बिहार का फ़ेमस स्ट्रीट फूड और आप कैसे भारत में कहीं भी शुरू कर सकते हैं इसका बिज़नेस ?
बिहार में कई सारे ऐसे व्यंजन हैं जो अब बाक़ी राज्यों में भी काफ़ी मशहूर हो चुके हैं. उदाहरण के तौर पर लिट्टी चोखा एक बहुत ही जाना माना और लज़ीज़ व्यंजन बन चुका है. आइए जानते हैं कौनसे हैं बिहार के फ़ेमस स्ट्रीट फ़ूड जो आपको ज़रूर चखने चाहिए और कैसे आप इनका व्यापार भी शुरू कर सकते हैं. शुरुआत करते हैं फ़ेमस स्ट्रीट फ़ूड की लिस्ट से:
1. लिट्टी चोखा
बिहार में सबसे ज़्यादा खाया जाना वाला व्यंजन लिट्टी चोखा है. लिट्टी गेहूं और सत्तू से मिलकर बनाई चटपटी और तिखी बॉल्स को लिट्टी कहा जाता है जबकि चोखा- आलू, बैंगन सरीखी सब्जियों को उबालकर या भूनकर तैयार किया जाता है.
बिहार की ये प्रसिद्ध डिश पूरे भारत में पसंद की जाती है और इसके बिज़नेस से आप अच्छी कमाई कर सकते है.
2. चना घुगनी
शाम के नाश्ते के रूप में आम तौर पर खाया जाने वाला चना घुगनी उबली हुई चने की दाल, प्याज, टमाटर, धनिया, हरी मिर्च और मसालों के साथ बनाया जाता है। इसे आप ब्रेड या बिना ब्रेड के भी खा सकते हैं. अपने स्वाद और कम लागत की वजह से ये स्ट्रीट फूड एक अच्छा बिज़नेस इन्वेस्टमेंट साबित हो सकता है.
3. खाजा
ये पकवान मुख्यतः मैदा, चीनी और घी से बनाया जाता है। इस का इतिहास बहुत पुराना है. स्थानीय लोगों के अनुसार लगभग दो हजार साल पहले से यहां खाजा बनाया जाता था।
खाजा को मंदिरों में भगवान के प्रसाद के तौर पर चढ़ाया जाता है. इसकी लोकप्रियता का अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि यहां के स्थानीय लोग अपनी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में इसे चाय के साथ स्नैक्स के रूप में प्रयोग करते हैं।
4. अनरसा
एक अन्य पारंपरिक बिहारी मिठाई-अरसा, चावल के आटे और गुड़ से बना होता है। तिल के साथ इसकी सजावट करने के बाद इसे तेल में सुनहरा भूरा होने तक तला जाता है।
गोल या चपटी टिकियों के आकार में बने अनरसे खाने में बहुत कुरकुरे और अन्दर से मुलायम होते हैं और जब इन में मावा या खोया मिलाया जाता है तो इन्हें मावा अनरसा कहते हैं।
5. पुचका
भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, पुचका एक गोल आकार का आटा / सूजी का गोला है जो उबले हुए छोले, प्याज, मसाले और मसले हुए आलू के मिश्रण से भरा होता है और इसे इमली के पानी के साथ खाया जाता है। इसे आप बिहारी गोलगप्पा भी कह सकते हैं। भारत में सबसे ज़्यादा लोकप्रिय इस स्नैक को बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी बड़े चाव के साथ खाते हैं।
6. भेलपुरी
यह लोकप्रिय स्नैक वैसे तो भारत के हर कोने में आपको मिल जाएगा लेकिन बिहार में इसकी लोकप्रियता देखते ही बनती है। यह सूखे मेवे, प्याज, टमाटर, मिर्च और मुरमुरे के साथ मिलाकर बनाया जाता है। सबसे सस्ता और आसानी से उपलब्ध होने वाला ये स्नैक हर किसी को पसंद आता है। शाम को टहलते के दौरान आपको लोग भेलपुरी वाले को घेरे नज़र आएंगे।
7. ठेकुआ
इस मीठे व्यंजन को बिहार में खजूर भी कहा जाता है, यह एक खस्ता मिठाई है जिसे मैदे, चीनी या गुड़ और नारियल के साथ बनाया जाता है। यह विशेष रूप से छठ पूजा के दौरान पकाया जाता है, जो राज्य में मनाया जाने वाला पारंपरिक त्योहार है।
8. शक्करपारा
यह एक मीठा स्ट्रीट फूड है जो बिहार के साथ साथ पूरे उत्तर भारत में बहुत ही लोकप्रिय है। हालांकि इसकी गुजराती थाली में एक विशिष्ट पहचान हो सकती है लेकिन बिहार में इसका भरपूर आनंद लिया जाता है।
शक्करपारे गेहूं के आटे, दूध और नमक से बनाए जाते हैं। वैसे तो बिस्कुट भी इन्हीं खाद्य पदार्थों से बनते हैं, लेकिन दोनों में अंतर सिर्फ इतना है कि शक्करपारा में चीनी भी शामिल होती है। इसके अलावा इलायची जैसे अन्य मसाले भी स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें डाले जाते हैं।
इसके बाद इनको तब तक तला जाता हैं जब तक कि इनमें एक सुनहरी बनावट न आ जाए। खाने में शक्करपारा बाहर की तरफ से कुरकुरा होता है, लेकिन अंदर से यह बहुत ही मुलायम और मीठा होता है। मिठास के लिए कुछ लोग चाशनी में डुबोकर मीठा शक्करपारा बनाना पसंद करते हैं। आमतौर पर शक्करपारा विवाह समारोह के उपलक्ष्य में तैयार किया जाता है।
9. मटन कबाब
ऐसा माना जाता है कि पटना के कदमकुआं में बिहार के सबसे स्वादिष्ट कबाब मिलते हैं। मटन के छोटे टुकड़ों को दही और मसालों, जैसे अदरक, लहसुन, मिर्च पाउडर, सरसों पाउडर और काली मिर्च में मिलाया जाता है, और फिर इसे ग्रिल पर पकाया जाता है। मुगलों के ज़माने से चली आ रही मटन कबाब की लोकप्रियता आज भी कम नहीं हुई।
10. मालपुआ
इस डिश को बनाने के लिए इसके मिश्रण में एक केले को मसलकर, आटा, नारियल और दूध डालकर तैयार किया जाता है।
मुख्यत: बिहार और ओडिशा में बनाए जाने वाले इस व्यंजन में फर्क सिर्फ इतना है कि बिहार में इसे तलने से पहले इसके घोल में चीनी डाली जाती है तो वहीं ओडिशा में तले हुए पुए को चीनी के घोल (चाशनी) में डाला जाता हैं।मुस्लिम धर्म के लोग रमजान के पवित्र महीने में इफ्तार के दौरान अपना उपवास तोड़ने के लिए इसे ख़ास तौर पर तैयार करते हैं।
11. कुलचा
वैसे तो बर्गर पूरी दुनिया में बेहद ही लोकप्रिय हैं लेकिन बिहार में, आपको बर्गर जैसा ही स्ट्रीट फ़ूड-कुलचा मिलेगा।
यह मैदे, पानी, नमक और खमीर से बनी एक हल्की-सी पाव रोटी के साथ बनाया जाता है।
इस के बाद पाव रोटी को बीच में से काट कर इस में चने, आलू, प्याज की स्टफिंग की जाती है। जो लोग बर्गर जैसे महंगे स्नैक को खरीद नहीं सकते, वो आमतौर पर कुलचा खाते हैं। तो एक तरह से इसे "गरीब लोगों का बर्गर" कहा जाए तो शायद गलत नहीं होगा।
कुछ लोग रोटी की बजाय कुलचे को एक नियमित रोटी से बेहतर समझते हैं क्यूंकि ये पचने में आसान और रोटी से ज़्यादा स्वादिष्ट होता है।
12. लाबदार रोल
लाबदार रोल बिहार के साथ साथ भारत के कई राज्यों में बेहद पसंद किए जाने वाले स्ट्रीट फूड्स में शामिल है। इसमें मूल रूप से एक रोटी को रोल करके उसमें कई तरह के खाद्य पदार्थों की स्टफिंग की जाती है।
इसमें प्याज और मसाले के मिश्रण को मसालेदार टमाटर की ग्रेवी में पकाया जाता है और मलाई या क्रीम को ग्रेवी का स्वाद बढ़ाने के लिए डाला जाता है। आपको बता दें कि पंजाब में इस लाबदार रोल को प्याज के परांठे और एक गिलास मीठी लस्सी के साथ परोसा जाता है।
13. लवंग लतिका
लवंग लतिका बिहार और बंगाल में त्यौहारों पर बनने वाली पारम्परिक मिठाई है। इसे कई जगहों पर लौंग लत्ता के नाम से भी जाना जाता है।
लेकिन आपको बता दें कि बाकी मिठाईयों से बेहद अलग इस मिठाई का स्वाद आप कभी भूल नहीं पाएंगे। मावे और मैदे से बनने वाली इस मिठाई को आप घर पर भी आसानी से बना सकते हैं।इसकी स्टफ़िंग के लिए आप सूखे मेवे जैसे कि किशमिश, पिस्ते और नारियल के बुरादे का इस्तेमाल कर सकते हैं।
तो इस प्रकार हमने आपको बताया कि बिहार में अपनी यात्रा के दौरान आप वहां किन स्थानीय स्ट्रीट फूड का मजा उठा सकते हैं,अब हम जानेंगे कुछ ऐसे टिप्स जिनकी सहायता से आप इसी तरह का व्यवसाय भारत के किसी भी कोने में शुरू कर सकते हैं।
सबसे पहले आपको भारत में किसी भी दूसरे स्थान के स्ट्रीट फूड का व्यवसाय करने के लिए सरकार के द्वारा जारी किया जाने वाला एक रेस्टोरेंट खोलने का लाइसेंस लेना होगा। अलग-अलग राज्यों में यह प्रक्रिया अलग-अलग होती है और लाइसेंस मिल जाने के बाद आपको ऐसी जगह पर अपना रेस्टोरेंट खोलना चाहिए जहां पर कोई दूसरा रेस्टोरेंट बिहार के इन लोकल स्ट्रीट फूड्स ना बनाता हो।
इसके अलावा बिहारी स्ट्रीट फूड बनाने में महारत हासिल करने के लिए आप कुछ दिनों के लिए इसे बनाने की ट्रेनिंग ले सकते हैं या फिर किसी बिहारी रेस्टोरेंट में ये पकवान बनाने वाले किसी माहिर व्यक्ति को अपने रेस्टोरेंट में नौकरी पे रख सकते हैं लेकिन आपको इस बात को ख़्याल रखना होगा कि आप किसी ऐसे लोकल व्यक्ति को हायर ना करें जिसमें बिहारी फूड बनाने की पूरी कला ना हो क्योंकि अपने बिज़नेस को चलाने के लिए आप क्वालिटी से समझौता नहीं कर सकते।
इसके साथ ही इस बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए
आप नए और अलग तरीके के प्रमोशन का सहारा भी ले सकते हैं, जैसे कि कस्टमर को आप किसी ख़ास डिश में डिस्काउंट दें या एक के साथ दूसरी डिश मुफ्त में दें इत्यादि।
आज के मोबाईल और इंटरनेट के युग में आप ऑनलाइन आर्डर लेने और होम डिलीवरी करने की भी व्यवस्था करें, इससे आप बहुत जल्द लोकप्रिय हो सकते हैं।
इसके अलावा अपने प्रतिस्पर्धी रेस्टोरेंट द्वारा लिए जाने वाले व्यवसायिक निर्णयों पर भी अपनी पैनी नज़र रखें ताकि आप दूसरे रेस्टोरेंट में ग्राहकों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जान सकें। इससे आप अपने काम करने के तरीकों में सुधार कर सकते हैं। क्वालिटी के साथ साथ आपको अपने रेस्टोरेंट के प्रचार पर भी पूरा ध्यान देना है क्यूंकि प्रचार है तो व्यापार है।
तो इस तरह से आप बिहार के स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड्स से भारत के किसी भी कोने में अपना सफल व्यवसाय कर सकते है और एक सफल व्यवसायी बनने के लिए बस आपको चाहिए- धैर्य और दृढ़ता। अगर ये दो गुण आप में हैं तो सफलता का शिखर छूने से आपको कोई नहीं रोक सकता।
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