Machinery Loan in Hindi [पूरी जानकारी]
आजकल का आधुनिक जमाना मशीनी युग है। चाहे आप कोई भी काम करें मशीनों की आवश्यकता होती ही है। आप मशीन के बिना कोई भी काम धंधा नहीं कर सकते हैं। कारोबार में मशीनी जरूरत को देखते हुए व्यापारियों के हित में मशीनरी लोन की व्यवस्था की गयी है। इससे व्यापारी समय पर मशीनें खरीद कर अपने बिजनेस को रफ़्तार दे सकता है। इसी रफ्तार से व्यापारी अपना मनचाहा मुनाफा कमा सकता है।
एमएसएमई उद्यमियों के लिए ये खास योजना
एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग के क्षेत्र में व्यापारियों को उस समय अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है जब उसे अपनी जरूरत की मशीनों की सख्त आवश्यकता होती है और उसके पास इसके लिए पर्याप्त फण्ड नहीं होता है। उस समय कारोबारी मशीन खरीदने के लिए लोन की तलाश करता है और उस समय तत्काल लोन नहीं मिल पाता है। इसलिये बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं ने मशीनरी लोन की व्यवस्था की है, जिससे कोई भी व्यापारी अपनी जरूरत के अनुसार मशीन खरीदने के लिए लोन ले सकता है। मशीनरी लोन के लिए बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं की अपनी-अपनी अलग-अलग नियम व शर्तें हैं। कारोबारी को चाहिये कि वो जांच पड़ताल करके ही जहां सबसे कम ब्याज एवं अनेक सुविधाओं वाला लोन मिल सके, वहीं से लेना चाहिये।
इस तरह के मशीनरी लोन लेने के लिए उन छोटे व्यापारियों को आवश्यकता होती है, जो मशीनों की सहायता से तत्काल निर्माण उत्पादन बढ़ाना चाहते हैं या सेवा क्षेत्र के कारोबारी मशीनों के माध्यम से अपना कारोबार चमकाना चाहते हैं। इसके अलावा वे कारोबारी भी मशीन लेना चाहते हैं जो अपने कारोबार का विस्तार करना चाहते हैं।
कितना जरूरी है मशीनरी लोन
अब कारोबारी को मशीनरी लोन लेने से पहले इस बात की प्लानिंग करनी चाहिये कि वो किस स्थिति में हैं, वो मशीनरी लोन और उसके ब्याज को समय पर चुकाने की स्थिति में, वो कितना बड़ा लोन ले सकता है, क्या जो मशीनें खरीदने जा रहा है, उसके लिए वे सारी नयी मशीनें ही खरीदना ही एकमात्र विकल्प है। यूज्ड की गयी मशीनरी अच्छे प्रबंधन से रखी गयी हो और नयी मशीनों की अपेक्षा आधे दाम में मिल सकती है और उससे काम चल सकता है तो उसे नयी मशीन खरीदने से बचना चाहिये लेकिन इसके लिए मशीन से जुड़े एक्सपर्ट से अवश्य राय लेनी चाहिये। इसके अलावा पैसे बचाने के चक्कर में ऐसी यूज्ड मशीन न खरीद लें , जिसमें मरम्मत का खर्च अधिक हो और उत्पादन भी प्रभावित होता है। इन सब बातों का अच्छी तरह से परीक्षण करने के बाद ही मशीनों को खरीदना चाहिये। सबसे बड़ी बात यह है कि आपको अपना बजट अवश्य देखना चाहिये।
क्यों ले मशीनरी लोन
कारोबारी को सबसे पहले यह समझने की जरूरत है कि उसे मशीनें क्यों चाहिये। क्योंकि आपको मशीनों के लिए बड़ा लोन लेने की आवश्यकता होगी। लोन जब बड़ा होगा तो उसका ब्याज भी बड़ा होगा। इसका सीधा सा मतलब यह है कि मशीनरी लोन लेने के बाद आपके बिजनेस में एक नया बड़ा बोझ आने वाला है। क्या आप उस बोझ को उठाने के लिए तैयार हैं और आपका बिजनेस उस बोझ को आसानी से उठाकर लोन और ब्याज चुका सकता है। इसलिये सबसे पहले आपका चाहिये कि आप बिजनेस की जरूरत और उससे मिलने वाले रिटर्न के बारे में अच्छी तरह से कैलकुलेशन कर लें। इसके बाद ही आप मशीन लोन लेने का फैसला करें।
कारोबारी को मशीन लोन लेने से पहले यह प्लान करना चाहिये कि नयी लाने वाली मशीन को कहां पर स्थापित किया जायेगा यानी उसकी असली जगह की पहचान करनी चाहिये। यह विचार कर लेना चाहिये कि यदि आपके पास मौजूद मशीनों से प्रोडक्शन का समय बढ़ा कर काम चल सकता है तो चलाना चाहिये। जब यह लगे कि मशीन नहीं होने से कारोबार प्रभावित हो रहा है या आप अपने प्रतिद्वंद्वियों से पिछड़ रहे हैं। तभी आपको मशीन लाने का विचार करना चाहिये।
बड़े लोन से बचने के लिए आपको यह विचार करना होगा कि आपका काम नयी मशीनों से ही चलेगा या अच्छी मेन्टीनेंस वाली यूज्ड मशीनों से भी काम चल सकता है। इन दोनों की कीमतों में काफी अंतर होता है। कहने का सीधा सा मतलब यह है कि यदि आपका काम यूज्ड की गयी मशीनों से चल सकता है तो आपका इन्वेस्टमेंट लगभग आधा हो जायेगा और आपको लोन भी आधा ही लेना होगा। ये यूज्ड मशीन नयी मशीन से होने वाले प्रोडक्शन का 80 प्रतिशत भी प्रोडक्शन दे सकती है तो आपको काफी सुविधा होगी। आपका प्रोडक्शन बढ़ जायेगा और मार्केट में आप अपने कम्पटीटरों का आसानी से मुकाबला कर सकेंगे और मुनाफा कमा सकेंगे, जिससे मशीन लोन और उसके ब्याज को आसानी से चुका पायेंगे।
बैँकिंग या नॉन बैंकिंग संस्थान में से किसको चुनें
- कारोबारी मशीन खरीदने के लिए पैसों की जरूरत के वास्ते पहले अपने परिवार, दोस्तों या परिजन से सहायता लेने की कोशिश करता है। इसके बाद वो बैंक की शरण में जाता है। बैंक की अपने नियम व शर्ते होतीं हैं।
- बैंक वाले मशीनरी लोन के लिए गारंटी व सिक्योरिटी मांगते हैं तथा उनके यहां लोन पास करने की प्रक्रिया लंबी होती है। इसके अलावा बैंक बहुत सारे दस्तावेज भी मांगते हैं जिनको इकट्ठा करने में ही बहुत वक्त लग जाता है। तब तक कारोबारी धैर्य रख सकता है या नहीं। अधिकांश केसों में व्यापारी का धैर्य जवाब दे जाता है।
- वहीं दूसरी ओर गैर बैंकिंग संस्थाएं ऐसी होती है जो कारोबारी की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अपने नियम व शर्ते बनातीं हैं। कई संस्थाएं बिना सिक्योरिटी के ही लोन दे देतीं हैं। ये संस्थाएं कम समय में लोन को पास कर देतीं हैं।
- इन संस्थाओं की खास बात यह होती है कि इनके प्रतिनिधि पहले से ही सक्रिय होते हैं और आवेदक की योग्यता को परख कर उसके द्वारा लिये जाने वाले लोन की सीमा बता देते हैं और सभी आवश्यक दस्तावेजों के बारे में पहले से ही बता देते हैं। यदि मूल दस्तावेज ना मिल सकें तो उसका विकल्प भी बता देते हैं। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि स्थापित बैंकों का एप्रोच उतना प्रोफेशनली नहीं होता है जितना नॉन बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं का होता है।
- इसलिये व्यापारियों को चाहिये कि वो पहले बैंकों की नियम, शर्तें, ब्याज की दरें, भुगतान की अवधि सहित अनेक सुविधाओं की जांच पड़ताल करें क्योंकि कहा जाता है कि गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं की अपेक्षा बैंकों पर अधिक भरोसा किया जा सकता है।
- इसके बावजूद यदि जांच पड़ताल में गैर बैंकिग वित्तीय संस्थाएं यदि बैंक के समान या उससे कम ब्याज दर लेती हैं, भुगतान की अवधि बैंकों की अपेक्षा अधिक देतीं हैं, इसके अलावा लोन मंजूर करने की अवधि और उसकी प्रक्रिया आसान हो तो व्यापारियों को मशीन लोन के लिए गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों से लोन लेने पर विचार करना चाहिये।
- इसका कारण एक और है कि सरकारी और प्राइवेट बैंक एक सीमित संख्या में हैं और वहां लोन लेने के लिए अधिकांश लोग जाते हैं जबकि गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थान बहुत हैं और वहां हर कोई लोन लेने के लिए नहीं जाता है।
कैसे करें मशीनरी लोन लेने की तैयारी
- सबसे पहले आप आप देखें कि आप सिक्योरिटी या बिना सिक्योरिटी वाला लोन लेना चाहते हैं। उसी के अनुसार बैंक या संस्था का चुनाव करना चाहिये
- यदि आप बिना सिक्योरिटी वाला लोन लेना चाहते हैं तो उस तरह की संस्थाओं का चयन करने के बाद उनकी वो सारी शर्तें पूरी करते हैं या नहीं, इस बात की भी जांच स्वयं कर लेनी चाहिये। इस स्थिति में संस्थाओं द्वारा आवेदक से व्यवसाय की अवधि, व्यवसाय की लाभ की स्थिति, मिनिमम टर्नओवर, क्रेडिट स्कोर आर आदि देखा जाता है।
- बैंक या संस्थाओं द्वारा आवेदक से पैन कार्ड, आधार कार्ड, बिजनेस का एक साल के टर्नओवर का स्टेटमेंट, आदि के दस्तावेज मांगे जाते हैं। इसके अलावा कई संस्थान आवश्यक मशीनों के कोटेशन सं जुड़ी जानकारियां मांगते हैं। इनसभी को आपको पहले से तैयार करना होगा। इसके बाद ही मशीनरी लोन के लिए आवेदन करना चाहिये।
Eligibility criteria for machinery loan in Hindi | मशीनरी लोन लेने के लिए क्या-क्या आवश्यक है
बिजनेस लोन लेने के आवेदन के लिए बैंकों या संस्थाओं द्वारा कुछ मानदंड तय किये गये हें, जिनको पूरा करने के बाद ही आवेदक को लोन मिल सकता है। इनमें से कुछ आवश्यक मानदंड इस प्रकार हैं:-
- आवेदक की आयु 25 वर्ष से 60 वर्ष के बीच की होनी चाहिये।
- आपका बिजनेस कम से कम 3 वर्ष या उससे अधिक पुराना होना चाहिये।
- अधिकांश संस्थानों द्वारा कम से कम दो वर्ष तक व्यापार में लाभ की स्थिति होनी जरूरी मांगी जाती है।
- कारोबार की आईटीआर कम से कम 1.5 लाख रुपये भरी होनी चाहिये।
- कारोबारी के आवास या बिजनेस में एक की जगह खुद की अपनी होनी चाहिये। मालिकाना हक कारोबारी के नाम या उसके परिवार के किसी सदस्य के नाम होना जरूरी है।
मशीनरी लोन के लिए आवश्यक दस्तावेज
कारोबारी बिजनेस लोन लेने से यदि घबराता है तो उसका प्रमुख कारण दस्तावेज ही होते हैं। अधिक दस्तावेजों को इकट्ठा करने उसके वश की बात नहीं है क्योकि वह बिजनेस करने में अपना समय लगायेगा कि दस्तावेजों को इकट्ठा करने में अपना समय गंवायेगा। इसलिये कोई भी कारोबारी किसी प्रकार का बिजनेस लोन लेने के लिए कम से कम दस्तावेजों वाले संस्थानों को ही पसंद करता है। इसके बावजूद बैंकों व वित्तीय संस्थानों द्वारा कुछ ऐसे कागजात मांगे जाते हैं, जो कॉमन होते हैं और उन्हें देना जरूरी होता है, जो इस प्रकार हैं:-
- केवाईसी: इसमें कारोबारी से पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, आदि मांगे जाते हैं। इसके अलावा पैन कार्ड मांगा जाता है। बिजनेस से जुड़े संस्थान का एड्रेस प्रूफ, मालिकाना हक या रेंट एग्रीमेंट मांगा जाता है।
- कारोबार से जुड़ी गतिविधियों का आंकलन करने के लिए बैंकों व वित्तीय संस्थाओं द्वारा कारोबारी के बैंक खाते का कम से कम एक साल का बैंक स्टेटमेंट मांगा जाता है।
- कारोबारी के आयकर रिटर्न की पिछले साल या आईटीआर की कॉपी भी लोन देने वाले संस्थान द्वारा मांगी जाती है।
- लोन देने वाले बैंक या वित्तीय संस्थानों द्वारा कारोबारी से उसके आवास या बिजनेस संस्थान के भवन का मालिकाना हक से जुड़ा दस्तावेज मांगा जाता है। यदि मालिकाना हक कारोबारी के ब्लड रिलेशन वाले व्यक्ति के नाम होता है, तब भी उसे मान लिया जाता है।
किस प्रकार आवेदन करें
मशीनरी लोन के लिए आप ऑफ लाइन व ऑनलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए जैसे दूसरे बिजनेस लोन के लिए आवेदन करना होता है, लगभग वैसी ही प्रक्रिया को अपनाना होता है।
1. ऑनलाइन आवेदन
- सबसे पहले आपको अपना मनपसंद बैंक या वित्तीय संस्थान को चुनना होगा। उसके बाद उसकी वेबसाइट पर जाकर लॉगइन करना होगा।
- वेबसाइट पर लॉग इन करने के बाद आपके समक्ष लोन लेने के कई सारे ऑप्शन सामने आ जायेंगे, उनमें से अपने व्यवसाय से जुड़े ऑप्शन को चुनना होगा। उसके बाद आपको मशीन लोन का ऑप्शन दिखेगा जिसको सेलेक्ट करके क्लिक करना होगा।
- इस प्रक्रिया के बाद आपको लोन लेने का आवेदन फार्म सामने नजर आयेगा। इसमें आपसे व्यक्तिगत एवं व्यापारिक जानकारियां मांगी जायेंगी। प्रत्येक जानकारी को ध्यान से पढ़ना व समझना होगा। उसके बाद उन जानकारियों का जवाब भी बहुत सावधानी से भरना होगा। ये काम खुद कर पायें तो अच्छा वरना आपको किसी विशेषज्ञ से सलाह लेनी होगी अथवा उसे हायर करके उससे ही फार्म भरवाना होगा।
- जब आपका फार्म पूरा हो जाये तो आपको फार्म में दी गयी जानकारी से सम्बन्धित दस्तावेजों की स्कैन की गयी कॉपी को अपलोड करना होगा। जब सारा काम पूर्ण हो जाये तो आवेदन को सबमिट करना होगा। इसके साथ ही आपका आवेदन पूर्ण हो जायेगा।
2. ऑफलाइन आवेदन कैसे करें
कारोबारी को सबसे पहले अपनी मनपसंद बैंक या वित्तीय संस्थान की शाखा को चुनना होगा। वहां जाकर आपको लोन विभाग में जाकर मशीन लोन के बारे में बात करनी होगी। वहां आपसे आपके कारोबार और मशीनी जरूरत के बारे में पूछताछ की जायेगी। साथ ही आपकी व्यक्तिगत जानकारी भी मांगी जायेगी तथा दस्तावेज भी मांगे जायेंगे।
जब आपके दस्तावेज पूरे हो जायेंगे तब आपको एक आवेदन फार्म दिया जायेगा, जिसमें आपको सभी जानकारियों को सही-सही भरना होगा। इन जानकारियों से जुड़े दस्तावेजों को भी फार्म के साथ लगाना होगा। इस तरह से जब फार्म पूरी तरह से कम्पलीट हो जायेगा तो लोन विभाग का अधिकारी ये फार्म आपसे ले लेगा।
आपका इस तरह से आवेदन का काम पूरा हो गया। उसके बाद बैंक या वित्तीय संस्थाओं के अधिकारी आपके संस्थान का निरीक्षण करेंगे और उसके बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। उसके बाद बैंक या वित्तीय संस्थान आपके लिए मशीन लोन मंजूर करेगा।
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