महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार के निर्देश पर बैंकों और गैर बैंकिंग संस्थाओं ने उद्योगिनी योजना चलायी है। इस योजना के तहत बैंक एससी/एसटी, विधवा महिलाओं और दिव्यांग महिलाओं को अपना उद्यम चलाने के लिए और चल रहे उद्यम में मदद के लिए कम से कम ब्याज दरों वाले लोन उपलब्ध कराते हैं।
किसके लिए है ये योजना
यदि आप एक हुनरमंद महिला हैं और कोई बिजनेस कर रहीं हैं या नया बिजनेस करने की योजना बना रहीं है अथवा आपको किसी प्रकार के खास बिजनेस के लिए ट्रेनिंग करने की इच्छा है तो उद्योगिनी योजना आपके लिए सबसे खास है। इस योजना के तहत महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए बहुत आसान तरीके से कम से कम ब्याज दरों पर लोन दिया जाता है। ताकि महिलाएं आसानी से अपना बिजनेस शुरू कर सकें। उद्योगिनी योजना के तहत वो महिला लाभ प्राप्त कर सकती है जो एक रजिस्टर्ड बिजनेस करना चाहती है या कर रही है। ऐसी महिलाओं के लिए आवश्यक है कि वो इस योजना की सारी शर्तों को पूरा करती हो।
महिला सशक्तिकरण के लिए है ये योजना
यह योजना प्रत्यक्ष रूप से केन्द्र सरकार की भले न हो लेकिन इस योजना को शुरू करने के लिए सरकार को पूरा श्रेय जाता है क्योंकि सरकार ने ही निर्देश देकर बैंकों और गैर बैंकिंग संस्थाओं को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विधवाओं, दिव्यांग महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए इस योजना को शुरू कराया है।
उद्योगिनी योजना किन-किन महिलाओं के लिए है
उद्योगिनी योजना का मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत उन महिलाओं को लाभ दिया जाता है जो महिलाएं खुद अपना कारोबार करतीं हैं या स्वरोजगार शुरू करना चाहतीं हैं। इस योजना में उन महिलाओं को भी लोन का लाभ दिया जाता है जो पहले से अपने कई कारोबार चला रहीं हैं। उद्येगिनीयोजना में महिलाओं को कम से कम ब्याज दर पर अधिकतम 3 लाख रुपये का लोन दिया जाता है। इस योजना की खास बात यह है कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति तथा शारीरिक रूप से अक्षम महिलओं को ब्याज मुक्त लोन उपलब्ध कराया जाता है।
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Udyogini Scheme Benefits in Hindi: उद्योगिनी योजना से कौन-कौन ले सकता है लाभ
उद्योगिनी योजना का लाभ उन सभी महिलाओं को मिल सकता है जो इस योजना की सारी शर्तों को पूरा करती हैं। उद्योगिनी योजना के तहत महिला लाभार्थी के लिए रजिस्टर्ड बिजनेस करना जरूरी होता है अथवा रजिस्टर्ड बिजनेस करना चाहतीं हैं।
कौन-कौन से बिजनेस हैं उद्योगिनी योजना में रजिस्टर्ड
उद्योगिनी योजना से लाभ वहीं महिलाएं प्राप्त कर सकतीं हें जो सरकार तथा बैंकों व गैर बैंकिग संस्थाओं द्वारा रजिस्टर्ड बिजनेस कर रहीं हैं या करने वाली हैं। इस योजना में 88 बिजनेस रजिस्टर्ड रजिस्टर्ड हैं। इनमें से प्रमुख इस प्रकार हैं:-
ब्यूटी पार्लर का बिजनेस, चूड़ियां बनाने का बिजनेस, बेडशीट और टॉवल बनाने का बिजनेस, बुक बाइंडिंग एंड नोट बुक्स बनाने का बिजनेस, मसाले बनाने का बिजनेस, कॉफी और चाय पाउडर बनाने का बिजनेस, कॉडन थ्रेड मैन्यूफैक्चरिंग का बिजनेस, पौधों की नर्सरी का बिजनेस, नालीदार बॉक्स बनाने का बिजनेस, कट पीस कपड़ा का बिजनेस, डेयरी और पोल्ट्री से जुड़े बिजनेस, खाद्य तेल की दुकान, अगरबत्ती बनाने का कारोबार, ऑडियो और वीडियो कैसे की दुकान, बेकरी का बिजनेस, आटा चक्की की दुकान, फिश स्टॉल का बिजनेस, फूलों का बिजनेस, गिफ्ट आर्टिकल की दुकान, इर्धन की लकड़ी का बिजनेस, हाउस होल्ड आर्टिकल की रिटेल दुकान, जेम जैली और अचार बनाने का बिजनेस, टाइपिंग और फोटोकॉपी की दुकान, जूट कालीन का बिजनेस, स्याही बनाने का कारोबार, सामुदायिक लाइब्रेरी का बिजनेस, माचिस बॉक्स बनाने का कारोबार, नायलॉन बटल बनाने का कारोबार, मिठाई की दुकान, सिलाई, कढ़ाई और बुनाई का कारोबार, पुराने कागज से लिफाफे बनाने का कारोबार, चाय की दुकान, सब्जी की दुकान, ऊनी वस्त्र बनाने का काम, सिंदूर बनाने का काम, फोटो स्टूडियो की दुकान, कैंटीन और कैटरिंग का बिजनेस, सफाई पाउडर बनाने का बिजनेस, कपड़े की छपाई और रंगाई का काम, रेडियो और टीवी सर्विसिंग स्टेशन का बिजनेस, रेडीमेड गारमेंट का बिजनेस, रिबन बनाने का काम, रियल इस्टेट का काम, साड़ी पर कढ़ाई का काम, साबुन का तेल बनाने का काम, साबुन, वाशिंग पाउडर बनाने का काम, लकड़ी का सामान बनाने का कारोबार आदि।
उद्योगिनी योजना की कुछ खास बातें
उद्योगिनी योजना को महिलाओं की सामाजिक स्थिति को देखकर ही बनाया गया है। बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं द्वारा चलायी जा रही उद्योगिनी योजना के तहत पात्र महिलाओं को मिलने वाली सुविधाओं की कुछ खास बाते हैं। इन पर ध्यान देने से पात्र महिलाओं को और अधिक लाभ मिल सकता है। पात्र महिलाओं को इन बातों का जानना भी जरूरी है। इनमें से कुछ खास बात इस प्रकार हैं:-
- उद्योगिनी योजना की सबसे खास बात यह है कि पात्र महिलाओं को लोन लेने के लिए किसी चीज को गिरवीं नहीं रखना पड़ता है। इसका मतलब यह है कि पात्र महिलाओं को बैंकों के अन्य शर्तें पूरी करने के बाद किसी चीज को गिरवीं रखे या सिक्योरिटी दिये बिना ही लोन आसान ब्याज दर पर मिल जाता है।
- उद्योगिनी योजना से मिलने वाले लोन पर ब्याज दर बहुत कम होती है। बैंक व नान बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं द्वारा ये दरें महिलाओं के लिए इस तरह से रखीं जातीं हैं कि वे अपना बिजनेस करके ब्याज सहित लोन की धनराशि आसानी से चुका सकें। हालांकि सामान्य तौर पर उद्योगिनी योजना के तहत लोन लेने वाली पत्र महिलाओं से बैंक व वित्तीय संस्थाएं 8 प्रतिशत ब्याज लेतीं हें। लेकिन यह ब्याज दर अलग-अलग बैंकों व वित्तीय संस्थाओं में अलग-अलग होती है। यह ब्याज दर 12 प्रतिशत तक जा सकती है लेकिन यह बैंक के विवेक पर पूरी तरह से आधारित है कि वह किन परिस्थितियों में कितना प्रतिशत ब्याज लेता है।
- उद्योगिनी योजना के तहत पात्र विधवा महिलाओं या विकलांग महिलाओं को ब्याज मुक्त लोन दिये जाने का प्रावधान है। इस योजना के तहत इस तरह की पात्र महिलाओं को लोन देते समय किसी तरह की प्रोसेसिंग फीस नहीं ली जाती है। इसका सीधा सा मतलब यह है कि पात्र विधवाओं ओर विकलांग महिलाओं को बिना किसी चार्ज व बिना किसी ब्याज के लोन दिया जाता है। इस तरह से ये योजना पात्र विधवाओं और विकलांग महिलाओं को पूर्ण रूप से सहारा देने वाली योजना है। इससे कोई भी महिला लोन लेकर अपनी आथिंक स्थिति मजबूत कर सकती है और अपने पैरो पर खड़ी हो सकती है।
- सामान्य तौर पर उद्योगिनी योजना के तहत लोन दिये जाने पर जीएसटी और सर्विस टैक्स लिया जाता है।
उद्योगिनी योजना से लाभ लेने के प्रमुख नियम
उद्योगिनी योजना के तहत पात्र महिलाओं को बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं से लोन लेना बहुत आसान होता है। इस योजना के तहत ऋणदाता संस्थाओं ने पात्र महिलाओं के लिए बहुत कम शर्तें रखीं हैं। महिलाओं की स्थिति को देखते हुए लोन की शर्तें ऐसी रखीं गयीं है जिन्हें पात्र महिलाएं आसानी से पूरा कर सकें। सरकार का उद्देश्य इस योजना से अधिक से अधिक महिलाओं को लाभान्वित करके उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करना है। सरकार की मंशा के अनुरूप बैंकों और गैर बैँकिंग वित्तीय संस्थानों ने महिलाओं के लिए नियम बनाये हैं। इनमें से कुछ खास नियम इस प्रकार हैं:-
- उद्योगिनी योजना के तहत केवल उन्हीं महिलाओं को ही लोन मिल सकता है, जिनका बिजनेस बैंकों व गैर बैंकिंग बित्तीय संस्थाओं द्वारा बनायी गयी रजिस्टर्ड बिजनेस की सूची में रजिस्टर्ड है।
- उद्योगिनी योजना के तहत पात्र महिलाओं को अधिक से अधिक 3 लाख रुपये का लोन दिया जाता है।
- उद्योगिनी योजना से लाभ लेने वाली महिला की उम्र 18 वर्ष से कम और 55 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिये। कहने का मतलब पात्र महिला की उम्र कम से कम 18+ होनी चहिये और 55 वर्ष से कम होनी चाहिये।
- उद्योगिनी योजना से लाभ लेने की इच्छुक पात्र महिला की पारिवारिक वार्षिक आय 1.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिये।
- उद्योगिनी योजना के तहत पात्र विधवा और विकलांग महिलाओं के लिए परिवार की सालाना आमदनी की सीमा से छूट दी गयी है।उनके परिवार की आमदनी चाहे जितनी हो वो इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकतीं हैं।
आवश्यक दस्तावेज
उद्योगिनी योजना के तहत लोन लेने के लिए पात्र महिलाओं को अनेक महत्वपूर्ण कागजातों की आवश्यकता होती है। पात्र महिलाओं को चाहिये कि लोन लेने से पहले उन सभी आवश्यक दस्तावेजों को एकत्र कर लें और उनकी फोटो कॉपी अथवा पीडीएफ फाइल बनवा कर तैयार कर लेनी चाहिये ताकि आवेदन के समय आसानी से उपलब्ध कराया जा सके। आवश्यक दस्तावेज इस प्रकार हैं:-
- पहचान प्रमाण पत्र आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड आदि।
- आवेदक महिला की दो लेटेस्ट पासपोर्ट साइज के फोटो
- जन्म प्रमाण पत्र : दसवीं कक्षा का प्रमाण पत्र, मार्कशीट, वोटर आईकार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, स्थानीय तहसीलदार से प्रमाणित पत्र, ग्राम प्रधान, स्थनीय जिला परिषद सदस्य, स्थानीय विधायक, सांसद के लेटरपैड पर लिखाया गया पत्र।
- उद्योगिनी योजना के तहत लाभ लेने वाली पात्र महिला आवेदक यदि गरीबी रेखा के नीचे की पात्रता पूरी करती है तो उनके लिए बीपीएल कार्ड की फोटो कॉपी जरूरी है।
- उद्योगिनी योजना के तहत जातिगत आरक्षण का लाभ लेने वाली पात्र महिला आवेदक के लिए जाति प्रमाण पत्र भी जरूरी है।
- उद्योगिनी योजना सीमित आय वाली पात्र महिलाओं के लिए इसलिये इसमें पारिवारिक आय से जुड़े दस्तावेज के रूप में आय प्रमाण पत्र भी आवश्यक है।
- बैंक की पासबुक की कॉपी। जिसमें बैंक खाताधारक का नाम, बैंक खाता नंबर, बैंक और उसकी शाखा का नाम, बैंक खाता का आईएफएससी कोड और एमआईसीआर कोर्ड भी होना चाहिये।
- राशन कार्ड
- आवेदन फार्म
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आवेदन किस प्रकार करें
उद्योगिनी योजना से लोन का लाभ लेने की इच्छुक पात्र महिलाओं को बैंक और गैर बैंकिंग संस्थाओं द्वारा निर्घारित फार्म लेकर आवेदन करने की प्रक्रिया पूरी करनी होती है। जो इस प्रकार है:-
1. पहला स्टेप
उद्योगिनी योजना से लाभ लेने की इच्छुक पात्र महिलाओं को सबसे पहले जिस बैंक में खाता है उसमें इस योजना की जानकारी लेनी चाहिये। यदि वहां से इस योजना के तहत लोन दिया जाता है तो वहां के अधिकारियों से पूरी जानकारी लेनी होगी। यदि वहां इस योजना के तहत लोन नहीं दिया जाता है तब भी बैंक अधिकारियों से उन शाखाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिये, जहां से इस योजना के तहत लोन दिया जाता है। उसके बाद उस बेंक की नजदीकी शाखा में जाकर आवेदन फार्म प्राप्त करें।
2. दूसरा स्टेप
आवेदन फार्म को ध्यान से पढ़ें। आवेदन फार्म में मांगी गयी जानकारी को अच्छी तरह से समझ कर उन्हें बहुत ही सावधानी से सही-सही भरें। यदि आपका कोई बात समझ में न आये तो बैंक कर्मचारियों से पूछताछ कर लें अथवा बैंक अधिकारियों से किसी जानकार व्यक्ति से सहयोग देने का आग्रह करें। इसके अलावा आपके परिवार में कोई व्यक्ति आपकी मदद कर सकता है तो उसको साथ ले जायें। उसकी मदद से आवेदन फार्म को अच्छी तरह भरें।
3. तीसरा स्टेप
जब आपका फार्म पूरा अच्छी तरह से भर जाये तो आपको फिर उसमें भरी गयी जानकारी के अनुसार आवश्यक दस्तावेजों की कॉपी नत्थी कर दें।
4. चौथा स्टेप
जब आपका फार्म भर जाये और उसमें आवश्यक दस्तावेजों की कापी लग जायें तो आप सम्बन्धित अधिकारी को आवेदन फार्म देकर उनसे चेक करने का आग्रह करें। जांच के दौरान पायी जाने वाली गलती को सुधारें और बैँक अधिकारी द्वारा पूछे गये सवालों का जवाब देकर उन्हें संतुष्ट करें। जब सब कुछ सही हो जायेगा तो बैँक अधिकारी ये आवेदन फार्म अग्रिम कार्यवाही के लिए अपने पास रख लेंगे। इस तरह से आपका आवेदन हो जायेगा। उसके बाद बैंक अधिकारी अपना कार्य करेंगे।
अब आगे और क्या करें
आपका आवेदन फार्म जमा होने के बाद आप सम्बन्धित अधिकारी से पूछ लें कि आपका लोन कब तक पास हो जायेगा। उसके बाद आप अपने स्तर से बैंक अधिकारियों द्वारा दी गयी अवधि में पूछताछ करते रहें।
बैंक अधिकारी आपके द्वारा दिये गये आवेदन फार्म में दी गयी जानकारी का वेरिफिकेशन करेंगे और जब आपकी जानकारी और दस्तावेजों दोनों से संतुष्ट हो जायेंगे तब आपका लोन पास कर लेंगे। लोन को पास करते समय आप अपने ब्याज दर के बारे में बात करना न भूलें वरना बाद में इसमें किसी प्रकारका संदेह या विवाद न हो।
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