Apni dukan ka hisab kaise rakhe [पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें ]
कहते हैं कि कोई सा भी बिजनेस करें तो उसका हिसाब-किताब जितना दुरुस्त होता है, वो बिजनेस उतना ही अच्छा चलता है और उतनी ही तेजी से तरक्की करता है। जो बिजनेस मैन अपने बिजनेस मैन का रोजाना हिसाब किताब नहीं रखता है और अपने बिजनेस के प्रति सतर्क नहीं रहता है तो उसका बिजनेस नीचे की ओर लुढ़कने लगता है। यदि लापरवाही जारी रही तो एक दिन वो व्यापार लुढ़कते लुढ़कते बंदी की कगार पर आ जाता है। इसलिये प्रत्येक बिजनेस मैन को हिसाब किताब रखना जरूरी होता है।
बहुत से काम होते हैं हिसाब में
आपके बिजनेस के हिसाब किताब में केवल बिक्री और मुनाफा ही नहीं जोड़ना होता है। इसके अलावा बहुत सारी ऐसी जानकारी होतीं हैं जिनको रोजाना अपडेट करना होता है, जिसका फायदा आपके बिजनेस को मिलता है और व्यापार तरक्की करता है। इसमें आप ओल्ड स्टाक, न्यू स्टाक, ग्राहक की मांग की वस्तुओं का हिसाब किताब, आपके बिजनेस में सहायक वस्तुओं का हिसाब-किताब, उधारी का हिसाब किताब, देनदारी का हिसाब-किताब, दुकान में नया सामान लाने का हिसाब किताब समेत अनेक तरह के हिसाब किताब रखने होते हैं।
पहले हिसाब रखते थे मुनीम
पुराने जमाने में बड़े बड़े व्यापारिक संस्थान में तो मुनीम रखे जाते थे जा बही खाते में लिखा-पढ़ी करके हिसाब किताब रखते थे। ये मुनीम उस व्यापार की जड़ होते थे क्योंकि व्यापार की जितनी जानकारी इन मुनीमों को होती थी उतनी जानकारी तो व्यापार के मालिक को खुद नहीं होती थी। इसलिये जब भी सरकारी विभागों में किसी तरह की काम पड़ता था वहां पर मुनीम ही जाते थे। यदि व्यापारी का जाना जरूरी होता था तो मुनीम उनके साथ जाता था। जानकारी मांगे जाने के समय व्यापारी कम मुनीम ज्यादा बोलता था। वहीं सरकारी विभागों द्वारा मांगे गये कागजात भी देता था।
अब बदल गया है जमाना
अब जमाना बदल गया है और मुनीम की जगह एकाउंटेंट,चार्टर्ड एकाउंटेंट आ गये हैं। हाईटेक जमाने में बही खाते गायब हो गये हैं और उनकी जगह कम्प्यूटर, लैपटॉप और नोटबुक और मोबाइल आ गया है। इससे हर तरह का हिसाब किताब रखना बहुत आसान हो गया है। अब बही खाता के न पुराने पड़ने का डर, न कटने-फटने का डर, न जलने या खोने का ही कोई डर है। और नही अब मुनीम द्वारा कागजों पर गुणा-भाग, जोड़-घटाना करने की लम्बी और थकाऊ प्रक्रिया ही अपनाने की टेंशन। अब तो सारा हिसाब-किताब एक क्लिक में आपके सामने आ जाता है। आप आसानी से अपने संस्थान का हिसाब-किताब जोड़ सकते हैं।
बड़े व्यापारियों की हिसाब-किताब की ये प्रणाली तो ठीक है लेकिन छोटा या नया कारोबार करने वाले व्यापारी न तो एकाउंटेंट रख सकते हैं और न ही एकाउंट को सीख ही सकते हैं। इसके बावजूद इन छोटे व्यापारियों को हिसाब-किताब रखना जरूरी होता है।
छोटे व्यापारियों में क्या रहती है कमी?
अभी तक छोटे व्यापारी अपना जुबानी हिसाब-किताब रखते है। ज्यादा होता है तो वे उधार की लेनदारी का एक रजिस्टर बना लेते हैं और बहुत ज्यादा हुआ तो बही खाता में हिसाब-किताब रखा जाता है। इस हिसाब-किताब में केवल उधार लेने वालों का हिसाब रहता है। जिसमें मोटा-मोटा आधा-अधूरा विवरण दर्ज होता है। इसको लेकर काफी समय-समय पर वाद विवाद होता रहता है।
बिना हिसाब के प्रभावित होता है बिजनेस
इन सब बातों के जिक्र करने का मतलब यह होता है कि हिसाब-किताब के अभाव में बिजनेस काफी प्रभावित होता रहता है। कभी कभी तो छोटे व्यापारी को बड़ा नुकसान भी जाता है। उधार लेने वाले अधिकांश ग्राहक तो उधार लेकर दुकान में आना ही छोड़ देते हैं। व्यापारी के पास इतनी फुर्सत नहीं होती है कि उनसे अपने वसूलने के लिए तकाजा करें। कुछ व्यापारी तकाजा करने वालों को हायर करते हैं। ये तकाजा करने वाले उधार देने वाले से मिलकर आधी-अधूरी रकम अपनी जेब में डलकर व्यापारी को तरह-तरह के बहानों से गुमराह करते रहते हैं।
कैसे करना चाहिये हिसाब?
इसी तरह आपको दुकान में आने वाले विभिन्न कंपनियों के सेल्समैन या एजेंट का भी हिसाब-किताब रखना चाहिये। उनसे लेन-देन, पुराने सामान की अदला-बदली, नये सामान का ऑर्डर आदि का ध्यान रखना होगा। उसका जिक्र अपनी डायरी में अवश्य करें।
इसके अलावा दुकान में बहुत सा माल बहुत पुराना हो कर बेकार हो जाता है। चूहे, घुन, कीड़ों से भी बहुत सा माल बरबाद हो जाता है। इसके अलावा घरवाले अपने घर व जेब का खर्चा भी दुकान के गल्ले से ले जाते हैं और दुकान दार को उसका पता ही नहीं चलता है। इस तरह से व्यापार का घाटा बढ़ता जाता है और एक दिन दुकान के बंद होने की भी नौबत आ जाती है। इस तरह से बिना हिसाब किताब के बिजनेस चलाना पूरी तरह से रिक्स भरा होता है।
नये व छोटे व्यापारियों को हिसाब-किताब रखने के लिए विशेष उपाय करने होंगे। इस तरह के छोटे व्यापारियों को ऑफलाइन और ऑनलाइन हिसाब किताब रखना होगा। इससे उनको पुराने ढर्रे वाले हिसाब के तरीकों और बोझ से छुटकारा मिल जायेगा और उनकी दुकान या संस्थान को नुकसान होने से बचाया जा सकता है। आइये जानते हैं कि अब कौन-कौन से उपाय नये व छोटे व्यापारियों को करने होंगे।
Apni dukan ka hisab rakhne ke online tarike | हिसाब किताब के ऑनलाइन तरीके
आज का जमाना हाईटेक जमाना है। इस जमाने में प्रत्येक व्यक्ति अपने व्यापार को आगे बढ़ाने में हाईटेक टेक्नोलॉजी का सहारा लेना चाहता है। इस बारे में “ ओके क्रेडिट ” पूरी तरह गाइड करता है और ओके क्रेडिट में कई तरह के ऐप भी जो व्यापारियों के कारोबार चलाने में बहुत मददगार हैं। इससे व्यापारी को काफी सुविधाएं होतीं हैं। हाईटेक टेक्नोलॉजी अपनाने से व्यापारी का समय, श्रम और पैसा बचता है। इसका नतीजा यह होता है जो समय,श्रम और पैसा बचता है। उसे बिजनेस में लगाने से बिजनेस आगे बढ़ता है । यह बढ़त चक्रवृद्धि ब्याज की तरह ही होती है। इससे व्यापार में तेजी से तरक्की दिखाई देने लगती है।
जो व्यापारी बड़े व्यापारियों की तरह एकाउंटेंट नहीं रख सकते। इसके बावजूद वो यह चाहते हैं कि उनकी दुकान का हिसाब किताब एक्यूरेट रहे। कम से कम परेशानी में उन्हें अपने संस्थान चलाने की सुविधा मिलती रहे। ऐसे लोगों को अनेक परेशानियों से बचने के लिए डिजिटल खाता का प्रयोग करना चाहिये। इस डिजिटल खाते में आप अपनी दुकान व सभी ग्राहकों का एक-एक पैसे का हिसाब-किताब रख सकते हैं यानी अपने मोबाइल में बही खाता रख सकते हैं।
इस तरह की सुविधा पाने के लिए आपको इंटरनेट पर ऐसे अनेक ऐप उपलब्ध हैं, जिनको मोबाइल में इंस्टाल करके लाभ उठाया जा सकता है। आप गूगल प्ले स्टोर पर जाकर अपने मनपसंद वाला ऐप इंस्टाल करके अपनी दुकानका हिसाब किताब आसानी से रख सकते हैं। इन्ही ऐप्प्स में से एक OkCredit काफी चर्चित मोबाइल एप्लीकेशन है जो हिसाब किताब रखने में आपकी पूरी मदद कर सकता है
एकाउंट की परेशानियां चुटकियों में हो जायेंगी हल
ओके क्रेडिट आपकी सारी एकाउंटिंग परेशानियों को चुटकियों में आसान तरीके से आॅनलाइन पेपरलेस सॉल्यूशन है। बिना किसी हड़बड़ी के यूजर फ्रेंडली ऐप हरेक बिजनेस की सबसे बड़ी जरूरत है। इस जरूरत को ओके क्रेडिट पूरा करता है। इस ऐप के लिए यह बात भी कोई मायने नहीं रखती है कि आप किसी छोटी कॉलोनी में छोटा सा किराना का स्टोर चला रहें हैं या टाउनशिप में सुपरमार्केट का बिजनेस कर रहे हैं। ओके क्रेडिट आपके बिजनेस को प्रभावी तरीके से डिजिटाइस करने में पूरी तरह से सक्षम है। कोरोना कॉल को देखते हुए हर कोई अब कॉन्टेक्टलेस ट्रांजेंक्शन और कॉन्टेक्टलेस पेमेंट करना चाहता है। ओके क्रेडिट ऐप इस काम में पूरी तरह से माहिर है। हाईएस्ट सिक्योरिटल फायरवेल्स वाले ऐप से साथ आपके और आपके कस्टममर के बीच का कम्युनिकेशन पूरी तरह से सुरक्षित रहता है। साथ ही आपका बिजनेस ट्रांजेक्शन पूरी तरह से सिस्टेमेटिक हो जाता है। ओके क्रेडिट आपका अपना डिजिटल इंडिया का डिजिटल उधार बही खाता है और आपके कस्टमर की निष्ठा हमारे लिए गर्व का विषय है। यह मेड इन इंडिया कैश बुक या लेजर एकाउंट बुक आपके समस्त लेन-देन को मैनेज करेंगा। आप इस ऐप से यह सभी लेन-देन कैसे मैनेज करेंगे। इसके लिए आपको अपने कस्टमर्स को एड करना होगा, सारे ट्रांजेक्शन का रिकार्ड रखना होगा। आपको पेमेंट के लिए ईजी रिमाइंडर्स भेजने होंगे। आपको तत्काल भुगतान प्राप्त करना होगा।
मोटे-मोटे बहीखातों को कहें अलविदा
अब आप उन दिनों को भूल जाइये जब आप पुराने उधार खाता की मोटी-मोटी पोथियों को लाखों की संख्या में कैश रिकार्ड रखने पड़ते थे और उनमें भारी भूल चूक भी होती थी और बिजनेस मैन को उसका खामियाजा नुकसान के रूप में भुगतना पड़ता था। अब आपको इन सारी झंझटों से छुटकारा दिलाने के लिए आ गया है ओके क्रेडिट ऐप। इस मोबाइल सपोर्ट ऐप को आसानी से बिना किसी चार्ज के यूज किया जा सकता है। यह ऐप एंड्रायड और आईओएस सॉफ्टवेयर वाले मोबाइल फोन में आसानी से यूज किया जा सकता है।
अनेक भाषाओं मे किया जा सकता है यूज
इस ऐप को भारत के कोने-कोने में यूज करने जाने वालों की सुविधा को देखते हुए उनकी भाषा में भी बनाया गया है। इस ऐप को यूज करने के लिए आप इंग्लिश, हिन्दी, मराठी, गुजराती, बंगाली, हिंग्लिश, तेलगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम और पंजाबी भाषा का प्रयोग कर सकते हैं।
ओके क्रेडिट ही क्यों? मार्केट में आपके बहीखाते के हिसाब किताब के लिये अनेक ऐप उपलब्ध है तब ओके क्रेडिट ही क्यों आपके लिए जरूरी है। इसका कारण यह है कि यह ऐप आपकी फिंगरटिप्स से आपको अनेक तरह से बहुत ही आसान तरीके से सारी सुविधाएं उपलब्ध कराता है। यह ऐप आसान तरीके से बिजनेस मैन और कस्टमर के बीच ब्रिज की तरह काम करता है। इससे दोनों को एकदूसरे को समझने में आसानी होती है। यह ऐप अपने यूजर एक्सपीरियंस को बढ़ाने के लिए लगातार लेटेस्ट सॉफ्टवेयर को अपडेट करता रहता है। आपका डेटा इतना ज्यादा सुरक्षित रहता है कि कोई भी थर्ड पार्टी ऐप के द्वारा न तो आपके डेटा को खोजा ही जा सकता है और न ही आपके डेटा की कॉपी ही की जा सकती है।
दोहरा तकादा भी कर सकते हैं आप
आप इस ऐप के माध्यम से डबल पेमेंट रिमांडर को भी यूज कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने टेैबलेट से एक क्लिक करके व्हाट्सऐप और एसएमएस दोनों से ही रिमांइडर भेजना होगा। आपको अनेक तरह के पेमेंट आॅप्शन भी इस ऐप के माध्यम से मिल सकते हैं। जैसे भीम, यूपीआई, गूगल पे, फोन पे, डेबिट/क्रेडिट कार्ड्स के अलावा आपकी सुविधा के अनुसार अनेक आॅप्शन भी मिल सकते हैं।
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