क्या है प्रधानमंत्री आवास योजना?

प्रधानमंत्री आवास योजना सरकार द्वारा देश के गरीब एवं मध्यम वर्ग को रियल स्टेट के महंगे मकानों की अपेक्षा सस्ते मकानों को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई एक खास योजना है। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग यानी ईडब्ल्यूएस, कम आय वर्ग यानी एलआइजी और मध्यम आयवर्ग यानी एमआइजी वर्ग  के लोगों को नए भवन के निर्माण, बने बनाये मकान में अतिरिक्त कमरे, रसोईघर, शौचालय आदि के निर्माण हेतु लिये जाने वाले होम लोन के ब्याज पर सब्सिडी दी जाती है। सरकार ने इस योजना को 2015 को शुरू किया था। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य मार्च 2022 तक देश के उन 2 करोड़ लोगों को पक्की छत मुहैया कराना है, जिनके पास खुद के आवास नहीं हैं। ‘सभी के लिए घर‘ मिशन के तहत इस योजना में काम करने वाले सरकारी व गैर सरकारी एजेंसियों को केन्द्रीय सहायता प्रदान करने का ऐलान किया गया था। इस मिशन में लाभार्थियों को क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम के तहत होम लोन के ब्याज पर सब्सिडी दी जा रही है।

प्रधानमंत्री आवास योजना की खास बातें

प्रधानमंत्री आवास योजना की खास बात यह है कि इस योजना के तहत ब्याज सब्सिडी का लाभ बकाया मूल राशि के पहले ही दे दिया जाता है। इस सरकारी योजना का लाभ सब्सिडी की उपलब्धता और राशि, स्कीम के तहत विभिन्न कैटेगरी के आय वालों को उनकी आय के हिसाब से दी जाती है। इसके लिए विभिन्न आय वर्ग वालों के लिए अलग-अलग सब्सिडी की राशि तय की गयी है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए विभिन्न आय वर्गों के लोगों को योजना से जुड़ी सारी पात्रताएं पूर्ण करनी होती है और अपनी पात्रता के पक्ष में आवश्यक दस्तावेज भी आवेदन के साथ प्रस्तुत करने होते हैं।

पीएमएवाई से अधिकांश लोग हैं अंजान

प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में अधिकांश मकान बनाने वालों में जानकारी का अभाव देखा गया है। अधिकांश लोग इस योजना से जुड़ी शर्तों के बारे में जानते ही नहीं हैं। ऐसे लोग प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में जानकारी पाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते रहते हैं और सरकारी अधिकारी/कर्मचारी उन्हें वास्तविक जानकारी नहीं दे पाते हैं। ऐसे लोगों को यहां पर सारी जानकारियां दी जा रहीं हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य

प्रधानमंत्री आवास योजना भारत सरकार द्वारा महंगे रियल स्टेट सेक्टर के महंगे-महंगे मकानों की जगह सस्ते घरों को उपलब्ध कराने के लिये शुरू की गयी है। इसके अलावा सरकार ने शहरी और ग्रामीण ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एमआईजी वर्ग के लोगों को अपने पुराने व कच्चे मकानों को पक्के मकान बनाने और उनका विस्तार करने के लिए भी इस योजना में ब्याज सब्सिडी देने की योजना बनाई है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के उपलक्ष्य में मार्च 2022 तक देश भर में जरूरतमंदों के लिए 2 करोड़ मकान का निर्माण करके सबके लिए घर उपलब्ध कराना है।

प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभार्थी कौन-कौन हो सकता है

1. लाभ पाने वाला परिवार का प्रत्येक सदस्य हो सकता है, जिसमें पति, पत्नी,अविवाहित बेटे और अविवाहित बेटियां भी शामिल हैं।

2. लाभ पाने वाला व्यक्ति कमाई करने वाला होना चाहिये, वैवाहिक हो अथवा अविवाहित हो। उस व्यक्ति को हाउसहोल्ड यानी मकान के मालिक/वारिश के रूप में माना जा सकता है।

3. लाभार्थी की उम्र 21 वर्ष से 55 वर्ष तक की होनी चाहिये

4. वेतन •ोगी व्यक्ति, बिजनेस मैन और प्रोफेशनल्स कोई भी हो सकता है।

5. ईडब्ल्यूएस और एलआईजी आय वर्ग में नया मकान लेने वाले व्यक्ति या परिवार में संपत्ति की मालिक महिला का होना अनिवार्य है।

6. किसी पुरानी सम्पत्ति के विस्तार सा विकास के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सब्सिडी का लाभ लिया जाता है तो उस सम्पत्ति की मालिक का महिला होना अनिवार्य नहीं है।

7. एमआईजी वन और एमआईजी टू के लिए सम्पत्ति की मालिक महिला को होना जरूरी नहीं है

8. प्रधानमंत्री आवास योजना में एनआरआई भी लाभ ले सकता है बशर्ते उसके पास आधार कार्ड होना जरूरी है।

कौन-कौन से वर्ग आते हैं लाभ की श्रेणी में

प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को वार्षिक आय के हिसाब से चार वर्गों में विभाजित किया गया है। ये आय वर्ग इस प्रकार हैं:-

1. आर्थिक कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस)

2. कम आय वर्ग (एलआईजी)

3. मध्यम आय वर्ग प्रथम (एमआईजी वन)

4. मध्यम आय वर्ग द्वितीय (एमआईजी टू)

आय वर्ग का निर्धारण इस प्रकार किया गया है

1. आर्थिक कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) : इस आय वर्ग में वो परिवार आते हैं जिनकी घरेलू आय प्रति वर्ष अधिकतम 3 लाख रुपये होती है। इससे नीचे कितनी भी आय वाले भी इस आय वर्ग के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ हासिल कर सकते हैं।

2. कम आर्य वर्ग (एलआईजी) : कम आय वर्ग वाले वो परिवार आते हैं जिनकी घरेलू आमदनी 3 लाख से 6 लाख तक होती है।

3. मध्यम वर्ग प्रथम (एमआईजी वन): एमआईजी वन में उन लोगों को रखा गया है जिनकी वार्षिक आय 6 लाख रुपये से लेकर 12 लाख रुपये तक है। वो भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उठा सकते हैं।

4. मध्यम आय वर्ग द्वितीय (एमआईजी टू) : इस वर्ग में उन परिवारों को रखा गया है जिनकी आय प्रतिवर्ष 12 लाख रुपये से लेकर 18 लाख रुपये होती है। ये लोग भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उठा सकते हैं।

लाभ लेने के लिए कौन से आय वर्ग को कितने लोन पर मिलती ब्याज सब्सिडी

अब सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सब्सिडी का लाभ हासिल करने के लिए किस आय वर्ग के व्यक्ति को कितने लोन पर सब्सिडी मिल सकती है। आइये जानते हैं:-

1. आर्थिक कमजोर वर्ग यानी ईडब्ल्यूएस वर्ग का व्यक्ति, जिसकी वार्षिक आमदनी तीन लाख रुपये होती है, उसको अधिकतम 6 लाख रुपये के लोन पर ब्याज सब्सिडी मिल सकती है। इससे अधिक लोन पर उसे बैंक की सामान्य ब्याज दर देनी होगी।

2. कम आय वर्ग यानी एलआइजी वर्ग का व्यक्ति या परिवार जिसकी वार्षिक आमदनी 3 लाख से 6 लाख रुपये है, उसे भी 6लाख रुपये के लोन पर वो प्रधानमंत्री आवास योजना की  सब्सिडी का लाभ मिल सकता है।

3. मध्यम वर्ग प्रथम यानी एमआईजी वन का व्यक्ति या परिवार, जिसकी वार्षिक आमदनी 6 से 12 लाख रुपये है, उसे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 9 लाख रुपये के लोन पर ब्याज सब्सिडी का लाभ मिल सकता है।

4. मध्यम वर्ग द्वितीय यानी एमआईजी सेकेंड आय वर्ग में वो व्यक्ति या परिवार हैं जिनकी वार्षिक आय 12 लाख से 18 लाख रुपये है, उसको प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत केवल 12 लाख रुपये के लोन पर सब्सिडी मिल सकती है। इससे अधिक के लोन पर उसे बैंक का सामान्य ब्याज देना होगा।

किस वर्ग को कितनी ब्याज सब्सिडी मिलती है:-

1. ईडब्ल्यूएस वर्ग को 6.5 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज सब्सिडी मिलेगी। इस लोन को चुकाने की अधिकतम अवधि 20 वर्ष होनी चाहिये। लाभार्थी को  इस तरह से इस योजना में कुल 2 लाख 67 हजार और 280 रुपये का लाभ प्राप्त होता है।

2. एलआईजी वर्ग को भी ईडब्ल्यूएस की तरह 6.5 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज सब्सिडी मिलेगी। इस वर्ग के लिए भी लोन चुकाने की अवधि 20 वर्ष ही होनी चाहिये। इस वर्ग को कुल ईडब्ल्यूएस वर्ग की तरह 2 लाख 67 हजार और 280 रुपये का लाभ मिलेगा।

3. एमआईजी वन आय वर्ग वाले को मात्र 4 प्रतिशत ही वार्षिक दर से ब्याज सब्सिडी मिलेगी। इस आय वर्ग के लोगों को लोन चुकाने की  अवधि 20 वर्ष होनी अनिवार्य है। इस तरह से इस वर्ग के लाभार्थियों को कुल दो लाख पैंतीस हजार और अड़सठ रुपये का लाभ प्राप्त होगा।

4. एमआईजी टू  आय वर्ग वालों को मात्र 3 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज सब्सिडी का लाभ मिलेगा। इस आय वर्ग को भी लोन चुकाने की अवधि 20 वर्ष होनी चाहिये। इस तरह से इस आय वर्ग वाले को कुल दो लाख तीस हजार 156 रुपये का लाभ प्राप्त होता है।

कितनी जमीन पर मकान बनाने पर मिलेगी सब्सिडी

प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रमुख मापदण्डों यानी शर्तों में एक प्रमुख शर्त यह रखी गयी है कि विभिन्न आय वर्गों के लाभार्थियों के लिए मकान बनाने की जमीन की एक खास माप होगी। उससे अधिक होने पर उस लाभार्थी को इस योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता है। आइये जानते हैं कि किस आय वर्ग वाले व्यक्ति को कितनी जमीन अधिकतम होनी चाहिये।

1. ईडब्ल्यूएस आय वर्ग वाले व्यक्ति या परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सब्सिडी का लाभ पाने के लिए मकान बनाने की जमीन का कारपेट एरिया 30 वर्ग मीटर से अधिक नहीं होना चाहिये।

2. एलआईजी आय वर्ग के व्यक्ति और परिवार के पास प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सब्सिडी का लाभ लेने के लिए मकान बनाने की जमीन का कारपेट एरिया 60 वर्ग मीटर से अधिक नहीं होना चाहिये।

3. एमआईजी वन आय वर्ग के लाभार्थी के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की सब्सिडी का लाभ देने के लिए 160 वर्ग मीटर की जगह की शर्त रखी गयी है। इससे अधिक जमीन वाले व्यक्ति या परिवार को इस योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा।

4. एमआईजी टू आय वर्ग के व्यक्ति या परिवार के लाभार्थी के लिए इस योजना में मकान बनाने की अधिकतम जमीन का कारपेट एरिया 200 वर्ग मीटर की शर्त रखी गयी है। इससे अधिक जमीन होने पर लाभ नहीं मिल पाएगा।

सब्सिडी संबंधी खास बातें

1. प्रधानमंत्री आवास योजना की ब्याज सब्सिडी में एक भ्रम यानी कन्फ्यूजन की स्थिति है कि इस योजना में जो 6.50, 4 और तीन प्रतिशत ब्याज सब्सिडी देने की बात कही गयी है। यह होम लोन पर लगने वाली ब्याज की दर नहीं है बल्कि होम लोन पर लगने वाले ब्याज में दी जानी वाली छूट का लाभ है। सरकार ने होम लोन की दर औसतन 9 प्रतिशत मानी है। अब विभिन्न आय वर्ग के लोग अपनी सब्सिडी के प्रतिशत को इसमें से घटा देंगे तो उन्हें वह ब्याज ही देना होगा।

2. दूसरी खास बात यह है कि आप अपने मकान बनाने के लिए कितना भी लोन ले सकते हैं। इस योजना के तहत सरकार केवल कैटेगिरी वाइस दी गयी सीमा के लोन पर ब्याज छूट देगी।

3. लाभार्थी को सरकार द्वारा सब्सिडी का लाभ उसकी आय के हिसाब से होमलोन सीमा तक दिया जाता है जैसे आपने यदि ईडब्ल्यूएस वर्ग में 10 लाख का लोन लिया है तो आपको सरकार केवल छह लाख रुपये के लोन के ब्याज की सब्सिडी मिलेगी। मान लो कि आपने किसी बैंक से 9 परसेंट ब्याज पर 10 लाख का लोन लिया तो सरकार उसमें से सिर्फ 6 लाख रुपये के ब्याज में से 6.5 परसेंट की ब्याज सब्सिडी देगी। यानी आपको छह लाख का लोन तो 2.5 प्रतिशत ब्याज पर मिलेगा। बाकी के चार लाख का ब्याज आपको 9 प्रतिशत की दर से ही चुकाना होगा।

4. यह जरूरी नहीं कि आप प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए मकान बनाने से पहले ही आवेदन करें। यदि आपने मकान बनाने के लिए होम लोन ले रखा है, वो लोन चाहे जितने का ले रखा हो। आप प्रधानमंत्री आवास योजना की ब्याज सब्सिडी का लाभ लेना चाहते हैं और आप सरकारी मानदंडों को पूरा करते हैं तो आप बीच में भी प्रधानमंत्री आवास योजना में अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए आप कॉमन सर्विस सेंटर से मदद ले सकते हैं या आपने जिस बैंक से लोन लिया है, उसके माध्यम से भी आवेदन करके लाभ ले सकते हैं।

प्रधानमंत्री आवास लेने की कुछ प्रमुख शर्तें

1. घर के निर्माण के लिए पर्यावरण के अनुकूल मैटेरियल का इस्तेमाल करना जरूरी होता है

2. घर की क्वालिटी नेशनल बिल्डिंग कोड यानी एनबीसी और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के दिशानिर्देशों के अनुसार होनी चाहिये।

3. घर के बनाने से पहले भवन का नक्शा पास होना जरूरी है।

4. लाभ लेने वाले परिवार के किसी भी सदस्य के पास पूरे देश में पक्का मकान नहीं होना चाहिये।

5. केन्द्र सरकार या राज्य सरकार की किसी भी आवासीय योजना का लाभ पाने वाले को इस प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभ नहीं मिल सकता है।

6. उस व्यक्ति को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल सकता है जो पहले से प्राथमिक लोन संस्थान से पीएमएवाय सब्सिडी का न उठा रहा हो।

7. विवाहित जोड़े की किसी एक की या दोनों की संयुक्त मालिकाना हक वाली जमीन पर मकान बनाने के लिए केवल एक ही व्यक्ति को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल सकता है।

8. एमआईजी आय ग्रुप वाले व्यक्ति को लाभ लेने के लिए सबसे पहले अपना आधार नंबर देना होगा।

9. जिस संपत्ति पर प्रधानमंत्री आवास योजना की ब्याज सब्सिडी का लाभ लेना हो, उस संपत्ति पर बिजली, पानी, सीवरेज आदि बुनियादी सुविधाएं होनी जरूरी हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना देश के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों की जरूरत को देखते हुए दो भागों में विभाजित की गयी है। दोनों ही भागों के लिए लाभार्थियों के लिए समय भी निर्धारित किया गया है।

1. प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (पीएमएवाई-जी)

2. प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना (पीएमएवाई-यू)

प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (पीएमएवाई-जी): ग्रामीणों के लिए आवास उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री आवासीय ग्रामीण योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य शहरों को छोड़कर देश के ग्रामीण अंचलों में कच्चे घरों में रहने वाले गरीब परिवारों को सभी मूलभूत जरूरतों को उपलब्ध कराना है। ग्रामीण क्षेत्र में बिजली की सप्लाई, स्वच्छ पानीकी सुविधा के साथ साथ आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना ही मुख्य उद्देश्य है।

प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना (पीएमएवाई-यू): का लक्ष्य शहरी गरीबों को आवास की समस्या से छुटकारा दिलाना है। इस योजना के तहत देश के लगभग 4500 शहर व कस्बे चुने गये हैं, जहां के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना की ब्याज सब्सिडी का लाभ पहुंचाना है। इस योजना को तीन चरणों में पूरा किया जा रहा है।

कौन-कौन से डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है

साधारण तौर पर होम लोन लेने के लिए जिस तरह के डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है। उसी प्रकार प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ लेने के लिए भी उन्हीं डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है। जैसे

1. आईडी पू्रफ यानी आपका कोई सरकारी परिचय पत्र, आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस आदि

2. एड्रेस प्रूफ आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, बिजली बिल या हाउस टैक्स की रसीद आदि

3. इनकम डॉक्यूमेंट, यदि सैलरी वालें तो आपको दो माह की सैलरी स्लिप, छह माह का बैंक स्टैटमेंट, फार्म 16 आदि

4. यदि बिजनेस मैन हैं तो आपको तीन साल की इनकम टेक्स रिटर्न की डिटेल

5. यदि जमीन पर मकान बनवाने या मकान के अतिरिक्त कमरे, रसोई,शौचालय आदि बनवाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं तो उससे जुडेÞे सभी आवश्यक दस्तावेज भी देने होंगे।

कैसे कर सकते हैं आवेदन

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ब्याज सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए आप आॅन लाइन, आॅफ लाइन आवेदन कर सकते हैं। आप बैंक के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं और कामन सर्विस सेंटर से भी आवेदन करके लाभ उठा सकते हैं।

सब्सिडी की राशि कब और कहां मिलती है

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाली ब्याज सब्सिडी की राशि आवेदन के छह महीने से एक साल बाद लाभार्थी के खाते में सीधे पहुंच जाती है। यह राशि किसी भी लाभार्थी को नकद नहीं दी जाती है।

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