आसान भाषा में समझें GST और इससे जुड़े कुछ तथ्य

जीएसटी भारत का सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर सुधार है। मौजूदा कर-सुधार में वस्तुओं और सेवाओं के सप्लाई पर लगने वाला एकमात्र टैक्स जीएसटी है।

अप्रत्यक्ष कर-

जीएसटी यानि गुड्स एंड सर्विस टैक्स एक ऐसा टैक्स है जो उपभोक्ताओं को वस्तुओं और सेवाओं जैसे डिनर, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स, रोज़मर्रा की ज़रूरत का सामान, यात्रा टिकट आदि खरीदते समय भरना पड़ता है। सामान और सेवाओं की कॉस्ट में यह जीएसटी शामिल होता है। इस टैक्स का पेमेंट उपभोक्ता ही करते हैं परन्तु सरकार तक इसे वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार करने वाले पहुंचाते हैं। इसलिए जीएसटी एक अप्रत्यक्ष यानि इनडाइरेक्ट टैक्स है। आप इनकम टैक्स भरते हो या न भरते हों पर वस्तुओं और सेवाओं की खरीद पर आप अप्रत्यक्ष रूप से जीएसटी ज़रूर भरते हैं ।

डेस्टिनेशन आधारित टैक्स-

इसे डेस्टिनेशन आधारित टैक्स भी कहते हैं जिसका मतलब है कि यदि एक वस्तु किसी राज्य में बन रही है पर बेची किसी दूसरे राज्य में जा रही है तो जीएसटी उपभोग के पॉइंट यानि उसकी फाइनल डेस्टिनेशन पर लगाया जाता है। टैक्स के माध्यम से जो भी राजस्व प्राप्त होता है, वह उस राज्य में जाता है जहाँ वस्तुओं और सेवाओं का आखिरी उपभोग हो रहा हो।

जीएसटी का उद्देश्य-

जीएसटी का उद्देश्य राज्यों की अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाकर देश की सम्पूर्ण आर्थिक स्थिति में सुधार करना है। यह राष्ट्रीय स्तर का एक ऐसा विस्तृत इनडायरेक्ट टैक्स है जो वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, बिक्री और उपयोग पर लगाया जाता है। यह राज्य और केंद्र द्वारा वस्तुओं और सेवाओं पर लगाए जाने वाले अन्य सभी करों की जगह पर लाया गया है।

जीएसटी के प्रकार-

विश्व के लगभग 160 देशों में जीएसटी लागू है। भारत में जीएसटी 1 जुलाई, 2017 को लागू किया गया था।  भारत में ड्यूल जीएसटी मॉडल अपनाया  गया  है,इसके तहत राज्य और केंद्रीय दोनों सरकारें वस्तुओं और सेवाओं पर कर लगा सकती हैं। उपभोग और पूर्ति के आधार पर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा तीन प्रकार के जीएसटी चार्ज किए जाते हैं, जो इस प्रकार हैं  -

एसजीएसटी - स्टेट जीएसटी, राज्य सरकार द्वारा कलेक्ट किया जाता है।

सीजीएसटी - सेंट्रल जीएसटी, केंद्र सरकार द्वारा कलेक्ट किया जाता है।

आईजीएसटी - इंटीग्रेटेड जीएसटी, केंद्र सरकार द्वारा कलेक्ट किया जाता है।

भारत में जीएसटी किसने लागू किया?

1 जुलाई 2017 की रात को भारतीय प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने भारत में जीएसटी लागू कर दिया। हालंकि जीएसटी का विचार स्व.अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व में आया था और लगभग पिछले दो दशकों से इस पर काम चल रहा था। कई सारे सलाह -मशवरों, समझौतों और संशोधनों के बाद अंततः यह 2017 में लागू हो सका। जीएसटी को लागू करना इसलिए भी मुश्किल था क्योंकि इसे लागु करने के लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता थी, जिसके लिए संसद में दो तिहाई सांसदों की मंज़ूरी और कम से कम आधे राज्यों की हाँ ज़रूरी होती है।

जीएसटी के टैक्स रेट स्लैब्स

जीएसटी कौंसिल ने लगभग 1300 वस्तुओं और 500 सेवाओं को चार टैक्स स्लैब्स में बांटा है।

1. 0% जीएसटी रेट स्लैब

लगभग 7 % वस्तुएं और सेवाएँ इस केटेगरी में आती हैं। इनमें रोज़ाना उपभोग के आइटम हैं जैसे - ताज़े फल, सब्ज़ियां, दूध, दही, बेसन, नमक, गुड़, चिकेन, अंडे आदि। सिन्दूर, चूड़ियां, काजल, बिंदी, ड्राइंग-बुक्स, अखबार, 1000 रूपए से कम टैरिफ वाले होटल आदि भी इस केटेगरी में आते हैं।

2. 5 % जीएसटी रेट स्लैब

लगभग 14 % वस्तु और सेवाएँ इस केटेगरी में आती हैं। 1000 रूपए से कम के कपड़े, 500 रूपए से कम कीमत के जूते, पैकेज्ड फ़ूड, क्रीम, ब्रांडेड पनीर, कॉफी, चाय, साबूदाना, काजू, किशमिश, दवा, अगरबत्ती, केरोसिन, रेलवे और हवाई यात्रा के इकोनोमिक टिकट, छोटे रेस्टोरेंट आदि इस स्लैब में आते हैं।।

3. 12 % जीएसटी रेट स्लैब

खाने-पीने की चीज़ें जैसे फ्रोजेन मीट, बटर, मक्खन, घी, पैकेज्ड ड्राई फ्रूट, जूस, नमकीन, सॉस, आयुर्वेदिक दवाएं, टूथपाउडर, चश्मे, बिज़नेस क्लास यात्रा टिकट, राज्य द्वारा प्रायोजित लाटरी, लूडो, कैरम बोर्ड आदि जैसी चीज़ें इस स्लैब में आती हैं।

4. 18 % जीएसटी रेट स्लैब

सबसे अधिक 43 % वस्तु और सेवाएं इस केटेगरी में आती हैं। पास्ता, बिस्कुट, पेस्ट्री, डब्बाबंद सब्जियां, जैम, आइस क्रीम, स्टील के आइटम, आईटी सर्विसेज, ब्रांडेड कपड़े, स्पीकर, बांस का फर्नीचर आदि इस केटेगरी में आते हैं।

5. 28 % जीएसटी रेट स्लैब

19 % वस्तु और सेवाएं इस केटेगरी में आते हैं। च्युइंग गम, बीड़ी, बिना कोकोआ की चॉकलेट, शेविंग क्रीम, सनस्क्रीन, डाई, वाटर हीटर, वाशिंग मशीन, गैर-सरकारी लाटरी, पांच सितारा होटल आदि जैसे लक्ज़री आइटम इस स्लैब में आते हैं।

क्या नहीं है जीएसटी के अंतर्गत?

  • कुकिंग गैस
  • पेट्रोल
  • डीज़ल
  • एयर फ्यूल
  • नेचुरल गैस
  • शराब

जो जीएसटी के अंतर्गत नहीं आते उनके दाम अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होते हैं। ऐसा राज्यों की अलग-अलग टैक्स-दरों के कारण होता है।

जीएसटी से जुड़े 15 महत्वपूर्ण तथ्य-

  1. वस्तु एवं सेवा कर यानि जीएसटी सबसे पहले फ्रांस में 1954 में लागू किया  गया था।
  2. भारत में लागू जीएसटी कनाडा के मॉडल पर आधारित है।
  3. भारत में जीएसटी मॉडल विजय केलकर समिति के सुझावों पर बनाया गया था।
  4. असम पहला भारतीय राज्य है जहाँ जीएसटी लागू किया गया।
  5. अमिताभ बच्चन  भारत में जीएसटी प्रमोट करने के लिए ब्रांड अम्बेसडर बनाये गए हैं।
  6. भारत में जीएसटी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 279 के तहत लागू किया गया है।
  7. जीएसटी के टैक्स रेट्स और इससे जुड़े अन्य सभी निर्णय  लेने के लिए सितम्बर 2017 में भारतीय राष्ट्रपति द्वारा जीएसटी कौंसिल का गठन किया गया था। यह एक संवैधानिक इकाई है।
  8. फिलहाल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीथारमन जीएसटी कौंसिल की चेयरमैन हैं।
  9. जीएसटी कौंसिल में अभी  कुल 33 लोग हैं।
  10. इन 33 सदस्यों में 2 सदस्य केंद्र के होते हैं, 28 सदस्य राज्यों के और बाकी 3 विधानसभा वाले केंद्र-शासित प्रदेशों के सदस्य होते  हैं।
  11. जीएसटी 101 वें संवैधानिक संशोधन एक्ट, 2016 के अंतर्गत लागू किया गया है।
  12. संसद में जीएसटी बिल पास होने के दौरान ; 336 वोट इस बिल के समर्थन में पड़े थे, जबकि 11 वोट इसके विरोध में।
  13. जीएसटी न भरने वालों के लिए 5 साल की सजा का प्रावधान है।
  14. जीएसटी में 5 टैक्स रेट है जिनके अंदर सभी वस्तुएं  और सेवाएं आती हैं - 0 % , 5% , 12% ,18 %, 28 %
  15. जीएसटी के लागू होने के बाद ‘टैक्स पर टैक्स’ हट गया है।

ध्यान दें

अगर कोई भी व्यवसाय दो या दो से अधिक राज्यों के बीच किया जा रहा हो, तो व्यवसायी को जीएसटी के अंदर अपना रजिस्ट्रेशन कराना कानूनन आवश्यक है। वहीं एक ही राज्य के भीतर व्यवसाय करने वालों के लिए भी जीएसटी रजिस्ट्रेशन कानूनी रूप से ज़रूरी है यदि उनका टर्नओवर 40 लाख रूपए से अधिक है। सेवाओं के व्यवसाय में यह लिमिट 20 लाख रूपए है।

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