भारत के ख़ुशनुमा राज्य मिजोरम की इन बाज़ारों से आप ख़ुशनुमा शॉपिंग कर सकते हैं
भारत के उत्तर पूर्वी में बसा मिज़ोरम, हिंदुस्तान का सबसे ख़ुशनुमा राज्य है. इस राज्य के लोगों की सबसे अच्छी ख़ासियत यही है कि वो ख़ुश रहते हैं. समय अच्छा हो या बुरा. वो हंस-हंस कर सारी मुश्किलें हल कर लेते हैं.
इतना ही नहीं, मिजोरम ख़ुशनुमा राज्य होने के साथ-साथ देश के सबसे सुरक्षित राज्यों में से एक है. यहां की शांति और ख़ूबसूरती देखकर ही लोग मिजोरम के लिये भागे चले आते हैं. कमाल की बात ये है कि मिजोरम के ज़्यादातर बाज़ार महिलाओं द्वारा संचालित है.
मिजोरम (Mizoram) देश का वो हिस्सा है, जहां से अपराध के मामले न के बराबर आते हैं. यानि, इस राज्य में आपको आपराध को लेकर ज़्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. इसके अलावा यहां के अधिकतर लोग आत्मनिर्भर हैं. वो किसी भी काम के लिये घरवालों या फिर दूसरों पर निर्भर नहीं हैं. शायद उनके ख़ुश रहने का एक कारण ये भी हो सकता है.
मिजोरम जाने वाले लोगों की माने तो उनका कहना है कि यहां के लोग बेहद अच्छे मेजबान और आत्मीय होते हैं. वो बाहर से आने वाले लोगों को बेहद सलीके और इज्जत के साथ ट्रीट करते हैं.
पर्यटन की नज़र से देखा जाये तो उसमें भी मिजोरम नबंर वन है. ख़ुशनुमा राज्य का टूर करने दूर-दूर से लोग यहां सुकून के पल बिताने आते हैं. अगर आप मिजोरम की कला और संस्कृति का बेहतरीन नमूना देखना चाहते हैं, तो यहां के दर्शनीय स्थलों पर जायें. ये एक स्थान है, जहां घूमने के बाद आपको बेहद सुकून और शांति मिलेगी.
मिजोरम को 21 पहाड़ी श्रृंखलाओं के लिए भी जाना जाता है, जो यहां आने वाले पर्यटकों के लिये बेहद आनंददायक है.
क्या कहता है मिजोरम का इतिहास?
यूं तो मिजोरम के इतिहास को लेकर ज़्यादा कुछ नहीं कहा जाता रहा है, लेकिन हां कहते हैं कि 16वी शताब्दी के दौरान मिजोरम का इतिहास अस्तित्व में आया था. इसके बाद 18वी और 19वी के दौरान यहां बहुत से जनजातीय युद्ध हुए थे. जिसके चलते 1898 में मिजोरम ब्रिटिश शासन के अधीन हो गया था.
कहा जाता है कि मिजोरम की पहली राजनीतिक पार्टी मिजो कॉमन पीपल्स का गठन 1946 में हुआ था. उसके बाद 1947 में मिजोरम को अलग राज्य बनाने की मांग उठने लगी. आखिर में 1987 में मिजोरम को अलग राज्य का दर्जा देकर सबकी मांग पूरी कर दी गई.
मिजोरम के बारे में कुछ तथ्य जान लेते हैं
1. भारत के 23वें राज्य के रूप में मिजोरम 20 फरवरी 1987 को अस्तित्व में आया था.
2. कहते हैं कर्क रेखा मिजोरम को लगभग बीच में से काटकर गुजरते हुई जाती है.
3. मिजोरम में अधिकतर दाल, संतरा, मक्का, टमाटर, चावल, अदरक और गन्ने की खेती की जाती है.
4. मिजोरम स्थित पलक झील यहां की सबसे झील है.
5. मिजोरम में कुल 8 जिले हैं, जिसकी राजधानी आइजोल है.
6. मिजोरम में अधिकतर मिजो जाती के लोग रहते हैं, जिस वजह से इसकी मुख्य भाषा मिजो है.
चूंकि, मिजोरम कृषि पर निर्भर है. इसलिये इसके सार प्रमुख त्योहार कृषि से संबधित होते हैं. मिजोरम के लोग उत्साह और उल्लास के साथ हर त्योहार निभाते हैं. मार्च महीने में ‘छपरा कुट’ नामक त्योहार हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है.
हिंदुस्तान के हर राज्य का पहनावा अलग होता है. इसलिये मिजोरम का पहनावा भी काफ़ी अलग और ख़ूबसूरत है. मिजोरम की महिलायें कव्रेची ब्लाउस को पौंची के साथ पहनती हैं. महिलाओं की ड्रेस में पुंछी ड्रेस भी होती है, जो कि बेहद ख़ूबसूरत होती है.
वहीं लूसी की जनजाति की महिलायें सूती स्कर्ट पहनती है. मिजोरम के पुरुष साधारण कपड़े पहनते हैं, जो कि सफ़ेद लाल और सफ़ेद रंग के होते हैं.
चलिये अब ख़ुशनुमा राज्य से थोड़ी बहुत शॉपिंग भी कर लेते हैं
1. बारा बाज़ार (ऐज़ौल)
बारा बाज़ार (Bara Bazar), ऐज़ौल (Aizawl) का प्रसिद्ध बाज़ार है. ये न सिर्फ़ राज्य का सबसे बड़ा मार्केट है, बल्कि सबसे रंगीन बाज़ारों में से भी है. इस बाजार में आप वनस्पति उत्पादों से लेकर कपड़े और अन्य घरेलू सामान तक ले सकते हैं.
स्थानीय लोग को यहां आने वाले पर्यटकों को उनकी ख़रीददारी में मदद कराते हुए भी देखा जाता है. इसका मतलब है कि वहां से शॉपिंग करते समय आपको किसी बात की तकलीफ नहीं होगी. अगर आप यहां से ख़रीददारी करते हैं, तो सामान के साथ-साथ आपको मिजो भोज कराके आपका स्वागत किया जाता है. कुल मिला कर यहां से ख़रीददारी एक सुखद अनुभव देगी.
ध्यान देने वाली बात ये है कि मिजोरम की सबसे अच्छी पौन यहीं मिलती हैं. इसके अलावा वैसे तो ये मार्केट आपको हमेशा भीड़ से भरी दिखाई देगी, बाक़ी शनिवार को कुछ ज़्यादा ही रहती है.
2. मिलेनियम सेंटर (ऐज़ौल)
मिलेनियम सेंटर, मिजोरम के बेस्ट शॉपिंग सेंटर में से एक है. वास्तव में ये मॉल यंगस्टर्स के लिये बना है. विशाल तीन मंजिला इमारत में आपको 300 से अधिक दुकानें मिलेंगी.
इस मॉल की ख़ासियत है कि ये कभी खाली नहीं रहता और यहां हमेशा लोग शॉपिंग के लिये आते-जाते रहते हैं. यंगस्टर्स को यहां भारी तादाद में देखा जा सकता है.
3. सोलोमन केव (ऐज़ौल)
अगर स्थानीय लोगों की बात करें, तो ये उनकी पंसदीदा जगहों में से एक है. सोलोमन केव लोगों के बीच इसलिये भी प्रसिद्ध है, क्योंकि यहां आपको सारी चीज़ें सही दामों पर मिलेंगी.
सोलोमन केव में ज्यादातर हस्तकला वाले आइटम्स मिलेंगे. अगर आपको मिजोरम की संस्कृति और कला का नज़ारा देखना है, तो यहां जाइये. इस जगह से हस्तशिल्प वस्तुएं ले जाकर आप अपनी शॉपिंग को बेहतरीन बना सकते हैं.
4. न्यू मार्केट (ऐज़ौल)
न्यू मार्केट (New Market) ऐज़ौल का बिल्कुल ओपन मार्केट है, जहां से आप जूते, कपड़े, बैग और चप्पल ख़रीद सकते हैं. वो भी कम दाम पर यहां से शॉपिंग करना आपको अच्छा लगेगा.
5. रिट्ज मार्केट (ऐज़ौल)
ये ऐज़ौल की पॉपुलर मार्केट है, जहां आपको बहुत-बहुत अच्छी चीज़ें ख़रीदने का ऑप्शन मिलेगा. इस मार्केट की सबसे अच्छी बात ये है कि यहां शॉपिंग करते हुए आपको अपने बजट के बारे में ज्यादा सोचना नहीं पड़ेगा.
इस मार्केट में आपको बैग्स, कपड़े और हैंडीक्राफ्ट्स आइटम्स सही दाम पर मिल जायेंगे.
6. हनम छंटू पौल (ऐज़ौल)
ये ऐज़ौल की लोकल बाज़ार है, जहां आपको स्थानीय कारीगरों की कलाकारी देखने को मिलेगी. अगर आपको छोटी-मोटी शॉपिंग करनी है, तो यहां जाना एक सुखद अनुभव होगा.
7. लंगमौल हस्तशिल्प केंद्र
इस मार्केट के बारे में क्या ही कहें, जब आप वहां जायेंगे, तो शायद आप भी यही बात कहें. ये मार्केट वाकई में मिजोरम का चॉर्म है, जहां बहुत कुछ मिलता है.
मिजोरम अपनी संस्कृति और कला के लिये जाना जाता है. लोकल कारीगरों द्वारा बनाई गई चीज़ें बेहतरीन होती हैं. यहां से आप लकड़ी के बनाये हुए आइटम्स ला सकते हैं. हस्तशिप्ल के कपड़े भी ख़रीद सकते हैं. इसके अलावा घर की सजावट के लिये ख़ूबसूरत पेंटिंग्स और वुड आर्ट ला सकते हैं.
इसके अलावा मिजोरम का पहनावा भी काफ़ी मशहूर है. इसलिये आप वहां से राज्य के प्रसिद्ध कपड़े भी ला सकते हैं. मिजोरम से जंक ज्वैलरी भी लाई जा सकती है. अगर आप वहां स्थानीय चीज़ों की ख़रीदें, तो ज़्यादा बेहतर होगा.
मिजोरम एक ऐसा राज्य है, जहां इतना कुछ अद्भुत है कि आपका मन छू लेगा. कहते हैं आइजोल से कुछ ही दूर स्थित सेलिंग शहर में बिना दुकानदार के दुकाने चलती हैं. कहा जाता है कि स्थानीय समुदाय एक अनोखी और अद्भुत परंपरा का पालन करता है, जिस वजह से इन दुकानों में आपको दुकानदार नहीं मिलेगा.
कहते हैं कि इसे 'नगहा लो डावर संस्कृति' माना जाता है. इस परंपरा के चलते बिना दुकानदारों की मौजूदगी के दुकानें खोली जाती हैं. यहां ग्राहक आते हैं सामान ख़रीदते हैं और पैसे डिपाज़िट बॉक्स में रख कर चले जाते हैं. यहां के दुकानदार विश्वास के सिद्धांत पर काम करते हैं. सोचिये भला ऐसा कौन सा दुकानदार होगा, जो विश्वास करके दुकान को ग्राहकों के भरोसे छोड़ देगा.
बस यही मजोरम है, जो बाक़ी लोग जैसा नहीं है. यहां के लोगों का दिल बेहद साफ़ और सच्चा है. जिस वजह से यहां आने वाले लोग कभी निराश नहीं होते.
अगर मिजोरम जाते हैं तो वहां के नृत्य भी देखइयेगा. आइयेगा जानते हैं कि वहां के प्रमुख नृत्य कौन से हैं
1. चेराव
यह सबसे कलरफ़ुल मिजो नृत्य होता है. इस नृत्य को बांस के नृत्य के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इसके प्रदर्शन में बांस का उपयोग किया जाता है. बांस का उपयोग करते हुए मिजो के लिये अपने डांस से वहां की संस्कृति और कला दिखाते हुए अपने टैलेंट का जलवा दिखाते हैं.
2. खुवाल्लुम
ये डांस मेहमानों का स्वागत करने के लिये किया जाता है.
3. छीह-लाम
ये नृत्य ख़ुशियों और आनंद का प्रतीक माना जाता है.
4. चाई
चाई एक त्योहार नृत्य है.
5. रल्लू-लम
इसे वहां का नृत्य तो नहीं कहेंगे, लेकिन हां एक त्योहार के दौरान के वहां के हल्क-फुल्का डांस करके उस त्योहार को सेलिब्रेट करते हैं.
6. सोलकिया
मिजोरम के मारस और पावी समुदाय के लोगों द्वारा किया जाने वाला ये वहां का प्रमुख नृत्य है.
7. सरलामकई
सरलामकई को मिज़ो समुदाय के सबसे प्रभावशाली नृत्यों में से एक माना जाता है.
8. पर-लाम
मनमोहक पहाड़ियों की भूमि के नाम एक और ख़ूबसूरत नृत्य है.
तो फिर कब जा रहे हो मिजोरम घूमने?
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