसी अच्छे लेखक की अच्छी पुस्तक को लेकर पढ़ कर सीख सकते हैं
जब आपका विश्वास बढ़ जाये और यह लगने लगे कि आप अपना बिजनेस आसानी से चला सकते हैं और उसमें लगी पूंजी के साथ मुनाफा भी कमा सकते हैं, उसके बाद ही आप अपना ज्वेलरी का ई स्टोर शुरू करें।
अपनी मार्केट कैसे तलाशें
ऑनलाइन बिजनेस का मतलब तो यही होता है कि पूरा विश्व आपका मार्केट है। लेकिन आप पूरे विश्व को तो माल सप्लाई नहीं करेंगे। यदि अधिक से अधिक देशों में अपने ग्राहक बनाने की सोचेंगे तो शायद यह भी ठीक नहीं होगा। इसके लिए आपको सबसे पहले ऑनलाइन ज्वेलरी बिजनेस के डाटा कलेक्ट करने होंगे। उन डाटा में यह देखना होगा कि किस देश में आपके पास उपलब्ध ज्वेलरी की डिमांड सबसे अधिक है। इसके कारण खोजने होंगे। साथ ही यह भी देखना होगा कि जिस देश के बिजनेस करना आसान है। मतलब ऑर्डर मिलने के साथ पेमेंट आदि की व्यवस्था सही हो, किसी तरह की कोई बाद में परेशानी न आती है। उसी देश को टारगेट करना होगा। कहने का मतलब यह है कि मार्केट के बारे में कनफ्यूज न रहें। जितनी क्षमता हो अर्थात जितना काम आसानी से कर सकते हों, उतना ही हाथ में लें। अधिक काम का लालच करेंगे तो सारे काम गड़बड़ हो सकते हैं
प्रोडक्ट को कैसे चुनें
जहां आप अपने मार्केट के बारे में अपना विजन क्लियर रखें, वहीं प्रोडक्ट के बारे में भी अपना नजरिया साफ रखें। इसमें भ्रम की स्थिति कतई नहीं होनी चाहिये। इससे आपका बिजनेस बहुत अच्छी तरह से सुनियोजित हो जाता है। मार्केट में ज्वेलरी के हजारों प्रोडक्ट होते हैं, सभी का व्यापार एकसाथ शुरू नहीं किया जा सकता है। अधिक से अधिक प्रोडक्ट को बेचने का प्रयास शुरुआत में अच्छा नहीं होता है। आपको कुछ चुनिंदा प्रोडक्ट लेने होंगे ओर उनमें अपनी विशेषज्ञता हासिल करनी होगी। अब मार्केट में ज्वेलरी में प्रमुख रूप से कान की बाली, टॉप्स, झुमका, बुदे, गले का हार, जंजीर, चेन, हाथों में पहनने वाली चूड़ियाँ और कंगन, चूड़ी सेट, अंगूठियां,पैर के अंगूठे, ज्वेलरी सेट जिसमें गले का हार, कान की बालियां, अंगूठी आदि होती हैं, मंगलसूत्र, नाक के छल्ले,हेयर पिन, पैर की पायल, कमर की करधनी आदि अनेक तरह की ज्वेलरी होती है। इसमें आपको वो प्रोडक्ट छांटने हैं जिनकी मार्केट में डिमांड अधिक हो और जिनको आप अच्छी तरह से मैनेज कर सकते हों।
ज्वेलरी ई स्टोर बनाने के लिये क्या करना होगा
सबसे पहले आपको अपनी कंपनी या फर्म का नाम चुनना चाहिये। इस नाम के चयन के साथ डोमेन लेने के लिए भी प्रयास करने चाहिये ताकि आपकी कंपनी के नाम जैसा डोमेन मिल सके। इससे आपको अपना बिजनेस करने में आसानी होगी। कंपनी का नाम ऐसा हो जिसको आसानी से याद रखा जा सके। आप ज्वेलरी का काम करने जा रहे हैं तो आपकी कंपनी के नाम में ज्वेलरी शब्द जरूर आना चाहिये। यह कंपनी या फर्म आपकी एकल बिजनेस मैन की भी हो सकती है, पार्टनरशिप में भी हो सकती है या फिर प्राइवेट कंपनी भी हो सकती है।
कंपनी का नाम चुनने के बाद इसको बिजनेस एक्ट के तहत रजिस्टर्ड करायें। साथ ही आपको व्यापार करने के लिए आवश्यक रूप से जीएसटी नंबर लेना होगा। हालांकि इसकी जरूरत उस समय पड़ती है जब बिजनेस का टर्नओवर 40 लाख रुपये सालाना हो जाये लेकिन इसके लिए यदि पहले से आप रजिस्ट्रेशन करा लेंगे तो आपको आगे भविष्य में काफी सुविधा होगी।
ई वेबसाइट बनवाने का कौन सा तरीका होगा बेहतर
इसके बाद आपको ई कॉमर्स वेबसाइट यानी ई स्टोर बनवाना होगा। इसके लिए दो तरीके हैं।
1. पहला तरीका यह है कि आप अपनी वेबसाइट स्वयं बनवायें। इसके लिए किसी वेब डिजाइन के डेवलपर से मदद लेकर अपनी वेब साइट बनवायें। हालांकि यह तरीका काफी महंगा और रिस्की होता है। यदि कोई प्रोफेशनल वेब डिजाइनर आपकी ई कॉमर्स वेबसाइट बनायेगा तो उसमें पैसा काफी लगेगा और समय भी काफी लगेगा। इसके बाद यह निश्चित नहीं कि वो वेबसाइट उस समय की इंटरनेशनल वेबसाइट की तरह हो। साथ ही वह यूजर फ्रेडली हो।
2. दूसरा तरीका यह है कि मार्केट में शॉपिफाई जैसी तमाम कंपनियां हैं जो आपके बिजनेस के नेचर के अनुरूप आपको रेडीमेड ई कॉमर्स वेबसाइट उपलब्ध करा सकतीं हैं। ये कंपनियां इस तरह की वेबसाइट अपने एक्सपर्ट के द्वारा बनवाती रहतीं हैं और समय-समय पर होने वाले परिवर्तन के प्रति अलर्ट भी रहतीं हैं और सुविधा के अनुसार अपनी वेबसाइट को समय-समय पर अपडेट भी करती रहतीं हैं। ये कंपनियां आपसे मासिक किराया वसूलतीं हैं।
इन कंपनियों की खास बात यह है कि अपने कंसल्टेंट के माध्यम से आपके बिजनेस के बारे में अच्छे टिप्स भी देतीं रहतीं हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि शुरू में नया-नया बिजनेस करने के लिए आपको अपनी वेबसाइट बनवाने की जगह आपको इन कंपनियों से ई वेबसाइट किराये पर लेनी चाहिये। जब आपका बिजनेस स्थापित हो जाये तब आप अपनी ई कॉमर्स वेबसाइट बनवा सकते हैं।
ई स्टोर बनवाने के बाद क्या करें
ई स्टोर बनवाने के बाद आप अपने ज्वेलरी के बिजनेस का प्रचार करना शुरू कर दें। इसके लिए सबसे पहले थोक मार्केट से अनेक प्रोडक्ट को कम मामूली संख्या में लेकर अपनी वेबसाइट के ई स्टोर पर लिस्टिंग करें। धीरे-धीरे जब आपके पास ग्राहक आना शुरू करें तब आप अपनी ई स्टोर को दिखाकर थोक विक्रेताओं से सम्पर्क करें और उनके नाम, ब्रांड, प्रोडक्ट का जिक्र करें। ताकि आने वाले ग्राहक आपके विक्रेताओं की ब्रांडिंग और रेटिंग की जानकारी मिल सके। अच्छी साख वाले विक्रेताओं के मौजूद होने से आपके ग्राहकों की संख्या बढ़ सकती है। एक बार क्रेडिट बनने से ग्राहक आपके पास से कहीं और नहीं जायेगा।
पेमेंट गेटवे का तरीका बनायें
ज्वेलरी का ई स्टोर बिजनेस शुरू करने के साथ ही आपको ग्राहकों से पेमेंट लेने के बारे में सोचना होगा।आप अपने बिजनेस एरिया के ग्राहकों की सुविधा के अनुरूप जो पेमेंट गेटवे बनाना होगा। यानी आपके ग्राहक क्रेडिट कार्ड, डेबिड कार्ड, नेट बैंकिग, पेटीएम, गूगल पे व अन्य जिस तरीके से पेमेंट करना चाहे उसकी व्यवस्था आपको करनी होगी।
अच्छी लॉजिस्टिक से फलता-फूलता है व्यापार
ऑनलाइन ज्वेलरी बिजनेस का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, सस्ती, विश्वसनीय और स्मार्ट लॉजिस्टिक सर्विस। यानी ग्राहक के आर्डर पर उसके घर तक सुरक्षित और तय समय में सप्लाई करने वाली सस्ती सेवा की तलाश करनी होगी। यदि यह सर्विस अच्छी और सस्ती होगी तो आपका मुनाफा बढ़ेगा और आपकी साख भी अच्छी होगी। यदि आपके द्वारा चुनी गयी लॉजिस्टिक सर्विस कंपनी महंगी हुई तो यह आपके लिए काफी महंगा सौदा पड़ेगा। इसके अलावा यह कंपनी ऐसी भी न हो कि वो यह जाने कि ज्वेलरी का बिजनेस करने वालों को मुनाफा अधिक होता है तो वो मौके पर अपने चार्ज बढ़ा दें। इससे भी आपको परेशानी होगी। साथ ही आपका बिजनेस भी प्रभावित होगा।
किस प्रकार बिजनेस शुरू करें
ज्वेलरी का ऑनलाइन स्टोर स्थापित करने के बाद यह फैसला करना होगा कि आप अपना बिजनेस किस तरह से शुरू करें। इस बारे में भ्रम को दूर करने के लिए कुछ प्रमुख बिन्दुओं पर गंभीरता से विचार करें, जैसे-
1. आपको कम मेहनत करनी है या अधिक मेहनत करनी है
2. आपको मुनाफा जल्दी और कम चाहिये या थोड़ी देर तक धैर्य रखकर अधिक मुनाफा लेना चाहेंगे
3. आपके पास मार्केटिंग स्किल है या आप दूसरों की मदद से अपना व्यापार करना चाहते हैं
4. आप अपने ज्वेलरी बिजनेस के सारे जोखिम उठाना चाहते हैं या नहीं
5. आपके पास ऑनलाइन ग्राहक पहले से हैं या नये खोजने हैं
इन सारी बातों पर गंभीरता से विचार करने के बाद दो रास्ते सामने नजर आते हैं। पहला यह कि यदि आप कम मेहनत करके, जल्दी और कम मुनाफा चाहते हैं, आपके पास मार्केटिंग स्किल भी नहीं है, आप जोखिम भी नही उठाना चाहते हैं और आपके पास ग्राहक पहले से नहीं हैं तो आपके लिए ई कॉमर्स बिजनेस कंपनियों का सहारा लेना ही सही रास्ता होगा।
कौन सा रास्ता किसके लिये होगा सही, जानिये
यदि आप किसी अन्य बिजनेस को जीरो से टॉप तक पहुंचाने के लिए कठिन परिश्रम करना चाहते हैं। पहले आपका बिजनेस स्थापित हो जाये मुनाफा बाद में भी ले सकते हैं, आप को ऑनलाइन बिजनेस की अच्छी समझ है और मार्केटिँग भी अच्छी तरह सक कर सकते हैँ।अपने व्यापार में जोखिम भी उठा सकते हैं। ग्राहक यदि नहीं भी हैं तो आपमें इतना हुनर है कि आप ग्राहक को आकर्षित कर सकते हैं तो आपको अपनी खुद की वेबसाइट बनवाकर बिजनेस करना चाहिये।
ई कॉमर्स कंपनियों के साथ बिजनेस करने के लिए आपको उनकी वेबसाइट पर अपने ई स्टोर को रजिस्टर्ड कराकर, उनकी टर्म्स एंड कंडीशन के साथ आपको व्यापार करना होगा। इसके लिए आपको पैकिंग आदि की अच्छी व्यवस्था करनी होती है। इसके साथ ही आप अपनी वेबसाइट के माध्यम से ग्राहकों को बुलाने का काम कर सकते हैं।
अपनी वेबसाइट बनवाकर ज्वेलरी का बिजनेस करने वालों को मार्केटिंग यानी प्रचार पर अधिक जोर देना होता है। वो सारे हथकंडे अपनाने होते हैं जिनसे ग्राहक आकर प्रोडक्ट को खरीदे।
एफिलिएट मार्केट का भी लें सहारा
अपनी वेबसाइट बनाकर ज्वेलरी का बिजनेस करने वाले बिजनेसमैन को अपनी पूरी क्षमता से अपने प्रोडक्ट का ऑनलाइन प्रचार करना चाहिये। इसके लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, लिंक्डइन एवं ज्वेलरी का बिजनेस करने वाले कुछ खास ई कॉमर्स कंपनियों से भी सहारा लेना चाहिये।
इसके अलावा ज्वेलरी के विशेषज्ञ माने जाने वाले एफिलिएट मार्केट के धुरंधर खिलाड़ियों की भी मदद लेनी चाहिये। इस तरह के मार्केट वालों को सभी तरह की मार्केट के बारे में अच्छी जानकारी होती है तथा उन्हें अच्छी तरह से मालूम होता है कि किस बिजनेस के ग्राहक किस तरह से आयेंगे ओर कौन सा प्रोडक्ट किस देश में अधिक बिक सकता है।
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