CIBIL score kaise badhaye

आपकी अच्छी सैलरी होने के बावजूद कई बार बैंक लोन देने से मना कर देता है। इसकी खास वजह होती है आपका सिबिल स्कोर। जैसा कि हम सभी जानते हैं वर्तमान में ज्यादातर लेन-देन की सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध है। ऐसे में बैंक जब आपको लोन देता है तो इससे पहले वह आपके बारे में कई सारी जानकारी खंगालता है। यदि आपका सिबिल स्कोर अच्छा है तो आपको बैंक लोन बिना झिझक के दे देगा। बैंक ग्राहक के सिबिल स्कोर देखकर ही लोन ऑफर करता है यदि आपका सिबिल स्कोर अच्छा नहीं है तो बैंक आपको लोन देने से मना कर देता है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे टिप्स जिनके जरिए आप अपना सिबिल स्कोर बढ़ा सकते हैं और आसानी से लोन भी ले सकते हैं। तो आइए जानते हैं कौन से हैं ये टिप्स?

CIBIL score kya hai | सिबिल स्कोर क्या है?

सबसे पहले तो हम यह जान लेते हैं कि आखिर सिबिल स्कोर है क्या? यदि आसान भाषा में कहें तो क्रेडिट स्कोर को ही सिबिल स्कोर कहा जाता है और यह आपकी वित्त शाखा से जुड़ा होता है। सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर 3 अंकों की संख्या होती है जो 300 से 900 के बीच होती है। यह संख्या किसी भी व्यक्ति के लिए सिबिल नाम की एक कंपनी तय करती है जिसका पूरा नाम ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड है।

क्या होती है सिबिल कंपनी?

बता दे, ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड लोगों का क्रेडिट रिपोर्ट और स्कोर तय करने वाली एक प्रमुख एजेंसी है। सिबिल कंपनी के तहत ही क्रेडिट कार्ड से संबन्धित भुगतानों का लेखा-जोखा देखा जाता है। इसके माध्यम से ही तय किया जाता है कि व्यक्ति को लोन देना है या नहीं। CIBIL की शुरुआत साल 2000 में हुई थी। इस कंपनी ने पूरे देश में आज भी अपनी उपस्थिति का विस्तार करना जारी रखा है।

कैसे तैयार होता है सिबिल स्कोर?

बता दें, सिबिल स्कोर बनने से पहले ये तय किया जाता है कि, आप लोन का भुगतान समय पर कर रहे हैं या नहीं। इस पर आपका 30% सिबिल स्कोर तैयार होता है, इसके अलावा सिक्योर्ड या अनसिक्योर्ड लोन पर 25% सिबिल स्कोर बनता है। वहीं कर्ज के इस्तेमाल पर 20% सिबिल स्कोर बनता है जबकि क्रेडिट एक्सपोजर पर 25% सिबिल स्कोर तैयार होता है। आप साल में दो से तीन बार अपना सिबिल स्कोर चेक करने की कोशिश करें। ऐसे करने से आपको अपने स्कोर की सही जानकारी रहेगी।

कितने सिबिल स्कोर पर दिया जाता है लोन?

वैसे तो सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर 3 अंकों का एक नंबर होता है जो 300 से 900 के बीच में हो सकता है। जो सिबिल स्कोर 900 के आस पास होता है तो उसे एक अच्छा सिबिल स्कोर माना जाता है यानी जितना अधिक सिबिल स्कोर होगा उसको उतना ही बेहतर माना जाएगा और इसी आधार पर बैंक तय करता है कि व्यक्ति को लोन दिया जाएगा या नहीं। बता दें, करीब 79 प्रतिशत लोन 750 से ज्यादा सिबिल स्कोर देख कर दिए जाते हैं। यदि किसी व्यक्ति का सिबिल स्कोर 300 से 550 के बीच है तो इसे खराब सिबिल स्कोर माना जाता है। इतना ही नहीं बल्कि बैंक भी सीधे लोन देने से इनकार कर देती है। यदि ग्राहक का सिबिल स्कोर 550 से 650 के आसपास है तो इसे एक औसत सिबिल स्कोर माना जाएगा। इस स्थिति में बैंक ज्यादा ब्याज दर से लोन देने से इनकार कर सकता है। वहीं किसी ग्राहक का सिबिल स्कोर 650 से 750 के आस पास होता है तो यह एक अच्छा सिबिल स्कोर माना जाता है और बैंक भी लोन देने में आपकी मदद कर सकता है। यदि किसी ग्राहक का स्कोर 750 से 900 के आसपास होता है तो बैंक बिना देर किए ही आपको सबसे कम ब्याज दर पर लोन दे देगा।

कैसे मंगवाई जाती है सिबिल स्कोर की रिपोर्ट?

सिबिल रिपोर्ट के लिए आपको सिविल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा और एक ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा। इस दौरान आपको 550 रुपए का भुगतान देना होता है। इस प्रक्रिया के बाद ऑथेंटिकेशन प्रोसेस होगी और इसी प्रोसेस के बाद आप अपना सिबिल स्कोर चेक कर सकते हैं। आप चाहे तो इस रिपोर्ट को डाउनलोड कर इसका प्रिंट अपने पास रख सकते हैं।

क्या है सिबिल स्कोर खराब होने के कारण?

दरअसल, ज्यादातर लोग लोन तो ले लेते हैं लेकिन इसका भुगतान सही समय पर नहीं करते हैं। देर से ईएमआई भरने के कारण आपका क्रेडिट स्कोर खराब होता है, जिसके चलते आपको दोबारा लोन मिलने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यदि आप लोन के विषय में भी अधिक से ज्यादा पूछताछ करते हैं तो भी आपके सिबिल स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ता है। होता क्या है कि, आप जितने बैंक से संपर्क करते हैं तो ऐसे में सभी बैंक आपके सिबिल स्कोर चेक करेंगे और लगातार आपके सिबिल स्कोर चेक किए जाएंगे तो आपके  क्रेडिट स्कोर पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है, ऐसे में बैंक आप को लोन देने से भी कतराता है। आप कोशिश करें कि, आपका सिबिल स्कोर 750 से कम ना हो। जितना अच्छा आपका सिबिल स्कोर होगा उतनी आसानी से आपको कर्ज मिल जाएगा।

CIBIL score kaise badhaye | सिबिल स्कोर बढ़ाने के लिए ध्यान रखें प्रमुख बातें

1. समय पर जमा करें ईएमआई

आपका सिबिल स्कोर इस बात पर डिपेंड करता है कि, आप समय पर भुगतान करते हैं या नहीं। यदि आप समय पर भुगतान नहीं करते हैं तो इसे डिफॉल्टर माना जाता है और यही रिकॉर्ड आपके क्रेडिट रिपोर्ट में भी दर्ज किया जाता है। इस तरह की खराब रिपोर्ट से आपका सिबिल स्कोर गिरने लगता है। यही वजह है कि, कंपनियां सही समय पर भुगतान करने की सलाह देती है। लेकिन लोग इसे अनदेखा कर देते हैं और सिबिल स्कोर खराब कर लेते हैं जिसके कारण उन्हें दोबारा लोन लेने में मुश्किल होती है।

2. क्रेडिट कार्ड बिल का समय पर करें पूरा भुगतान

हर महीने आपको क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान करना चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो लोन देने वाली कंपनी भी इस बात का खास ख्याल रखती है कि आप एक जिम्मेदार उधारकर्ता है। यदि आप पूरी जिम्मेदारी से क्रेडिट कार्ड बिल का पूरा भुगतान करते हैं तो इससे आपके क्रेडिट स्कोर में सुधार होता है। यदि आपका क्रेडिट बिल अधिक हो गया है तो आप एक न्यूनतम राशि तय करें और उसके अनुसार जल्द से जल्द इस बिल का भुगतान करने की कोशिश करें।

3. जिम्मेदारी से ले कर्ज़

किसी भी कंपनी से लोन या कर्ज लेते समय उतना ही उधार ले जितना आप वापस उसे चुका सकते हैं। ऐसा करने से आपके ऊपर ज्यादा भार नहीं रहेगा और आप आसानी से अपनी किस्तें चुका पाएंगे। जब आप पहली बार किसी कंपनी से लोन लेते हैं तो बैंक या कोई भी लोन संस्थान इस बात को समझती है कि आप एक जिम्मेदार उधारकर्ता है इसीलिए पहली बार में आसानी से लोन दे देती है। लेकिन आप समय पर भुगतान नहीं करते तो इसकी वजह से आपका सिबिल स्कोर खराब होने लगता है। ऐसे में आप कोशिश करें कि, जरूरत के अनुसार ही लोन ले और समय पर इसका भुगतान करें।

4. सही रूप से करें क्रेडिट का उपयोग

क्रेडिट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना उचित नहीं होता है, किसी भी व्यक्ति को क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल तभी करना चाहिए तब उसे इसकी बहुत ज्यादा जरूरत हो। कहा जाता है कि, मिली क्रेडिट लिमिट का केवल 30% ही इस्तेमाल करना चाहिए। इसी प्रतिशत को क्रेडिट रिपोर्ट में शामिल किया जाता है जिससे आपके सिबिल स्कोर पर भी प्रभाव पड़ता है।

5. खराब ना होने दे क्रेडिट की रेटिंग

बता दें, लोन दो प्रकार का होता है। पहला वह जिसमें आप प्रॉपर्टी गिरवी रखकर लोन लेते हैं और दूसरा वह जिसमें आप बिना कुछ सामान गिरवी रखकर लोन लेते हैं। जब आप प्रॉपर्टी गिरवी रखते हैं तो इसे सिक्योर या सुरक्षित लोन कहा जाता है। जैसे कि ऑटो लोन, होम लोन इत्यादि। दूसरा लोन वह जिसमें आप कुछ भी गिरवी नहीं रखते उसे अनसिक्योर्ड या असुरक्षित लोन कहा जाता है। जैसे कि क्रेडिट कार्ड्स, बिजनेस लोन और पर्सनल लोन इत्यादि। यदि आप एक से अधिक अनसिक्योर्ड लोन लेते हैं तो इससे आपके सिबिल क्रेडिट की रेटिंग खराब होती है। इसलिए आप एक समय में दो अनसिक्योर्ड लोन लेने से बचें और एक समय में केवल एक ही लोन लेने की कोशिश करें, ताकि आपका सिबिल स्कोर अच्छा दिखे।

6. समय पर चेक करते रहे सिबिल स्कोर

कोशिश करें कि, आप अपने सिबिल स्कोर की जांच हर महीने करा सके। ऐसा करने से आपको पता लगता रहेगा कि, आपका सिबिल स्कोर कितना है? सिबिल स्कोर सही है या गलत? आपको इस बात से बिल्कुल भी डरना नहीं चाहिए कि यदि किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर एक बार खराब हो चुका है तो वह दोबारा ठीक नहीं हो सकता। दरअसल, कभी-कभी ऐसा होता है कि, बिना कारण ही किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है या कम दिखता है। ऐसे में आप आवेदन देकर इस क्रेडिट स्कोर को सही करा सकते हैं। जब आप सिबिल कंपनी में अपने क्रेडिट स्कोर को सुधारने के लिए आवेदन देते हैं तो सिविल कंपनी अपनी ओर से 30 दिनों के अंदर ही इसका जवाब दे देती है। बता दे, सिविल कंपनी को आवेदन करने से पहले आपको उस बैंक या वित्त कंपनी से संपर्क करना होगा जिससे आपने लोन लिया है। यदि यह कंपनी आपके सिबिल स्कोर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देती है या फिर पुराने क्रेडिट स्कोर पर ही अड़ी रहती है, तो ऐसी स्तिथि में आप सिबिल स्कोर ठीक कराने के लिए सिबिल कंपनी से संपर्क कर सकते हैं।

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