मिलेनियल के लिए बेस्ट इन्वेस्टमेंट आईडिया

. 1 min read
मिलेनियल के लिए बेस्ट इन्वेस्टमेंट आईडिया

इन इन्वेस्टमेंट आइडिया के बारे में जानने से पहले हम आपको समझाएंगे कि आखिर मिलेनियल होता क्या है?

मुख्यतः यह एक जनरेशन होती है, जो कि 1980 से लेकर 1996 के बीच में जन्मी हुई होती है, या तो यह व्यक्ति अपनी 20s के शुरुआती दौर में होते हैं या फिर अपने 30s के आखिरी दौर में होते हैं। अर्थात इनकी आय 20 से 30 वर्ष के बीच में होती है, 2011 की जनगणना के अनुसार भारतीय जनसंख्या का लगभग 40% हिस्सा इसी आयु वर्ग में आता है।

इतने प्रतिशत हिस्से को ध्यान में रखते हुए आप भी सोच सकते हैं कि आने वाले समय में यह इन्वेस्टमेंट आइडियाज आपके कितना अधिक काम आ सकते हैं, उससे पहले आपको बताते हैं इस मिलेनियल जनरेशन के कुछ इंटरेस्टिंग फाइनेंसियल फेक्ट :-

1. स्लो इनकम ग्रोथ:-

इस जनरेशन की इनकम ग्रोथ काफी धीमी होती है, क्योंकि वर्तमान में जनसंख्या बढ़ने की वजह से देश की कुल प्रति व्यक्ति आय भी कम हो गई है। यदि बात करें एशियन देशों की तो भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में काफी अधिक पॉपुलेशन होने के कारण प्रति व्यक्ति आय में काफी कमी आई है। वहीं चीन इस लोअर मिडल इनकम ट्रेप से निकलने में सफल हो पाया है।

एक्सपेक्टेड एब्सलूट नाम के एक एनजीओ की रिपोर्ट के अनुसार 2020 में मिलेनियल की ग्रोथ रेट 2.7% थी जबकि 2019 में यह 3% के लगभग थी। कोविड-19 की वजह से इस ग्रोथ रेट में आने वाले समय में और अधिक कमी होने की आशंका जताई जा रही है।

2. पेंचीदा फाइनेंशियल लिटरेसी :-

पहले की जनरेशन के व्यक्ति किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले इतनी अधिक खोजबीन नहीं करते थे, इस कारण या तो वे बहुत अधिक मुनाफा कमा पाते थे या फिर उनका पूरा पैसा डूब जाता था, परंतु उस वक्त उन लोगों के पास निवेश करने के लिए इतना अधिक पैसा होता भी नहीं था।

परंतु वर्तमान की जनरेशन की फाइनेंशियल लिटरेसी बढ़ने के कारण वह किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले काफी रिसर्च करते हैं, इस कारण कई बार अच्छा मुनाफा देने वाली कंपनी भी मिस कर जाते है, इससे उनकी इनकम ग्रोथ भी धीरे होती है।

3. पैसे के लिए अधिक चिंता करना :-

मिलेनियल जनरेशन के लिए पैसा आज के टाइम भी चिंता का एक कंसिस्टेंट विषय बना हुआ है। एक रिपोर्ट के अनुसार 45% मिलेनियल जनरेशन ऋण और दूसरी प्रकार की समस्याओं से सामना कर रहे हैं। मेंटल एबिलिटी से संबंधित एनजीओ माइंड एब्सोल्यूट की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 66% मिलेनियल रात के समय इस प्रकार की फाइनेंसियल चिंता को ज्यादा फील करते हैं, उन्हीं की राय के अनुसार 70% लोगों ने रिपोर्ट किया है कि पैसे की समस्या उन्हें रात को सोने तक नहीं देती।

इस प्रकार आपने जाना मिलेनियल जनरेशन के कुछ फाइनेंशियल फेक्ट, अब हम बात करेंगे कि यदि आप भी इसी जनरेशन से है तो इन आइडियाज के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर इनमें निवेश कर अपनी फाइनेंसियल चिंताओं को दूर करने के साथ-साथ अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं, आइए जानते हैं-

1. यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) :-

इस प्रकार के प्लान को शार्ट में यूएलआईपी के नाम से जाना जाता है, हालांकि इनमें बहुत से प्रकार की रिस्क भी इंवॉल्व रहती है, इसलिए आपको अपने इक्विटी फंड, डेब्ट म्युचुअल फंड और बैलेंस फंड को चुनते समय पूरी सावधानी से रिसर्च करके ही चुनना चाहिए। लेकिन यदि आप एक सेफ इन्वेस्टर हैं तो आपको ऋण से जुड़े हुए फंड में ज्यादा निवेश करना चाहिए, इससे आपकी वेल्थ बढ़ने के साथ-साथ लाइफ इंश्योरेंस का कवरेज भी मिलने का फायदा होता है।

इसलिए यूएलआईपी प्लान मिलेनियल जनरेशन के लिए सबसे बेस्ट इन्वेस्टमेंट प्लान में गिने जाते हैं। इस प्रकार के प्लान के तहत टैक्स फ्री विड्रॉल, स्ट्रक्चर लिक्विडिटी, लो कॉस्ट अवेलेबिलिटी और इजी स्विच जैसी सुविधाएं भी मिलती है। जिससे कि आपको मार्केट के रिस्क का इतना अधिक इफेक्ट नहीं पढ़ पाता।

एक फाइनेंसियल एनजीओ की रिपोर्ट के अनुसार इन प्लान की सहायता से आपके पोर्टफोलियो में 200 से 250% का रिटर्न हासिल किया जा सकता है। उदाहरण के लिए समझिए कि यदि आप किसी भी अच्छे यूएलआईपी प्लान में ₹25000 का प्रीमियम खरीदते हैं, जो कि 60 वर्ष तक चलता है तो, आपको इसकी तुलना में 200% तक मुनाफा हो सकता है, साथ ही आपका जमा किया गया पैसा भी मिल सकता है।

2. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PUBLIC PROVIDENT FUNDS) :-

यदि आपने निर्धारित किया है कि आप 15 वर्ष तक ही किसी भी प्रकार के फंड में निवेश कर सकते हैं, तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड आपके लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकते है। इस प्रकार के फंड में भी टैक्स फ्री इंटरेस्ट के अलावा बेस्ट इन्वेस्टमेंट प्लान के लिए लॉन्ग टर्म जनरेशन को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जाती है।

युवा इन्वेस्टर के लिए भी 7.9 प्रतिशत की इंटरेस्ट रेट पर आपको मुनाफा प्रदान किया जा सकता है, हालांकि इस प्रकार के फंड के लिए दिया जा सकने वाला इंटरेस्ट सरकार के द्वारा निर्धारित किया जाता है और डिपाजिट की अधिकतम लिमिट 1.5 लाख रुपए प्रति वर्ष रखी गई है। आपका इंटरेस्ट रेट हर वर्ष जुड़ता रहता है, जोकि 15 वर्ष के अंत में पूरा जुड़कर आपको आपके प्रीमियम के पैसे के साथ ही प्रदान किया जाता है।

Equity linked savings scheme on white paper with pencil, calculator and money over a wooden table

3. इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम :-

इस प्रकार की सेविंग स्कीम को ईएलएसएस म्युचुअल फंड के नाम से भी जाना चाहता है। मुख्यतया वर्किंग प्रोफेशनल व्यक्तियों के द्वारा इस प्रकार के इन्वेस्टमेंट प्लान को बेस्ट समझा जाता है, क्योंकि इस प्रकार के निवेश में अधिक रिस्क होता है, इसके साथ ही रिटर्न भी अधिक मिलने की संभावना रहती है। जैसा कि आप जानते हैं कि इस प्रकार की स्कीम दूसरी स्कीमों से थोड़ी डिफरेंट होती है इसलिए टैक्स सेविंग बेनिफिट के रूप में भी एक लाख रुपए तक का फायदा मिल सकता है।

3 साल के लॉक इन पीरियड की इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम मुख्य रूप से स्टॉक मार्केट के निवेशकों को आकर्षित करने की कोशिश करती है, इसका रिटर्न फिक्स डिपॉजिट से मिलने वाले रिटर्न की तुलना में लगभग दोगुना होता है। यदि इस प्रकार की स्कीम में आप 15 से 20 वर्षों तक निवेश करने की क्षमता रखते हैं तो, आपको प्रतिवर्ष 25% तक का भी रिटर्न मिल सकता है, परंतु ध्यान रहे कि सिर्फ लोंग टर्म इन्वेस्टमेंट पर ही इतना रिटर्न मिल पाएगा।

4. नेशनल पेंशन स्कीम :-

1999 में पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी(PFRDA) के द्वारा लाई गई नेशनल पेंशन स्कीम रिटायरमेंट प्लान के वक्त मिलेनियल जनरेशन के काफी नाम आने वाली स्कीम है। 2021 में इस प्रकार की स्कीम को बेस्ट बनाने वाली इसकी सबसे अच्छी बात है कि यह फिक्स डिपाजिट, इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड, गवर्नमेंट बोर्ड और लिक्विड फंड जैसे सभी प्रकार के प्लान का एक मिक्सर जैसा है।

अच्छा रिटर्न प्राप्त करने के लिए आप एक, तीन या पांच साल के प्लान को अपना सकते हैं। इसके अलावा इसमें डेढ़ लाख रुपए तक का टैक्स सेविंग बेनिफिट मिल सकता है। इन सब बातों को जानने के बाद आप खुद ही अनुमान लगा सकते हैं कि रिटायरमेंट के ऑप्शन के रूप में वर्तमान में वर्किंग प्रोफेशनल के लिए यह एक सर्वश्रेष्ठ स्कीम है।

5. लाइफ इंश्योरेंस प्लान :-

बहुत सारी इंश्योरेंस कंपनियों को मिलाकर 1955 में एलआईसी का गठन किया गया था और इस लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का नेशनलाइजेशन होने के कारण एक समय लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर में गवर्नमेंट कंपनी की मोनोपोली हो गई थी, परंतु वर्तमान में बहुत सारी कंपनियां अलग-अलग लाइफ इंश्योरेंस प्लान प्रस्तुत कर रही है, जिनमें से कोई सा भी एक प्लान आप अपने बजट के आधार पर चुन सकते हैं।

हालांकि लिविंग स्टैंडर्ड बढ़ने की वजह से वर्तमान जनरेशन अपने बचत के पैसे में से लाइफ इंश्योरेंस लेना पसंद नहीं करती है, परंतु हमेशा ध्यान रहे कि कोविड-19 जैसी कोई भी महामारी आपको परेशान कर सकती है, इसलिए इस प्रकार के इंश्योरेंस प्लान में एक सीमित प्रीमियम भरकर स्वयं और अपने फैमिली मेंबर के लिए इंश्योरेंस करवाना चाहिए। इस प्रकार के निवेश किए गए पैसे का इस्तेमाल एलआईसी जैसी कंपनियां गवर्नमेंट सिक्योरिटी और इक्विटी बांड खरीदने में करती है।

इसके अलावा लाइफ इंश्योरेंस में निवेश करने पर आपको इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत डेढ़ लाख का टैक्स बेनिफिट भी दिया जा सकता है। लॉन्ग टर्म में निवेश करके आप भी अच्छा खासा प्रीमियम प्राप्त कर सकते है। वर्तमान में एलआईसी के द्वारा केवल ₹200 प्रतिमाह प्रीमियम के बेस पर कई ऐसी स्कीम निकाली गई है, जोकि पचास लाख रुपए तक का इंश्योरेंस प्रदान करती है।

आप अपने आसपास के क्षेत्र में किसी भी एलआईसी संस्था या फिर दूसरी लाइफ इंश्योरेंस संस्थाओं के एजेंट की सहायता से इस प्रकार के प्लान की और अधिक जानकारी लेकर निवेश कर सकते है।

6. शेयर मार्केट में निवेश :-

यदि आपके पास शेयर मार्केट के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी है तो अच्छी बात है, लेकिन यदि आपके पास इस प्रकार का कोई फाइनेंसियल नॉलेज नहीं भी है तो भी आप इंटरनेट की सहायता से कई बड़ी फाइनेंसियल संस्थाओं के द्वारा चलाए जा रहे प्लान को घर पर रहकर ही शेयर मार्केट के बारे में सीख सकते हैं और जान सकते हैं कि कौन सी कंपनी के शेयर प्राइस में किस गतिविधि के कारण उतार-चढ़ाव होता है।

शेयर मार्केट को गहराई से समझने के बाद इस प्रकार के व्यवसाय में निवेश करना आपके लिए काफी बेहतर साबित हो सकता है, क्योंकि इस व्यवसाय में यदि आपने अपना निवेश सीमित रखा हुआ है तो आपके द्वारा कमाए जाने वाला मुनाफा अनलिमिटेड हो सकता है।

हमेशा ध्यान में रखें कि बेवजह की लालच की वजह से इस प्रकार के व्यवसाय में नुकसान भी बहुत तेजी से होता है, इसलिए आप अपने इंडिविजुअल स्तर पर ही स्टॉक खरीद कर मार्केट में हो रही फ्लकचुएशन को समझते हुए शेयर की वोलैटिलिटी का फायदा उठाकर अपना मुनाफा बचा सकते हैं।

7. म्यूच्यूअल फंड :-

पिछले 2 या 3 सालों से आपने टीवी देखते वक्त म्यूचुअल फंड के एडवरटाइजमेंट को बहुत बार देखा होगा, आप खुद भी समझ सकते हैं कि आखिर क्यों यह कंपनियां अपने विज्ञापन पर इतना पैसा खर्च कर रही है, इसके पीछे का मुख्य कारण यह है कि इस प्रकार के व्यवसाय में बहुत अधिक पोटेंशियल है और आने वाले समय में यह बहुत बड़ा व्यवसाय बनने वाला है।

इसलिए अभी भी आपके पास समय है कि आप एक सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान अपनाकर म्यूचुअल फंड में पैसा निवेश कर सकते हैं और अपना एक फाइनेंसियल डिसिप्लिन भी बना सकते हैं। इस प्रकार के निवेश में आपको इक्विटी और डेब्ट सेगमेंट में निवेश करने की अपॉर्चुनिटी मिलने के साथ ही अलग-अलग रिस्क वाले निवेशकों के लिए अलग-अलग प्लान भी उपलब्ध करवाएं जाते है।

लोकप्रिय म्यूच्यूअल फंड कम्पनियों के द्वारा बनाए गए प्लान के तहत छोटे स्तर पर मंथली बेसिस पर किया गया इन्वेस्टमेंट आपको अधिक मुनाफा नहीं दे पाएगा, परंतु यदि आप लांग टर्म में म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आप आसानी से फिक्स डिपाजिट की तुलना में दोगुना से भी अधिक पैसे कमा सकते है।

8. टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट :-

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फिक्स डिपाजिट दो प्रकार के होते हैं, एक तो ऐसे फिक्स्ड डिपॉजिट जिन्हें आप बैंकों की सहायता से जमा करवाते हैं और इस प्रकार के फिक्स्ड डिपॉजिट से मिलने वाले मुनाफे पर आपको इनकम टैक्स एक्ट के तहत टैक्स चुकाना रहता है।

दूसरे फिक्स डिपाजिट वह होते हैं जिन पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं लगता है, इसलिए इस प्रकार के फिक्स्ड डिपॉजिट पर निवेश कर आप 1.5 लाख तक का टैक्स बचा सकते हैं। आप स्वयं अनुमान लगाइए कि यदि आप 5 साल तक 1.5 लाख रुपये तक का डेक्स बचाएंगे तो सात लाख रुपए तक का पैसा आपके पास होगा और इस पैसे का इस्तेमाल आप दूसरे प्रकार के निवेश में कर सकते है।

Word writing text Index Funds

9. इंडेक्स फंड :-

इंडेक्स फंड में निवेश करने से तात्पर्य है कि आप कोई गवर्नमेंट सिक्योरिटी या फिर प्राइवेट इंडिविजुअल बॉन्ड या किसी प्राइवेट कॉरपोरेशन का ट्रस्टेड फंड खरीद कर उसे किसी शेयर मार्केट के इंडेक्स के आधार पर बेंच मार्क परफॉर्मेंस को ध्यान में रखते हुए वापस सेल कर अपना मुनाफ़ा निकाल सकते हैं। इंडेक्स फंड कम लागत में मिलने वाले फंड होते हैं, जिनमें निवेश करने की स्वतंत्रता अधिक से अधिक लोगों को इस प्रकार के फंड की तरफ आकर्षित कर रही है।

हालांकि कई बार मार्केट की वोलैटिलिटी के कारण इस प्रकार के निवेश में भी कोई रिस्क सामने आ ही जाता है, परंतु फिर भी इंडेक्स फंड का करैक्टर और बेसिक स्ट्रक्चर ही इसी टाइप से बनाया गया है कि आपको इस प्रकार के रिस्क से बचने में मदद मिल जाती है।

इस प्रकार हमने जाना कि कैसे मिलेनियल जनरेशन ऊपर बताए गए स्कीम और प्लान में निवेश कर वर्तमान समय में अपने लिए पैसा बचाने के साथ-साथ अपना फ्यूचर भी सिक्योर कर सकते है।

यह भी पढ़ें :

1) बिज़नेस शुरू करने से पहले जान लें ये क़ानून
2) ई-कॉमर्स बिज़नेस की शुरुआत कैसे करें?
3) किराना स्टोर कैसे खोलें?
4) इंटरनेट एंड ब्रॉडबैंड सर्विस कैसे शुरू करें?