डेयरी फार्म खोलने के लिए सही जगह का चुनाव कैसे करें? किन बातों का रखें ख्याल

. 1 min read
डेयरी फार्म खोलने के लिए सही जगह का चुनाव कैसे करें? किन बातों का रखें ख्याल

एक समय हुआ करता था जब गांव के लोग ही पशुपालन का कार्य किया करते थे और पशुओं की सहायता से प्राप्त किए जाने वाले दूध, दही छाछ जैसी चीजों का अपने स्तर पर ही सेवन कर लिया करते थे परंतु वैश्वीकरण के साथ ही अर्थव्यवस्था में खुलापन बढ़ा और अब भारतीय मवेशियों की सहायता से तैयार किए गए दूध के प्रोडक्ट्स विश्व स्तर पर भेजे जाने लगे हैं, इसलिए इस व्यवसाय में काफी वृद्धि हुई है।

कुछ समय पहले ही आरसीईपी (रीजनल कंप्रिहेंसिव इकोनामिक पार्टनरशिप) प्रोग्राम में भारतीय सरकार ने जुड़ने से हाथ खींच लिया था, उसके पीछे का मुख्य कारण बताया गया था कि न्यूजीलैंड से सेकेंडरी मार्केट के तौर पर तैयार दूध के प्रोडक्ट काफी अच्छी क्वालिटी के होते हैं जो कि भारत में एक डंपिंग इकविपमेन्ट के रूप में इस्तेमाल किए जाएंगे और इससे भारतीय मवेशी पालको का व्यवसाय पूरी तरीके से चौपट होने की संभावना रहेगी।

सरकार के द्वारा उठाए गए इस प्रकार के कदम स्थानीय डेयरी व्यवसाय को सुदृढ़ बनाने में सहायता करेंगे, इसलिए यही सही वक्त है कि आप भी अपना एक डेयरी फार्म स्थापित कर अपने परिवार की दुग्ध उत्पादों की जरूरतें पूरी करने के साथ-साथ मार्केट में बेचकर कम मेहनत के बदले अच्छा मुनाफ़ा भी कमा सकते है।

वर्तमान में मिल्क प्रोडक्शन इंडस्ट्री 3 से 4% प्रतिवर्ष वृद्धि दर के साथ बढ़ रही है और बहुत सारे लोग इस व्यवसाय की छोटे या बड़े स्तर पर शुरुआत करना चाहते हैं, परंतु नॉलेज के अभाव के कारण शुरुआत करने में असमर्थ रहे हैं।

आज हम आपको बताएंगे किस तरीके से आप अपने डेडिकेटेड एफर्ट और समय की सहायता से पूरे वर्ष डेयरी व्यवसाय संचालित कर सकते हैं, आइए जानते हैं :-

बनाए डेयरी फार्मिंग बिजनेस प्लान :-

  • व्यवसाय को शुरू करने से पहले किसी भी एनिमल हसबेंडरी यूनिवर्सिटी की सहायता से कुछ शुरुआती ट्रेनिंग ले सकते हैं, इसके अलावा भी कई प्राइवेट ट्रेनिंग डेयरी कंसलटेंसी के द्वारा ऐसी सुविधाएं प्रदान करवाई जाती है।
  • इसके बाद अपने आसपास के क्षेत्र में पहले से संचालित किसी लोकल डेयरी फार्म पर विजिट कर वहां के मैनेजर की सहायता से मैनेजमेंट की प्रक्रिया जान सकते हैं और उससे इस व्यवसाय में आने वाली समस्याओं के बारे में सवाल पूछना ना भूलें।
  • साथ ही आप जाने कि कैसे समस्याओं के समाधान के लिए उस व्यक्ति ने क्या कदम उठाए थे, जिससे कि आज उसकी डेयरी सफल रुप से संचालित हो पा रही है।
  • कई बड़ी डेयरी संस्थाओं के द्वारा प्रति वर्ष डेयरी मैगजीन निकाली जाती है, इसके अलावा एनिमल हसबेंडरी डिपार्टमेंट के द्वारा कई ऑनलाइन ब्लॉक लिखे गए है, जिनकी सहायता से आप और अधिक जानकारी जुटा पाएंगे।
  • इसके साथ ही अपने बिजनेस प्लान में आपको पहले से ही तय करके रखना होगा कि आप किस स्थान पर अपने डेयरी फार्म को संचालित करेंगे, साथ ही कौन सी मशीनों की सहायता से या फिर कितने कर्मचारियों की मदद से डेयरी उत्पाद बनाने का काम करेंगे और इस व्यवसाय में आने वाला आपका निवेश तथा अनुमानित मुनाफे के बारे में भी पहले से ही सोच के रखेंगे तो आप का प्लान एक सफल बिजनेस प्लान के रूप में आपकी मदद करेगा।
miniatures of people made with wood standing in a que and a board aside them texted subsidy

जानिए लोन और सब्सिडी की प्रक्रिया :-

जैसा कि आपको पता है एनिमल हसबेंडरी को एग्रीकल्चर का ही एक हिस्सा माना जाता है, इसलिए वर्तमान में बैंकों के द्वारा एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए संचालित किए जाने वाले प्रायरिटी सेक्टर लेंडिंग लोन प्रोग्राम (जोकि लोन देने की एक निर्धारित प्रतिशत होती है, जिसे रिजर्व बैंक के द्वारा तय किया जाता है, वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित बैंकों के लिए यह दर 40% है अथार्थ बैंक के द्वारा दिए गए कुल ऋण में से 40% प्राथमिक सेक्टर में काम करने वाले लोगों को दिया जाएगा) की मदद से लोन ले सकते हैं।

इसके अलावा नाबार्ड (जिसे नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट के नाम से जाना जाता है) के द्वारा भी मवेशी पालकों के लिए अलग-अलग प्रकार की सब्सिडी प्रदान की जाती है, और अधिक जानकारी के लिए आप अपने आसपास स्थित कमर्शियल और कोऑपरेटिव बैंक से संपर्क कर सकते हैं।

इस व्यवसाय को संचालित करने के लिए किन किन साधनों की होगी आवश्यकता :-

1. जमीन :-

आपको थोड़ी बहुत जमीन की आवश्यकता होगी, जहां पर आप हरी घास या फिर दूसरी प्रकार की फसल उगा कर अपने मवेशियों को डाल सकते हैं। इसलिए इस प्रकार की जमीन को चुनते वक्त उसकी उपजाऊ क्षमता तथा पानी की उपलब्धि के बारे में अच्छे से जानकारी लें।

यदि आप 10 से 15 गायों की संख्या के साथ अपना डेयरी फार्म स्थापित करना चाहते हैं तो, आपको लगभग 2 एकड़ तक की जमीन की आवश्यकता होगी।

2. मवेशियों के लिए शेड :-

अपने मवेशियों की सुरक्षा के लिए एक टिन शेड अपार्टमेंट का निर्माण करवाना होगा, जिससे कि गर्मी और सर्दी के दिनों में उन्हें किसी प्रकार की तकलीफ न झेलनी पड़े।

इससे उन मवेशियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी, साथ ही वह कम बीमार होंगे, जिससे कि उनकी उत्पादकता भी बढ़ती है।

3. मवेशियों के लिए आहार :-

मुख्यतः गाय को 3 प्रकार के आहार की आवश्यकता होगी, जिसकी सहायता से उनके दूध में फेट का कंटेंट बढ़ाया जा सकता है, साथ ही उत्पादन क्षमता भी बढ़ती है।

सुखा आहार, हरा चारा और अतिरिक्त न्यूट्रिशन के लिए मार्केट से खरीदे जाने वाला पशु आहार। आप अपने बजट के आधार पर कम या अधिक क्वालिटी का पशु आहार खरीद सकते हैं।

4. गाय की ब्रीड का चुनाव :-

डेयरी व्यवसाय स्थापित करने के लिए आपको हमेशा गाय के उसी वंश को खरीदना होगा, जिनकी दुग्ध उत्पादक क्षमता अधिक हो।

वर्तमान में भारत सरकार के एनिमल हसबेंडरी डिपार्टमेंट के द्वारा कई प्रकार की गाय प्रजातियों को प्रायरिटी लिस्ट में डाला गया है, जिनमें मुख्यतया जर्सी, साहिवाल, गिर और रेड सिंधी प्रजातियां आती है।

5. कर्मचारी :-

आपकी गायों की देखभाल और रखवाली करने के लिए तथा समय पर दूध निकालने के लिए कर्मचारियों की आवश्यकता होगी।

मुख्यतः महिलाएं इस प्रकार के काम में पुरुषों की तुलना में ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करती है, इसलिए आप अपने आसपास के क्षेत्र में संचालित किए जाने वाले किसी सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं से संपर्क कर सकते हैं, साथ ही महिलाएं कम कीमत पर भी दूध निकालने का काम अच्छी तरीके से कर सकती हैं।

6. दवा की व्यवस्था :-

कई बार आपने खुरपका-मुंहपका जैसी बीमारियों का नाम सुना होगा मुख्यतया गाय, भैंस एवं दूसरे प्रकार के मवेशियों में इस तरह की बीमारी होती है। जो कि अंत में उनकी किडनी फेलियर के साथ मौत का कारण भी बन सकती है।

अपने व्यवसाय को ऐसी नुकसान देने वाली घटनाओं से बचाने के लिए आपको वैक्सीनेशन की प्रॉपर सुविधा उपलब्ध करवानी होगी और अपने यहां पाले जा रहे मवेशियों का वेटरनरी डॉक्टर की सहायता से रूटीन चेकअप करवाना होगा।

कैसे करें अपने फार्म के लिए एक अच्छी जगह का चुनाव :-

अपने फार्म को स्थापित करने के लिए आप कोई भी जगह चुन सकते हैं, परंतु इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा जैसे कि -

1. ट्रांसपोर्टेशन की अच्छी व्यवस्था :-

आप जिस क्षेत्र में अपना फार्म स्थापित करेंगे वहां पर रोड या रेल कनेक्टिविटी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए।

जैसा कि आपको पता है दूध एक ऐसा पदार्थ होता है जो कि लंबे समय तक रखने पर खराब हो सकता है, इसलिए इसे पशुओं से प्राप्त करने के बाद तुरंत मार्केट में भेजकर इस्तेमाल योग्य बनाए रखा जाता है।

2. पानी की उपलब्धता :-

अपने मवेशियों को हरा चारा उपलब्ध करवाने के लिए एवम दैनिक इस्तेमाल के लिए आपको पानी की उपलब्धता भी निर्धारित करनी होगी।

यदि उस क्षेत्र में पहले से पानी की कमी है तो सरकार से अनुमति लेकर एक बोरवेल करवा सकते हैं।

3. पर्यावरणीय स्थितियां :-

कुछ विशेष प्रकार की प्रजातियां ही सभी प्रकार के क्लाइमेट में अपनी फुल क्षमता प्रदर्शित कर पाती है, यदि आप ऐसी प्रजातियां खरीद पाते हैं तो आप किसी भी प्रकार के तापमान वाले इलाके में अपना फार्म लगा सकते है। लेकिन कुछ प्रजातियां जैसेकी - जर्सी और साहिवाल अधिक गर्मी वाले स्थानों पर अधिक दूध नहीं दे पाती है।

ऐसी समस्याओं से बचने के लिए या तो मवेशियों के लिए बनाए जाने वाले अपार्टमेंट में ही कूलर और एयर वेंटीलेशन की बेहतरीन सुविधा के साथ-साथ हीटर की व्यवस्था करके उन्हें सभी प्रकार के तापमान में रहने योग्य बना सकते हैं और उनसे अधिक उत्पादकता प्राप्त की जा सकती है या फिर आपको ऐसा स्थान चुनना होगा जहां पर तापमान हर समय मध्यम स्तर पर रहता हो।

4. कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था :-

यदि आपके क्षेत्र में अच्छी ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा है तो भी आपको कोल्ड स्टोरेज की सुविधा उपलब्ध करवानी होगी, क्योंकि कई बार किसी भी कारण से यदि समय पर आपके यहां से तैयार दूध के प्रोडक्ट को लेकर जाने वाली गाड़ी नहीं आ पाती है तो उस स्थिति में आप कोल्ड स्टोरेज में अपने दूध को स्टोर कर सकते हैं और खराब होने से बचा सकते हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यदि आप 10 गायों की सहायता से ऐसा फार्म स्थापित करते हैं तो, आप एक दिन में लगभग 100 से 200 लीटर के बीच में दुग्ध उत्पादन कर सकते हैं, इतना अधिक दूध यदि परिवहन की समस्या के कारण खराब हो जाए और ऐसी घटना महीने में एक बार भी हो जाए तो आपका 10 दिन का मुनाफा नुकसान में जा सकता है।

5. एक्सपर्ट से राय लेना न भूलें :-

यदि आपके पास एक अच्छा बिजनेस प्लान है फिर भी इस प्रकार के सेक्टर में काम करने वाले कई एक्सपर्ट से राय लेना ना भूलें, जो कि आपको अलग-अलग प्रकार की जानकारी देंगे जैसे कि आपको किस तरह से गाय के लिए आहार की उपलब्धता करवानी है और कौन सी कंपनी के पशु आहार को खिलाने पर उनकी उत्पादकता बढ़ेगी, साथ ही गाय के बच्चों को किस समय और कितने समय तक दूध पिलाने की आवश्यकता है तथा आप अपने फार्म के इंफ्रास्ट्रक्चर में किस तरह का सुधार कर उत्पादकता को बढ़ा सकते हैं।

इतनी जानकारी प्राप्त करने के बाद आप आसानी से इस व्यवसाय में बहुत अच्छा मुनाफा कमा पाएंगे।

बनाए एक वेस्ट मैनेजमेंट प्लान :-

यदि आप 10 गायों के साथ भी इस व्यवसाय की शुरुआत करेंगे तो भी काफी अधिक वेस्ट उत्पादन होगा।

इसके लिए आप अपना एक वेस्ट मैनेजमेंट प्लान बना सकते हैं, वर्तमान में सरकार के द्वारा गोबर गैस संयंत्र लगाए जाने पर सब्सिडी दी जा रही है, इस तरह की सब्सिडी का फायदा उठाकर आप एक ऐसा संयंत्र लगाकर उससे मिलने वाली ऊर्जा का इस्तेमाल अपने फार्म पर रहने वाले कर्मचारियों और स्वयं के लिए दैनिक दिनचर्या में कर सकते हैं।

इसके अलावा आसपास के क्षेत्र में स्थित दूसरे किसानों से संपर्क कर आप इस गोबर वेस्ट को खाद के रूप में बेच भी सकते हैं या फिर आपने जिस क्षेत्र को डेयरी फार्म के लिए चुना है, वहां पर भी खाद के रूप में इस्तेमाल करके अपनी जमीन की उर्वरता बढ़ाकर पशुओं के लिए हरे चारे की उपलब्धता सुनिश्चित कर सकते है।

ब्रीडिंग साइकिल का रखें ध्यान :-

हर प्रकार के पशु की ब्रीडिंग साइकिल अलग-अलग होती है, आप अपने आसपास स्थित किसी वेटरनरी डॉक्टर की सहायता से या फिर खुद के स्तर पर ही इस प्रकार के नॉलेज को बढ़ाकर गाय या भैंस की ब्रीडिंग साइकिल के बारे में पता लगा सकते हैं।

सही समय पर ब्रीडिंग करवाने की वजह से पैदा होने वाले बच्चे की जेनेटिक्स का विकास अच्छी तरीके से होता है और बड़ा होने पर बनने वाली गाय की दुग्ध उत्पादन क्षमता भी अच्छी होती है।

कितनी रखें गाय/भैंस की संख्या :-

मुख्यतया यह आपके निवेश पर निर्भर करता है, यदि आपके पास पांच लाख रुपए से अधिक का निवेश है तो आप तीन से चार अच्छी दूध देने वाली गाय खरीदने के साथ उनके लिए बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर सकते हैं, परंतु यदि आपका निवेश दस लाख रुपए अधिक है तो आसानी से आठ से दस गायों के साथ इस व्यवसाय की शुरुआत की जा सकती है और प्रतिदिन 100 से 200 लीटर दूध का उत्पादन किया जा सकता है।

कैसे चुनें अच्छी डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी :-

या तो आप अपने स्तर पर एक डिस्ट्रीब्यूटर व्हीकल की व्यवस्था करके अपने यहां तैयार दूध की पैकिंग कर डिस्ट्रीब्यूट करवा सकते हैं या फिर इस व्यवसाय में पहले से सफल कई बड़ी डेयरी इंडस्ट्री से जुड़ कर भी उनके लिए एक प्रोड्यूसर के रूप में काम कर सकते है।

वर्तमान में कई बड़ी डेरियां जैसे कि सरस डेयरी, मदर डेयरी, अमूल डेयरी मवेशी पालकों के लिए इस तरह की अपॉर्चुनिटी प्रदान कर रही है, आप अपनी सुविधा के अनुसार इनमें से किसी भी संस्था से जुड़ सकते हैं, बशर्ते ध्यान रखें कि आपको अपने निवेश का रिटर्न सही समय और उचित रेट पर मिले।

कहाँ से खरीदें गाय/भैंस :-

सरकार के द्वारा इंटरनेट की पहुंच को लोगों तक बढ़ाने के प्रयाशों के बाद अब कई ऐसी संस्थाएं ऑनलाइन माध्यम से ही गाय खरीदने और बेचने का व्यवसाय कर रही हैं।

एक ऐसी गाय जो कि प्रतिदिन 15 से 20 लीटर दूध का उत्पादन करती है, उसकी कीमत लगभग अस्सी हजार रुपए तक होती है। अलग-अलग राज्यों के अनुसार यह कीमत कम या अधिक हो सकती है।

black and white cows having their food

दूध निकालने वाली मशीन का करें इस्तेमाल :-

यदि आपके पास 20 से अधिक संख्या में गाय या भैंस है तो दूध निकालने के लिए कर्मचारियों के स्थान पर मशीन खरीदना आपके व्यवसाय के लिए ज्यादा फायदेमंद होगा, क्योंकि इसके लिए आपको एक बार ही निवेश की आवश्यकता होगी परंतु हर महीने कर्मचारियों को दिया जाने वाला वेतन इसकी तुलना में काफी अधिक हो सकता है।

  • इस मशीन के कुछ फायदे भी होते हैं, जैसे कि इसकी सहायता से बहुत जल्दी समय में दूध निकाला जा सकता है, साथ ही एक साथ सभी गायों को एक ही लाइन में खड़ा करके दूध निकाल सकते है।
  • इस प्रकार की मशीन की कीमत पचास हजार रुपये से लेकर दो लाख रुपए के बीच में होती है।
  • इस मशीन को किसी भी ऑफलाइन मशीन मेकिंग इंडस्ट्री से या फिर ऑनलाइन वेबसाइट जैसे कि इंडियामार्ट इत्यादि से खरीदा जा सकता है।
  • इस मशीन को ऑटोमेटिक मिलकिंग सिस्टम या वॉलंटरी मिलकिंग सिस्टम के नाम से भी जाना जाता है, जिसका इस्तेमाल विकसित देशों में वर्ष 2001 से किया जा रहा है।

बनाए अपने मवेशियों के लिए एक सेपरेट प्लान :-

आपके फार्म में रहने वाले मवेशियों को दूध के उत्पादन के रूप में इस्तेमाल करने के अलावा बेच कर भी मुनाफा कमाया जा सकता है और यह आप पर निर्भर करता है कि आप किसी बिना दूध देने वाली भैंस या छोटे मवेशियों को बेचना चाहते हैं या फिर अपने पास रहकर ही अगली ब्रीडिंग साइकल तक उनको पालना चाहते हैं।

इसके लिए आप अलग से एक प्लान बना सकते है, इसमें आप अपने मुनाफे को प्राथमिकता पर रख सकते हैं जैसे कि यदि आपको किसी मवेशी को बेचने पर अधिक मुनाफा हो सकता है बजाए कि उसे अगली ब्रीडिंग साइकल तक अपने पास रखने से तो उस मवेशी को अवश्य बेच देना चाहिए, परंतु यदि आपको लगता है कि मार्केट में खरीदी जाने वाली रेट काफी कम चल रही है तो आप उसे अगली ब्रीडिंग साइकिल तक अपने पास रख कर दूध बेचकर भी पैसा कमा सकते है।

इस प्रकार हमने जाना कि कैसे आप अपना एक डेयरी फार्म स्थापित कर भारतीय युवा वर्ग के द्वारा की जा रही प्रोटीन की बढ़ती डिमांड को पूरा करने के लिए इस्तेमाल होने वाले दूध से बने उत्पादों का उत्पादन कर सकते है, साथ ही अपना मुनाफा भी कमा सकते है।

यह भी पढ़े :

1) वेल्डिंग और फेब्रिकेशन का बिजनेस कैसे शुरू करें?
2) आइसक्रीम का होलसेल बिजनेस कैसे शुरू करें, लागत, मुनाफा व अन्य जानकारियाँ
3) फिशरी फार्मिंग का बिजनेस कैसे शुरू करें?
4) OK Credit क्या है? कैसे ये आपका बिजनेस बढ़ाने में सहायक है?