भारत के प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस कौन-कौन से हैं?

भारत में अनेक लोग तरह के मैन्युफैक्चर बिजनेस लोकप्रिय हैं। इस तरह के बिजनेस मैन आम आदमी के जीवन से जुड़ी अनेक वस्तुओं का निर्माण करते हैं। जिनका कारोबार पूरे देश में किया जाता है। ये मैन्युफैक्चर्स बिजनेस काफी लाभप्रद होते हैं। ये मैन्युफैक्चर्स बिजनेस छोटे और बड़े पैमाने पर शुरू किये जा सकते हैं। कई मैन्यूफैक्चर्स बिजनेस तो ऐसे हैं जो कहीं भी शुरू किये जा सकते हैं तथा कई बिजनेस ऐसे भी है जिनमें ज्यादा पूंजी की भी आवश्यकता नहीं होती है। कई मैन्युफैक्चर्स बिजनेस तो घर से ही शुरू किये जा सकते हैं जैसे पापड़, अचार, आदि बनाना।

इसके अलावा सरकार ने भी मैन्यूफैक्चर्स उद्योग को बढ़ावा देने के लिए लाभकारी स्कीम लागू की है। सरकार का इरादा भारत को मैन्यूफैक्चरिंग का विश्व का सबसे बड़ा स्थान बनाने का है। सरकार ने दुनिया भर की मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को आकर्षित करने के लिए प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव नाम की स्कीम शुरू की है। इस स्कीम के तहत अगले पांच साल में मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों को 1.47 लाख करोड़ रुपये का प्रोत्साहन देने का ऐलान किया गया है। जिस क्षेत्र के मैन्युफैक्चरर्स को इस स्कीम में लाभ मिलने वाला है उनमें आटोमोबाइल, नेटवर्किंग, खाद्य प्रसंस्करण, रसायन विज्ञान फार्मास्युटिकल, टेलीकॉम नेटवर्क, टेक्सटाइल एवं फूड प्रोडक्ट्स, सोलर फोटो वाल्टिक सेक्टर आदि शामिल हैं। इसके अलावा निजी क्षेत्र के लोग भी भारी डिमांड वाली वस्तुओं के निर्माण से जुड़ा बिजनेस करते हैं। इसलिये इस समय मैन्यूफैक्चर का बिजनेस शुरू करने का आइडिया बहुत अच्छा है। आइये अब जानते हैं कि भारत में कौन-कौन से मैन्यूफैक्चर्स बिजनेस लोकप्रिय हैं और जो आसानी से शुरू किये जा सकते हैं। इनमें से कुछ मैन्यूफैक्चर्स बिजनेस इस प्रकार हैं:-

  1. डेयरी प्रसंस्करण
  2. मोबाइल एसेसरीज मैन्यूफैक्चरिंग
  3. सब्जी व फल प्रसंस्करण
  4. रेडी टू फूड रेडी टू ईट कुक मैन्यूफैक्चरिंग
  5. नमकीन बनाना
  6. सब्जी मसाले की मैन्यूफैक्चरिंग
  7. बेकरी प्रोडक्ट मैन्यूफैक्चरिंग
  8. न्यूट्रिशनल व हेल्थ फूड प्रोसेसिंग
  9. डायबेटिक फूड मैन्यूफैक्चरिंग
  10. खिलौनों की मैन्युफैक्चरिंग
  11. एलईडी लाइट मैन्यूफैक्चरिंग
  12. फूड केमिकल मैन्युफैक्चरिंग
  13. क्लीनिंग केमिकल मैन्यूफैक्चरिंग
  14. पापड़ बनाने का व्यवसाय
  15. अचार बनाने का काम
  16. आयुर्वेदिक व हर्बल दवाएं बनाने का काम
  17. पेपर कप प्लेट बनाने का काम
  18. सीमेंट की ईंट बनाने का काम
  19. रेडीमेड कपडेÞ बनाने का काम
  20. सेनेटरी पैड बनाने का काम

1. डेयरी प्रसंस्करण : दूध और दूध से बनने वाले अनेक पदार्थ जैसे दही, छाछ, मक्खन, पनीर आदि की मांग घर-घर में होती है। इसका बिजनेस बहुत ही लाभकारी  है। यह सदाबहार बिजनेस ऐसा है जिसकी मांग हमेशा रहती है और चाहे बिजनेस करने वाले कितने ही अधिक आ जायें फिर भी इस तरह के बिजनेस वालों की कमी बनी रहती है। इसलिये इस बिजनेस में उतरना बहुत अच्छा आइडिया है।

2. मोबाइल एसेसरीज मैन्युफैक्चरिंग : मोबाइल एसेसरीज की मैन्यूफैक्चरिंग का बिजनेस भारत में इस समय काफी फायदे का बिजनेस है। क्योंकि हाल ही भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव के कारण भारत सरकार ने चीन से मोबाइल एसेसरीज के आयात पर पाबंदी लगा दी गई है। इस कारण देश में एसेसरीज की मैन्युफक्चरिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे इस समय इस क्षेत्र में बिजनेस शुरू करना फायदे का सौदा हो सकता है। मोबाइल एसेसरीज में ईयरफोन, स्क्रीन गार्ड, टेम्पर कार्ड, मोबाइल फोन केस यानी कवर, चार्जर, बैटरी, ब्लूटूथ स्पीकर, पावर बैंक, मेमोरी कार्ड, डोंगल, आदि हैं।

3. सब्जी व फल प्रसंस्करण : फ्रूट्स एण्ड वेजीटेबल प्रोसेसिंग का मतलब यह होता है कि फलों व सब्जियों को इस तरह से बना कर तैयार किया जाये कि उससे बने पदार्थ  लम्बे समय तक हमारे इस्तेमाल में आ सकें। फल व सब्जियों के प्रसंस्करण के बिजनेस को सरकार भी बढ़ावा दे रही है। सरकार ने टमाटर, प्याज और आलू को टॉप क्राप्स की श्रेणी बनाकर आपरेशन्स ग्रीन के तहत भारी राशि भी आवंटित की है। सरकारी मदद से इस व्यवसाय को करना काफी लाभप्रद है।

4. रेडी टू फूड रेडी टू ईट कुक मैन्युफैक्चरिंग : आज की व्यस्त जिंदगी में कम समय में जल्दी तैयार हो जाने वाले आधे तैयार खाद्य पदार्थों की मांग सबसे अधिक है। नौकरी या व्यवसाय के तमाम कामों से थककर आये व्यक्ति को थोड़े से प्रयास से खाने का सामान मिल जाता है तो उसे काफी सुविधा होती है। इसलिये इस तरह का व्यवसाय काफी तेजी से फल-फूल रहा है। इस तरह के व्यवसाय में नूडल्स, रेडीमेड कढ़ी-चावल, दाल चावल, पास्ता आदि हैं।

5. नमकीन बनाना : स्वादिष्ट व चटपटी नमकीन आजकल हर घर की मांग है। इसको तैयार करने की झंझट कोई मोल नहीं लेना चाहता है। इसलिये नंमकीन बनाने का कारोबार बहुत फायदेमंद बिजनेस है। यह बिजनेस कम इन्वेस्टमेंट में कहीं से भी शुरू किया जा सकता है। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए कोई विशेष योग्यता भी नहीं चाहिये और न ही महंगी मशीनें ही चाहियें। इस बिजनेस में मुनाफा भी काफी अच्छा है।

6. सब्जी मसाले की मैन्यूफैक्चरिंग : भारतीय परिवारों में प्रतिदिन दो समय सब्जियां तो बनाई ही जातीं हैं। सब्जियों में अनेक मसाले  भी डाले जाते हैं। इनमें से कई मसाले पीस कर डाले जाते हैं। लेकिन अधिकतर घरों में इन मसालों को पीसने का रिवाज नहीं है। अधिकांश लोग बाजार से रेडीमेड मसाले खरीदना पसंद करते हैं। इसलिये  इन मसालों को तैयार करके  मार्केट में बेचने का व्यवसाय काफी अच्छा और काफी फायदे वाला है। मार्केट में इसकी डिमांड काफी अधिक है।

7. बेकरी प्रोडक्ट मैन्यूफैक्चरिंग : सुबह शाम के नाश्ते में बेकरी उत्पाद जैसे ब्रेड, बिस्कुट, केक, कैंडी, रस्क, फेन, पैटीज, पेस्ट्री आदि का बहुतायत से इस्तेमाल किया जाता है। जन्मदिन में केक इस्तेमाल अब जरूरी हो गया है। मार्केट में बेकरी प्रोडक्ट की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए इसका बिजनेस शुरू करना फायदे का सौदा है। बेकरी प्रोडक्ट की अच्छी क्वालिटी ही बिजनेस को कामयाबी दिलाता है।

8. न्यूट्रिशनल व हेल्थ फूड प्रोसेसिंग : आज की भाग-दौड़ वाली जिंदगी अथवा लम्बी सिटिंग वाली जॉब के साथ  उलटे सीधे खानपान की वजह से अनेक बीमारियां तेजी से बढ़ रहीं हैं। इन बीमारियों पर काबू पाने के लिए आवश्यक हेल्दी फूड अथवा डॉक्टरों की सलाह पर बताये गये खाद्य पदार्थ खाये जाते हैं। इन खाद्य पदार्थों को तैयार करके उन्हें बेचने का बिजनेस बहुत अच्छा है। मार्केट में इसकी जबर्र्दस्त डिमांड भी  है। यह फूड प्रोसेसिंग का ऐसा बिजनेस है जिसमें कम पूंजी में अधिक फायदा मिलता है।

9. डायबेटिक फूड मैन्यूफैक्चरिंग : दुनिया में सबसे अधिक मधुमेह रोगियों यानी डायबेटिक पेशेंट्स में भारत दूसरे नंबर पर आता है। यहां पर 7.7 करोड़ व्यक्ति मधुमेह यानी शुगर डायबिटीज रोगी हैं। मधुमेह को दवाइयों के साथ खान-पान में विशेष सावधानी बरत कर काबू में किया जा सकता है। मधुमेह रोगी को खिलाने वाले विशेष खाद्य पदार्थों को तैयार करके बेचने से बहुत ही अच्छी कमाई हो सकती है।

10. खिलौनों की मैन्युफैक्चरिंग : भारत में खिलौनों के मैन्यूफैक्चरिंग का बिजनेस बहुत ही अच्छे मौके का बिजनेस है क्योंकि भारतीय खिलौने के व्यवसायी अपने देश की मांग का केवल एक चौथाई हिस्से की ही आपूर्ति कर पाते हैं। शेष 75 प्रतिशत खिलौने विदेशों से ही आते हैं। इसमें सबसे अधिक खिलौने चीन से आते थे, जहां से आयात पर सरकार ने पाबंदी लगा दी है। अब सरकार ने भी अपने देश में ही खिलौने के कारोबार को बढ़ावा देने का फैसला किया है। इसलिये यह बिजनेस भारतीय बिजनेसमैन के लिये काफी फायदे का सौदा है।

11.एलईडी लाइट मैन्यूफैक्चरिंग : भारत के प्रत्येक घर में एलईडी बल्ब का प्रयोग हो रहा है। विश्व की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले देश में एलईडी बल्ब की डिमांड भी काफी अधिक है क्योंकि प्रत्येक घर में कम से कम 10 से 20 बल्ब लगाये जाते हैं। घर के आकार के हिसाब यह संख्या इससे काफी अधिक भी हो सकती है। जहां पहले एलईडी बल्ब केवल शहरों में लगाये जाते थे लेकिन जब से इनके फायदे से लोग रूबरू हुए तबसे कस्बों व गांवों में भी एलईडी बल्बों की डिमांड बढ़ गयी है। इसके अलावा नयी-नयी तरह की एलईडी लाइटों की डिमांड शहरों में बहुत काफी है। इसलिए एलईडी निर्माण का बिजनेस इस समय काफी अच्छा है। इसका भविष्य काफी सुनहरा है। इस उद्योग के जानकार लोगों का मानना है कि अगले पांच साल में यह बिजनेस 40 प्रतिशत तक बढ़ने वाला है। इसका मतलब यह हुआ कि इस बिजनेस में बहुत अच्छी संभावनाएं हैं।

12. फूड केमिकल मैन्युफैक्चरिंग : भारत में फूड प्रोसेसिंग का बिजनेस काफी तेजी से बढ़ रहा है। इसके रोज नये-नये प्लांट लग रहे हैं। इन प्लांटों में बहुत बड़ी मात्रा में फूड प्रोसेसिंग का काम किया जा रहा है। इन फूड प्रोसेसिंग करने के काम आने वाले केमिकल बनाकर बेचने का कारोबार बहुत अच्छा और सही मौके का बिजनेस है। इन केमिकल के बिना फूड प्रोसेसिंग का बिजनेस नहीं चल सकता है। इसलिये इन केमिकल को बनाने का बिजनेस अच्छे मुनाफे वाला बिजनेस है।

13. क्लीनिंग केमिकल मैन्यूफैक्चरिंग : जबसे पूरे विश्व में कोरोना वायरस की महामारी फैली है, तबसे पूरे विश्व में एक तरह से सफाई अभियान चला हुआ है। इसका कारण यह है कि इस महामारी से बचने के लिए सफाई ही सबसे बड़ा हथियार है। सफाई भी साबुन-सोडे वाली नहीं बल्कि केमिकल वाली चाहिये। जिससे स्पर्श करने वाली वस्तुओं में कोरोना वायरस न रह सकें। इसलिये इस समय भारत में घर-घर अच्छी तरह से केमिकल से की जाने वाली सफाई का विशेष अभियान चल रहा है। इस सफाई अभियान में काम आने वाले केमिकलों को बनाकर बेचने का बिजनेस भी काफी अच्छा चलने वाला है। कोरोना काल में अनेक अन्य बिजनेस करने वालों ने क्लीनिकल सफाई के काम आने वाले केमिकलों को तैयार करने का काम शुरू किया है और इससे अच्छा खासा मुनाफा भी कमा रहे हैं। अब यह बिजनेस सदाबहार बिजनेस में तबदील हो गया है क्योकि लोगों को अब साफ सफाई करने की आदत सी बन गयी है। इसलिये क्लीनिंग केमिकल मैन्यूफैक्चर का बिजनेस काफी  मुनाफा देने वाला है।

14. पापड़ बनाने का व्यवसाय : भारत में आमतौर पर पापड़ को स्नैक्स या खाने के व्यंजन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसलिये इसकी मांग अधिक रहती है। पापड़ बनाने का बिजनेस काफी आसान है। इस बिजनेस में पूंजी भी काफी कम लगती है। पापड़ को बनाकर बेचने में काफी मुनाफा भी मिलता है। इसको बनाने के काम आने वाला कच्चा माल हर जगह गांव हो या शहर सभी जगह आसानी से मिल जाता है। साथ ही पापड़ की हर जगह अच्छी डिमांड होने के कारण इसे आसानी से बेचा भी जा सकता है। इस बिजनेस में मुनाफा भी काफी अच्छा मिल जाता है क्योकिं पापड़ तीन महीने तक खराब नहीं होता है।

15. अचार बनाने का काम : खाने-पीने के रेहड़ी से लेकर फाइव स्टार होटल तक में खाने के साथ अचार की मांग रहती है। इसके अलावा घर-घर में तो यह मांग रहती ही है। साथ ही बच्चों के टिफिन में यदि साग-सब्जी न हुई अथवा जरूरी काम से बाहर जाने अथवा सफर में जल्दी जाने के वक्त सब्जी बनाने का समय न हुआ, उस समय अचार ही काम आता है। इसलिये हमारे खान-पान में अचार का बहुत अधिक महत्व है। कहने का मतलब यह है कि अचार की मांग सदाबहार है। इसका बिजनेस करना बहुत आसान है। अचार बनाने के लिए काम आने वाला कच्चा माल भी आसानी से हर जगह उपलब्ध हो जाता है। गांवों में तो कम कीमत पर यह व्यवसाय शुरू किया जा सकता है। शहरों में इसकी बिक्री करके अच्छा-खासा मुनाफा कमाया जा सकता है।

16. आयुर्वेदिक व हर्बल दवाएं बनाने का काम : आयुर्वेदिक व कुदरती वनस्पतियों से बनने वाली औषधियों की आजकल मार्केट में अच्छी-खासी डिमांड है। केमिकली दवाइयों के साइड इफेक्ट से होने वाले नुकसान से बचने के लिए लोग अब आयुर्वेदिक और हर्बल दवाओं की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इसलिये इस कारोबार ने रफ्तार पकड़ ली है। इसलिये अब इस बिजनेस को शुरू करके फायदा उठाया जा सकता है। स्वास्थ्य से जुड़े इस व्यवसाय को शुरू करके अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है।

17. पेपर कप प्लेट व ग्लास बनाने का काम : जबसे कोरोना महामारी का संक्रमण का दौर शुरू हुआ है तब से डिस्पोजल कप, प्लेट, ग्लास आदि का प्रचलन काफी बढ़ गया है। सड़क के किनारे का टी या कॉफी स्टाल हों, चाट,पकौड़ी वाले ठेलें हों, नाश्ते की दुकान हो, रेस्टोरेंट हों, अथवा हाइजेनिक होटल हों सभी कहीं डिस्पोजल कप, प्लेट और ग्लास का इस्तेमाल बहुतायत से होता है। पहले जहां चाय और कॉफी तक पेपर कपों का यूज होता था, अब वहां कोल्ड ड्रिंक, गन्ने का जूस, फू्रट जूस आदि में भी पेपर ग्लास का इस्तेमाल होने लगा है। यही नहीं शादी-ब्याह, जन्मदिन जैसे सामाजिक कार्यों में भी इन्हीं पेपर कप, प्लेट व ग्लास का इस्तेमाल होता है। कहने का मतलब यह है कि आजकल पेपर कप, ग्लास, प्लेट आदि का बहुतायत में इस्तेमाल होने की वजह से इन्हें बनाकर बेचने का काम अच्छा काम है। इतनी बड़ी आबादी को इन वस्तुओं की सप्लाई करने से काफी मुनाफा भी मिल सकता है।

18. सीमेंट की ईंट बनाने का काम : सीमेंट की ईंट बनाने का काम बहुत ही आसान है। सीमेंट की ईंट का व्यवसाय दो तरह से शुरू किया जा सकता है। पहला बिना मशीन के ईंट बनायी जा सकती है, जिसमे मानव श्रम अधिक लगेगा और दूसरा मशीन के द्वारा बनाया जा सकता है। चूंकि चारों ओर निर्माण का काम बहुत तेजी से चल रहा है तो सीमेंट की इंट की डिमांड भी काफी अधिक है। इस व्यवसाय से भी बिजनेस मैन काफी मुनाफा कमा सकता है। सरकार द्वारा बनने वाली अनेक इमारतों व सड़कों आदि में सीमेंट की ईंट का इस्तेमाल होता है।सरकारी विभागों में टेंडर डालकर सीमेंट की ईंट की सप्लाई करके अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है।

19. रेडीमेड कपडे बनाने का काम : रेडीमेड का उद्योग बहुत तेजी से बढ़ रहा है। अब कपड़ा खरीदकर टेलर के यहां सिलवाने का काम बहुत कम हो गया है। दूसरा यह है कि यह पुराना काम अब लोगों को महंगा पड़ रहा है। पहले तो कपड़ा काफी महंगा मिलता है और उसके बाद टेलर के यहां जाने पर वो अपनी सिलाई बहुत अधिक मांगता है। उसका कारण यह है कि उसके यहां पहले की तरह भारी संख्या में ग्राहक तो आते नहीं हैं इसलिये जो ग्राहक जाता है वो उसी से सारी भरपाई करने की कोशिश करता है। इसलिये यह काम महंगा पड़ता है। दूसरी ओर रेडीमेड व्यवसाय वाले बहुत सस्ते दामों पर अच्छे-अच्छे कपड़े उपलब्ध कराते हैं। रेडीमेड कपड़े का व्यवसाय करने वाले लेटेस्ट कलर, डिजाइन के कपड़े भी उपलब्ध कराते हैं जो ग्राहकों के विशेष आकर्षण का केन्द्र होते हैं। इस तरह से रेडीमेड कपड़े महानगरों से लेकर गांवों तक में युवाओं तक की पहली पसंद होते हैं। रेडीमेड कपड़ों की बढ़ती मांग को देखते हुए रेडीमेड कपड़े बनाने का काम किया जा सकता है। इस बिजनेस में मार्जिन भी काफी अच्छा होता है।

20. सेनेटरी पैड बनाने का काम : महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े इस सैनेटरी पैड का इस्तेमाल प्रत्येक महिला द्वारा किया जाता है। इस बारे में हाल ही में प्रचार प्रसार किये जाने के कारण इस कारोबार को काफी महत्व मिला है। पहले सैनेटरी पैड के बारे में चर्चा करने में झिझक होती थी और इसका इस्तेमाल भी कम होता था। कुछ समय पहले इस बारे में देश में बहुत अधिक जागरुकता आयी है और इस बारे में एक फिल्म भी बनाई जा चुकी है। इसके बाद अब महिलाओं व युवतियों में सैनेटरी पैड के बारे में काफी जागरुकता होने से इसकी डिमांड बढ़ गयी है। अब इस सेनेटरी पैड बनाकर बेचने का काम किया जा सकता है। यही नहीं इससे बहुत अधिक मुनाफा भी हो सकता है।

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