कोल्ड स्टोरेज का बिजनेस कैसे शुरू करें?

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कोल्ड स्टोरेज का बिजनेस कैसे शुरू करें?

लागत, मुनाफा व अन्य जानकारियाँ

भारत दुनिया का पांचवां ऐसा देश है, जहां सबसे अधिक डेयरी प्रोडक्ट, पोल्ट्री प्रोडक्ट, फल, सब्जियां, फ्रेश मीट प्रोडक्ट, अनाजों के अलावा प्रोसेस्ड एवं पैकिंग फूड आदि का उत्पादन करता है। भारत में प्रतिवर्ष 13 करोड़ टन फलों व सब्जियों का उत्पादन होता है, जो कृषि उद्योग का 18 प्रतिशत है। इन वस्तुओं की जीवन अवधि कम होने तथा इनके रखरखाव के साधन उपलब्ध न होने के कारण उत्पादन की लगभग 20 प्रतिशत वस्तुएं खराब होकर नष्ट हो जातीं हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान होता है तथा उनकी फसल का सही दाम भी नहीं मिल पाता है। उद्योगों को भी काफी नुकसान होता है। यदि सारा नुकसान मिलाया जाये तो भारत की अर्थव्यवस्था को भी भारी क्षति होती है। रखरखाव के साधनों की कमी के चलते होने वाले इन वस्तुओं के नुकसान से देश में महंगाई बढ़ती है।महंगाई बढ़ने के कारण देश की आम जनता परेशान होती है और सरकार को कोसती है जबकि असली वजह कुछ और ही होती है। इन सारी समस्याओं का एक ही हल जो है वो है कोल्ड स्टोरेज। कोल्ड स्टोरेज की देश में मांग की अपेक्षा आज भारी कमी है। इस कमी को देखते हुए सरकार ने कोल्ड स्टोरेज बिजनेस को बढ़ावा देने की कई योजनाएँ बनाई हैं । कई तरह से इस बिजनेस को सब्सिडी मिलती है।

प्रोसेस्ड फूड का जमाना है

आज के जमाने में प्रोसेस्ड फूड की जबर्दस्त मांग है। या यूं कहिये कि देश के 70  प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो प्रोसेस्ड फूड के बिना जीवन नहीं गुजार सकते हैं। इन लोगों की डिमांड के अनुसार प्रोसेस्ड फूड की सप्लाई के लिए कोल्ड स्टोरेज की जबर्दस्त आवश्यकता है। वैसे कोल्ड स्टोरेज में फल, सब्जियांं, चाकलेट, केक आदि प्रोसेस्ड फूड, पोल्ट्री प्रोडक्ट, चूजे, अंडे व अंडे से बने प्रोडक्ट, डेयरी प्रोडक्ट दूध, दही,क्रीम, मक्खन, पनीर आदि, मीट प्रोडक्ट रखा जाता है। कोल्ड स्टोरेज में इन सभी वस्तुओं के जीवन चक्र को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें आवश्यक तापमान में रखा जाता है। जहां लगी बड़ी बड़ी कूलिंग मशीनों से वहां के मौसम को ठंडा किया जाता है।

सरकारी सब्सिडी के बावजूद नहीं बढ़ रहे कोल्ड स्टोरेज

कोल्ड स्टोरेज अपने आप में बड़ा व्यवसाय है। जो बिजनेस मैन एक बार में ही बड़ी पूंजी लगाकर लम्बे समय तक मुनाफा कमाने के बारे में सोचते हैं, कोल्ड स्टोरेज का व्यवसाय उन्हीं के लिए है। भारत में फिलहाल वर्तमान समय में कोल्ड स्टोरेज की क्षमता लगभग 400 लाख टन की है। इसमें से 95 प्रतिशत कोल्ड स्टोरेज प्राइवेट बिजनेस मैन के हैं। 3 प्रतिशत कोल्ड स्टोरेज कोआपरेटिव सेक्टर के हैं और 2 प्रतिशत कोल्ड स्टोरेज सरकार के पीएसयू सेक्टर के हैं। कोल्ड स्टोरेज की कमी के कारण भारी मात्रा में कृषि, दुग्ध, मांस उत्पाद के बरबाद होने से किसानों, व्यापारियों के साथ सरकार को भी घाटा हो रहा है। सरकार ने कोल्ड स्टोरेज उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए अनेक आकर्षक सब्सिडी आदि की योजनाएं भी चलायीं हैं। लेकिन इस उद्योग की मांग को पूरा नहीं किया जा पा रहा है।

कोल्ड स्टोरेज का बिजनेस समय मांगता है

कोल्ड स्टोरेज का व्यवसाय कोई आसान व्यवसाय नहीं है। कोल्ड स्टोरेज को तैयार कराने में हीं एक साल का समय लग जाता है। शुरू में बहुत बड़ी राशि कोल्ड स्टोरेज को तैयार कराने में लगती है। उसके बाद यह बिजनेस धीरे-धीरे चलता है और लगभग 3 से चार साल तक यह बिजनेस बिना किसी मुनाफे के चलता है। उसके बाद मुनाफा मिलना शुरू हो जाता है। वैसे हर बिजनेस की तरह कोल्ड स्टोरेज के बिजनेस में भी जबर्दस्त प्रतियोगिता है लेकिन कोल्ड स्टोरेज की दूरी के कारण प्रत्येक कोल्ड स्टोरेज संचालक को उसका लाभ मिलता है।

कोल्ड स्टोरेज को पांच प्रकार की जरूरतों के हिसाब से बांटा गया है। पहला कोल्ड स्टोरेज आलू के रखने के लिए होता है। पूरे देश में आलू का जबर्दस्त उत्पादन होता है । आलू की फसल को बचाने के लिए देश के हर कोने में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा उपलब्ध है। आलू उत्पादक इन कोल्ड स्टोरेज का इस्तेमाल करके अपनी फसल की सुरक्षा करके, उसकी कीमत बढ़ा कर लाभ लेते हैं। दूसरे तरह के कोल्ड स्टोरेज डेयरी और पोल्ट्री प्रोडक्ट के लिये होते हैं। तीसरे तरह के कोल्ड स्टोरेज मीट उद्योग के लिए होते हैं। चौथे तरह के कोल्ड स्टोरेज प्रोसेस्ड फूड के लिए होते हैं। इस तरह के कोल्ड स्टोरेज को ई कॉमर्स कंपनियां अपने प्रोडक्ट को सुरक्षित रखने के लिए इस्तेमाल करतीं हैं। इसके अलावा पांचवीं तरह के वे कोल्ड स्टोरेज होते हैं जिनमें सभी तरह के प्रोडक्ट रखे जाते हैं। जानकार लोगों का कहना है कि सभी तरह के प्रोडक्ट रखने वाले कोल्ड स्टोरेज सबसे अधिक कमाई करते हैं। इसलिये अधिकांश बिजनेस मैन इसी तरह के कोल्ड स्टोरेज की प्लानिंग करते हैं।

कोल्ड स्टोरेज के बिजनेस को शुरू करने से पहले करें ये काम

कोल्ड स्टोरेज व्यवसाय शुरू  करने के लिए सबसे पहले आप उस एरिया का सर्वे करें कि वहां पर पहले से कोई कोल्ड स्टोरेज तो नहीं चल रहा है। यदि है और चल रहा है तो उसकी व्यापारिक स्थिति क्या है। क्या उस कोल्ड  स्टोरेज के बाद भी इतनी गुंजाइश है कि दूसरा कोल्ड स्टोरेज का व्यवसाय आसानी से चल सकता है और वो मुनाफा भी दे सकता है। तब वहां पर अपना कोल्ड स्टोरेज खोलने पर विचार करें।

यदि आप इस बिजनेस के अनुभव हासिल करना चाहते हैं तो इतना बड़ा कोल्ड स्टोरेज बनाने की जगह छोटा सा काम शुरू करें। आप एक फ्रिज वैन खरीद कर उसका व्यवसाय शुरू करेंगे तो आपको मिनी एण्ड मोबाइल कोल्ड स्टोरेज के व्यवसाय का अनुभव मिल जायेगा। उससे आपको यह पता चल जायेगा कि इस कोल्ड स्टोरेज के व्यवसाय में कौन-कौन सी समस्याएं आतीं हैं और उनका समाधान क्या है। उसके बाद ही कोल्ड स्टोरेज के व्यवसाय को शुरू करने का प्लान बनायें।

Refrigeration and freezing warehouse

कोल्ड स्टोरेज की प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनायें

कोल्ड स्टोरेज की प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाना आसान नहीं है क्योंकि यह बिजनेस अन्य सामान्य बिजनेस सें काफी अलग हटकर है। इस बिजनेस को चलाने की भी अलग रणनीति की जरूरत होती है। इसलिये कोल्ड स्टोरेज की बिजनेस प्रोजेक्ट काफी सधी हुई और बहुत ही सोची समझी रणनीति की मांग करती है। इस प्रोजेक्ट रिपोर्ट को हर बिंदु पर  गहन अध्ययन करके बनाना होता है। बड़ी पूंजी वाला बड़ा बिजनेस है, इसके लिये तैयार की गयी प्रोजेक्ट रिपोर्ट को काफी सावधानी पूर्वक लागू भी करना होता है।

अगर देखा जाये तो वास्तव में कोल्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाना बहुत बड़ी कला है क्योंकि इस बिजनेस का संचालन पूरी तरह से प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर ही आधारित होता है। बिजनेस प्लान की एक चूक भी कोल्ड स्टोरेज के प्लान को चौपट कर सकती है। चूंकि यह बिजनेस इतना बड़ा है कि इसको शुरू करने में यदि किसी तरह से झटका लगता है तो वह सहन नहीं होगा और इसका बिजनेस पर प्रतिकूल असर भी पड़ सकता है।

यह बिजनेस पूरी तरह से बिजनेस मैन की आर्थिक क्षमता पर निर्भर करता है। उसी के हिसाब से कोल्ड स्टोरेज के बिजनेस का आकार तय किया जाता है। सबसे पहले इस बिजनेस के लिए पूंजी की प्लानिंग करनी होती है। आपके पास यदि पूरी पूंजी है तो कोई बात नहीं लेकिन यदि आपके पास पूंजी पर्याप्त नहीं है तो आप बैंक से मदद लेंगे या सरकारी योजनाओं में मिल रही सब्सिडी का लाभ उठाकर अपना बिजनेस स्थापित करना चाहेंगें। इसके लिए आपको प्रोजेक्ट रिपोर्ट में विस्तार से जिक्र करना चाहिये। आपको किन किन चीजों की आवश्यकता है, उनकी पूर्ति करने के लिए किस तरह से व्यवस्थाएं करेंगे। उनका जिक्र प्रोजेक्ट रिपोर्ट में होना चाहिये।

5000 टन की क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज के लिए सड़क के किनारे वाली एक से डेढ़ एकड़ की जमीन, उस पर बिल्डिंग बनवाने खर्च, बिजली,पानी का खर्च, डीजल जनरेटर सेट, भारी संख्या में मजदूर, ट्रांसपोर्टेशन के साधन, इन वाहनों के खरीदने और प्रतिमाह डीजल आदि फ्यूल का खर्च , मार्केटिंग का खर्च, प्रोजेक्ट रिपोर्ट के मुख्य अंग हैं। इसके अलावा कोल्ड स्टोरेज चलाने के लिए किस तरह की रणनीति बनायी जायेगी, उसकी प्लानिंग भी प्रोजेक्ट रिपोर्ट में होनी चाहिये।

लोकेशन बहुत महत्चपूर्ण भूमिका अदा करती है

कोल्ड स्टोरेज के व्यवसाय में लोकेशन सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। कोल्ड स्टोरेज के लिए जमीन का चुनाव करते वक्त इस बिजनेस की अनेक जरूरतों का ध्यान रखना होता है। यह जगह ऐसी होनी चाहिये कि कोल्ड स्टोरेज में रखे जाने वाले माल का उत्पादन क्षेत्र पास में ही हो या फिर उपभोक्ताओं की जरूरत वाले उत्पादों का बाजार पास में हो। इसके अलावा उस क्षेत्र में पानी, बिजली की अधिक सुविधा हो। साथ ही किसी भी तरह का वाहन आसानी से कोल्ड स्टोरेज के परिसर तक आ जा सके। साथ ही सब्जी व फल मंडी तथा अन्य मुख्य मार्केट अधिक दूर न हों। शहरी क्षेत्रों में इसी तरह की लोकेशन चाहिये और ग्रामीण क्षेत्र में जहां स्थानीय फसलों को कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है वहां पर आपको सड़क के किनारे की बिजली, पानी की सुविधा वाली जगह भी लाभदायक साबित हो सकती है।

कौन कौन से लाइसेंस चाहिये

कोल्ड स्टोरेज बिजनेस के लिये अनेक लाइसेंस व सरकारी परमिशन की भी जरूरत होती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:-

  1. केन्द्र सरकार के उद्योग विभाग से कोल्ड स्टोरेज के बिजनेस की परमीशन लानी होती है
  2. फैक्ट्री लाइसेंस चाहिये
  3. केन्द्र सरकार के फूड प्रोसेसिंग यूनिट  से कोल्ड स्टोरेज का लाइसेंस लेना होता है
  4. राज्य सरकार के उद्योग विभाग से भी नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट चाहिये
  5. फूड केमिकल डिपार्टमेंट से भी क्लियरेंस चाहिये
  6. जीएसटी नंबर भी चाहिये
  7. फायर व इन्वायर डिपार्टमेंट से नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट चाहिये
  8. श्रम विभाग में रजिस्ट्रेशन कराना होगा
  9. ईपीएफ और ईएसआई में भी रजिस्ट्रेशन कराना होगा
  10. इसके अलावा केन्द्र सरकार की कोल्ड स्टोरेज की सारी शर्तें पूरी करके परमिशन लेनी होगी
  11. सीए से फाइनेंस संबंधी दस्तावेजों के प्रमाण चाहिये
  12. केन्द्र सरकार की फूड विभाग व पर्यावरण विभाग के निरीक्षण के बाद कोल्ड स्टोरेज की संस्तुति चाहिये
  13. फूड सेफ्टी एण्ड स्टैण्डड अथॉरिटी आॅफ इंडिया (एफएसएसएआई) से भी लाइसेंस लेना चाहिये।

लागत कितनी आती है

कोल्ड स्टोरेज के बिजनेस में लागत बिजनेस मैन की क्षमता और उसकी प्लानिंग पर निर्भर करती है। इस बिजनेस में कम से कम 5000 मीट्रिक टन की क्षमता वाला कोल्ड स्टोरेज बनाया जाता है। इस तरह के कोल्ड स्टोरेज के लिए एक से डेढ़ एकड़ की जमीन की आवश्यकता होती है। इसके अलावा मशीनों, बिजली, डीजल जनरेटर सेट सहित अन्य सभी खचों को मिला लिया जाये तो लगभग दस करोड़ की लागत आती है। कोल्ड स्टोरेज के बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा 50 से 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है। बैंक भी कोल्ड स्टोरेज के लिए सस्ती ब्याज दर पर कीमत का 80 प्रतिशत तक लोन भी दे सकते हैं।

अब यदि कोई बिजनेस मैन 10,000 मीट्रिक टन की क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज की प्लानिंग बनाता है। उसके लिए कम से कम 20-25 करोड़ रुपये का इन्वेस्ट करना होगा। साथ ही चार साल तक लगातार बिजनेस को चलाने के प्रयास करने होंगे। उसके बाद ही मुनाफा मिलने की संभावनाएं दिखायी देतीं हैं।

पूंजी की व्यवस्था करनी चाहिये

कोल्ड स्टोरेज के बिजनेस को  मोटी रकम की आवश्यकता होती है। इसके लिये बिजनेस मैन को व्यवस्था करनी चाहिये ताकि यह बिजनेस एक बार शुरू होने के बाद लगातार अच्छी तरह से चलता रहे।

1. पूंजी की व्यवस्था बिजनेस मैन के पर खुद है तो उसको जुटाने और इन्वेस्ट करने की प्लानिंग बनानी चाहिये।

2. यदि बैंक से सहायता लेकर कोल्ड स्टोरेज का बिजनेस करना है तो उसके लिए आवश्यक दस्तावेजों को कलेक्ट कर के बैंक की संबंधित शाखा के अधिकारियों से सम्पर्क करके बिजनेस लोन की व्यवस्था करनी चाहिये।

3. यदि सरकारी योजनाओं और सहायता के माध्यम से पूंजी जुटाने की व्यवस्था करना है तो उसके लिए सभी औपचारिकता पूरी करनी चाहिये। सभी आवश्यक दस्तावेज एकत्रित करके उन्हें सम्बन्धित विभागों को पहुंचाना होगा। जहां से कुछ टीमें आपके कोल्ड स्टोरेज की साइट का मुआयना करने आयेंगी। उसके बाद ही आपको योजना का सशर्त लाभ प्राप्त हो सकेगा।

कोल्ड स्टोरेज का निर्माण शुरू करायें

कोल्ड स्टोरेज की बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू करायें। इस निर्माण से पहले कोल्ड स्टोरेज के विशेषज्ञ आर्किटेक्ट से उसका नक्शा बनवायें। उस नक्शे में भारत सरकार के फूड प्रोसेसिंग यूनिट की ओर से जारी दिशानिर्देशों का पालन अवश्य करायें।

मशीनों व उपकरणों की व्यवस्था करें

कोल्ड स्टोरेज की बिल्डिंग निर्माण के साथ ही मशीनों व उपकरणों की व्यवस्था करें। कुछ ऐसी भी मशीनें होंगी जिनको स्थापित करने के लिए विशेष कमरे या हॉल बनवाने होंगे। उनको स्थापित करने के लिए विशेष प्रकार की फाउंडेशन या चबूतरे आदि बनवाने पड़ते हैं। इसके साथ ही डीजल जनरेटर, बिजली का ट्रांसफार्मर आदि की भी व्यवस्था करायें।

कोल्ड स्टोरेज के बिल्डिंग निर्माण एवं मशीनों की व्यवस्था पूर्ण होने के बाद सरकारी टीम कोल्ड स्टोरेज का जायजा लेती है। जायजा में सरकार की शर्तों के मुताबिक प्रत्येक चीज सही मिलती है तभी उसके बाद बिजनेस मैन को क्लियरेंस का सर्टिफिकेट देती है।

मशीनों का ट्रायल लेकर कमियां दूर करें

कोल्ड स्टोरेज की बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूरा हो जाये  और मशीने भी पूरी तरह से लग जायें तो मशीनों का परीक्षण करना शुरू कर दिया जाना चाहिये। उनमें किसी तरह की तकनीकी या संचालन की कमी आये तो उसको दूर कर लेना चाहिये।

कुशल व अकुशल श्रमिकों की भर्तियां शुरू करें

कोल्ड स्टोरेज के संचालन में काम आने वाले कुशल व अकुशल कर्मचारियों की भर्तियां करनी शुरू होंगी। इस तरह की भर्तियों में काफी समय लगता है और कुशल कर्मचारियों की भर्ती बहुत मुश्किल से हो पाती है। क्योकि इस बिजनेस के लिए आवश्यक कुशल श्रमिक बहुत ही कम मिलते हैं। इसके लिए अधिकांश कोल्ड स्टोरेज में काम कर रहे अनुभवी श्रमिकों को ही तलाशना होता है।

Peppers Vegetables in Boxes in refrigrator Warehouse

कोल्ड स्टोरेज की मार्केटिंग करें

जब आपके कोल्ड स्टोरेज का ट्रायल रन हो जाये और सब कुछ ठीक रहे । ऐसा लगे कि सब कुछ ठीकठाक है। बिल्डिंग भी तैयार है। मशीनें भी तैयार हैं। कर्मचारी भी तैयार हैं तब आपको अपना बिजनेस शुरू करने की तैयारी करनी चाहिये। इसके लिए आपको अपने बिजनेस की मार्केटिंग शुरू कर देनी होगी। मार्केटिंग के लिए टीम लीडर तो काफी अच्छे स्किल को होना चाहिये तथा उसके सहायक यदि स्थानीय व्यक्ति होंगे तो उसका लाभ अधिक मिलेगा क्योंकि स्थानीय तौर पर लोग एकदूसरे से परिचित होते हैं और एक दूसरे पर विश्वास भी करते हैं। स्थानीय व्यक्ति किसी अपने परिचित से सिफारिश करता है तो वह उसकी बात मान लेता है।

इसका लाभ उठाने के लिए आपको अपने स्थानीय स्तर पर कमीशन एजेंट भी बना लेने चाहिए ताकि वे आपके लिए ग्राहक खोज कर ला सकें।इसके अलावा समय-समय पर स्थानीय ग्राहकों को टारगेट करते हुए विचार गोष्ठी, वर्कशाप, सम्मेलन आदि के आयोजन का कार्यक्रम बनायें और उसमें उस एरिया के जाने पहचाने ग्राहकों को आमंत्रित करें, जो अपना माल कोल्ड स्टोरेज में रखते हों। इसके अलावा अपने बिजनेस एरिया में अपने कोल्ड स्टोरेज की खूबियों वाले होर्डिंग्स लगवायें, स्थानीय समाचार पत्रों व टीवी चैनलों पर विज्ञापन प्रकाशित करवायें। इस तरह से प्रचार कार्य करके अपने कोल्ड स्टोरेज से पूरे एरिया के लोगों को परिचित करायें। ताकि लोग आपकी मार्केटिंग टीम से सम्पर्क करके बिजनेस के लिए पूछताछ करें।

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