मणिपुर का फ़ेमस स्ट्रीट फूड और कैसे शुरू कर सकते हैं आप इसका बिज़नेस भारत में कहीं भी
भारत के उत्तरी पूर्वी क्षेत्र में स्थित मणिपुर राज्य उन राज्य में गिना जाता है जिन्हें सात बहनों के नाम से जाना जाता है। उत्तर में नागालैंड, दक्षिण में मिजोरम तथा पश्चिम में आसाम और पूर्व में म्यांमार से घिरा हुआ यह राज्य प्राचीन इतिहास में लैंड ऑफ गोल्ड के नाम से जाना जाता था। यहां रहने वाले लोगों में मुख्यतः मैती, नागा और कुकी जनजातियाँ पाई जाती है।
यह लोग मुख्यतः इंग्लिश के अलावा इंडो तिबत्तन भाषा का इस्तेमाल करते हैं, परन्तु यहां की राष्ट्रीय भाषा
मणिपुरी को माना जाता है। यहाँ पर रहने वाले लोगों में हिंदी बोलने वाले लोग केवल 1% है। क्या आपको पता है कि उत्तरी पूर्वी क्षेत्र के राज्यों में भारतीय मानक समय के अलावा एक अलग समय जिसे टी टाइम जोन भी कहा जाता है।
मणिपुर का एक लोकप्रिय पार्क जिसे केबुल-लामजाओ के नाम से जाना जाता है, वहाँ पर ही स्थित लोकतक झील वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय रामसर सम्मेलन के मॉन्ट्रिक्स रिकॉर्ड में शामिल किया गया है।
जिसके तहत इस झील को भारत में पाई जाने वाली अन्य झीलों की तुलना में अधिक सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
केबुल लामजाओ पार्क की अन्य विशेषताओं में यहां पर पाया जाने वाला शंघाई डियर दुनिया में केवल यहीं पर पाया जाता है।इन्हें डांसिंग डियर के नाम से भी जानते हैं।
आपको बता दें कि लोकतक झील में घास के बने हुए कुछ ऐसे भाग पाए जाते हैं, जो पानी में तैरते रहते है, जिन पर चलते वक्त यह हिरण डगमगाते रहते हैं, जिस कारण दूर से देखने पर यह नाचते हुए दिखाई देते हैं।
कम जनसंख्या होने के कारण आपको मणिपुर की राजधानी इंफाल में भी इतने ज्यादा लोग दिखाई नहीं देंगे, यहाँ के कुछ लोकप्रिय दर्शनीय स्थलों में गोपीनाथ मंदिर, कंगला शाह पैलेस, मणिपुरी डांस म्यूजियम और लोकटक झील को गिना जाता है।
कुछ समय पहले ही सुप्रीम कोर्ट के एक जजमेंट की वजह से भी मणिपुर काफी चर्चा में रहा था, जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने बोला था कि यहां पर केंद्र सरकार के द्वारा लगाया गए अफस्पा एक्ट(AFASPA act) को हटा देना चाहिए।
यह एक्ट सरकार को किसी भी क्षेत्र में फैली हुई अशांति को, आर्मी के द्वारा नियंत्रण करने की शक्ति प्रदान करता है।
मणिपुर मुख्य तया अपने दर्शनीय भौगोलिक संरचना और टूरिस्ट स्पॉट की वजह से जाना जाता है, परंतु इसके अलावा यहां की स्थानीय जनजातियों के द्वारा बनाया गया स्ट्रीट फूड भी इसे अधिक से अधिक टुरिस्टर को आकर्षित करने ही क्षमता प्रदान करता है।
आइए जानते हैं मणिपुर के ऐसे ही कुछ स्थानीय स्ट्रीट फूड जो कि एक छोटी सी स्टॉल से लेकर बड़े-बड़े रेस्टोरेंट में बनती हुए दिखाई देते हैं:-
1. कांगसोई (Kangshoi) :-
यह मणिपुर की सबसे ज्यादा लोकप्रिय डिश है। यह सब्जी की सहायता से बनाया हुआ एक सूप होता है, अलग-अलग समय में उगने वाली अलग-अलग हरी सब्जियों की सहायता से बनाया जाती है, जैसे कि प्याज, लहसुन अदरक इत्यादि।
2. इरोम्बा (Eromba) :-
इसको बनाने के लिए भी हरी सब्जी और मछली की सहायता ली जाती है।इस मछली को नगारी मछली के नाम से जाना जाता है। इस डिश को बनाने के लिए बहुत बड़े पैमाने पर सब्जियों को उबाला जाता है और उसमें मछली को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर मिला दिया जाता है। इसके बाद इसे बहुत अधिक ताप पर गर्म किया जाता है जिससे कि यह एक पेस्ट की तरह दिखने लगता है।
इसे लाल और हरी चटनी के साथ सर्व किया जाता है।
3. सिंघजु (Singhju) :-
यह मणिपुर की एक फ़ेमस सलाद है, इसमें सामान्य सब्जियों के साथ साथ मणिपुर के स्थानीय क्षेत्र में उगने वाली कुछ विशेष प्रकार की पत्तियां भी मिलाई जाती है। फिर इन्हें तेल की सहायता से भूना जाता है, सब्जियों के ऊपर बेसन का लेप करके उन्हें चटनी के साथ सर्व किया जाता है।
यह बात जानकर शायद आप अचंभित हो जाएंगे की इस डिश में सब्जी के ऊपर लेप करने के लिए वहां पर पाई जाने वाली नागा जनजाति के कुछ लोगों की मदद ली जाती है, क्योंकि लेप की मोटाई कम या ज्यादा होने पर इस डिश का स्वाद नष्ट हो जाता है।
4. पक-नाम (Paaknam) :-
जरूर आपने कभी ना कभी पैन-केक तो खाया ही होगा, पकनाम भी उसी प्रकार की एक डिश होती है। इसे बेसन के महीन पिसे हुए आटे के साथ सब्जियां और मिर्ची का अलग-अलग फ्लेवर मिलाकर बनाया जाता है।
आपको बता दें कि इसे परोसने का अंदाज भी बिलकुल अलग होता है, हालांकि यहां के स्थानीय लोग इसे किसी भी तरीके से खा लेते हैं।
परन्तु बाहर से आने वाले टूरिस्ट को केले की पत्तियों पर रखकर यह डिश सर्व की जाती है।जो कि उन्हें यहां की संस्कृति का आभास करवाती है।
5. आलू कांगमेट (Aloo Kangmet) :-
यह एक साधारण सी डिश होती है, इसे बनाने के लिए आलू को उबाला जाता है और इन्हें फ़्राई की हुई लाल मिर्ची के साथ भुना जाता है।
इसको बनाने में काफी कम मेहनत लगती है इसी कारण स्थानीय लोग इसे अपनी दिनचर्या में ब्रेकफास्ट के तौर पर इस्तेमाल करते हैं।
6. थोंगबा (Thongba) :-
यह फ़िश करी का ही एक प्रकार होता है जो कि विशेष तौर पर मणिपुर में ही बनाया जाता है। इस डिश को बनाने के लिए काम में ली गई मछलियां वहां पर स्थित कई प्रदूषण रहित झीलों से प्राप्त की जाती है।मछली को छोटे टुकड़ों में काट लिया जाता है और फिर इसमें सलाद मिलाया जाता है, इसे गीले चावल के साथ सर्व किया जाता है।
इस डिश को बनाने के लिए बहुत ही सावधानी की जरूरत होती है, क्योंकि करी को उबालते वक्त एक तापमान से ज्यादा गर्म होने पर इसका स्वाद नष्ट हो जाता है।
7. चक हाउ खीर (Chak-hao kheer) :-
यह मणिपुर में बनाई जाने वाली एक स्वादिष्ट खीर होती है जिसको बनाने के लिए चावल, दूध और एक विशेष प्रकार की पाउडर की जरूरत होती है। इसमें स्वाद के लिए कई ड्राई फ्रूट भी मिलाए जाते हैं, अलग अलग स्वाद प्रदान करने के लिए अनार, संतरा आदि के टुकड़े भी डाले जाते हैं।
इस प्रकार हमने जाना मणिपुर का लोकल स्ट्रीट फूड के बारे में और यदि आप वहां घूमने जाएं तो इनका आनंद उठा सकते हैं।
आइए अब हम आपको बताएंगे ऐसी कुछ जानकारियां जिनकी मदद से आप अपने क्षेत्र में भी वहां के स्थानीय लोगों के द्वारा बनाए गए स्ट्रीट फूड की तर्ज पर ही रेस्टोरेंट खोल सकते हैं, आइए जानते हैं:-
- आपको अपनी स्थानीय राज्य सरकार के द्वारा बनाए गए कानूनों की जानकारी प्राप्त करनी होगी और उसी के अनुसार लाइसेंस और परमिट लेने की आवश्यकता होगी, हालांकि कुछ राज्यों ने अपने क्षेत्र में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए इन कानूनों को बहुत ही सरल बना रखा है। इसकी जानकारी आप अपने स्थानीय राज्य सरकार की फूड डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर जाकर ले सकते हैं।
- किसी भी क्षेत्र का स्ट्रीट फूड व्यवसाय को यदि आप अपने क्षेत्र में लगाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको उस तरह का भोजन बनाना आना चाहिए, इसके लिए या तो आप स्वयं उस तरह का भोजन बनाना सीख सकते हैं या फिर आप मणिपुर में ही काम कर रहे हैं किसी स्थानीय रेस्टोरेंट की व्यक्ति को कुछ समय के लिए अपने रेस्टोरेंट में नौकरी पर रख सकते हैं।
- इंटरनेट का गलत और अच्छे कामों में प्रयोग किया जा सकता है, इस क्षेत्र में आप इंटरनेट को अपने व्यवसाय के लिए एक सहायक के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं, आप इंटरनेट की सहायता से अपनी एक वेबसाइट बना सकते हैं जो आपके रेस्टोरेंट के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करता होवे और इसके साथ ही आप ऑनलाइन फूड डिलीवरी की सुविधा भी प्रदान कर सकते हैं, जिसे संभालने के लिए आपको अपनी वेबसाइट पर एक सुरक्षित पेमेंट सिस्टम भी उपलब्ध करवाना होगा।
- शुरुआत में आप प्रमोशन के लिए कुछ सुविधाएँ दे सकते हैं जैसे कि एक डिश के साथ दूसरी डिश फ्री में उपलब्ध करवाएं, हालाँकि इससे आपको कम मुनाफा होगा परंतु एक बार ग्राहकों का विश्वास जीतने पर आप आसानी से उस नुकसान की भरपाई कर पाएंगे।
- ऑनलाइन डिलीवरी के साथ ग्राहकों को फीडबैक की सुविधा भी प्रदान करें।
- अपने रेस्टोरेंट को ऐसे स्थान पर लगाएं जहां पर परिवहन की उपयुक्त व्यवस्था हो या फिर आप इसे शहर के मुख्य मार्केट में भी लगा सकते हैं।
- कोविड-19 महामारी के दौरान हाइजीन और सैनिटाइजेशन का पूरी तरीके से ख्याल रखें।
- अपनी रेस्टोरेंट में ग्राहकों के लिए बैठने की उचित व्यवस्था करें और उन्हें मनोरंजन के लिए कुछ अन्य सुविधाएं भी प्रदान करवाएं, हालाँकि सुनने में आपको यह बहुत छोटी बातें लग रही होगी परंतु इसी छोटे से अंतर की वजह से आप अपने रेस्टोरेंट को बड़ा बना पाएंगे।
- इसके अलावा आप अपने ही क्षेत्र में स्थित किसी प्रतिस्पर्धी रेस्टोरेंट की कुछ ऐसी विशेषताएं अपना सकते हैं, जिनकी वजह से वहां पर आने वाले ग्राहकों की संख्या आप की तुलना में ज्यादा हो।
- आप मणिपुर के स्थानीय टूरिज्म डिपार्टमेंट से संपर्क स्थापित करें और उन्हें अपने रेस्टोरेंट की जानकारी प्रदान कर सकते हैं, जिस कारण वह उसे अपनी वेबसाइट पर डाल पाए, जिससे आपकी दुकान के प्रमोशन के साथ-साथ मणिपुर का टूरिज्म भी प्रोमोट होगा।
इस प्रकार हमने जाना कि कैसे आप मणिपुर के स्थानीय लोगों की खाना बनाने की अद्भुत कला को भारत के अलग-अलग कोने में पहुंचा सकते हैं और साथ ही अपना व्यवसाय भी चला सकते हैं।
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