Vivo kaha ki company hai [जानिये कंपनी से जुडी रोचक बातें]

वीवो का नाम आज किसी भी प्रकार के प्रचार का मोहताज नहीं है। भारत में आजकल बच्चा-बच्चा जानता है कि वीवो एक मोबाइल बनाने वाली कंपनी हे। इस कंपनी की शुरुआत किस तरह हुई ? यह बात अपने आप में बहुत रोचक है। यह कंपनी आज से 13 साल पहले शुरू हुई लेकिन उनकी पकड़ आज दुनिया के 100 से अधिक देशों में हो गयी है। वीवो कंपनी के स्मार्ट फोन अपने जानदार व आकर्षक कैमरों के लिए कस्टमर के बीच पहचाने जाते हैं। यह कंपनी मोबाइल उत्पादक कंपनियों में बड़ी कंपनी मानी जाती है।

भारत में ही क्यों आती हैं विदेशी मोबाइल कंपनियां

भारत चूंकि विश्व की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। इसलिये यहां की मोबाइल मार्केट सबसे बड़ी है। यहां पर मोबाइल यूजर्स की संख्या भी बहुत अधिक है। मोबाइल फोन का बिजनेस भी बहुत जल्दी बहुत तेजी से बढ़ता है। अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के लालच में अधिकांश विदेशी कंपनियां भारत में अपना कारोबार करना चाहतीं हैं। इसी तरह वीवो कंपनी ने अपने मोबाइल फोन बेच कर अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के लिए भारत की मार्केट को चुना है। इसका लाभ भी वीवो कंपनी को मिला है।

हर चौथे व्यक्ति हाथ में होता है Vivo का मोबाइल फोन

वीवो कंपनी का पूरा नाम वीवो कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड या वीवो संचार प्रौद्योगिकी कंपनी लिमिटेड है। वीवो कंपनी की खास बात यह है कि इसका मोबाइल फोन बहुत अधिक लोकप्रिय है। वीवो स्मार्ट फोन के बारे में कहा जाता है कि भारत के प्रत्येक चौथे व्यक्ति के हाथ में वीवो का स्मार्ट फोन देखा जा सकता है। इसी से वीवो के मोबाइल फोन की लोकप्रियता का अनुमान लगाया जा सकता है।

क्या-क्या बनाती है Vivo कंपनी?

ओपो, वन प्लस और रियलमी की पैरेंट कंपनी बीबीके इलेक्ट्रानिक्स कंपनी की ही सहायक कंपनी के तौर पर ही वीवो को जाना जाता है। वीवो कंपनी स्मार्ट फोन, स्मार्ट फोन के एसेसरीज बनाती है तथा यह कंपनी सॉफ्टवेयर का भी निर्माण करती है। इसके अलावा आनलाइन सेवाओं को डिजाइन और डेवलप करती है। इस तरह से अनेक प्रोडक्शन से वीवो कंपनी को अधिक कारोबार मिलता है और उससे अधिक लाभ भी मिलता है।

कब हुई थी Vivo कंपनी की स्थापना?

बीबीके इलेक्ट्रॉनिक्स ने ही वीवो कंपनी की स्थापना 2009 में की थी। यह कपनी शुरुआत से ही बहुत तेजी से अपना कारोबार फैला रही है। इसने एशिया के लगभग सभी देशों में अपना बिजनेस फैला लिया है। अब वीवो को एशिया की सबसे बड़ी मोबाइल उत्पादक कंपनी के रूप में जाना जाता है। वीवो कंपनी के मोबाइल फोन के कैमरे सबसे अच्छे माने जाते हैं। फोटोग्राफी के शौकीन लोगों के लिए वीवी के स्मार्ट फोन पहली पसंद बन गये हैं।

कहाँ और किसने Vivo कंपनी बनायी थी?

मोबाइल फोन उत्पादन करने वाले मशहूर चीनी कंपनी वीवो की स्थापना चीनके डांगगुआंन में हुई थी। इस कंपनी की स्थापना इसकी पैरेंट कंपनी बीबीके इलेक्ट्रॉनिक्स ने की थी। इसलिये इस कंपनी के मालिक शेन वेई हैं। इस कंपनी का एशिया में इतना कारोबार फैला कि आज के समय में एशिया के सबसे बड़ी मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनी बन गयी है। भारत में वीवो के सीईओ जेरोम चेन हैं, जो भारत में फैले कंपनी का पूरा कारोबार देखते हैं।

इस टेक्नोलॉजी को लाने वाली Vivo ही थी

मोबाइल फोन यानी स्मार्ट फोन के लिए वीवो कंपनी सॉफ्टवेयर का डेवलप और सेल्स दोनों ऐप स्टोर के माध्यम से करती है। वीवो कंपनी ने ही फन टच ओएस और एंड्रायड आधारित सिस्टम को शुरू किया था। उसके बाद से अनेक मोबाइल उत्पादक कंपनियों ने इस टेक्नोलॉजी को लाने के लिए वीवो की टेक्नोलॉजी की कॉपी भी की है।

सात साल में वर्ल्ड की टॉप टेन में आ गयी थी Vivo कंपनी

2009 में शुरू हुई वीवो कंपनी ने बहुत तेजी से तरक्की की और 2016 में वीवो विश्व की टॉप टेन मोबाइल फोन उत्पादक कंपनियों में शामिल हो गयी। इस साल कंपनी की रैंकिंग टॉप सिक्स थी। वीवो कंपनी भारत, थाईलैंड और मलेशियाई की मोबाइल फोन मार्केट में पूरी तरह से कब्जा कर चुकी है। 2017 से इन देशों में वीवो कंपनी का व्यापार लगातार तेजी से बढ़ता ही जा रहा है।

100 से अधिक देशों में फैला है कंपनी का कारोबार

2009 में स्थापना के बाद वीवो कंपनी ने पूरी दुनिया के 100 से अधिक देशों में अपने बिजनेस का विस्तार किया है। कंपनी ने 2014 में थाईलैंड की मार्केट में एंट्री की थी तब से इसके इंटरनेशनल मार्केटिंग में काफी तेजी आयी है। वीवो कंपनी ने भारत, मलेशिया, इंडोनेशिया, फिलीपींस, म्यांमार, थाईलैंड  के साथ ही पाकिस्तान, श्रीलंका, रूस, हांगकांग, ताइवान, मकाऊ,बू्रनेई, लाओस, कम्बोडिया,नेपाल, बांग्लादेश के मार्केट में अपने स्मार्ट फोन की जमकर धूम मचायी है। वर्तमान समय में वीवो मोबाइल ब्रांड को भारत का  लोकप्रिय फोन ब्रांड माना जा रहा है।

नेपाल और यूरोप में भी बिक रहे हैं वीवो के मोबाइल

वीवो कंपनी ने 2017 के नवम्बर माह में वाई53 और वाई 65 मॉडल के साथ नेपाल की मार्केट में एंट्री की थी , जिसका जबर्दस्त रिस्पांस मिला था। इसी तरह 2020 के अक्टूबर माह में वीवो ने अपनी इंटरनेशनल मार्केट का विस्तार किया। इस समय वीवो कंपनी ने अपने मोबाइल फोन को यूरोप की मोबाइल मार्केट में बेचना शुरू किया। जहां कंपनी को अच्छा खासा रिस्पांस मिला तब से लगातार कंपनी अपना कारोबार वहां फैला रही है। कंपनी की भविष्य में कई अन्य देशों में भी अपने मोबाइल बेचने की योजना है।

हांगकांग में क्यों लगा था Vivo पर बैन

वीवो फोन के तीन पैलेटों से हांगकांग इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आग लगने के बाद अप्रैल 2021 में हांगकांग में वीवो के स्मार्ट फोन की हवाई जहाज से मंगाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इससे कंपनी को काफी नुकसान उठाना पड़ा।

आईपीएल की स्पांसर शिप लेकर भारत में धूम मचायी

वीवो कंपनी ने अपने विस्तार करने के लिए प्रचार को माध्यम बनाया। इस कंपनी ने खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए बड़ी-बड़ी प्रतियोगिताओं को स्पांसर करनेकी योजना बनायी। इसका कंपनी का बहुत अधिक लाभ मिला। क्योंकि खेलों से अधिकांश युवा जड़े रहते हैं और वही मोबाइल फोन के सबसे बड़े कस्टमर होते हैं। वीवो ने अपनी सधी हुई रणनीति से अपने स्मार्ट फोन का प्रचार किया और युवाओं को अपने प्रोडक्ट की ओर अटैक्ट किया। इससे वीवो कंपनी के फोन के युवा दीवाने हो गये और इससे अनेक देशों में वीवो के मोबाइल फोन की डिमांड अचानक तेजी से बढ़ गयी।

वीवो कंपनी की इस रणनीति का प्रत्यक्ष उदाहरण आईपीएल है। वीवो कंपनी ने भारत में क्रिकेट के दीवाने युवाओं के बीच अपने ब्रांड को पहुंचाने के लिए आईपीएल की स्पांसरशिप ले ली थी। इस तरह से युवाओं के बीच वीवो कंपनी अपनी जबर्दस्त पकड़ बना ली थी। इससे भारत में वीवो फोन की अचानक बिक्री बढ़ गयी थी।

भारत-चीन सीमा के तनाव का पड़ा असर

वीवो ने सन्  2018 में दो सीजन के लिए मुख्य प्रायोजक के रूप में अनुबंध किया था। यह अनुबंध यानी कान्ट्रैक्ट 2022 तक चलना था लेकिन 2020 में भारत और चीन सीमा के बीच विवाद को लेकर दोनों सेनाओं के बीच झड़पें होने से माहौल खराब हो गया था। इसका सीधा असर इस अनुबंध पर पड़ा। वीवो कंपनी से कान्ट्रैक्ट करने के लिए भारतीय क्रिकेघ्ट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की जमकर आलोचना की गयी। इसके बाद वीवो और बीसीसीआई ने आपसी सहमति बनाकर 2020 के आईपीएल सीजन के अनुबंध को स्थगित कर दिया। इससे पहले आईपीएल के दौरान किये गये प्रचार का लाभ वीवो कंपनी को मिल चुका था।

FIFA Cup की भी स्पांसरशिप ली

इसके अलावा वीवो ने फुटबाल प्रेमी युवाओं को आकर्षित करने के लिए फीफा के साथ 2018 और 2022 फीफा फुटबॉल विश्व का ऑफिशियल स्मार्ट फोन ब्रांड होने के लिए स्पांसरशिप कान्ट्रैक्ट जून 2017 में किया। वीवो ने यूईएफए यूरो 2020 और यूईएफए यूरो 2024 के ऑफिशियल पार्टनर के रूप में कान्ट्रैक्ट किये। कंपनी ने अपनी इस व्यापारिक रणनीति से अपने फोन को काफी मशहूर किया। जिसका स्पष्ट असर उसकी बिक्री में देखने को मिला था।

भारत की Pro Kabaddi को भी स्पांसर किया

वीवो कंपनी ने एक बार फिर से भारत की मार्केट को प्रभावित करने के लिए भारत के प्रो कबड्डी प्रतियोगिता का टॉप स्पांसर बन गया। इसका भी लाभ कंपनी को मिला और भारतीय युवकों ने वीवो के स्मार्ट फोन को खरीदने में अधिक रुचि दिखाई।

भारत में Vivo फोन का एक विवाद भी सामने आया

वीवो कंपनी के फोन के आईएमईआई नंबर का विवाद 2020 में उस समय सामने आया जब मेरठ पुलिस की साइबर क्राइम इकाई ने अपनी जांच में इस बात का खुलासा करके सनसनी फैला दी कि भाारत में इस्तेमाल किये जा रहे वीवो के 1400 स्मार्ट फोन के आईएमईआई नंबर एक ही हैं।

क्या होता है मोबाइल फोन का IMEI नंबर?

स्मार्ट फोन के आईएमईआई नंबर बहुत महत्वपूर्ण नंबर होता है। यह 15 अंकों वाला आईएमईआई नंबर मोबाइल डिवाइस के लिए बहुत खास होता है। इसका उपयोग साइबर अपराध की जांच करने वाली पुलिस इकाई अपराधियों को ट्रैक करने के लिए करती है। जब सभी मोबाइल डिवाइस में एक जैसा ही आईएमईआई नंबर होगा तो पुलिस ट्रैकिंग कैसे कर पायेगी। इसके लिए कंपनी को जिम्मेदार ठहराया गया था। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी ट्राई ने यह कहा था कि सभी मोबाइल डिवाइस के लिए यूनीक आईएमईआई नंबर होना जरूरी है।  इस नियम का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति या कंपनी के संचालकों को कम से कम 3 वर्ष की कैद तक हो सकती है।

कंपनी ने खुद गलत IMEI नंबर को माना

इन नियमों को देखते हुए वीवो ओर उसके सर्विस सेंटर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। 24 सितम्बर 2019 तक विभिन्न राज्यों में चल रहे वीवो के स्मार्ट फोन के साढ़े तेरह हजार स्मार्ट फोन के एक ही आईएमईआई नंबर थे। जब कंपनी इस बात को स्वीकार किया तो मेरठ पुलिस ने वीवो इंडियन के नोडल अधिकारी के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 91 के तहत नोटिस दिया। इसके अलावा धारा 420 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया था।

यह भी पढ़े:

1) Samsung kaha ki company hai
2) Online business ideas in Hindi
3) Realme kaha ki company hai
4) Affiliate Marketing Meaning in Hindi
5) Gross salary meaning in Hindi

OkCredit के ब्लॉग के साथ पाएँ बेस्ट बिज़नेस आइडीयाज़ और बिज़नेस टिप्स कई भाषाओं में जैसे की हिंदी, अंग्रेज़ी, मलयालम, मराठी और भी कई भाषाओं में.
डाउनलोड करें OkCredit अभी और छुटकारा पाएँ रोज़ की झंझट से.
OkCredit 100% भारत में बनाया हुआ ऐप है!

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

प्रश्न. वीवो कंपनी की स्थापना कब और कहां हुई थी?

उत्तर. वीवो कंपनी की स्थापना 2009 में चीन के डुआंगगोन में हुई थी।

प्रश्न. वीवो कंपनी ने आईपीएल टी20 प्रतियोगिता की स्पांसरशिप क्यों ली थी और बीच में कॉन्ट्रैक्ट क्यों स्थगित हो गया था?

उत्तर. भारत विश्व में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल मार्केट है। इस मार्केट पर कब्जा करने के लिए भारत में लोकप्रिय आईपीएल प्रतियोगिता की स्पांसरशिप ली थी। इसका कंपनी को बहुत फायदा हुआ। मोबाइल फोन धड़ाधड़ बिकने लगे थे। इस बीच जून 2020 में भारत और चीन के बीच सीमा पर विवाद हुआ तो उसका असर आईपीएल के अनुबंध पर पड़ा और बीच में इसे स्थगित करना पड़ा।

प्रश्न. भारत चीन सीमा विवाद का वीवो पर कोई असर पड़ सकता है?

उत्तर. नहीं, मोबाइल फोन किसी भी देश का भी हो उसकी सबसे पहले भारत सरकार द्वारा चेकिंग की जाती है और उसमें किसी प्रकार की कमी पाये जाने के बाद उसे भारतीय बाजार में एंट्री की परमीशन नहीं दी जाती है। इसलिये जब वीवो के फोन भारतीय बाजार में बिक रहे हैं लेकिन इन पर भविष्य में भी भारत चीन सीमा विवाद का कोई असर नहीं पड़ने वाला।

प्रश्न. वीवो के मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर को लेकर क्या विवाद था?

उत्तर. वीवो के मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर को लेकर विवाद उस समय उत्पन्न हो गया था जब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले की पुलिस ने एक साइबर अपराध की जांच पड़ताल के दौरान वीवो मोबाइल फोन धारक को ट्रेसिंग पर लगाया। इस दौरान जब वीवो के अनेक फोन धारकों के फोन उसकी ट्रेसिंग सीमा में आये तो सभी का आईएमईआई नंबर एक ही मिला। इसको लेकर पुलिस विभाग कनफ्यूज हो गया। पुलिस ने काफी जांच के बाद पाया कि देश भर में चल रहे भारी संख्या में मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर एक ही है। इसको लेकर कंपनी को नोटिस दिय गया। उसके बाद कंपनी ने अपनी गलती मानते हुए उसमें सुधार किया।

प्रश्न. आईपीएल के अलावा वीवो कंपनी ने दूसरे खेलों की भी स्पांसर शिप ली थी?

उत्तर. जी हां। वीवो कंपनी ने क्रिकेट के आईपीएल के अलावा फुटबाल के फीफा विश्व कप और कबड्डी के प्रो कबड्डी प्रतियोगिता की स्पांसर शिप ली थी।