आज दुनिया भर में ऑनलाइन बिजनेस की भरमार हो चुकी है, ऐसे में बिजनेस करने वालों के लिए सबसे बड़ा चैलेंज बनता जा रहा है कि, अपने ग्राहकों को कैसे बनाए रखें और अपने बिजनेस को कैसे बढ़ाए। दिन-प्रतिदिन ऑनलाइन शॉपिंग और बिजनेस की मांग बढ़ती जा रही है। हालांकि इसका कोई बड़ा कारण तो सामने नहीं आया है लेकिन ऑनलाइन सामान खरीदने से लोगों को आसानी होती तथा ऑफर्स की सुविधा प्राप्त हो जाती है। ऐसे में लोग ऑनलाइन शॉपिंग की ओर ज्यादा बढ़ते हैं। यदि आप भी रिटेल बिजनेस को बढ़ाना चाहते हैं तो आप पॉपअप शॉप की शुरुआत कर अपने बिजनेस को अच्छा कर सकते हैं, साथ ही इसके जरिए आप कम समय में अधिक इनकम कर सकते हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि, आखिर पॉपअप शॉप होता क्या है और इसकी शुरुआत कैसे की जाती है।
क्या होता है पॉपअप शॉप?
पापा शॉप एक ऐसी दुकान होती है जो अस्थायी रूप से होती है। यह प्रोडक्ट की मार्केटिंग करने के साथ-साथ प्रोडक्ट को बेचने का काम भी करती है, जबकि स्थाई दुकान ट्रेडिशनल तरीके से बनी होती है। वहीं पॉपअप शॉप मॉडर्न टेक्नोलॉजी वाली होती है। पॉपअप शॉप को बढ़ावा इसलिए मिलता जा रहा है ताकि कोई ग्राहक किसी भी प्रोडक्ट को खरीदने से चुके ना और उन्हें अपनी ही लोकेशन पर प्रोडक्ट आसानी से मिल जाए। बता दें, पॉपअप शॉप को अमेरिकी तथा यूरोपीय देशों में ज्यादा अपनाया जाने लगा है, हालांकि बदलते समय के अनुसार भारत में भी यह बिजनेस काफी ट्रेंड में है। यदि आप इस बिज़नेस में हाथ आजमाना चाहे तो आप अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं।
क्यों करें पॉपअप शॉप की शुरुआत?
आज के समय में बिजनेस करना बहुत ही कॉम्पिटिशन वाला काम है। ऐसे में आपको अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए नए-नए तरीके अपनाना होगा ताकि आप ज्यादा से ज्यादा लोग या ग्राहक से जुड़ सकें। इसलिए आप पॉपअप शॉप ओपन कर सकते हैं। पॉपअप शॉप के माध्यम से आप अपने बिजनेस को ज्यादा से ज्यादा बढ़ा सकते और अधिक ग्राहकों को जोड़ सकते हैं। पॉपअप शॉप से आप अपने बिजनेस की मार्केटिंग भी अच्छे से कर पाएंगे, साथ ही इसके जरिए आप प्रोडक्ट की बिक्री भी आसानी से कर पाएंगे।
पॉपअप शॉप शुरू करना सही या गलत?
रिटेल बिजनेस को बढ़ाने के लिए पॉपअप शॉप सबसे बेहतरीन आइडिया है। दरअसल इस तरह की शॉप का इस्तेमाल खासकर नए प्रोडक्ट या किसी अन्य प्रोडक्ट की लॉन्चिंग के लिए किया जाता है। आप पॉपअप शॉप में केवल एक से दो ही प्रोडक्ट रख सकते है। पॉपअप शॉप का इस्तेमाल केवल ग्राहकों से लंबे समय तक जुड़े रहने के लिए किया जाता है ताकि आपके ग्राहकों को फास्ट सर्विस मिल सके। पॉपअप शॉप के जरिए न केवल आपके ग्राहक बढ़ेंगे बल्कि आप से ग्राहकों का लगाव भी जुड़ा रहेगा। इसके अलावा पॉपअप शॉप आपके बिजनेस के लिए एक लॉयल्टी क्रिएट करेगा।
पॉपअप शॉप के फायदे
1. ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्ट एक ही स्थान पर मिलना
पापा शॉप का फायदा ग्राहकों के लिए अच्छा होता है, साथ ही इससे आप के कारोबार में भी बढ़ोतरी होती है। दरअसल ग्राहकों को एक ही स्थान पर कई तरह के सामान मिल जाते हैं और उनको इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता है, समय की कमी के कारण आजकल लोग एक ही जगह से सारी चीजें खरीदना सही समझते हैं। ऐसे में पॉपअप शॉप की शुरुआत कर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
2. समय की बचत
भागदौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर लोग चाहते हैं कि, उनका काम जल्द हो जाए और समय भी बच जाए। यदि आप पॉपअप शॉप की शुरुआत करते हैं तो ग्राहक का समय भी बचेगा और उन्हें कम समय में ही प्रोडक्ट आसानी से मिल जाएंगे, जबकि आपके प्रोडक्ट भी आसानी से बिकेंगे। ऐसे में ग्राहक के साथ आपको भी फायदा होगा।
3. सस्ता सामान मिलना
ज्यादातर लोगों का मानना है कि, स्थानीय दुकान के बजाय पॉपअप शॉप में सस्ता सामान मिलता है। ऐसे में ग्राहक पॉपअप शॉप की तरह ज्यादा आकर्षित होते हैं और वह पॉपअप शॉप से ही ज्यादा सामान खरीदना पसंद करते हैं।
4. 30 दिनों की मनी बैक गारंटी
पॉपअप शॉप का सबसे बड़ा फायदा यह भी होता है कि यदि ग्राहक को सामान पसंद ना आए तो उन्हें 30 दिनों की मनी बैक गारंटी भी मिलती है। ऐसे में लोग स्थानीय दुकान की बजाय पॉपअप शॉप से शॉपिंग करना पसंद करते हैं ताकि उन्हें सामान पसंद ना भी आए तो उनका पैसा सुरक्षित रहे और 30 दिन के बाद उन्हें वापस उनका पैसा मिल जाए, बल्कि स्थानीय दुकान में ऐसा नहीं होता है।
5. कैशबैक
आपने देखा होगा कि, ज्यादातर ऑनलाइन पेमेंट करने पर हमें कई बार कैशबैक ऑफर मिलता है। ठीक उसी प्रकार पॉपअप शॉप के जरिए शॉपिंग करते हैं तो आपको कैशबैक मिलता है। इस तरह के ऑफर के लिए ही लोग ज्यादा आकर्षित होते हैं। यदि आप पॉपअप शॉप के जरिए प्रोडक्ट की बिक्री करते हैं तो आप अपने बिजनेस को ज्यादा से ज्यादा बढ़ा सकते हैं। इतना ही नहीं बल्कि अलग-अलग ऑफर देकर अधिक से अधिक लोगों को अपने बिजनेस से जोड़ सकते हैं।
6. होम डिलीवरी
पॉपअप शॉप का सबसे बड़ा फायदा यह है कि, यह ग्राहकों को होम डिलीवरी प्रदान करता है। दरअसल ज्यादातर लोग मार्केट में जाने से कतराते हैं बल्कि पॉपअप शॉप के जरिए घर पर ही सामान आसानी से आ जाता है। ऐसे में लोग पॉपअप शॉप का विकल्प ज्यादा अपनाते हैं क्योंकि घर से बाहर जाए बगैर ही उनका सामान आसानी से आ जाता है और उन्हें मार्केट में भटकना भी नहीं पड़ता है।
कैसे करें पॉपअप शॉप की मार्केटिंग?
किसी भी बिजनेस की मार्केटिंग करना उस बिजनेस का सबसे अहम् मुद्दा माना जाता है। बिजनेस की मार्केटिंग करने के लिए आप शहर में जगह-जगह रिटेल शॉप खोलते हैं तो आप अपने बिजनेस का विज्ञापन करने के साथ-साथ आप ग्राहकों का फीडबैक भी आसानी ले सकते हैं। ग्राहकों का फीडबैक लेने के बाद आपको पता चलेगा कि, आपके द्वारा बनाया गया प्रोडक्ट कितना सही है और आप उसमें क्या-क्या बदलाव कर सकते हैं। पॉपअप शॉप की शुरुआत से पहले आप लोगों से इसकी बातचीत शुरू करें। यदि इसकी मार्केटिंग के लिए आप सोशल मीडिया का सहारा लेते हैं तो यह और भी अच्छा विकल्प है। सोशल मीडिया के जरिए आप अपने किसी भी तरह के बिजनेस का विज्ञापन या मार्केटिंग बहुत ही अच्छे से कर सकते हैं, इतना ही नहीं बल्कि इसके जरिए आप कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपने बिजनेस से जोड़ पाएंगे। खास बात यह है कि, जितने ज्यादा लोगों को आप अपने बिजनेस से जोड़ पाएंगे उतना ही ज्यादा आपको मुनाफा होगा।
अब हम यह जानते हैं कि आखिर रिटेल बिजनेस है क्या?
रिटेल सेक्टर के अंतर्गत साबुन, तेल, टूथपेस्ट, खाना, सौंदर्य प्रसाधन, कपड़े, लग्जरी आइटम आते हैं जिनका इस्तेमाल हम सुबह उठने से लेकर रात के सोने तक करते हैं। हालांकि ऐसा नहीं था कि पहले हमें इन चीजों की जरूरत नहीं होती थी लेकिन कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते इनकी मांग देश में ना के बराबर थी, लेकिन अब समय बदल चुका है यह चीजें भी अब एयर कंडीशन मॉल में बिक रही है। थोक विक्रेता अधिकतर रिटेल स्टोर्स को ही माल सप्लाई करते हैं जबकि रिटेल स्टोर अपना ज्यादातर माल अंतिम उपभोक्ता को बेचते हैं । यदि साधारण शब्दों में कहे तो गली-मोहल्ले में स्थित दुकान जहां से आप रोजमर्रा की चीजें खरीदते हैं उसे रिटेल स्टोर कहा जाता है।
कितने प्रकार की होती है रिटेलिंग स्टोर
1. स्टोर रिटेलिंग
इस तरह की रिटेलिंग ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है। स्टोर रिटेलिंग में एक नहीं बल्कि सुपर मार्केट, सुविधा स्टोर, सुपर स्टोर जैसे अनेक स्पेशलिस्ट स्टोर होते हैं। इस तरह के स्टोर को चलाने के लिए कई तरह की प्रतिस्पर्धात्मक कीमत की रणनीति भी अपनाई जाती है ताकि वह अपने स्टोर को अच्छे से चला सके।
2. नॉन स्टोर रिटेलिंग
जैसा कि नाम से ही प्रतीत होता है कि, माल या समान किसी किसी स्टोर के माध्यम से नहीं बल्कि वैसे ही बेच दिया जाए उसे नॉन स्टोर रिटेलिंग कहा जाता है।
3. डायरेक्ट मार्केटिंग
डायरेक्ट मार्केटिंग नॉन स्टोर रिटेलिंग जैसा ही है। डायरेक्ट मार्केटिंग के अंतर्गत सामान किसी दुकान के माध्यम से नहीं बेचा जा सकता बल्कि इस प्रक्रिया में माल या समान को कंपनी के द्वारा ही नियुक्त किए गए कर्मचारी के द्वारा ग्राहक तक पहुंचाया जाता है। इस प्रक्रिया में कैटलॉग मार्केटिंग, टेलीमार्केटिंग, मेल मार्केटिंग, ऑनलाइन शॉपिंग जैसी चीजें आती है और इसी के अंतर्गत पॉपअप शॉप बिजनेस भी आता है।
4. डायरेक्ट सेलिंग
डायरेक्ट सेलिंग के अंतर्गत डोर टू डोर सामान को बेचा जाता है। इस बिजनेस को नेटवर्क के रूप में भी जाना जाता है। इस प्रक्रिया में कंपनी के द्वारा किसी एक एजेंट को नियुक्त किया जाता है और उसके जरिए लोगों को एक स्थान पर आमंत्रित किया जाता है। इसके बाद कंपनी का एक सेल्स पर्सन आए हुए लोगों को अपने प्रोडक्ट की जानकारी देता है और उनसे ऑर्डर लेता है।
क्या है रिटेलिंग बिजनेस के फायदे?
- कोई भी इच्छुक व्यक्ति रिटेलिंग बिजनेस की शुरुआत कर सकता है।
- इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आप को कम से कम निवेश करने की जरूरत होती है।
- रिटेल बिजनेस के जरिए उद्यमी थोक दामों में सामान खरीदकर इन सामानों को रिटेल कीमतों में बेचकर मुनाफा कमा सकता है।
- रिटेल बिजनेस का फायदा यह है कि, उद्यमी अपने हिसाब से इस व्यवसाय को करता है।
- इस बिजनेस को केवल एक ही व्यक्ति आसानी से संभाल सकता है, हालांकि जब बिजनेस बढ़ने लगे तो आप अन्य व्यक्तियों की भी मदद ले सकते हैं।
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