कैसे शुरू करे कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट?
लागत, मुनाफा व अन्य जानकारियाँ
भारत में आजकल कम्प्यूटर का युग चल रहा है। आज सारे सरकारी व गैर सरकारी कामकाज कम्प्यूटर के माध्यम से चल रहे हैं। कम्प्यूटर के बिना कोई कामकाज नहीं हो सकता है। चाहे सरकारी नौकरी करनी हो, प्राइवेट जॉब करनी हो या खुद का व्यवसाय करना हो अथवा कोई भी काम करना हो, उसके लिए कम्प्यूटर का ज्ञान अनिवार्य हो गया है। आप चाहे कितने पढ़े-लिखे हों लेकिन कम्प्यूटर के बारे में जानकारी नहीं रखते हैं तो आपकी पढ़ाई न के बराबर है। यदि पढ़ाई लिखाई के साथ कम्प्यूटर का ज्ञान आपके पास है तो आपके वारे-न्यारे हो सकते हैं। कहने का मतलब यह है कि कम्प्यूटर ऐसा उपकरण बन गया है जिसके पास है वो तेजी से आगे बढ़ सकता है और जिसके पास नहीं है वो एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा सकता है।
मान्यता प्राप्त ट्रेनिंग सेंटर की है जबर्दस्त मांग
कम्प्यूटर का ज्ञान आज प्रत्येक भारतीय के लिए जरूरी हो गया है। इसलिये सभी स्कूलों, कॉलेजों में स्टूडेंट्स के लिए कम्प्यूटर को अनिवार्य विषय बना दिया गया है। ये बात नये जमाने की हुई। इससे पहले भारी संख्या में ऐसे स्टूडेंट हैं जो पढ़ाई तो पूरी कर चुके हैं लेकिन उन्हें कम्प्यूटर का चेहरा तक देखने को नसीब नहीं हुआ था। वो आज कम्प्यूटर का ज्ञान सीखने के लिए बेताब हैं क्योंकि आजकल कहीं भी नौकरी के लिए आवेदन करते हैं तो उसमे कम्प्यूटर का ज्ञान होना आवश्यक कर दिया गया है। कम्प्यूटर का ज्ञान कहां से सीखें, यह समस्या सामने आ खड़ी हुई है। इसके लिए लोग अपने आसपास कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोजते हैं, जो बहुत मुश्किल से मिलते हैं। जो मिलते भी हैं वो ऐसे होते हैं कि फीस तो तगड़ी ले लेते हैं लेकिन उनके यहां की ट्रेनिंग और उनके यहां के प्रमाण पत्र कहीं भी काम नहीं आते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए मान्यता प्राप्त कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र की जबर्दस्त मांग है।
इसके अलावा आजकल के बच्चों को स्कूल, कॉलेज में कम्प्यूरटर का ज्ञान जो सिखाया जाता है, वह बहुत कम होता है। इसके बाद अधिक ज्ञान सीखने के लिए कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की आवश्यकता पड़ती है, जहां पर पूरे-पूरे कोर्स कराये जाते हैं तथा वहां सिखाने वाले भी एक्सपर्ट होते हैं।
मान्यता प्राप्त सेंटर खोलने के लिए करनी होगी मेहनत
इसका मतलब यह है कि पहले तो कम्प्यूटर का ज्ञान आवश्यक है और जब मेहनत व लगन से इंसान कम्प्यूटर का ज्ञान हासिल कर ले तो उसे ऐसा प्रमाण पत्र भी चाहिये जो किसी नौकरी में लगाने से उसका लाभ मिल सके। वरना उसके ज्ञान को बिना प्रमाण पत्र के कौन परखेगा। इसलिये इस समय कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की डिमांड तो है लेकिन फर्जी नहीं बल्कि असली मान्यता प्राप्त की। अब असली मान्यता प्राप्त वाले कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलना आसान नहीं है। इसके लिए सरकारी प्रक्रिया इतनी महंगी व जटिल है कि आम इंसान उस बारे में सोच भी नहीं सकता है। कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलने वाला आम इंस्टीट्यूट की तरह खोल लेता है और आसपास के बच्चों को सिखाने लगता है लेकिन जब स्टूडेंट को फायदा नहीं होता तो वो इंस्टीट्यूट अधिक दिनों तक नहीं चल पाता है।बाद में वह ग्राफिक डिजाइनिंग का सेंटर बन कर रह जाता है।
कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट किस तरह से खोला जाता है
अब यदि कम्प्यूटर इंस्टीट्यूट खोलना चाहते हैं तो आपको मान्यता प्राप्त इंस्टीट्यूट ही खोलना चाहिये। इसके लिए आपको भले ही कुछ समय और पैसा लग जाये तो उसकी चिन्ता न करें लेकिन खोलें तो मान्यता प्राप्त कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट ही खोलें। कम्प्यूटर इंस्टीट्यूट दो तरह से खोला जा सकता है।
1. पहला तरीका यह है कि आप स्वयं अपना मान्यता प्राप्त कम्प्यूटर ट्रेनिंग इन्सटीट्यूट खोलें, उसके लिए एक ऐसा हॉल तलाशें जिसमें 5 से 10 कम्प्यूटर मशीनें लगायी जा सकें। जिस नाम से आपको कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलना हो उसके नाम से एक ट्रस्ट बनायें फिर उसको मानव संसाधन विकास मंत्रालय यानी शिक्षा मंत्रालय के संबंधित विभाग में रजिस्ट्रेशन करायें। ट्रस्ट बनाने से लेकर शिक्षा मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन कराने तक आपको काफी भागदौड करनी होगी । इसके साथ ही इंस्टीट्यूट के लिए मान्यता प्राप्त करने के लिए तमाम औपचारिकताएं व फीस का भुगतान करते करते आपके 4 से 5 लाख रुपये तक खर्च हो जायेंगे। लेकिन इसे बाद आपका इंस्टीट्यूट मान्यता प्राप्त हो जायेगा तथा इसका प्रमाण पत्र सरकारी नौकरियों के आवेदन में मान्य होगा। इसके बाद आपके इंस्टीट्यूट में स्टूडेंट काफी संख्या में आ सकते हैं।
2. दूसरा तरीका यह है कि आप किसी पहले से चल रहे अच्छे नामी गिरामी मान्यता प्राप्त इंस्टीट्यूट की फ्रेंचाइजी लें । यह काफी आसान होगा। फ्रेंचाइजी लेने से आपको आपकी मुख्य कंपनी इंस्टीट्यूट चलाने के अपने कायदे कानून सिखाने के लिए ट्रेनिंग देगी। फ्रेंचाइजी लेने से आपको किसी तरह की कानूनी प्रक्रिया का भी पालन नहीं करना होगा। यह सारे काम पूरे कराकर कंपनी स्वयं ही देगी। इसके लिए आपको सालाना फीस देनी होगी।
कैसे परखें असली मान्यता प्राप्त इंस्टीट्यूट
कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के बिजनेस में जालसाजी और धोखाधड़ी बहुत है। कोई सरकारी लोगो तो कोई मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री की फोटो लगाकर अपने को असली मान्यता प्राप्त संस्था बताकर फ्री फ्रेंचाइजी का विज्ञापन देकर धोखा देने में लगा हुआ है। आप इस बात का अनुमान लगाइये कि जो चीज 4-5 लाख रुपये लगाकर और काफी भागदौड़ करने के बाद मिल रही हो वो घर बैठे फ्री कैसे मिल सकती है। इसमें अवश्य ही धोखा है।
यदि आपको फ्रेंचाइजी लेनी है तो आप किसी भी संस्था पर विश्वास मत कीजिये। इसके लिए आपको शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर जाइये जहां पर रजिस्टर्ड मान्यता प्राप्त संस्थाओं की सूची दिख जायेगी। उसे काफी अच्छे से देखिये और उस सूची में से कोई संस्था अपनी फ्रेंयाइजी देना चाहे तो उसे भी सौ बार जांच परख कर फ्रेंचाइजी लेना चाहिये।
कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट कहां-कहां खोलना लाभदायी हो सकता है
1.कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट मेनमार्केट में शोरशराबे वाले माहौल से दूर ही होना चाहिये। अच्छी रिहायशी कालोनी में ऐसी जगह होना चाहिये जहां पर स्टूडेंट आसानी से आ जा सके। मेन रोड के किनारे हो तो सबसे बेहतर होगा, जहां से थोड़ी दूर आने-जाने वाले विद्यार्थियों को भी आवागमन के साधन आसानी से मिल सकें।
2.स्कूल, कॉलेज, आईटीआई, व अन्य ट्रेनिंग सेंटर के आसपास भी कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का खोला जाना लाभकारी साबित हो सकता है
3.यदि शहर में कोई एजूकेशन हब है, यानी कई तरह के शिक्षण संस्थान हैं, वहां स्टूडेंट का आना जाना बहुत होता है, वहां पर भी आप कम्प्यूटर इंस्टीट्यूट खोल सकते हैं।
कितनी जगह चाहिये
कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के लिए 100 से 200 वर्ग फिट की जगह चाहिये। इसे तीन भागों में बांटा जा सकता है। सबसे बड़ा भाग कम्प्यूटर लैब यानी जहां पर कम्प्यूटर मशीनें लगायीं जायेंगी वो होगा। उसके बाद उससे थोड़ा छोटा वो भाग होगा जहां पर स्टूडेंट को थ्योरी पढ़ाई जायेगी। तीसरा भाग वह होगा जहां पर आफिशियल वर्क होगा तथा इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर का आॅफिस भी होगा।
कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट शुरू करने से पहले ये कुछ महत्वपूर्ण काम करने होंगे।
1. पहला कि आप को अपने बिजनेस एरिया को देखना होगा कि वहां पर किस तरह के स्टूडेंट आपके यहां पर आ सकते हैं और उनकी डिमांड क्या है।
2. दूसरा यह कि आप अपने आसपास कम्प्यूटर से संबंधित काम करने वाली कंपनियों की प्रोफाइल को जांचे परखें और उनके मैनजमेंट से मिलकर जानकारी लें कि उनके संस्थान में किस कोर्स की ट्रेनिंग किये लोगों की जरूरत है।
3. सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में किस कम्प्यूटर कोर्स की मांग अधिक है और कम से कम कितने समय में यह कोर्स कराया जा सकता है, जब तक कोर्स पूरा करके आपका स्टूडेंट बाहर निकलेगा तब तक उसे नौकरी मिल जायेगी या नहीं इसकी भी प्लानिंग करें।
4. इस खोजबीन के दौरान कोई ऐसी कंपनी मिल जाती है जो आपसे स्किल्ड पर्सन हायर कर सकती है। उससे टाइअप करने के साथ कोई एग्रीमेंट हो सके तो करना चाहिये। जिससे आपके इंस्टीट्यूट से ट्रेनिंग करने वाले स्टूडेंट को नौकरी के लिए भटकना न पड़े।
5. ये सारे काम जिस संस्थान के मालिक व संचालक ने कर लिये उसका संस्थान चलने में कोई आशंका बाकी नहीं रह जाती है।
कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के लिए क्या-क्या चाहिये
1. एक बड़ा सा हॉल, वाशरूम की सुविधा, पीने के पानी की सुविधा
2. 20 कुर्सियां, 5 से 7 कम्प्यूटर टेबल
3. 3 साधारण बड़ी टेबल
4. 3 से 10 कम्प्यूटर मशीन
5. प्रिन्टर व स्कैनर
6. कम्प्यूटर टीचर कोर्स के हिसाब से
7. एक क्लर्क
8. एक सहायक
9. बिजली की सुविधा, इन्वर्टर की सुविधा
लागत कितनी आती है?
कप्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलने में दो तरह से खोलने में अलग-अलग लागत आती है। यदि आप ट्रस्ट बनाकर उसका रजिस्ट्रेशन कराने के बाद शिक्षा मंत्रालय से मान्यता लेने की कार्रवाई करते हैं तो उसमें अधिक लागत आती है।
1. सबसे पहले आपको सरकारी कार्रवाई पूरा करने में आपको 4 से 5 लाख रुपये तक की सरकारी फीस आदि चुकानी होगी
2. दूसरा इंस्टीट्यूट के लिए हॉल या कमरों की व्यवस्था करनी होगी, खुद के हुए तो बजट कम बैठेगा वरना इन कमरों या हॉल का किराया भी लगेगा जो शहरों, गांवों और कस्बों के हिसाब से अलग-अलग होगा
3. फर्नीचर, कम्प्यूटर मशीन, स्कैनर, प्रिंटर मशीन का खर्चा लगेगा
4. ऑफिस का खर्चा, क्लर्क व सहायक की सैलरी
5. मार्केटिंग का खर्चा
6. इंडस्ट्रियल टाइअप यानी प्लेसमेंट के लिए भागदौड़ का खर्चा
7. पानी, बिजली व अन्य अनजाने खर्चा लगेगा
इस तरह से यदि आप पूरे खर्चों को कैलकुलेट करें तो आपका यह खर्चा 10 लाख रुपये के बराबर आ जायेगा। इस तरह से एक कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को शुरू करने के लिए कम से कम 8 से 10 लाख रुपये तो होने ही चाहिये।
मुनाफा कितना तक मिल सकता है
कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट या कम्प्यूटर ट्रेनिंग सेंटर एक बड़े वृक्ष की तरह है, जिसकी पौध लगाने के काफी समय बाद उसमें फल आने लगते हैं, एक बार फल आना शुरू हो जायें तो उसके बाद तो वे फिर फल से वे लद जाते हैं। आम तौर पर कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट एजूकेशन के लिए शुरू किये जाते हैं। ये एजूकेशनल इंस्टीट्यूट में रोजगार की तलाश में वो व्यक्ति आते हैं जिनकी जेबें खाली होतीं हैं। तो बड़ी मुश्किल से अपनी फीस दे पाते हैं।
आप कोई प्रोडक्ट नहीं बेचते हैं जो पैसे वाला भी व्यक्ति आपके पास आयेगा। साधारण इंस्टीट्यूट इसीलिये आजकल नहीं चल पाते हैं। इसलिये आपको कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में परंपरागत कोर्स कराने के साथ कुछ ऐसे भी कोर्स कराने होंगे जिनकी मार्केट में अच्छी डिमांड है। उसके लिए आपके प्रमाण पत्र काम आये या नहीं आये लेकिन सीखने वाले के पास खुद का ज्ञान व अनुभव इस प्रकार हो कि मार्केट में खुद अपने पैरों पर खड़ा हो जाये।
आपको जॉब ओरिऐन्टेड कोर्स तलाशने होंगे जिनका लाभ आपके स्टूडेंट को कोर्स करने के बाद तत्काल मिलने लगे। तभी आपके पास स्टूडेंट भी आयेंगे और आपको अच्छी फीस भी देंगे क्योंकि आपके इंस्टीट्यूट के कोर्स से उनको अच्छा खासा लाभ मिलने वाला है। वैसे अमूमन यह माना जाता है कि एक सेंटर यदि अच्छी तरह से चलता है तो प्रतिमाÑह सारे खर्च निकाल कर एक लाख रुपये तक कमा सकता है।
मार्केटिंग कैसे करें
1. कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की मार्केटिंग के लिए सबसे अच्छा तरीका आॅफलाइन मार्केटिंग है। आप अपने आसपास के स्कूलों, कॉलेजों के आसपास अपने कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के कोर्सों और उनकी खूबियों के बारे में पोस्टर लगवायें और स्कूल के स्टूडेंट के बीच अपने इंस्टीट्यूट के पम्पलेट वंटवायें।
2. स्कूल, कॉलेज के कम्प्यूटर टीचर को आप अपने संस्थान में पार्ट टाइम जॉब दे दें और उन्हें स्टूडेंट लाने का काम सौंपें। भले ही प्रति एडमिशन कुछ कमीशन देना पड़े तो खुशी खुशी दे दें क्योकि इससे आपको अच्छी संख्या में स्टूडेंट मिल सकेंगे।
3. सरकारी नौकरियों के काम आने वाले कोर्सों की जानकारी हासिल करके उन्हें उन स्टूडेंट को दें जो अपनी पढ़ाई की योग्यता पूरी करके जॉब करने की तलाश में हों, उन्हें जॉब की अप्लाई के लिए उन कोर्सों की जरूरत हो।
4. कुछ ऐसे कोर्स तलाशें जो उन सीनियर लोगों के लिए हों जो किसी कारण से अपनी पढ़ाई के समय पूरा नहीं कर पायें हों और वे उम्र निकलने के बाद उन्हें करना चाहते हों या उन कोर्स को करने से किसी भी उम्र में अच्छी जॉब मिल सकती हो। इन जॉब ओरिएंटेड कोर्स के लिए काफी संख्या में लोग आपके पास आ सकते हैं और उनके लिए वो अच्छे दाम भी दे सकते हैं।
5. इसके अलावा आप चाहें तो लोकल मीडिया यानी न्यूज पेपर में विज्ञापन दे सकते हैं, एफएम रेडियों और टीवी चैनल पर भी विज्ञापन देकर अपने कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का प्रचार कर सकते हैं।
6. आप सोशल मीडिया के प्लेटफार्म फेसबुक, व्हाट्सऐप, ट्विटर, इंस्टाग्राम में अपने परिचितों के बीच अपने कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का प्रचार कर सकते हैं।
कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट चलाने के कुछ खास टिप्स
कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलते समय आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिये कि हम इसको केवल एजूकेशन सेंटर ही नहीं बनाना है बल्कि अपने यहां आने वालों को लाभ भी देना है। जब लोगों को हमारे इंस्टीट्यूट से लाभ मिलेगा तभी वो हमारे पास आयेंगे वरना बिना लाभ के कौन आपके पास आयेगा। इसके लिए कुछ खास काम करने होंगे, जैसे:-
1. परम्परा से हटकर कुछ जॉब ओरिएन्टेड कोर्स तलाशने होंगे और उनके लिए व्यवस्था करनी होगी जिनको पूरा करते ही स्टूडेंट को सरकारी या प्राइवेट जॉब मिल जाये अथवा उस ज्ञान के भरोसे अपनी जीविका खुद शुरू कर सके। इस तरह के कुछ जॉब इस प्रकार हैं:-
ए. डिजिटल मार्केटिंग, जिसको सीखने के बाद अच्छी जॉब मिल सकती है अथवा प्राइवेट काम स्वयं किया जा सकता है
बी. वेब डिजाइनर या वेब डेवलपर, किसी भी कंपनी में अच्छे पैकेज पर जॉब मिल सकती है, वरना अपना प्राइवेट काम कर सकते हैं
सी. ग्राफिक डिजाइनर, इससे भी अच्छी जॉब मिलती है अथवा अपनी खुद की शॉप खोल कर काम करके अच्छा पैसा कमाया जा सकता है
डी. मोबाइल ऐप डेवलपर, आजकल इसकी जबर्दस्त डिमांड है, कोई मोबाइल कंपनी अथवा निजी कंपनी जॉब दे सकती है, वरना खुद का ऐप बनाकर डेमो कर सकते हैं, जिसको देखकर अनेक कंपनियां अच्छा काम दे सकतीं हैं।
ई. ई एकाउंटिंग, जो लोग बीसीए, एमसीए करने से किसी कारण से चूक गये हों, उनके लिये ई एकाउंटिंग अच्छा अवसर प्रदान करती है
एफ. टेक्सटाइल डिजाइनिंग का काम भी जॉब दिलाने वाला है।
2. आपको मार्केटिंक टीम बनानी चाहिये जो मार्केट में आपका प्रचार करने के साथ उन कंपनियों का भी सर्वे करे और जिनको स्किल पर्सन की हमेशा जरूरत पड़ती ही रहती है। उनकी डिमांड वाले कोर्सों को तलाशे और आप उनके लिए टीचर आदि की व्यवस्था करके उन कोर्सों को करायें ताकि आपके स्टूडेंट को कोर्स करने के बाद तुरन्त जॉब मिल सके।
3. आपके इंस्टीट्यूट में प्लेसमेंट अच्छा होने पर आपको स्टूडेंट की कमी नहीं रहेगी। साथ ही आपको अपनी मुंह मांगी फीस भी मिल जायेगी। लेकिन एक बाद याद रखना होगा कि यदि आपने अपने वादे में किसी तरह की कमी की तो आपके संस्थान की साख खराब हो जायेगी और किसी भी कंपनी की एक बार मार्केट में साख खराब हो जाती है तो उसे फिर उठाया नहीं जा सकता। इसलिये आपको स्टूडेंट से काफी सोच समझ कर वादा करना होगा।
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