अण्डमान का फ़ेमस स्ट्रीट फूड और कैसे शुरू कर सकते हैं आप इसका बिज़नेस भारत में कहीं भी

वर्तमान समय में केंद्र सरकार के अंतर्गत भारत के 8 केंद्र शासित प्रदेश आते हैं, जिनका प्रशासन पूरी तरह से केंद्र सरकार के द्वारा ही किया जाता है। इन्हीं में से एक है हिंद महासागर में बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में स्थित अंडमान एवं निकोबार केंद्र शासित प्रदेश

बहुत समय पहले से ही यह भारत की एक टेरिटरी बना हुआ है, हालाँकि विश्व मानचित्र में देखने पर आपको लगेगा कि अंडमान और निकोबार आइलैंड म्यांमार के बहुत अधिक नजदीक है और इसके पास ही स्थित कोको आईलैंड म्यांमार के ही अधिकार क्षेत्र में आता है परंतु वर्तमान में अंडमान भारत के अधिग्रहण क्षेत्र में आता हैं।

क्या आपको पता है कि जब भारत और पाकिस्तान विभाजित हुए थे उस समय पाकिस्तान से भारत आने वाले हिंदुओं को निवास स्थान प्रदान करने के लिए अंडमान में भी शरण स्थल बनाए गए थे।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि म्यांमार में स्थित अराकानयोमा पर्वत श्रंखला आगे चलकर बंगाल की खाड़ी में लुप्त हो जाने के बाद  वापस उभरती है और इसका यही उभार अंडमान और निकोबार का निर्माण करता है।

अंडमान की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में बना सेल्यूलर जेल, जोकि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीय सेनानियों को सजा देने का एक प्रमुख स्थान बना हुआ था, आज एक टूरिस्ट स्पॉट के रूप में जाना जाता है और यह भी अंडमान में ही स्थित है। इस जेल का निर्माण बहुत ही यूनिक तरीके से किया गया है, इसे काला पानी के नाम से भी जाना जाता था।

यहां पर मुख्यतया अंडमानी जनजाति पाई जाती थी परंतु अंग्रेजों के आने के बाद यह जनजाति उनकी बांटो और राज करो की नीति का शिकार हो गई और अलग-अलग जनजाति में बंट गई जिनमें से जरावा और सेंटलीस लोकप्रिय जन जातियां हैं।

सेंटलीस जनजाति बिना वस्त्रों की ही घूमती हुई देखी जाती है और यह मुख्यतः शिकार कर अपना भोजन प्राप्त करते हैं, कुछ समय पहले इसी जनजाति ने अमेरिका के कुछ पत्रकारों को अंडमान आइसलैंड में स्थित सेंटलीस इलाके में मार डाला था, इन जनजातियों के द्वारा कई बार सैलानियों को मारने की ऐसी घटनाएं पहले भी घटित हो चुकी है, इसीलिए जब भी आप कभी अंडमान घूमने जाएं तो इस बात का ध्यान रखे कि आप वहां की किसी भी स्थानीय जनजातीय क्षेत्र में ना जाए क्योंकि वह बाहर से आए हुए लोगों को एक खतरे के तौर पर देखते हैं।

अंडमान की राजधानी पोर्ट ब्लेयर यहां पर बना हुआ एकमात्र एयरपोर्ट है जो कि विदेश से आने वाले सैलानियों को भारत की एक अलग संस्कृति दिखाता है।

आज हम जानेंगे अंडमान के कुछ ऐसे लोकल स्ट्रीट फूड, जिन्हें बनाने की काबिलियत केवल यहां की स्थानीय लोगों को ही है, आइए जानते हैं :-

1. फिश करी

पूरी तरीके से समुद्री क्षेत्र में स्थित होने के कारण यहां पर आसानी से मछली पकड़ी जाती है। अंडमान की लोकल फिश करी अपने अलग स्वाद और तीखेपन के लिए जानी जाती है।इसको बनाने में केरल से मंगवाए हुए मसाले काम में लिए जाते है।

2. अमृतसरी कुल्चा

वैसे आपको यह नाम देखकर लग रहा होगा कि यह कुल्चा अमृतसर से संबंधित होना चाहिए, परंतु आपको बता दें कि भारत की आजादी के साथ कई पंजाबी लोग यहां पर बस गए थे और उस समय इन्होंने अमृतसर की याद में अंडमान में उसी के जैसा कुल्चा बनाना शुरू कर दिया था, हालाँकि अभी इसकी लोकप्रियता कुछ कम हो गई है परंतु फिर भी कई विशेष त्योहारों पर घरों में ही इसको बनाया जाता है।

3. चिल्ली करी

यह करी आपको भारत के अन्य क्षेत्रों में शायद ही देखने को मिले, इसका स्वाद बहुत ज्यादा तीखा होता है जिसको बनाने में प्याज, टमाटर और दूसरे प्रकार के मसाला का इस्तेमाल किया जाता है।आप इसी बात को देखकर इसकी लोकप्रियता का अंदाजा लगा सकते हैं की कई बार फॉरेन टूरिस्ट ने यहां पर हुए सर्वे में चिली करी को पहला स्थान दिया है।मुख्यतया इस डिश को अंडमान के पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाली कई जनजाति के द्वारा बनाया जाता है।

इस एक ही डिश में अलग-अलग प्रकार की मछलियों को भूना जाता है तथा चिल्ली और कोरिएंडर तथा टर्मरिक पाउडर मिलाकर सर्व किया जाता है।

4. बारबेक्यू फूड

कई बार आपने हॉलीवुड की फिल्मों में बीच पर बैठे हुए लोगों को बार-बी-क्यू फूड खाते हुए देखा होगा, अंडमान में इस भोजन की लोकप्रियता का एक कारण यह भी है कि यहां पर आपको साफ-सुथरे और ब्लू बीच मिलते हैं बीच के पास स्थित क्षेत्रों में शाम के वक्त कई स्थानीय निवासी अपना ठेला लेकर यह डिश बेचते हुए दिखाई देते हैं।

5. झींगा मछली करी

तटीय क्षेत्र होने की वजह से यहां पर आप आसानी से झींगा मछली की करी का भी आनंद उठा सकते हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोलकाता से आने वाले टूरिस्ट सबसे ज्यादा इसी डिश को खाने में रुचि रखते हैं

6. ग्रिल किया हुआ झींगा

इस डिश को मुख्यतया यहां के जंगलों में रहने वाली जनजाति अपनी दैनिक दिनचर्या में भोजन के रूप में इस्तेमाल करती है पर वर्तमान समय में वैश्वीकरण के कारण यह भारत के बाहर भी कई इलाकों में प्रमुख डिश के रूप में इस्तेमाल की जाती है।

इसके तहत एक झींगे को मारकर उसे ग्रिल किया जाता है अथार्त कुकर में पानी की सहायता से गर्म किया जाता है।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यदि आप भारत के किसी भी क्षेत्र से किसी संस्था के द्वारा अपनी ट्रिप बुक करते हैं तो अंडमान में आने के पर सबसे पहले आपका इसी डिश के साथ स्वागत किया जाता है।

7. तंदूरी फिश

समुद्री भोजन की वैरायटी में अंडमान एवं निकोबार आईलैंड भारत के अन्य क्षेत्रों की तुलना में बहुत आगे है इस डिश में  मछली को उसी के आकार में रहते हुए पकाया जाता है तथा उसे हरी सब्जी एवं अंडमान की स्थानीय क्षेत्र में ही उगने वाली हरी पत्तियों के साथ सलाद की उपस्थिति में सर्व किया जाता है।

8. भारतीय थाली

हालांकि यह एक ऐसी डिश होती है जिसमें भारत के अलग-अलग क्षेत्रों की चीजों को एक ही थाली में परोसा जाता है, जिसमें रोटी, चावल, दाल, सब्जी, कढ़ी आदि चीजों को शामिल किया जाता है।अंडमान के कई लोकप्रिय रेस्टोरेंट्स में यह डिश आपको आसानी से उपलब्ध हो जाएगी।

इस प्रकार आपने जाना अंडमान और निकोबार के कुछ स्थानीय स्ट्रीट फूड के बारे में, यदि आप भी अंडमान घूमने का विचार बना रहे हैं तो ऊपर बताई गई डिश में से कुछ डिश ज़रूर ट्राई करके देखें, यह आपके दिमाग में अंडमान की एक अलग ही छाप छोड़ जाएगी।

आइए अब हम आपको बताते हैं ऐसे कुछ टिप्स जिनको ध्यान में रखकर आप भी अपने स्थानीय क्षेत्र में अंडमान में बिकने वाले स्ट्रीट फूड की तर्ज पर ही अपना स्वयं का रेस्टोरेंट खोल सकते हैं, आइए जानते हैं:-

  • सबसे पहले आपको आपके राज्य सरकार के द्वारा बनाए गए कानूनों का अध्ययन करना होगा और उसी के अनुसार आपके रेस्टोरेंट का निर्माण करना होगा लाइसेंसिंग और परमिट की अनिवार्यता भी आपके व्यवसाय में आने वाले कानूनी अड़चनों को दूर करने में सफल होगी।
  • एक बात का आप खास तौर पर ध्यान रखें कि आप अपना रेस्टोरेंट उस क्षेत्र में लगाए जहां परिवहन की सुगम व्यवस्था हो, क्योंकि अंडमान में मिलने वाले सभी स्ट्रीट फूड लगभग समुद्री जीवों के शरीर की सहायता से बनाए जाते हैं इसीलिए आपको यह ध्यान रखना होगा कि आपका रेस्टोरेंट भी ऐसा क्षेत्र में हो जहां पर आपके पास प्रतिदिन ताजा और कच्चा भोजन पहुंचाया जा सके, जैसे कि केवली मछली, झींगा मछली, पिराक मछली।
  • इसके साथ ही आप इंटरनेट की सहायता लेकर अपने रेस्टोरेंट की एक वेबसाइट भी बना सकते हैं, जिसका नाम आप अंडमान की किसी लोकल स्ट्रीट फूड के नाम पर अथवा स्वयं अंडमान के नाम पर ही रख सकते है जैसे कि अंडमानी रेस्टोरेंट एवम कॉर्नर।
  • आपको नई दिल्ली में ऐसे कई रेस्टोरेंट मिल जाएंगे जो कि अपने भोजन को अंडमान के स्थानीय निवासियों की तस्वीर लगाकर और उनकी जनजातियों कि सहायता से प्रमोशन करते हुए दिखाई देते हैं, जिसमें आपको रेस्टोरेंट में एक ऐसा आदमी दिखेगा जो कि अंडमान की निवासियों की तरह ही कपड़े पहने हुए रहता है, आपको भी इसी तर्ज पर प्रमोशन की कला सीखनी पड़ेगी और मार्केटिंग के माध्यम से अपने रेस्टोरेंट की लोकप्रियता बढ़ानी होगी।
  • इसके साथ आप ग्राहकों को ऑनलाइन डिलीवरी के साथ ही, आपके रेस्टोरेंट में ही बनाए जाने वाली किसी दूसरी डिश के सैंपल भी भेज सकते है।
  • आपके क्षेत्र में बने दूसरे प्रतिस्पर्धी रेस्टोरेंट्स के बारे में पूरी जानकारी लेकर रखें और यह पहचाने की कौन सी गुणवत्ता की वजह से उनका व्यापार आप की तुलना में अधिक चल रहा है, उसी विशेषता को आप भी अपने रेस्टोरेंट में अपनाएं।
  • वैश्वीकरण और तकनीक उन्नति के साथ-साथ आपको भी अपने रेस्टोरेंट का डिजिटलीकरण करना होगा, इसके लिए आप ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा उपलब्ध करवा सकते हैं।

इस प्रकार हमने जाना कि किस तरह आप अंडमान आइलैंड के स्ट्रीट फूड (जो कि मुख्यतया समुद्री जीवो के शरीर से बनाए जाते है) को भारत के अन्य क्षेत्रों में रहने वाले ऐसे लोगों तक पहुंचा सकते जिनको समुद्री फूड खाना पसंद होता है और साथ ही अपना व्यवसाय भी आगे बढ़ा सकते हैं।

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