LED Bulb banane ka business kaise shuru karein? [एलईडी बल्ब बनाने का बिजनेस किस प्रकार शुरू करें]
कोविड-19 से उत्पन्न आर्थिक संकट से प्रत्येक व्यक्ति परेशान है। काम धंधे चौपट हो चुके हैं, नौकरियां चलीं गयीं हैं। अनेक लोगों के समक्ष रोजी रोटी का संकट पड़ गया है। आज की परिस्थतियों में गरीब व मध्यम वर्ग के लोग इस फिक्र में परेशान है कि अब आगे का जीवनयापन कैसे होगा। ये लोग दोहरी मार झेल रहे हैं एक तो इनके समक्ष आर्थिक संकट है, रोजी-रोटी के साधन समाप्त हो गये हैं या जो बचे भी हैं तो उनसे इतनी आमदनी नहीं हो पा रही है कि वे अपने परिवार का पालन-पोषण अच्छी तरह से कर सकें। दूसरे महामंदी के बाद महंगाई इतनी तेजी से बढ़ी हुई है कि आम आदमी की कमर टूटी पड़ी है। इन विकट हालातों में हर आदमी अपना कारोबार करना चाहता है। लॉकडाउन के दौरान उत्पन्न महामंदी से उबरने के लिए सरकार ने आत्मनिर्भर भारत नाम से आर्थिक पैकेज जारी किया है। इसमें लघु, मध्यम उद्यमी को विशेष ट्रेनिंग व कम ब्याज वाला लोन तथा अन्य सुविधाएं दी जा रहीं हैं। आर्थिक तंगी के शिकार व्यक्ति को सरकार की इस योजना का ला उठाकर अपना कारोबार स्थापित कर लेना चाहिये। इसका कारण यह है कि रोजगार के अवसरों में आई कमी और वेतन में आई गिरावट से परेशान लोगों के समक्ष अपना ही कारोबार एकमात्र विकल्प बचा है।
LED Bulb-making business in Hindi | एलईडी बल्ब मेकिंग बिजनेस का विष्य बहुत अच्छा है
यदि आप भी अपने आर्थिक हालातों को सुधारने के लिए कोई कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो आपके लिए एलईडी बल्ब बनाने का कारोबार बहुत अच्छा आइडिया है और उससे आप अपनी स्थिति संभाल सकते हैं । अपने परिवार को आर्थिक स्तर ऊपर उठा सकते हैं। इस बिजनेस की खास बात यह है कि आप इसमें थोड़ी मेहनत करके अच्छी कमाई कर सकते हैं। एलईडी बल्ब की पूरे देश में मांग भी बहुत अधिक है। मांग को देखते हुए इस बिजनेस का विष्य काफी अच्छा माना जा रहा है।
वायु प्रदूषण से बचाता है एलईडी बल्ब
एलईडी बल्ब को लाइट एमिटिंग डायोड बल्ब कहा जाता है। इस बल्ब को बनाने का बिजनेस करने का विषय बहुत अच्छा है। इसका प्रमुख कारण यह है कि आज से दशकों पहले बनने वाले पीली रोशनी के जीरो वाट से लेकर 100 वाट तक के बल्बों को प्रदूषण फैलाने और अधिक बिजली की खपत के चलते बंद कर दिया गया था। इस तरह के बल्बों का इस्तेमाल बहुत दिनो तक किया जाता था। इन बल्बों के इस्तेमाल से जहां प्रदूषण की मात्रा बढ़ती थी और वहीं इनकी वाट क्षमता के अनुरूप बिजली भी अधिक लगती थी। इसके बावजूद इन बल्बों की रोशनी तेल के दीये के समान होती थी। इस रोशनी से लोगों की आंखों की रोशनी भी प्रभावित होती थी। जिस वजह से ये बल्ब उस समय बंद होने शुरू हो गये जब पाइप वाले सीएफएल बल्ब मार्केट में आ गये। इन बल्बों की शुरुआत में अच्छी खासी डिमांड हो गयी थी। लेकिन बल्बों में इस्तेमाल होने वाली लीड व निकिल से फिर प्रदूषण का संकट गहरा गया।
क्या-क्या खूबियां हैं एलईडी बल्ब में
पुराने बल्बों ओर सीएफएल लाइट के चलन से बाहर होने के बाद देश में एलईडी बल्ब की मांग तेजी से बढ़ रही है। एलईडी बल्ब की अपने आप में अनेक खूबियां हैं। जो इस प्रकार हैं:-
- एलईडी बल्ब को लाइट एमिटिंग डायोड कहते हैं, जिसकी रोशनी आंखों को आराम देती है।
- जब इलेक्ट्रोन सेमीकंडक्टर से होकर गुजरता है तो छोटे कणों के माध्यम से अधिक तेज रोशनी देता है।
- एलईडी बल्ब अधिक रोशनी के साथ कम बिजली खपत लेता है।
- एलईडी बल्ब की रोशनी का आंखों पर कोई असर नहीं पड़ता है बल्कि इसकी रोशनी पुराने बल्बों की अपेक्षा काफी ठंडक देती है।
- एलईडी बल्ब को रिसाइकिल कियाजा सकता है।
- एलईडी बल्ब में प्रदूषण को बढ़ावा देने वाला पारा और लेड तथा निकल नहीं होता है।
- सीएफएल में लेड, पारा और निकल होने की वजह से ही उन्हें प्रयोग से बाहर किया गया है।
- एलईडी बल्ब में बिजली की खपत कम होती है। सीएफएल की अपेक्षा एलईडी बल्ब से 80 प्रतिशत बिजली की बचत होती है।
- एलईडी बल्ब सीएफएल बल्ब की अपेक्षा महंगा होता है लेकिन एलईडी बल्ब सीएफएल बल्ब की अपेक्षा आठ गुना अधिक चलता है। जानकार लोगों का कहना है कि सीएफएल बल्ब औसतन 8000 घंटे तक चलता है लेकिन एलईडी बल्ब 50000 घंटे तक चलता है।
एलईडी बल्ब मेकिंग बिजनेस शुरू करने से पहले क्या करें
1. एलईडी बल्ब मेकिंग का बिजनेस शुरू करने वाले व्यक्ति के पास यदि किसी प्रकार का अनुभव है तो ठीक है तो उसको तत्काल अपना बिजनेस प्लान बनाना शुरू करना चाहिये।
2. यदि आपके पास किसी प्रकार का अनुव नहीं है तो वरना आप सरकारी विाग से ट्रेनिंग ले सकते हैं अथवा किसी अन्य एलईडी बल्ब बनाने वाली फैक्ट्री में जॉब करके या किसी अन्य तरीके से पूरे कारोबार की महीन से महीन जानकारी से लें।
3. इसके लिए आप अपने परिचित, मित्र, रिश्तेदार की एलईडी बल्ब मेकिंग फैक्ट्री में काम भी करके सब कुछ सीख सकते हैं।
4. आप किसी ऐसी फैक्ट्री में निशुल्क सेवा का प्रस्ताव करके भी आप वहां एलईडी बल्ब मेकिंग का पूरा काम सीख लें और उसका मैनेजमेंट, लागत, मुनाफा, मशीनों और काम करने वालों की भी जानकारी प्राप्त कर लें।
ट्रेनिंग कहां से करें और क्या सिखाया जाता है
एलईडी बल्ब मेकिंग का बिजनेस शुरू करने से पहले आपको इसकी ट्रेनिंग लेनी होगी। यह ट्रेनिंग केन्द्र सरकार के माइक्रो, लघु, और मघ्यम मंत्रालय के तहत कई प्रतिष्ठान देते हैं, जहां से आपको सम्पर्क करना होगा। इसके अलावा कई अन्य प्राइवेट संस्थान, यूनिवर्सिटी व प्रशिक्षण केन्द्र भी इस तरह का कोर्स कराते हैं।
इन कोर्सों में आपको एलईडी बल्ब बनाने के बारे में प्रत्येक बारीक से बारीक जानकारी दी जाती है। कोर्स में आपको पाठ्यक्रमों में बेसिक जानकारी दी जाती है, एलईडी की बेसिक, पीसीबी की बेसिक जानकारी दिये जाने के साथ एलईडी ड्राइवर, फिटिंग-टेस्टिंग, मैटीरियल की खरीद, सरकारी सब्सिडी स्कीम आदि के बारे में बताया जाता है।
एलईडी बल्ब मेकिंग बिजनेस की कैपेसिटी
भारत में एलईडी बल्ब मेकिंग का व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। इसके लिए व्यापारिक आंकड़े बता रहे हैं कि प्रतिवर्ष कम से कम दस प्रतिशत कारोबार बढ़ रहा है। आंकड़ों के मुताबिक 2014 में देश में सामान्य बल्बों के मुकाबले 21 प्रतिशत एलईडी बल्बों का प्रयोग किया जा रहा था जो 2021 तक बढ़ कर 63 प्रतिशत हो गया है। यदि इसी तरह ये कारोबार बढ़ता गया तो 2025 तक पूरे देश में केवल एलईडी बल्ब ही बिकेंगे। इसलिये इस बिजनेस का विष्य बहुत अच्छा होने वाला है।
बिजनेस प्लान बनायें
अब आपको बिजनेस प्लान बनाना होगा। बिजनेस प्लान में एलईडी बल्ब बनाने की फैक्ट्री की जगह, बिजली, पानी का खर्च, कुशल कारीगरों और अकुशल सहायकों की सैलरी, कच्चा माल खरीदने का खर्च, सेल्स या मार्केटिंग का खर्च, प्रोडक्ट के प्रचार का खर्च, कुछ मिसलेनियस खर्चों को जोड़कर एक बिजनेस प्लान बनायें। इस बिजनेस प्लान में शुरुआती मुनाफा भी लिखें। इन सारे खर्चों के लिए आप पूंजी का प्रबंधन कैसे करेंगे। कहां से पैसे लायेंगे। आपके पास हैं तो बहुत ही अच्छा है वरना आप सरकारी योजनाओं के तहत लोन लेंगे । साझेदारों से पैसे लेकर बिजनेस चलायेंगे। अपने इष्ट मित्रों व रिश्तेदारों से पूंजी जुटायेंगे अथवा बैँकों से बिजनेस लोन लेंगे। इस की व्यवस्थायें करने का भी पूरा जिक्र बिजनेस प्लान में होना चाहिये।
कौन-कौन सी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी
- आपको सबसे पहले अपनी कंपनी या फर्म का अच्छा सा नाम चुनें जिसके माध्यम से आप बिजनेस शुरू करने जा रहे हैं। इस नाम को कंपनीज रजिस्ट्रार के यहां शॉपिंग एक्ट के तहत दर्ज करायें। यदि आपको विषय में ऑनलाइन बिजनेस करना है तो रजिस्ट्रेशन कराते वक्त ऑफलाइन व ऑनलाइन बिजनेस की सारी प्रक्रिया पूरी करें। साथ ही आपको अपनी कंपनी या फर्म के नाम से एक डोमेन नेम भी लेना जरूरी होता है।
- आप जिस एरिया में फैक्ट्री खोल रहे हैं तो वहां की लोकल अथॉरिटी से अपनी फैक्ट्री के माध्यम से बिजनेस करने का लाइसेंस भी प्राप्त करें। इसके अलावा यदि आपको उस एरिया के जिला के फैक्ट्री या उद्योग विाग में भी अपनी कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराना होगा ताकि विष्य में कोई सरकारी योजनाएं आती हैं उनका भी ला मिल सके।
- आपको अपनी फैक्ट्री के लिए बिजली का कॉमर्शियल कनेक्शन लेना होगा। इसके अलावा आपको पर्यावरण विाग से एनओसी लेनी होगी। अग्निशमन विभाग से भी आपको अनापत्ति प्रमाण पत्र यानी एनओसी लेनी होगी।
- चूंकि आप फैक्ट्री खोलने जा रहे हैं तो आपको श्रम विभाग में रजिस्ट्रेशन कराना होगा । श्रमिकों से सम्बन्धित सारे कानूनों को मानना होगा। साथ ही आपको अपनी कंपनी का ईपीएफ, ईएसआई से भी रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
- इस बिजनेस में चूंकि आप खरीद-फरोख्त करने वाले हैं। इसलिये आपको जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराके जीएसटी नंबर लेना होगा। बिजनेस में नकदी के लेन-देन के लिए आपको बैंक में करेंट एकाउंट भी खुलवाना होगा। इसके अलावा यदि आपकी आय आयकर के दायरे में आ जाती है तो आपको पैन कार्ड बनवाकर आयकर का भी भुगतान करना चाहिये। यदि कंपनी के नाम से बिजनेस कर रहे हें तो कंपनी के नाम का पैन कार्ड बनवाना चाहिये, जिसमें संचालक में आपका नाम आ जायेगा।यदि आप अपने नाम से बिजनेस शुरू कर रहे हैं तो आपको अपने नाम से पैन कार्ड बनवाना होगा।
Equipments required for LED Bulb-making business in Hindi | एलईडी बल्ब मेकिंग के लिए आवश्यक मशीन व सामान
यदि आप एलईडी बल्ब मेकिंग का बिजनेस शुरू करने जा रहे हैं तो आपको कुछ जरूरी मशीनों व आवश्यक सामान की जरूरत पड़ने वाली है। इनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार है:-
- रेक्टीफिएर मशीन
- हीट सिंक डिवाइस
- मैटलिक कैप होल्डर
- कनेक्टिंग वायर
- सोल्डरिंग फ्लक्स
- एलईडी चिप्स
- प्लास्टिक बॉडी
- रिफ्लेक्टर प्लास्टिक ग्लास
- पैकिंग मैटेरियल
कितनी लागत आती है इस बिजनेस में
इस बिजनेस को शुरू करने के लिए बिजनेस मैन की आर्थिक क्षमता पर निर्र करता है कि वह कितनी लागत लगाकर अपना कारोबार शुरू करना चाहता है। यह बिजनेस मध्यम स्तर से भी शुरू किया जा सकता है और इसको बड़े पैमाने पर भी शुरू किया जा सकता है। वैसे एलईडी बल्ब मेकिंग का बिजनेस करने वाले कारोबारियों का मानना है कि यदि कोई नया बिजनेस शुरू करता है तो उसे कम से कम 5-6 लाख रुपये लगाने की आवश्यकता होती है। इसमें फैक्ट्री के लिए आवश्यक जमीन की कीमत व किराया शामिल नहीं किया गया है। यदि जमीन आपके पास है तो ठीक है वरना आपकी लागत और बढ़ सकती है।
आपको मुनाफा कितना मिल सकता है
आपको यह तो समझना होगा आप अपना बिजनेस मंझे हुए थोक व्यापारियों से करने जा रहे हैं। आप सीधे ग्राहकों को एलईडी बल्ब नहीं बेचने जा रहे हैं। इसलिये आपका मुनाफा बहुत ज्यादा मिलने की उम्मीद नहीं करनी चाहिये। फिर भी आपको इस बिजनेस में शुरू-शुरू में तो मुनाफा नाम मात्र को मिल सकता है। अनुवी लोगों का मानना है कि आपको शुरू के पहले साल के बिजनेस में 10 प्रतिशत के आसपास मुनाफा मिल सकता है। बाद में यह मुनाफा बढ़कर 20 से 30 प्रतिशत तक हो जाता है।
कुछ विशेष टिप्स
प्रत्येक बिजनेस में लोग उसकी अच्छाइयां अधिक बताते हैं। यह देखने और सुनने में तो बहुत अच्छी लगतीं हें लेकिन हकीकत में कुछ और ही नजर आता है। इसलिये नये बिजनेसमैन को बिजनेस की अच्छाइयों के साथ उसकी कमियों से सतर्क रहना होगा, जोखिम से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहना होगा तो आप बिजनेस में की नाकाम नहीं होंगे।एलईडी बल्ब मेकिंग के बिजनेस में एक खास बात यह है कि जिस तरह से देश में एलईडी बल्ब की डिमांड ज्यादा है उससे ज्यादा सप्लाई करने वाले बिजनेस मैन भी मार्केट में हैं। इसका सीधा सा मतलब यह है कि इस व्यापार में कंपटीशन भी तगड़ा है। पुराना व्यापारी नये व्यापारी को आसानी से मार्केट में घुसने नहीं देता है लेकिन नया व्यापारी थोड़ा सा अलग हट कर प्रोडक्शन करता है, दूरदराज की मार्केट पकड़ता है, ऑनलाइन बिजनेस करता है आदि का ध्यान रख कर बिजनेस करेंगे तो आपका बिजनेस चल जायेगा। इसके बाद मार्केट से मिले अनुभवों के आधार पर व्यापारी आगे बढ़ सकता है।
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