घर हो या मंदिर अगरबत्ती के बिना हर पूजा अधूरी होती है. वहीं हिंदुस्तान एक ऐसा देश है, जहां सभी समुदाय के लोग इसका प्रयोग करते हैं. यही वजह है कि आपको बड़े-बड़े मॉल से लेकर सड़क तक पर अगरबत्ती बिकती हुई दिख जायेंगी.
साल में एक दिन भी ऐसा नहीं होता है जब बाज़ार में अगरबत्ती की ब्रिकी न हो. बाज़ार में बिकने वाली कुछ अगरबत्तियां तो इतनी बेहतरीन होती हैं, जिनकी सुगंध से घर महक उठता है.
ऐसा लगता है मानों घर पर कोई महंगा परफ़्यूम छिड़क दिया हो. जिन लोगों को नहीं पता है, उन्हें बता दें कि अगरतबत्ति में सिर्फ़ सुगंध फ़ैलाने के गुण ही नहीं होते, बल्कि ये एंटीसेप्टिक गुणों से भी भरी होती है. जिसके जलने से घर के कीटनाशक कीटाणुओं का ख़ात्मा हो जाता है. इसलिये आमतौर पर इसके इस्तेमाल पूजा के साथ-साथ घर के कीटाणु भगाने में भी किया जाता है.
अगरबत्ती के इन्हीं गुणों को देखते हुए बहुत से लोग इसका व्यापार करने का मन बनाते हैं. अगर आप भी इन्हीं लोगों में से एक हैं और व्यापार शुरू करने को लेकर दुविधा में हैं, तो अब इतना परेशान होने की ज़रूरत नहीं है. हम आपको बताते हैं कि अगरबत्ती का बिज़नेस कैसे शुरू कर सकते हैं? और इस कारोबार से आपको होगा कितना फ़ायदा और कितना होगा नुकसान?
1. कैसे शुरू करें अगरबत्ती का कारोबार
ये तो आप जानते ही होंगे कि कोई भी व्यापार करने से पहले जोख़िम उठाने का रिस्क लेना पड़ता है. पर अगरबत्ती के व्यवसाय के साथ ऐसा नहीं है. इस व्यापार के लिये आपको उतना डरने की ज़रूरत नहीं है, जितना बाक़ी व्यापारों में रिस्क होता है. हालांकि, कारोबार शुरू करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है.
- सबसे पहले ये तय करें कि आप व्यवसाय के लिये कितना निवेश करना चाहते हैं. पहले आप व्यापार के लिये निवेश जुटायें, उसके बाद कुछ सोचें.
- अगरबत्ती के व्यापार के बारे में बाज़ार से जानकारी हासिल करें, ताकि अगर कोई दिक्कत वाली बात हो तो उसका समाधान निकाला जा सके.
- बिज़नेस के लिये जगह का निर्णय लें. जगह फ़ाइनल होने के बाद कि आगे की प्लानिंग शुरू करें.
- अगरबत्ती की पैकेजिंग, नाम, और उससे बनाने वाली साम्रागी जुटा कर, काम करने की योजना बनायें.
2. कहां से ले सकते हैं अगरबत्ती बनाने का सामान:
वैसे तो पूरे हिंदुस्तान में आपको कहीं भी अगरबत्ती बनाने का सामान मिल जायेगा. पर इसके लिये कोलकाता में कृष्णा ग्रुप, दुर्गा इंजीनियरिंग, लोकनाथ अगरबत्ती नामक कंपनियां काफ़ी फ़ेमस हैं.
इसके अलावा अहमदाबाद में एम के पंचाल इंडस्ट्रीज, अमूल अगरबत्ती वर्क्स और शांति एंटरप्राइज जैसी कई कंपनियों से भी अगरबत्ती बनाने का सामान ले सकते हैं. ये कंपनियां हिंदुस्तान के कई शहरों में अगरबत्ती बनाने की कच्ची सामग्री उपलब्ध कराती हैं.
इस पर भी ग़ौर करें
अगर आपको व्यापार छोटे पैमाने पर शुरू करना है, तो इसके लिये आप घर से व्यापार की शुरूआत कर सकते हैं. वहीं अगर बिज़नेस बड़े पैमाने पर शुरू करना है, तो 1000 स्क्वायर फ़ीट तक की जगह लेनी होगी.
3. बिज़नेस शुरू करने के लिये कितने रुपयों की आवश्यकता होगी
अगर आपकी जेब में 13000 रुपये पड़े हैं, तो घरेलू तौर पर आप कारोबार की शुरूआत कर सकते हैं. सामग्री जुटा कर आप इसे हाथों से बना कर लोगों को बेच सकते हैं. वहीं अगर आपके पास ज़्यादा पैसा है, तो आप अगरबत्ती बनाने वाली मशीन भी ख़रीद सकते हैं. मशीन के लिये आपको बस 5 लाख रुपये की ज़रूरत है.
बाज़ार की रिपोर्ट के मुताबिक, मैन्युअल मशीन लेने के लिये 14 हज़ार रुपये की ज़रूरत होगी. सेमी ऑटोमेटिक मशीन ख़रीदने के लिये 90 हज़ार और हाई स्पीड मशीन लेने के लिये कम से कम 1.15 लाख रुपये ख़र्च करने पड़ेंगे.
4. अगरबत्ती बनने में कितना समय लगता है
अगरबत्ती कितने समय में बन कर तैयार होगी ये पूरी तरह से आप पर और आपकी मशीन पर निर्भर करता है. अगर आप अगरबत्ती बनाने के लिये ऑटोमेटिक मशीन का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उससे 1 मिनट में 150 से 200 अगरबत्ती बन जायेगी. वहीं अगर आप अगरबत्ती हाथों से बना रहे हैं, तो वो आपके कर्मचारियों और आपकी कार्य क्षमता पर निर्भर है.
5. अब बताते हैं कि अगरबत्ती का व्यापार शुरू करने के लिये आपको किस प्रकार काम शुरू करना होगा.
- सबसे पहले आप कंपनी के आकार के हिसाब से व्यवसाय को आरओसी में रजिस्टर्ड करा लें. इस तरीके़े से आप निवेशकों का भरोसा जीतेंगे और आने वाले समय में आपका फ़ायदा होगा.
- व्यापार के लिये एक लाइसेंस लेना होगा, जिसके लिये आपको स्थानीय पदाधिकारी के पास आवेदन करना होगा.
- इस प्रक्रिया के बाद आपको वहां से पैन कार्ड प्राप्त करना होगा.
- बैंक में एक बिज़नेस अकाउंट खुलवाना होगा.
- वहीं बिज़नेस को एसएसआई यूनिट में भी रजिस्टर्ड कराना होगा.
- वैट रजिस्ट्रेशन के आवेदन के साथ ही व्यापार के चिन्ह को पंजीकृत करा लेना चाहिये, जिससे आपकी कंपनी का ब्रांड नेम सुरक्षित रहे.
- अगर व्यापार बड़े लेवल पर करना है, तो विनिर्माण यूनिट के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी लेनी पड़ेगी. इसके अलावा फ़ैक्ट्री का लाइसेंस भी लेना पड़ेगा.
6. इन सभी प्रक्रियों के बाद आपको मशीन का चुनाव भी करना होगा
व्यापार चलाने के लिये आप कौन सी मशीन लेना चाहते हैं, ये पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है. आमतौर पर अगरबत्ती बनाने के लिये तीन तरह की मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है. पहली मैनुअल मशीन, दूसरी ऑटोमेटिक मशीन और तीसरी हाई स्पीड मशीन.
1. मैनुअल मशीन
इसे ख़रीदना और चलाना दोनों ही आसान है. मशीन को कम दम में ख़रीद अच्छी गुणवत्ता वाली अगरबत्ती बनाई जा सकती है. इससे अगरबत्ती की क्वालिटी भी बरकरार रहती है.
2. ऑटोमेटिक मशीन
अगरबत्ती का व्यापार बड़े लेवल पर शुरू करना चाहते हैं, तो ऑटोमेटिक मशीन ख़रीद सकते हैं. इससे एक मिनट में 150 से 180 तक अगरबत्ती बनाई जा सकती है.
3. हाई स्पीड मशीन
नाम से पता चल रहा है कि हाई स्पीड मशीन से तेज़ी से अगरबत्तियां बनाई जा सकती हैं. मशीन से एक मिनट में 300 से 450 तक अगरबत्ती का निर्माण किया जा सकता है.
बाज़ार में लोगों की सुविधा के लिये अगरबत्ती सुखाने वाली मशीन भी आती हैं. मशीन से आप 8 घंटे में 160 किलो ग्राम अगरबत्ती सुखा सकते हैं. इस तरीक़े से कम समय में आपका उत्पादन बढ़ जायेगा. मशीन ख़रीदने के लिये लगभग 25 हज़ार रुपये की आवश्यकता होगी. अगर आपके पास पैसे नहीं हैं, तो आप घर पर पंखे के नीचे भी उसे सुखा सकते हैं.
वैसे बाज़ार में सिर्फ़ अगरबत्ती सुखाने वाले ही नहीं, बल्कि ऐसी भी मशीन आती हैं, जिससे आप सूखे और गीले दोनों तरह के पाउडर का मिश्रण तैयार कर सकते हैं. ये मशीनें आप कस्टम के माध्यम से व्यापार के लिये ख़रीद सकते हैं. मशीन की कुल लागत क़रीब 32 हज़ार रुपये आयेगी.
7. पैकेजिंग पर करें फ़ोकस
किसी भी प्रोडक्ट को बेचने के लिये उसकी पैकेजिंग अच्छी होनी चाहिये. पैकेजिंग अच्छी होगी, तो कोई भी उसे लेना चाहेगा. अगर प्रोडक्ट अच्छा हुआ और पैकेजिंग बेकार, तो शायद आप व्यापार में पीछे रह जायें.
अगरबत्ती की पैकेजिंग मशीन के माध्यम से ऑटोमैटिक रूप से होती है. मशीन द्वारा अगरबत्तियों की गिनती होते हुए उसे पाउच में भरने की प्रक्रिया संभव है. वहीं एक ऐसी मशीन भी आती है, जो सिर्फ़ और सिर्फ़ अगरबत्ती की गिनती करती है.
8. अगरबत्ती के फ़ील्ड में कितना है स्कोप
तो जी अगर आप ऐसा सोच रहे हैं, तो बता दें कि इस फ़ील्ड में स्कोप ही स्कोप है. इंसान की हर ज़रूरत में से एक ज़रूरत अगरबत्ती भी है. अगरबत्ती का कल भी अच्छा था, आज भी बेहतर है और आने वाला समय तो और भी अच्छा होगा. इसलिये इस बिज़नेस को लेकर आपको क़तई सोचने की ज़रूरत नहीं है. ये एक ऐसा कारोबार है, जो भारत में हमेशा से था और हमेशा ही रहेगा.
अगर इसका उत्पादन छोटे से क्रम में शुरू किया जाये, तो आगे आने वाले समय में इसे काफ़ी फ़ैलाया जा सकता है.
अगरबत्ती का कारोबार इतना आसान है कि बंगलुरु, अहमदाबाद, मैसूर, कन्नौज आदि शहरों में यह कार्य घर-घर होता है. आमतौर पर इसे बनाने के लिये बेंजिन एसिटेट, चंदन का तेल, बेंजिन अल्कोहल, लिनासूस, लिनालिल एसिटेट, अल्का एमाइल एल्डिहाइड, अल्कोहल और इंडोल की ज़रूरत होती है.
उम्मीद है कि हमारे इस आर्टिकल से आपको अगरबत्ती का बिज़नेस करने में मदद मिले और आप अब आसानी इसकी शुरूआत कर सकें. बिज़नेस के लिये आपको अपने कॉन्टेक्ट भी बढ़ाने पड़ेंगे. इसके अलावा अपनी बोली-भाषा में भी बदलाव लाना पड़ेगा. ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग आपके साथ व्यापार करने के इच्छुक रहें.
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