6 स्टेप में जानें बिज़नेस प्लान कैसे बनाएं?
जिस तरह से किसी सुंदर चित्र को बनाने से पहले उसका खाका खींचा जाता है, फिर उसमें रंग-रोगन करे खूबसूरत बनाया जाता है, जिस तरह से किसी भी खूबसूरत इमारत बनाने के लिए उसका नक्शा बनाया जाता है, फिर उसी के अनुरूप इमारत बुलंद की जाती है। उसी तरह आप किसी बिजनेस को शुरू करना चाहते हों तो उसके लिए आपको सामान्य जानकारी, लागत, मुनाफा आदि की जानकारी जुटाने के लिए जो दस्तावेज तैयार किया जाता है, उसे बिजनेस प्लान कहा जाता है। आज के समय में बिजनेस प्लान का महत्व काफी बढ़ गया है क्योंकि जो लोग लोन लेकर बिजनेस शुरू करना चाहते हैं उसके लिए इस बिजनेस प्लान की सख्त जरूरत होती है। कोई भी बैंक आपके बैंक प्लान पर ही लोन देता है। वह बैंक प्लान को पढ़कर जान लेता है कि बिजनेस के बाद बैंक को अपना पैसा वापस मिल सकता है या नहीं। इसके बाद ही वह लोन देने पर विचार करता है। इसके अलावा आपको यदि किसी के साथ मिलकर बिजनेस शुरू करना हो या बिजनेस के लिए पैसे इकट्ठा करना हो तो उसके लिए भी बिजनेस प्लान की आवश्यकता पड़ती है। इस बिजनेस प्लान में बिजनेस को शुरू करने, उसमें इन्वेस्टमेंट करने, बिजनेस के सारे तौर-तरीके के अलावा मुनाफा और शेयरिंग आदि की जानकारी दी जाती है।
- एक अच्छा बिजनेस प्लान बनाते समय खास-खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। उनमें सबसे पहले आपको इस बात का ध्यान देना होगा कि आपके बिजनेस करने का मुख्य उद्देश्य क्या है? आपके बिजनेस से कौन-कौन लोग जुड़ने वाले हैं। इनका बिजनेस में रोल क्या होगा।
- इनके रोल से बिजनेस को क्या फायदा होगा। बिजनेस को कवर करने के कौन-कौन से एरिया आते हैं। आपके बिजनेस के लिए धन कहां से आयेगा। आपके बिजनेस में कितने पार्टनर हैं। इन पार्टनरों को लॉस-प्रॉफिट का डिस्ट्रीव्यूशन कैसे होगा, जैसी जानकारियां शामिल करनी होंगी। इसके अलावा बैंक से लोन लेने, लोगों को इन्वेस्ट लेने के लिए भी बिजनेस प्लान में सारी जानकारियां विस्तृत से देनी होंगी। आपका बिजनेस प्लान जितना अच्छा व आकर्षक होगा, उतनी ही तेजी से बिजनेस की प्लानिंग शुरू हो जायेगी।
- अच्छी तरह से बनाया गया बिजनेस प्लान आपके बिजनेस की सारी जानकारी एक नजर में लोगों को सामने रख सकता है। इसका लाभ यह होगा कि आपको अपना बिजनेस शुरू करने के लिए चाहे लोन लेना हों या पार्टनर खोजना हों या कोई अन्य बिजनेस से जुड़ा काम हो वो सारे काम आसानी से हो जायेंगे।
- बिजनेस प्लान से बिजनेस की सारी बारीकियां आसानी से मालूम हो जायेंगी। बिजनेस प्लान देखकर कोई भी व्यक्ति यह जान सकता है कि आपने बिजनेस कैसे शुरू किया था और कैसे-कैसे आगे बढ़ा। आप किस प्रोडक्ट, किस सर्विस का बिजनेस शुरू करने जा रहे हैं। बिजनेस प्लान मनचाहे प्रोडक्ट व सर्विस की डिटेल जानी जा सकती है। इस डिटेल के माध्यम से आपको अपने मनचाहे प्रोडक्ट व सर्विस के लिए मार्केट की भी जांच-परख कर सकते हैं। इससे आपको अपने बिजनेस से होने वाले फायदे-नुकसान के बारे में भी पता चल सकता है।
- अभी तक आपने बिजनेस प्लान के बारे में जाना। अब देखते हैं कि ये बिजनेस प्लान बनाया कैसे जाता है। अब आप बिजनेस अपनी पूंजी से ही करना चाहते हैं तो आपको इस बिजनेस प्लान की उतनी जरूरत नहीं जितनी की लोन या पार्टनरशिप में बिजनेस करने वालों को होती है।
- अपने बिजनेस में बिजनेस प्लान की जरूरत तो नहीं होती है लेकिन यदि बिजनेस प्लान बनाकर बिजनेस करते हैं आपका मुनाफा बढ़ सकता है और बिजनेस करने के सही तरीके भी मालूम हो सकते हैं। बिजनेस प्लान बिजनेस डिस्क्रिप्शन, टारगेट्स, मैनेजमेंट्स, प्रोडक्ट्स, मार्केटिंग, फाइनेंसिंग आदि के आधार पर बनाया जाता है।
- बिजनेस प्लान में सबसे पहले आपको अपने बिजनेस के बारे में पूरी जानकारी को संक्षेप में जानने की होती है। इसका विवरण सबसे पहले आपके द्वारा दिया जाना होता है। इसे एक्जीक्यूटिव समरी भी कहा जाता है। ऐसा करना उस तरह के बिजनेस मैन के लिए हो फायदेमंद होता है, जो बैंक लोन या पार्टनरशिप में बिजनेस करने की सोच रहे हैं।
- इसके बाद में आपको अपने बिजनेस प्लान में अपने बिजनेस के बारे में वो मोटी-मोटी बातें लिखनी होती हैं, जिनको पढ़ कर कोई भी आपके बिजनेस के बारे में सही और सटीक जानकारी हासिल कर सके। से बिजनेस डिस्क्रिप्शन कहते हैं। इस प्वाइंट में आपको बिजनेस शुरू करने से लेकर होने वाले मुनाफे तक का एक अनुमानित आइडिया का पूरा डिटेल देना होगा। इससे आपको बैंक लोन लेने और पार्टनरशिप यानी इन्वेस्ट करने में काफी मदद मिलेगी।
- टारगेट्स, गोल्स यानी लक्ष्य या मंजिल तय करना बिजनेस की नींव, फाउंडेशन या बुनियाद होती है। इसलिये आपको बिजनेस में अपने टारगेट्स यानी गोल्स तय करने होते हें और इनका जिक्र बिजनेस प्लान में करना जरूरी होती है। इसे आप अपने बिजनेस की जान भी कह सकते हैं।
- इसी टारगेट के आधार पर बिजनेस की इमारत बुलंद होने वाली है। ये टारगेट लम्बे समय के लिये नहीं बनाये जाते हैं बल्कि पहला निर्धारित एक तय समय के लिए बनाये जाते हैं और उनको उस समय पर परखा जाता है कि हमने जो टारगेट रखा था वो अचीव हो गया या नहीं और अचीव हुआ भी तो कितना प्रतिशत हुूआ।
- 80 से 90 प्रतिशत टारगेट अचीव होने पर बिजनेसमैन को निराश नहीं होना चाहिये बल्कि उस समय आपको इस बात की जांच-परख करनी चाहिये कि टारगेट पाने में कौन सी समस्या आई या कौन सी कमी आयी। उसको खोज कर उसको दूर करने का प्रयास करना चाहिये और उसके बाद अगला टारगेट तयकरने की रणनीति बनानी होती है। इसके लिए बिजनेस प्लान में कुछ पॉंट्स भी लिखने होंगे।
- टारगेट तय करने और उनकी समीक्षा करने से आपका बिजनेस ग्रोथ करेगा। आपके इन्वेस्टर या पार्टनर भी काफी उत्साहित होंगे। इसके बाद आपको अपने प्रोडक्ट के बारे में पूरी डिटेल बिजनेस प्लान में देनी होगी। आप किसी जनरल प्रोडक्ट को मशीनरी के द्वारा मार्केट की टॉप क्वालिटी का तैयार करेंंगे और उसकी कीमत क्या होगी? और उसको बाजार में लोग क्यों खरीदेंगे, जैसे प्रश्नों का समाधान भी बिजनेस प्लान में होना जरूरी है। इससे आपके बिजनेस के प्रति लोगों में आकर्षण बढ़ेगा और यह आपके बिजनेस की सफलता पाने का एक रास्ता सा होगा।
- जब प्रोडक्ट के बारे में आपकी बात पूरी हो जाये तो आप फिर उसकी मार्केटिंग के प्वाइंट पर आ जायें। बिजनेस का सबसे महत्वपूर्ण अंग मार्केटिँग ही है। आप अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग किस तरह से करेंगे, सबसे पहले तो प्रोडक्ट के स्टैंडर्ड के हिसाब से उसी स्टैंडर्ड के लोगों को टारगेट करेंंगे। उनके बीच अपने प्रोडक्ट की खूबियों को पहुंचाने के लिए आप सोशल मीडिया का सहारा लेंगे, टीवी चैनल्स, एफएम रेडियो, फेवरिट न्यूज पेपर, मैगजीन्स, पम्पलेट, पोस्टर, होडिँंग्स, आदि का सहारा लेंगे या आप अपने कर्मचारियों को डोर-टू-डोर कन्वेसिंग करायेंगे। इसका आप अपने बिजनेस प्लान में जरूर करेंगे।
- इसके साथ ही आपको अपने बिजनेस को सिस्टेमेटिक रूप से चलाने के लिए मैनेजमेंट की भी व्यवस्था करनी होगी। इसके लिए दो ही रास्ते हैं। पहला यह है कि आपके पास बजट हो तो एक्सपर्ट मैनेजरों को हायर करके किया जा सकता है और दूसरा रास्ता यह हैं कि यह काम आपको ही करना होगा। मैनेजमेंट का भी बिजनेस में इम्पोटेँट रोल है। मैनजमेंट का मतलब केवल प्रोडक्शन कराना ही नहीं होता है बल्कि बिजनेस के ए से लेकर जेड तक जितने भी काम हैं उन सभी पर नजर रखना और उनका बैंलेंस बनाये रखना। इसका जिक्र आपको अपने बिजनेस प्लान में करना होगा।
इन सारी बातों के बाद अब बिजनेस की मूल जड़ यानी फाइनेंस का जिक्र होना तो बाकी रह गया। बिजनेस शुरू करने और उसको रफ्तार देने के लिए फाइनेंस कहां से आयेगा और कैसे खर्च होगा। इन बातों का विशेष जिक्र बिजनेस प्लान में करना बहुत ही जरूरी है।यदि आप अपनी पूंजी से बिजनेस करना चाहते हैं तो फिर इस में कोई प्रॉब्लम तो है ही नहीं। यदि आपको बिजनेस के लिए फाइनेंस करना है तो उसके बारे बिजनेस प्लान में उन सारी जरूरी कागजातों का जिक्र करना होगा जो बिजनेस की पूंजी बनते हों। जैसे बिजनसे के लिए जमीन, प्लाट, मशीन, आदि जो भी आपके पास हों, उनका डिटेल देना जरूरी है। इसके अलावा आपको बिजनेस के लोन लेने के काम आने वाले कागजातों का विवरण भी तैयार करना होगा और उसे बिजनेस प्लान में अंकित करना होगा ताकि आप जब लोन के लिए किसी बैंक में आवेदन करें तो बैँक के अधिकारी आपके बिजनेस प्लान को देखते ही आपकी सारी जानकारी प्राप्त कर सकें। ताकि आपके बिजनेस के लिए लोन आसानी से हासिल हो सके। इसके अलावा यदि आप पार्टनरशिप में बिजनेस शुरू करना चाहते हों तो आपका बिजनेस प्लान जितना अच्छा होगा उतनी ही जल्दी पार्टनरशिप के लिये लोग तैयार होंगे। दूसरे यदि आप अपने बिजनेस में इन्वेस्टरों को आकर्षित करना चाहते हैं तो आपको बिजनेस फाइनेंशियल प्रोजेक्शन में कुछ ऐसी अटैक्टिव पॉलिसी का जिक्र बिजनेस प्लान में करना होगा ताकि लोग आपकी इन पॉलिसियों से प्रभावित होकर इन्वेस्ट करने को तैयार हो जायें। इस तरह आप अपना बिजनेस प्लान बनाकर अपने बिजनेस को व्यवस्थित रूप से शुरू कर सकते हैं और उसे सफलता की सीढ़ियों तक पहुंचा सकते हैं। उसके बाद आप उसे शिखर की ओर भी बढ़ा सकते हैं।
जानिए बिज़नेस प्लान कैसे बनाएं
बिजनेस प्लान किसी भी बिजनेस की वह सुनहरी चाबी है, जिससे किस्मत का ताला खोला जा सकता है। बिजनेस से जुड़ी खास-खास बातें बिजनेस प्लान में दिखाने के होते हैं कई लाभ, आपको बिजनेस शुरू करने से पहले मिल सकती है मदद।
जिस तरह से किसी सुंदर चित्र को बनाने से पहले उसका खाका खींचा जाता है, फिर उसमें रंग-रोगन करे खूबसूरत बनाया जाता है, जिस तरह से किसी भी खूबसूरत इमारत बनाने के लिए उसका नक्शा बनाया जाता है, फिर उसी के अनुरूप इमारत बुलंद की जाती है। उसी तरह आप किसी बिजनेस को शुरू करना चाहते हों तो उसके लिए आपको सामान्य जानकारी, लागत, मुनाफा आदि की जानकारी जुटाने के लिए जो दस्तावेज तैयार किया जाता है, उसे बिजनेस प्लान कहा जाता है। आज के समय में बिजनेस प्लान का महत्व काफी बढ़ गया है क्योंकि जो लोग लोन लेकर बिजनेस शुरू करना चाहते हैं उसके लिए इस बिजनेस प्लान की सख्त जरूरत होती है। कोई भी बैंक आपके बैंक प्लान पर ही लोन देता है। वह बैंक प्लान को पढ़कर जान लेता है कि बिजनेस के बाद बैंक को अपना पैसा वापस मिल सकता है या नहीं। इसके बाद ही वह लोन देने पर विचार करता है। इसके अलावा आपको यदि किसी के साथ मिलकर बिजनेस शुरू करना हो या बिजनेस के लिए पैसे इकट्ठा करना हो तो उसके लिए भी बिजनेस प्लान की आवश्यकता पड़ती है। इस बिजनेस प्लान में बिजनेस को शुरू करने, उसमें इन्वेस्टमेंट करने, बिजनेस के सारे तौर-तरीके के अलावा मुनाफा और शेयरिंग आदि की जानकारी दी जाती है।
1. मेन प्वाइंट पर फोकस करें
एक अच्छा बिजनेस प्लान बनाते समय खास-खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। उनमें सबसे पहले आपको इस बात का ध्यान देना होगा कि आपके बिजनेस करने का मुख्य उद्देश्य क्या है? आपके बिजनेस से कौन-कौन लोग जुड़ने वाले हैं। इनका बिजनेस में रोल क्या होगा। इनके रोल से बिजनेस को क्या फायदा होगा। बिजनेस को कवर करने के कौन-कौन से एरिया आते हैं। आपके बिजनेस के लिए धन कहां से आयेगा। आपके बिजनेस में कितने पार्टनर हैं। इन पार्टनरों को लॉस-प्रॉफिट का डिस्ट्रीव्यूशन कैसे होगा, जैसी जानकारियां शामिल करनी होंगी। इसके अलावा बैंक से लोन लेने, लोगों को इन्वेस्ट लेने के लिए भी बिजनेस प्लान में सारी जानकारियां विस्तृत से देनी होंगी। आपका बिजनेस प्लान जितना अच्छा व आकर्षक होगा, उतनी ही तेजी से बिजनेस की प्लानिंग शुरू हो जायेगी।
अच्छी तरह से बनाया गया बिजनेस प्लान आपके बिजनेस की सारी जानकारी एक नजर में लोगों को सामने रख सकता है। इसका लाभ यह होगा कि आपको अपना बिजनेस शुरू करने के लिए चाहे लोन लेना हों या पार्टनर खोजना हों या कोई अन्य बिजनेस से जुड़ा काम हो वो सारे काम आसानी से हो जायेंगे। बिजनेस प्लान से बिजनेस की सारी बारीकियां आसानी से मालूम हो जायेंगी। बिजनेस प्लान देखकर कोई भी व्यक्ति यह जान सकता है कि आपने बिजनेस कैसे शुरू किया था और कैसे-कैसे आगे बढ़ा। आप किस प्रोडक्ट, किस सर्विस का बिजनेस शुरू करने जा रहे हैं। बिजनेस प्लान मनचाहे प्रोडक्ट व सर्विस की डिटेल जानी जा सकती है। इस डिटेल के माध्यम से आपको अपने मनचाहे प्रोडक्ट व सर्विस के लिए मार्केट की भी जांच-परख कर सकते हैं। इससे आपको अपने बिजनेस से होने वाले फायदे-नुकसान के बारे में भी पता चल सकता है।
2. मॉनिटरी फंडिंग में इस तरह सहायक होता है बिजनेस प्लान
अभी तक आपने बिजनेस प्लान के बारे में जाना। अब देखते हैं कि ये बिजनेस प्लान बनाया कैसे जाता है। अब आप बिजनेस अपनी पूंजी से ही करना चाहते हैं तो आपको इस बिजनेस प्लान की उतनी जरूरत नहीं जितनी की लोन या पार्टनरशिप में बिजनेस करने वालों को होती है। अपने बिजनेस में बिजनेस प्लान की जरूरत तो नहीं होती है लेकिन यदि बिजनेस प्लान बनाकर बिजनेस करते हैं आपका मुनाफा बढ़ सकता है और बिजनेस करने के सही तरीके भी मालूम हो सकते हैं। बिजनेस प्लान बिजनेस डिस्क्रिप्शन, टारगेट्स, मैनेजमेंट्स, प्रोडक्ट्स, मार्केटिंग, फाइनेंसिंग आदि के आधार पर बनाया जाता है।
3. संक्षेप में देनी होती हैं डिटेल
बिजनेस प्लान में सबसे पहले आपको अपने बिजनेस के बारे में पूरी जानकारी को संक्षेप में जानने की होती है। इसका विवरण सबसे पहले आपके द्वारा दिया जाना होता है। इसे एक्जीक्यूटिव समरी भी कहा जाता है। ऐसा करना उस तरह के बिजनेस मैन के लिए हो फायदेमंद होता है, जो बैंक लोन या पार्टनरशिप में बिजनेस करने की सोच रहे हैं। इसके बाद में आपको अपने बिजनेस प्लान में अपने बिजनेस के बारे में वो मोटी-मोटी बातें लिखनी होती हैं, जिनको पढ़ कर कोई भी आपके बिजनेस के बारे में सही और सटीक जानकारी हासिल कर सके। से बिजनेस डिस्क्रिप्शन कहते हैं। इस प्वाइंट में आपको बिजनेस शुरू करने से लेकर होने वाले मुनाफे तक का एक अनुमानित आइडिया का पूरा डिटेल देना होगा। इससे आपको बैंक लोन लेने और पार्टनरशिप यानी इन्वेस्ट करने में काफी मदद मिलेगी।
4. बिजनेस का टारगेट अट्रेक्टिव होना चाहिये
टारगेट्स, गोल्स यानी लक्ष्य या मंजिल तय करना बिजनेस की नींव, फाउंडेशन या बुनियाद होती है। इसलिये आपको बिजनेस में अपने टारगेट्स यानी गोल्स तय करने होते हें और इनका जिक्र बिजनेस प्लान में करना जरूरी होती है। इसे आप अपने बिजनेस की जान भी कह सकते हैं। इसी टारगेट के आधार पर बिजनेस की इमारत बुलंद होने वाली है। ये टारगेट लम्बे समय के लिये नहीं बनाये जाते हैं बल्कि पहला निर्धारित एक तय समय के लिए बनाये जाते हैं और उनको उस समय पर परखा जाता है कि हमने जो टारगेट रखा था वो अचीव हो गया या नहीं और अचीव हुआ भी तो कितना प्रतिशत हुूआ। 80 से 90 प्रतिशत टारगेट अचीव होने पर बिजनेसमैन को निराश नहीं होना चाहिये बल्कि उस समय आपको इस बात की जांच-परख करनी चाहिये कि टारगेट पाने में कौन सी समस्या आई या कौन सी कमी आयी। उसको खोज कर उसको दूर करने का प्रयास करना चाहिये और उसके बाद अगला टारगेट तयकरने की रणनीति बनानी होती है। इसके लिए बिजनेस प्लान में कुछ पॉंट्स भी लिखने होंगे। टारगेट तय करने और उनकी समीक्षा करने से आपका बिजनेस ग्रोथ करेगा। आपके इन्वेस्टर या पार्टनर भी काफी उत्साहित होंगे।
5. प्रोडक्ट की क्वालिटी और पॉसबिलटी का भी करें जिक्र
इसके बाद आपको अपने प्रोडक्ट के बारे में पूरी डिटेल बिजनेस प्लान में देनी होगी। आप किसी जनरल प्रोडक्ट को मशीनरी के द्वारा मार्केट की टॉप क्वालिटी का तैयार करेंंगे और उसकी कीमत क्या होगी? और उसको बाजार में लोग क्यों खरीदेंगे, जैसे प्रश्नों का समाधान भी बिजनेस प्लान में होना जरूरी है। इससे आपके बिजनेस के प्रति लोगों में आकर्षण बढ़ेगा और यह आपके बिजनेस की सफलता पाने का एक रास्ता सा होगा। जब प्रोडक्ट के बारे में आपकी बात पूरी हो जाये तो आप फिर उसकी मार्केटिंग के प्वाइंट पर आ जायें। बिजनेस का सबसे महत्वपूर्ण अंग मार्केटिँग ही है। आप अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग किस तरह से करेंगे, सबसे पहले तो प्रोडक्ट के स्टैंडर्ड के हिसाब से उसी स्टैंडर्ड के लोगों को टारगेट करेंंगे। उनके बीच अपने प्रोडक्ट की खूबियों को पहुंचाने के लिए आप सोशल मीडिया का सहारा लेंगे, टीवी चैनल्स, एफएम रेडियो, फेवरिट न्यूज पेपर, मैगजीन्स, पम्पलेट, पोस्टर, होडिँंग्स, आदि का सहारा लेंगे या आप अपने कर्मचारियों को डोर-टू-डोर कन्वेसिंग करायेंगे। इसका आप अपने बिजनेस प्लान में जरूर करेंगे। इसके साथ ही आपको अपने बिजनेस को सिस्टेमेटिक रूप से चलाने के लिए मैनेजमेंट की भी व्यवस्था करनी होगी। इसके लिए दो ही रास्ते हैं। पहला यह है कि आपके पास बजट हो तो एक्सपर्ट मैनेजरों को हायर करके किया जा सकता है और दूसरा रास्ता यह हैं कि यह काम आपको ही करना होगा। मैनेजमेंट का भी बिजनेस में इम्पोटेँट रोल है। मैनजमेंट का मतलब केवल प्रोडक्शन कराना ही नहीं होता है बल्कि बिजनेस के ए से लेकर जेड तक जितने भी काम हैं उन सभी पर नजर रखना और उनका बैंलेंस बनाये रखना। इसका जिक्र आपको अपने बिजनेस प्लान में करना होगा।
6. फाइनेंस का जिक्र करना होता है जरूरी
इन सारी बातों के बाद अब बिजनेस की मूल जड़ यानी फाइनेंस का जिक्र होना तो बाकी रह गया। बिजनेस शुरू करने और उसको रफ्तार देने के लिए फाइनेंस कहां से आयेगा और कैसे खर्च होगा। इन बातों का विशेष जिक्र बिजनेस प्लान में करना बहुत ही जरूरी है।यदि आप अपनी पूंजी से बिजनेस करना चाहते हैं तो फिर इस में कोई प्रॉब्लम तो है ही नहीं। यदि आपको बिजनेस के लिए फाइनेंस करना है तो उसके बारे बिजनेस प्लान में उन सारी जरूरी कागजातों का जिक्र करना होगा जो बिजनेस की पूंजी बनते हों। जैसे बिजनसे के लिए जमीन, प्लाट, मशीन, आदि जो भी आपके पास हों, उनका डिटेल देना जरूरी है। इसके अलावा आपको बिजनेस के लोन लेने के काम आने वाले कागजातों का विवरण भी तैयार करना होगा और उसे बिजनेस प्लान में अंकित करना होगा ताकि आप जब लोन के लिए किसी बैंक में आवेदन करें तो बैँक के अधिकारी आपके बिजनेस प्लान को देखते ही आपकी सारी जानकारी प्राप्त कर सकें। ताकि आपके बिजनेस के लिए लोन आसानी से हासिल हो सके। इसके अलावा यदि आप पार्टनरशिप में बिजनेस शुरू करना चाहते हों तो आपका बिजनेस प्लान जितना अच्छा होगा उतनी ही जल्दी पार्टनरशिप के लिये लोग तैयार होंगे। दूसरे यदि आप अपने बिजनेस में इन्वेस्टरों को आकर्षित करना चाहते हैं तो आपको बिजनेस फाइनेंशियल प्रोजेक्शन में कुछ ऐसी अटैक्टिव पॉलिसी का जिक्र बिजनेस प्लान में करना होगा ताकि लोग आपकी इन पॉलिसियों से प्रभावित होकर इन्वेस्ट करने को तैयार हो जायें। इस तरह आप अपना बिजनेस प्लान बनाकर अपने बिजनेस को व्यवस्थित रूप से शुरू कर सकते हैं और उसे सफलता की सीढ़ियों तक पहुंचा सकते हैं। उसके बाद आप उसे शिखर की ओर भी बढ़ा सकते हैं।
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1) घर बैठे बिज़नेस कैसे शुरू करें?
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3) किराना स्टोर कैसे खोलें?
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