सुस्त ग्राहकों से निपटने और तेजी से भुगतान पाने के 10 टिप्स

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सुस्त ग्राहकों से निपटने और तेजी से भुगतान पाने के 10 टिप्स

व्यापार, कारोबार यानी बिजनेस में लेन-देन तो चलता ही रहता है। इस लेन-देन में उतार-चढ़ाव भी चलता रहता है। बिजनेस में ऐसी आदर्श स्थिति कभी नहीं आती कि जब सारे ग्राहक समय पर अपना भुगतान कर दें। यदि ऐसी स्थिति आ जाये तो बिजनेस में न तो नकदी की समस्या होगी और न ही अन्य किसी प्रकार की व्यापारिक परेशानी ही हो। दुर्भाग्य से बिजनेस में चुस्त ग्राहक कम मिलते हैं जो समय पर अपना भुगतान करते हों, सुस्त ग्राहक अधिक मिलते हैं जो भुगतान करने में बहुत ही आनाकानी करते हैं। इस तरह के ग्राहकों से हमेशा बिजनेसमैन को बहुत परेशानी होती है । बिजनेस को लेकर ग्राहकों के बीच संतुलन बनाने में काफी दिमागी कसरत भी करनी होती है। कभी कभी स्थिति काफी तनावपूर्ण भी हो जाती है। बिजनेस मैन को अपने बिजनेस के लिए नकदी की जरूरत होती है और ये सुस्त ग्राहक पैसे देने का नाम ही नहीं लेते हैं। इस तरह के सुस्त ग्राहकों से निपटने और उनसे तेजी से भुगतान पाने के लिए व्यापारियों को क्या करना चाहिये। आइये जानते हैं इस बारे में ये खास 10 टिप्स।

1. एक सीमा के बाद सख्त कार्रवाई करें

यह तो सभी जानते हैं कि बिजनेस में ग्राहकों को ही सबकुछ माना जाता है। ग्राहक बिजनेस का आधार है। इसको सही मानते हुए आप को अपने व्यापार की स्थिति और ग्राहकों के रवैये का गंभीरता से आंकलन करना चाहिये। पहले पूरी स्थिति का ध्यानपूर्वक विश्लेषण कर लें और उसके बाद ही किसी तरह की सख्त कार्रवाई करने के बारे में विचार करें क्योंकि धन की वसूली के लिए यदि आप सख्त कदम उठाते हैं तो उसका क्या नतीजा हो सकता है, यह जानते हैं, यदि नहीं तो जानें कि आपके हाथ से आपका ग्राहक निकल भी सकता है। यदि इसी तरह के सुस्त भुगतान करने वाले ग्राहकों की संख्या अधिक हो तो इस तरह की सख्त कारवाई करने से आपका कारोबार भी प्रभावित हो सकता है।

मान लीजिये कि देरी से भुगतान करने वाले एक अच्छे ग्राहक के खिलाफ आप पुलिस की कार्रवाई करने की धमकी देते हैं तो उससे संबंध तो खराब होंगे और आप उस ग्राहक को खो देंगे। लेकिन इन सारे खतरों के बावजूद आपको अपनी बिजनेस के लिए धन के कलेक्शन की तो आवश्यकता होगी। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आप कितने समय तक धैर्य रख सकते हैं और अपने ग्राहकों से सख्ती नहीं कर सकते हैं। इसकी भी तो कोई सीमा होगी।

आप अपनी क्षमता और बिजनेस की आवश्यकताओं को देखकर एक समय सीमा तय करें। उस समय सीमा में अपने सुस्त ग्राहकों को भुगतान के लिए समय-समय पर रिमाइंडर भेजें और उन्हें याद दिलाते रहें कि आप भुगतान करें। उन पर अपने परिचितों से दबाव भी डलवायें कि वो समय से भुगतान कर दे। इसके बाद जब समय सीमा निकल जाये तो उसे स्पष्ट बता दें कि अब आपकी समय सीमा निकल गयी है और आप अभी इतने दिनों में हर सूरत में भुगतान कर दें। इसके बावजूद जब स्थिति तनावपूर्ण होने लगे तब आप जो भुगतान में सबसे ज्यादा देर लगाते हों और उनकी डीलिंग अच्छी न हो,ऐसे ग्राहकों  सबसे पहले छांटें और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। क्योंकि प्रोफेशन में कंसेसन काम नहीं आता, इमोशन या रिलेशन से व्यापार डूब जाता है।

2. शुरू से ही पेशेवर बनें

व्यवसाय चलाने के लिए आप अपने ग्राहकों के साथ पेशेवर रवैया अपनायेंगे तो आपके पास देरी से भुगतान करने वाले ग्राहक आने से बचेंगे। उन्हें आपसे अपने फायदे की बात करने की संभावना नही दिखेगी। अपने ग्राहकों से अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों से सम्पर्क करें और समय-समय पर उनका अभिवादन करते रहें और उनको त्योहारों व पर्वों की शुभकामनाएं देते रहें । इस तरह की गतिविधियां करते रहने से आपके और ग्राहकों के बीच ऐसे सम्बन्ध स्थापित हो जायेंगे और वे भुगतान में देरी करने से परहेज करेंगे। जो ग्राहक भुगतान में सुस्ती दिखाते भी हैं वे आपकी इन गतिविधियों से जल्द भुगततान कर देंगे। जिस ग्राहक पर काफी दिनों से आपको भुगतान चाहिये अपने उस  ग्राहक से रोज-रोज अभिवादन करोगे तो वो यह जान जायेगा कि आप उससे रोज की दुआ-सलाम क्यों कर रहे हैं और एक दिन वो लोक-लिहाज के चलते आपका पैसा भुगतान कर देगा। आपको इसका लाभ मिलने लगेगा।

3. अपने ग्राहकों को पहचानें

आप चूंकि काफी समय से अपने ग्राहकों के साथ काम कर रहे हैं तो आपको अच्छी तरह से मालूम होगा कि कौन सा ग्राहक कैसा है, उसकी कैसी आदतें हैं, वो आपको कितना लाभ पहुंचा रहा है, कौन ग्राहक आपको कितना हानि पहुंचा रहा है। किस ग्राहक ने आपका कितना पैसा अपने पास कितने समय से दबा रखा है, यदि उतने समय बिजनेस में वो पैसा लगा होता तो आप कितना प्रॉफिट कमा सकते थे। इन सब बातों पर विचार कर अपने ग्राहकों से साम-दाम-दंड-भेद से अपना पैसा निकालें।

1. ऐसे ग्राहक कई तरह के होते हैं, जो भुगतान में देरी करते हैं। कुछ ऐसे ग्राहक होते हैं जिनके समक्ष कोई मजबूरी आ जाती है, वे चाह कर भी आपका भुगतान नहीं कर पाते हैं। ऐसे ग्राहकों के साथ आपको नरमी से बात करनी चाहिये, उनसे भावनात्मक रूप से बात करके उनकी समस्या जानेंगे तो ठीक रहेगा।

2. कुछ ऐसे मनमर्जी वाले ग्राहक होते हैं जो देरी से ही भुगतान करना उनकी आदत होती है। ऐसे ग्राहकों के पास पैसे तो होते हैं लेकिन देते नहीं। ऐसे ग्राहकों के मन में अहंकार होता है और आपको गरजमंद मानते हैं। वो यह सोचते हैं कि वे आपके यहां से सामान खरीदते हैं या सेवाएं लेते हैं इसलिये आपका व्यापार चल रहा है। आपको उनका अहसान मानना चाहिये। पैसे लेने के लिए आपको उनकी खुशामद करनी चाहिये। ऐसे ग्राहकों से एक सीमा तक प्रसन्न करने के लिए बातचीत करनी चाहिये। ग्राहकों को खुश करना भी व्यापार का हिस्सा है। इसमें कोई बुराई नहीं है लेकिन जब व्यापार को ये बातें नुकसान पहुंचाने लगे तो वहां पर इस मामले में सख्ती करनी आवश्यक  हो जाता है।

3. कुछ ऐसे रहस्यमयी ग्राहक भी होते हैं, जिनका स्वभाव ही नहीं पता चलता है कि वे वास्तव में चाहते क्या हैं? जब आपसे सामान या सेवाएं लेते हैं तब तो बहुत खुश रहते हैं और जब आपने भुगतान मांगना शुरू किया तो वे आपसे नाक-भौं सिकोड़ने लगते हैं। आपको नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं। आपसे गलत व्यवहार करने की कोशिश करते हैं। आप उनके लिए बिजनेस मैन नहीं बल्कि एक दुश्मन की तरह दिखते हैं।  आपकी शकल या आपका फोन देखकर ही अपनी भाव-भंगिमा बदल लेते हैं। ऐसे ग्राहक राजी-राजी तो भुगतान नहीं करते हैं। काफी वाद-विवाद के बाद तैश में आकर भुगतान करते हैं। वे इस वाद विवाद में बकाया पैसे से कम पैसे का भुगतान कर पीछा छुड़ाने की कोशिश करते हैं। ऐसे ग्राहकों को पहचान कर उनसे बहुत सावधानी से अपना पैसा निकाल लेना चाहिये और भविष्य के लिए उन्हें सलाम कर लेना चाहिये।

4. कुछ ऐसे ग्राहक भी होते हैं जो आपके द्वारा दी गयी सामान या सेवाओं का हमेशा भुगतान करते समय खराब या कम क्वालिटी बताकर उसके पैसे कम कराने की कोशिश करते हैं। इस तरह के ग्राहकों से आपको सावधान रहना होगा। उनसे उसी तरह का व्यवहार करना होगा। बेहतर तो यही होगा कि दुबारा जब भी वो सामान या सेवाएं लेने की इच्छा जतायें तो उन्हें शुरू में ही स्पष्ट कर देना होगा कि हमारी यह पॉलिसी है, इसमें घट-बढ़ नहीं की जा सकती है।

5. कुछ ग्राहक ऐसे भी होते हैं जो कोई संतोषजनक जवाब ही नहीं देते हैं। आप उनसे चाहे जितना प्रयास कर लो, वे ऐसा प्रदर्शित करते हैं कि उन्हें आपमें उनकी कोई रुचि नहीं हैं, चाहे आप सामान या सेवाएं दें या नहीं दें, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसे ग्राहक एक बार आपसे सामान या सेवाएं लेते हैं और जब भुगतान के लिए दबाव पड़ने लगता है तो वो दूसरी जगह से सामान और सेवाएं लेने लगते हैं। ऐसे ग्राहकों से भी सावधान रहना चाहिये।

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4. शीघ्र भुगतान के लिए ऑफर की पेशकश करें

अपना पैसा जल्द निकालने के लिए बिजनेस मैन को अपने ग्राहकों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ खास ऑफर की पेशकश करनी चाहिये। इसके लिए बिजनेसमैन को बहुत ही गंभीरता से सोच विचार करना चाहिये। देर से भुगतान को रोकने के लिए आप अपने ग्राहकों को समय से पहले भुगतान करने या निर्धारित समय पर भुगतान करने के लिए अपनी प्रॉफिट में से आधा या एक प्रतिशत का ऑफर दे सकते हैं। यदि इस तरह से आपको अपना पैसा जल्दी मिल जाता है तो यह कोई बुरा सौदा नहीं होगा लेकिन इसके लिए कोई ग्राहक ज्यादा छूट की डिमांड करे तो उसको नहीं मानना चाहिये। इसके अलावा त्यौहारों के अवसरों पर भी खास ऑफर निकालना चाहिये ताकि लोग नयी खरीद से पहले अपने पुराने भुगतान को कर दें। इससे आपका भुगतान जल्दी  मिल सकता है।

5. देर से भुगतान पर जुर्माना लगायें

आप अपने ग्राहकों से डीलिंग करते समय ही यह बता दें कि एक निश्चित समय या उससे पहले भुगतान करने पर आपको यह छूट या यह सुविधा प्राप्त होगी लेकिन उसके बाद आप के भुगतान पर इतना समय अधिक होने पर जुर्माना भी लगाया जायेगा। आपको प्रोफेशनलिज्म दिखाते हुए यह स्पष्ट करना चाहिये कि हमारे पास एक समय तक ही पैसे को रोकने की गुंजाइश है और उसके बाद जितनी देरी आप करोगे उतना ही जुर्माना बढ़ता जायेगा। इसलिये बेहतर यही होगा कि आप समय पर भुगतान कर दें। इस तरह से आप अपने ग्राहकों के मन में बात डाल देंगे तो वो झंझट या विवाद से बचने के लिए आपका भुगतान समय पर कर देंगे। किन्तु इस तरह की व्यवस्था लागू करने से पहले आपको अपने बिजनेस और ग्राहकों की स्थिति का भी ध्यान रखना होगा। यह नही आपके पास ग्राहक कम हैं और यह व्यवस्था लागू कर दें और वे सारे आपके पास से भाग जायें। ये बात अलग है कि यह व्यवस्था करने से यह दिखाता है कि आप पेशेवर बिजनेसमैन हैं, जो ग्राहक इस बात को समझेंगे वे आपसे सहमत भी होंगे और भुगतान में देरी भी नहीं करेंगे।

6. रिकवरी सॉफ्टवेयर का करें इस्तेमाल

कागजी चालानों को प्रिन्ट कराकर उन्हें पोस्ट कराने के पुराने तरीकों को तत्काल त्यागें। आपके इस पुराने तरीके में ग्राहकों को टालने के अनेक बहाने मिल जाते हैं जैसे पोस्ट से इनवाइस न मिलने का बहाना कर सकते हैं, वे इसके लिए पोस्टल विभाग को दोषी बताकर पीछा छुड़ा सकते हैं। वैसे भी इस पुराने सिस्टम को आज कौन मान रहा है। न तो कोई चिट्ठी भेजना चाहता है और ना ही कोई चिट्ठी पढ़ना चाहता है। इसलिये इस सिस्टम को छोड़कर ऑनालाइन पत्राचार शुरू करना चहिये। आजकल प्रत्येक व्यक्ति के हाथ में एंड्रायड फोन है और इंटरनेट है। इसका लाभ उठाते हुए आपको ऑनलाइन इनवाइस भेजनी चाहिये। यह ग्राहकों को भेजने में बहुत आसान होती है। साथ ही आजकल ऐसे इनवाइस सॉफ्टवेयर आ रहे हैं, जो एक बार इनवाइस भेजने के बाद उन्हें समय-समय पर तब तक रिमाइंडर भेजकर भुगतान का तकाजा करते रहते हैं जब तक भुगतान हो नहीं जाता है। इसका मतलब यह सॉफ्टवेयर आपका तकाजे वसूलने का काम करता है। इससे आपको भुगतान जल्दी मिल जाता है। ऑनलाइन इनवाइस में ग्राहक कोई बहाना नही बना सकता क्योंकि सारे सबूत सामने मौजूद रहते हैं।

7. भुगतान प्रणाली को अधिक सुलभ बनायें

आपको अपना भुगतान पाने के तरीकों को अपडेट करना होगा। केवल नकद व चैक भुगतान तक सीमित न रहिये। आपको आज के जमाने के हिसाब से ऑनलाइन भुगतान सिस्टम को अपनाना होगा। नेट बैंकिंग, बैंक डिपाजिट, क्रेडिट व डेबिट कार्ड पेमेंट, के अलावा निजी पेमेंड मोड की भी सुविधा देनी होगी ताकि आपके ग्राहक अपने साधनोंं से अधिक से अधिक भुगतान दे सकें। आपको उसका लाभ यह मिलेगा कि किसी भी मोड से पेमेंट करने वाले आपको भुगतान कर सकेंगे। अन्यथा सुविधा न होने से भुगतान का मौका आप हाथ से गंवा सकते हैं।

8. भुगतान की शर्तें लिखना शुरू करें

यदि आप किसी नए ग्राहक से बिजनेस संबंधी बात कर रहे हैं या किसी पुराने ग्राहक से नये सौदे के बारे में बात कर रह हैं तो आपको अपने भुगतान की शर्तों को पहले से ही बता देना चाहिये। यदि संभव हो और जब बात फाइनल हो जाये तो भुगतान की शर्तें लिखित रूप में पहले ही दे दें ताकि आपको बाद में भुगतान के समय किसी तरह की परेशानी नहीं हो, आपका पक्ष भी मजबूत रहेगा।  आपका ग्राहक लिखित शर्तों को देखने के बाद किसी तरह की आना-कानी नही कर पाएगा। आपका भुगतान सही समय पर हो जायेगा अथवा शर्तों के अनुसार आपको किसी तरह का नुकसान नहीं होगा।

9. नये ग्राहकों से एडवांस पेमेंट की बात करें

आप अपने नए ग्राहकों से एडवांस पेमेंट के लिए कह सकते है। आपके पुराने ग्राहक आपको और आपकी कंपनी के बारे में जान चुके हैं और आप भी अपने पुराने ग्राहकों के बारे में सारा कुछ जान चुके हैं। लेकिन नये ग्राहक के बारे में तो आप कुछ भी नही जानते कि कौन कैसा ग्राहक है। आप यदि नये ग्राहकों से एडवांस पेमेंट के बारे में बात करेंगे तो आप सुरक्षित रहेंगे। इसके लिए आपको अपने कुछ पहले के कुछ एडवांस देने वाले ग्राहकों की जनकारी अपने  नये ग्राहकों को देंगे तो वह आसानी से जान जायेंगे कि आपकी कंपनी का यह सिस्टम ही ऐसा है। इसको देखते हुए वे आपकी बात को मान भी सकते हैं।

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10. मुफ्त में काम न करें न ही सामान दें

आपको अपने बिजनेस में पेशेवराना तरीका इस्तेमाल करना होगा। अगर किसी ग्राहक ने आपके काम सा सामान का पैसा नहीं चुकाया है, उसका काम करना बंद कर दें, सामान देना बंद कर दें। जब ग्राहक आपका पेमेंट कर दे तब फिर काम करना शुरू कर दें। इससे ग्राहक को यह पता चला जायेगा कि आप मुफ्त में काम नहीं करने वाले। आप का बिजनेस पूरी तरह से प्रोफेशनली है। जब तक पैसा मिलेगा तब तक काम होगा वरना नहीं होगा। इसका स्पष्ट संदेश यह है कि आप उसके लिए अपना समय और पैसा खर्च करे जहां से आपको पैसे मिलने की पूरी गारंटी है और समय पर पैसा भी मिलता है।

इसके बावजूद भी आपको यदि अपने भुगतान में देरी या सुस्त ग्राहकों से निपटने में सफलता नहीं मिल पा रही है तब अंतिम शस्त्र के रूप से  कुछ सख्त कार्यवाही करनी चाहिये। इनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:-

1. तमाम प्रयासों के बावजूद किसी ग्राहक ने आपका भुगतान काफी समय से लटका रखा है तो उसे सबसे पहले रिमाइंडर भेजें। ऑनलाइन रिमाइंडर भेज सकते हैं। उसके बाद उसे एसएमएस से रिमांड करें और अंत में उससे फोन कॉल पर बात करके भुगतान के लिए कह सकते हैं।

2. यदि वह ग्राहक आपको इन प्रयासों के बाद के भुगतान के लिए कोई समय तय करता है। उस समय तक आप इंतजार करें और उसे फिर भुगतान के लिए कहें। यदि समय पर भुगतान कर देता है तो ठीक वरना अगली कार्रवाई करें।

3. अगली कार्रवाई के रूप में आपको कानूनी कार्रवाई करने के बारे में विचार करना चाहिये। सबसे पहले तो आपको यह सोचना होगा कि यह ग्राहक आपके हाथ से  निकल गया। उसके बाद उसे लीगल नोटिस भेज कर कानूनी कार्रवाई करें।

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