हार्डवेयर का होलसेल बिजनेस कैसे शुरू करें?
स्टेप्स, लागत, कैसे करें व्यापारियों का चुनाव और अन्य जानकारियां
हम विकासशील देश में रहते हैं। जहां लोग रोटी, कपड़ा के बाद मकान पर इन्वेस्ट कर रहे हैं। इसलियें गांव से लेकर महानगरों तक में रहने के लिए बिल्डिंगों का निर्माण बहुत बड़े पैमाने पर हो रहा है। जहां गांवों और कस्बों में लोग सरकारी योजनाओं के तहत अपने मकान बना रहे हैं। वहीं गांवों, कस्बों और नगरों से महानगरों की ओर तेजी से पलायन कर रहे लोगों के लिए बहुुमंजिली इमारतें बनायीं जा रहीं है। इनको देखकर महानगर के आस-पास के क्षेत्र में कंक्रीट के जंगल तेजी से बढ़ रहे हैं। इसलिये बिल्डिंगों के निर्माण व रोजमर्रा के जीवन में काम आने वाले औजारों व अन्य हार्डवेयर के सामान का होलसेल बिजनेस करना लाभदायक हो सकता है।
यह बिजनेस बहुत मेहनत और दिमाग के साथ धैर्य भी मांगता है। जो व्यक्ति इन समस्याओं का आसानी से सामना करने में सक्षम है वही इस व्यापार में कामयाब हो पाता है। क्योंकि इस बिजनेस के बारे में यही सुनने में आता है कि इस बिजनेस में 80 प्रतिशत लोग नाकाम हो जाते हैं। इससे इस बिजनेस को लेकर लोगों के मन में तरह-तरह की शंकायें उत्पन्न हो सकतीं है। लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि इस बारे में एक शोध के बाद विशेषज्ञों ने पाया कि नाकाम होने वाले बिजनेस मैन इस बिजनेस को खामखां बदनाम कर रहे है। यह बिजनेस गलत नहीं है बल्कि उनका काम करने का तरीका ही गलत था। इस वजह से वह नाकाम हो गये हैं। कुछ लोग जोश-जोश में बड़ी पूंजी फंसाने के बाद यह सोचकर बिजनेस करेंगे कि ब्याज बराबर भी मुनाफा मिल जायेगा तो भी काम चल जायेगा। आधे-अधूरे मन से किया गया कोई कार्य पूरा नहीं हो सकता इसलिये ऐसे लोगों का बिजनेस तो डूबेगा ही डूबेगा। साथ में दो-चार लोगों को भी डुबा देते हैं। विशेषज्ञों का तो मानना है कि इस बिजनेस में रोज नयी-नयी डिमांड आने से और नयी नयी टेकनीक के इस्तेमाल होने से यह बिजनेस काफी स्मूथ और प्राफिट वाला हो गया है। अब इसका भविष्य भी अच्छा है। अब नये तरीके के बिजनेस लगाने में बिजनेस मैन को अच्छा प्रॉफिट मिल सकता है।
बिल्डिंग के निर्माण में काम आने वाली सरिया, कीलें, स्क्रू, पेचकस, हथौड़ा, फावड़ा, कुदाल, पाइप, नट-बोल्ट, दरवाजा, खिड़कियों में लगने वाले कब्जे, कुंडी, सिटकनी, हैंडल, वाशरूम की सीटें, पाइप, फिटिँग, घरों में पानी की सप्लाई के काम आने वाला प्लम्बर का सारा सामान, सीवरेज सिस्टम, के काम आने वाला सामान, लेंटर के काम आने वाली कीलें,पटिया, खम्भे आदि अनगिनत आइटम हैं, जिनका काम हार्डवेयर बिजनेस से जुड़ा है।
स्टेप-1: मोटी पूंजी का है ये बिजनेस
हार्डवेयर का होलसेल बिजनेस अन्य तरह के बिजनेस से काफी अलग है। यह बिजनेस मोटी पूंजी की मांग करता है। यह बिजनेस ताला-चाबी, चाकू, पेचकश व किचेन में काम आने लोहे के उपकरण कढ़ाई, चिमटे, चमचे,तवा, चकला-बेलन आदि छोटे-छोटे आइटमों की सेल से नहीं चलने वाला। ये छोटी-मोटी चीजें बेचकर कोई बिजनेस मैन अपना बिजनेस नहीं चला सकता है। इसके लिए उसे बिल्डिंग निर्माण में काम आने वाली सरिया, सीमेंंट, व अन्य सामान की बड़ी मांग का सहारा लेना होता है।
स्टेप-2: उधारी पर चलने वाला है बिजनेस
बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन से जुडेÞ लोगों से बिजनेस करने के लिए आपको मोटी रकम इसलिये चाहिये कि मकान बनवाने वाला कभी भी नगद रुपये खर्च करके माल नहीं खरीदता है। उसका बिजनेस मैन से यही कहना होता है कि जब मकान बनवा रहे हैं तो हम कहीं भागे थोड़े जा रहे हैं, मकान बन रहा है, माल की सप्लाई करते रहो, बीच-बीच में पैसे भी मिलते जायेंगे लेकिन जब बिल्डिंग निर्माण का काम पूरा हो जायेगा तब आपका पूरा हिसाब कर देंगे। जितना बड़ा ग्राहक होता है, उतना ही बड़ा उधार देना होता है। इसके लिये बड़ी पूंजी रखनी होती है। इसके अलावा इस बिजनेस में कंपटीशन तगड़ा होता है क्योंकि इस बिजनेस में पूंजी फंसाये लोग अपनी पंूजी का रोटेटेशन बनाने के लिए हर तरह का समझौता करने के लिए तैयार रहते हैं। इस बिजनेस की एक खास बात यह है कि यदि आपने अपने क्षेत्र के ग्राहकों को संतुष्ट कर लिया तो उस क्षेत्र में बनने वाले सभी मकान के मालिक आपके ग्राहक बन जाते हैं। इसका पूरा लाभ आपको मिल सकता है। यह बात तो रिटेलर्स की हुई लेकिन होलसेल बिजनेस को क्या करना पड़ता है।
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स्टेप-3: पूंजी का रोटेशन करना पड़ता है
रिटेलर्स बिजनेस मैन के समक्ष जब यह समस्या आती है तो वह भी अपनी पंूजी को रोट्रेट करने के लिए ऐसे होलसेलर्स की तलाश में रहता है जो उसको सुविधाजनक उधारी पर माल दे सके। होलसेलर्स को मैन्यूफैक्चरर्स से माल लेकर रिटेलर्स को देना होता है तो उसे यह विचार करना होगा कि वह रिटेलर्स की उधारी वाली सुविधा को किस तरह से डील करें कि उसका बिजनेस चल सके। इसका सबसे अच्छा समाधान यह हो सकता है कि आप शुरू में कुछ ऐसे ही आइटमों का होलसेल बिजनेस करें जिनका बिजनेस पूरी तरह से नगदी पर आधारित होता है। इसके बाद जब पूंजी का रोटेशन घूम जाये और मुनाफा भी आने लगे तब अपने बिजनेस आइटमों को एक-एक करके बढ़ायें। इस बीच आप अपने उन कस्टमर्स की लिस्ट बनायें जो पेमेंट में अधिक सुविधाजनक होें। इससे बिजनेस करने में काफी आसानी होगी।
स्टेप-4: इस तरह से तलाशें अपनी मार्केट
हार्डवेयर का होलसेल बिजनेस करने वालों को उन स्थानों को तलाशना होगा जहां पर बड़े पैमाने पर बिल्डिंग निर्माण का काम हो रहा हो। उस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रिटेल हार्डवेयर बिजनेस करने वाले बिजनेस मैन मिल जायेंगे। वहां आप उनको टारगेट कर सकते हैं। होलसेलर्स को अपने ग्राहकों को तलाशते समय एक और खास बात का ध्यान रखना होगा कि वो कितने दिन से बिजनेस कर रहा है। वर्तमान स्थिति क्या है, उसका बैकग्राउंड कैसा है। यदि रिटेलर्स बिजनेस मैन पैसे वाला है और बिजनेस अच्छी तरह से कर रहा है, तभी उस पर विश्वास करके उसके साथ बिजनेस करना चाहिये क्योंकि 10 परसेंट मुनाफे वाले इस बिजनेस में अनेक बिजनेसमैन पूंजी के टूटने से अपना बिजनेस बंद करने को मजबूर हो जाते हैं। एक अनुमान के अनुसार ऐसे लोगों की संख्या 80 प्रतिशत के आसपास होती है।
स्टेप-5: बहुत सोच विचार कर करें फैसला
होर्डवेयर का होलसेल बिजनेस करने से पहले आपको अपनी पॉकेट देखनी होगी और यह विचार करना होगा कि इस बिजनेस में कितना पैसा लगाने को तैयार हैं। लगाने वाले पैसे को मार्केट से कैसे वापस निकालेंगे। इन सबका अच्छी तरह से हिसाब-किताब लगा लेना होगा। आपको इस बिजनेस में कितनी जगह पूंजी फंसानी होगी। इसका भी इंतजाम कर लेना होगा। अब आप हार्डवेयर के कितने आइटमों का बिजनेस शुरू करना चाहेंगे। इसका पहले से ही विचार कर लेना चाहिये। आपको अपने बजट के हिसाब से ही काम शुरू करना होगा।
स्टेप-6: व्यापारिक रणनीति बनानी होगी
जब आप बिजनेस करने का पक्का मन बना लें। पूंजी का हिसाब-किताब अच्छी तरह से लगा लें। अपने ग्राहकोंं का पता लगा लें। इसके बाद आप थोक मार्केट या मैन्यूफैक्चरर्स का पता लगायें जहां से आपको सस्ते से सस्ता माल मिल सके। जिसको आप अपने ग्राहकों तक आसानी से पहुंचा सके। और अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकें। इस बिजनेस में गलाकाट प्रतिद्वंदिता है। यहां तक किसी बंदे ने पहला आॅर्डर जिस आइटम का दिया कंपटीटर ग्राहक को पकड़ने के लिए उसको इतना कम रेट बता देंगे जो मार्केट में कोई दे न सके। कंपटीशन में आगे रहने वाले होलसेलर उस ग्राहक को दूसरे आइटम में पहले वाले आइटम की भरपाई करते हैं। इसलिए आपको भी अपनी व्यापारिक रणनीति बनानी होगी।
स्टेप-7: बदलते ट्रेंड पर ध्यान रखना होगा
होलसेल बिजनेस को स्पीड देने के लिए आपको अपने ग्राहकों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले नये-नये तरीके के सामान का भी ध्यान रखना होगा। इसके लिए मार्केट में आने वाली लेटेस्ट डिजाइन वाले सामान पर फोकस करें। इन नये सामान को थोक मार्केट में तलाश लें। ताकि आॅर्डर आने पर तत्काल उसको ग्राहक तक पहुंचा सके अन्यथा वो सामान न मिलने पर आपका कस्टमर दूसरे होलसेल को तलाशेगा। इससे आपका ग्राहक आपके हाथ से निकल सकता है क्योंकि इस बिजनेस में जो जितने ग्राहक पकड़े हुए है, उसे छोड़ना नहीं चाहता बल्कि दूसरे के ग्राहक को तोड़ने का मौका तलाशता रहता है। इससे बचने के लिए आपको सावधानी बरतनी होगी।
स्टेप-8: बिजनेस प्लान इस तरह से बनायें
अब आपको अपने बिजनेस को सुचारु रूप से चलाने के लिए एक बढ़िया सा बिजनेस प्लान बनाना होगा। सबसे पहले आपको पूंजी की व्यवस्था का जिक्र करें। उसके बाद बिजनेस को स्टेप बाई स्टेप कैसे स्थापित करेंगे, माल खरीदनें पर कितना पैसा लगाना है, कहां से लगाना है, दुकान व स्टोर खरीदने या किराये पर लेने के लिए कितना पैसा इन्वेस्ट करना है, वर्कर की सैलरी का भी ध्यान रखें, ट्रांसपोर्ट पर भी ध्यान देना होगा, दुकान व गोदाम के क्या-क्या और खर्चे हो सकते हैं। पूंजी का रोटेशन कैसे करना है, मार्केटिँग पर कितना पैसा लगाना होगा और शुरू-शुरू में कितना मुनाफा लेना है। बिजनेस को कैसे आगे बढ़ाना होगा। सारी बातों का आप अपने बिजनेस प्लान में शामिल कर लेंगे तो आपको बिजनेस चलाने में जरा सी भी परेशानी नहीं होगी।
स्टेप-9: कानूनी कार्यवाही पूरी करने में है समझदारी
वक्त रहते आपको अपने बिजनेस से जुड़ी कुछ कानूनी कार्यवाही पूरी कर लेनी चाहिये। सबसे पहले आप अपने फर्म का नाम रखें, उसका रजिस्ट्रेशन करायें, फर्म के नाम से जीएसटी नंबर लें। उद्योग विभाग में अपनी फर्म का रजिस्ट्रेशन कराये। इसके अलावा आपको स्टेट उद्योग विभाग में अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। वर्कर्स रखने के कारण आपको ईपीएफ और ईएसआई से जुड़ी आवश्यक कार्यवाही पूरी कर लेनी चाहिये।
स्टेप-10: लागत का अनुमान लगाना आसान नहीं
हार्डवेयर के होलसेल बिजनेस में कितनी लागत लग सकती है। इसका अनुमान लगा पाना आसान नहीं है क्योंकि इसमें सीमेंट, सरिया व बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन से जुड़ी सामग्री बहुत बड़ी मात्रा में खरीदनी होती है और वो महंगी भी आती है। सरिया सीमेंट के साथ सीवेज सिस्टम, खिड़की, दरवाजे की कुंडियों,सिटकनी, अनेक औजार, पाइप आदि में बहुत मोटी रकम लगानी होगी। इसके अलावा आपको अपनी पूंजी के रोटेशन को भी लागत में शामिल कर लेंगे तो आपको आगे चल कर परेशानी नहीं होगी। इन सब पर खर्चा करने, दुकान व गोदाम, वर्कर्स, ट्रांसपोर्टेशन पर लगने वाली पूंजी को भी शामिल कर लागत निकालें। इन सबके बावजूद यह आप पर निर्भर करेगा कि कितना बड़ा बिजनेस शुरू करना चाहते हैं। फिर भी विशेषज्ञों का मानना है कि आप यह बिजनेस 5 से 10 लाख में शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा इस बिजनेस में पूंजी लगाने की कोई सीमा नहीं है।
स्टेप-11: स्मार्ट तरीके से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं
इस बिजनेस में मुनाफा निकालना बहुत ही मुश्किल काम है क्योंकि आप अपना बिजनेस उन बिजनेस मैन से करने जा रहे हैं जो रोजाना अपने ग्राहकों को डील करते हुए बहुत ही काफी अनुभवी हो गये हैं। वो आपको जल्दी से मनमाना मुनाफा नहीं कमाने देंगें। अपनी स्किल या स्मार्ड ब्रेन वर्क से ही अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। यदि आप मार्केट से कम से कम दाम पर हार्डवेयर का सामान खरीदने में कामयाब हो गये और कस्टमर को अच्छी तरह से डील कर लिया तो आपको ठीक-ठाक मुनाफा मिल सकता है। एक्सपर्ट की राय है कि आपको इस बिजनेस में 10 से 25 प्रतिशत तक मुनाफा मिल सकता है।
स्टेप-12: बिजनेस को इस तरह से दे रफ्तार
हार्डवेयर का होलसेल बिजनेस एक सीमित क्षेत्र में चलाया जाने वाला बिजनेस है। अक्सर यह देखा गया है कि यह बिजनेस एक बड़े शहर तक ही सीमित रहता है। आप बड़े शहर के अंदर या आसपास के क्षेत्र में होने वाले बिल्डिंग निर्माण के क्षेत्र में दुकान खोल कर फुटकर बिजनेस करने वालों से ही बिजनेस कर सकते हैं। यदि आप इन बिजनेस मैन से बिजनेस करने के बाद संतुष्ट नहीं हैं और अपने बिजनेस को आगे बढ़ाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले आॅनलाइन बिजनेस में हाथ आजमाने चाहिये। दूसरे बड़े शहरों को टारगेट करना चाहिये। इसके लिए आपको टारगेट वाले शहरों के थोक रेट ले लेने होंगे और उसमें मारजिन लेकर अपने रेट शो करने होंगे। तभी आपका बिजनेस बढ़ पायेगा है। इसके अलावा आप सरकारी टेंडरों में भी किस्मत आजमा सकते हैं। सरकारी स्तर पर बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य होते रहते हैं। उनमें आप अपना हार्डवेयर का सामान सप्लाई कर सकते हैं।
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