Apple kaha ki company hai [कितनी बार टूटी और कितनी बार बनी]

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Apple kaha ki company hai [कितनी बार टूटी और कितनी बार बनी]

एप्पल नाम का जिक्र आते ही लोगो की जेहन में एक कटा हुआ सेव फल का लोगो आ जाता होगा। यही कटा हुआ एप्पल इस कंपनी का ऐसा सिंबल बन गया है, जिसे लोगों ने स्टेटस सिंबल बना लिया है। आजकल जिस व्यक्ति के हाथ में एप्पल का आईफोन होता है वो खुद का अमीर और आम लोगों से अलग महसूस करता है। इसका कारण यही है कि एप्पल का आईफोन सबसे अच्छी क्वालिटी का होता है और सबसे महंगा होता है।

अमेरिका की कंपनी है Apple

एप्पल कंपनी का जन्म अमेरिका में हुआ ओर जिस तरह से इस कंपनी जन्म हुआ वो भी अपने आप में एक रहस्यमयी कहानी से कम नहीं है। आइए जानते हैं कि एप्पल कंपनी का जन्म कैसे हुआ और इसकी स्थापना करने वाला कौन है।

दुनिया की सबसे वैल्यू वाली कंपनी है Apple

एप्पल इंक कारपोरेशन अमेरिकी की बहुराष्ट्रीय कंपनी है और यह जनवरी 2021 से दुनिया की सबसे अधिक वैल्यू वाली कंपनी है। 2021 तक प्रोडक्ट की सेल के मामले में एप्पल दुनिया की सबसे बड़ी चौथी पीसी विक्रेता कंपनी है। यह कंपनी दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्मार्ट फोन निर्माता कंपनी है। एप्पल का मुख्यालय कैलिफोर्निया के क्यूपर्टिनों में है। अमेरिका की आईटी कंपनियों एमेजन, फेसबुक, गूगल,माइक्रोसॉफ्ट कंपनियों के साथ ही पांचवी बड़ी कंपनी एप्पल ही है।  इन पांचों कंपनियों को अमेरिका के बिग फाइव में गिना जाता है।

ये मल्टीनेशनल कंपनी क्या-क्या बनाती है?

हम लोग जिस कंपनी को एप्पल के नाम से जानते हैं, उसका पूरा नाम एप्पल इंक कंपनी है। यह कंपनी अमेरिका की मल्टीनेशनल कंपनी है। यह कंपनी कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स सामान,कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर आदि बनाती है तथा ऑनलाइन सर्विस भी उपलब्ध कराती है। इलेक्ट्रॉनिक गुडस में मैक, आईपॉड, आईफोन, आईपैड,एप्पल वाच, एप्पल टीवी, होमपॉड के अलावा एप्पल बिजली के वाहन तथा एप्पल एनर्जी का काम भी इस कंपनी में किया जाता है।

एक बेडरूम से शुरू हुई थी ये कंपनी

आज दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी एप्पल को देखकर कोई यह अनुमान नहीं लगा सकता है कि इस कंपनी का जन्म एक बेडरूम में हुआ होगा। लेकिन यह सच है कि एप्पल कंपनी का जन्म स्टीव जाब्स के कैलिफोर्निया के बचपन के घर के बेडरूम में हुआ था। जब बेडरूम में बहुत अधिक भीड़ हो गयी तो इसे घर के गैराज में जे जाया गया।

कौन-कौन थे कंपनी के संस्थापक?

स्टीव जॉब्स ने कैलिफोर्निया में लॉस अल्टोस के क्रिस्ट ड्राइव स्थित अपने बचपन के घर के बेडरूम में स्टीव वोज्निएक और रोनाल्ड वेन के साथ एप्पल कंपनी की एक अप्रैल, 1976 में स्थापना की थी। इस कंपनी का पहला प्रोडक्ट एप्पल कम्प्यूटर है जो पूरी तरह से वोज्निएक द्वारा खुद ही डिजाइन करके अपने हाथों से बनाया गया था। कम्प्यूटर के नाम पर एक बोर्ड था। इसमें न तो आज के जैसे कीबोर्ड, माउस और मॉनिटर भी नहीं था। बाद में कम्पयूटर को डेवलप किया गया और 1980 में पहला हाईटेक कंम्प्यूटर बनाया गया। कारपोरेट कम्यूटिंग मार्केट में जमी जमाई कंपनी आईबीएम और माइक्रोसॉफ्ट को चुनौती देने के लिए एप्पल थर्ड के नाम से कम्प्यूटर बनाया गया था। उसके बाद 1984 में पहला कीबोर्ड और माउस वाला कम्प्यूटर मैन्किटोस बनाया। शुरू शुरू में यह मार्केट में बहुत बिका लेकिन इसकी  कीमत काफ अधिक थी। धीरे धीरे इसकी बिक्री कम होती चली गयी।

चार साल बाद ही शुरू हो गयी थी खटपट

1980 के बाद से ही एप्पल कंपनी के संस्थापकों स्टीव जाब्स, वोज्निएक और रोनाल्ड वेन के बीच खटपट शुरू हो गयी। 1982 में अन्तर्कलह के कारण स्टीव जाब्स को नये लांच किये गये एप्पल लिसा की टीम से हटा दिया गया। इसके बाद जाब्स ने वोज्नियाक और रस्किन के कम लागत वाले कम्प्यूटर मैकिन्टोस पर कब्जा कर लिया और इसे लिसा की तुलना में सस्ता कप्यूटर बनाकर मार्केट में उतार दिया। मैंकिटोस को 1985 में हाई लेबल का कम्प्यूटर बनाया गया लेकिन अपनी ऊंची कीमतों के कारण अगले वर्ष इस कंप्यूटर का प्रोडक्शन बंद करना पड़ा।

1985 में कंपनी के संस्थापक को ही हटा दिया गया

1985 में दो साल पहले स्टीव जाब्स द्वारा नियुक्त किये गये सीईओ जॉन स्कली के बीच मत•ोद शुरू हो गये। क्योंकि एप्पल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने जॉन स्कली से कहा कि स्टीव्स पर कंट्रोल करें क्योंकि वे बिना ट्रॉयल लिये ही महंगे प्रोडक्ट को लांच कर रहे हैं, जिससे कंपनी को भारी नुकसान हो रहा है। जब इस बात का पता जाब्स को चला तो उन्होंने जॉन स्कली को पद से हटाने का प्रयास किया तो यह दांव उल्टा पड़ा। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने जॉन स्कली का साथ देते हुए स्टीव जाब्स को ही उनके पदों से हटा दिया। इसके बाद जॉब्स ने एप्पल से इस्तीफा देकर नेक्स्ट इंक नामक कंपनी की स्थापना की। वोज्नियेक ने भी एप्पल की नौकरी से इस्तीफा दे दिया। हालांकि जाब्स और वोज्नियेक एप्पल के शेयरधारक बने रहे।

11 साल बाद जॉब्स फिर से एप्पल में लौट आये

1996 में जब एप्पल की बाजार में हालत बहुत खराब हो गयी तब स्टीव जॉब्स ने अपनी कंपनी नेक्स्ट कम्प्यूटर को एप्पल को बेचने के बाद एप्पल के सीईओ बने। उनके नेतृत्व में जब 1998 में आईमैक आया जो बाजार में छा गया और एप्पल को फिर से भारी कामयाबी मिलने लगी।

पहला iPad कब बना?

2001 में एप्पल कंपनी ने पहला आईपॉड बनाया। इसी वर्ष आई ट्यून्ज स्टोर का निर्माण किया। इसके बाद 2007 में एप्पल ने अपना पहला आईफोन नामक मोबाइल फोन बनाया जो उस समय काफी हिट हो गया। इसके बाद 2010 में एप्पल ने आई पैड नामकर टैबलेट कम्प्यूटर बनाया। स्टीव जॉब्स ने अपनी बीमारी के कारण 2011 में एप्पल कंपनी के सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के हेड बने रहे। पेनक्रियाटिक कैन्सर के शिकार जॉब्स ने अपना उपचार सही तरीके से नहीं कराया। इसका नतीजा यह हुआ कि 56 वर्ष की उम्र में 5 अक्टूबर 2011 को उनका निधन हो गया। निधन से पहले टिम कुक को सीईओ बना दिया था। उसके बाद से टिम कुक एप्पल कंपनी के सीईओ पद पर तैनात हैं। यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) के अनुसार टिम कुक के पास एप्पल के सबसे अधिक शेयरहोल्डर हैं। इसलिये उनका कंपनी पर पूरा कब्जा है।

Apple के प्रोडक्ट महंगे होने के साथ लोकप्रिय भी होते हैं

एप्पल कंपनी की खास बात यह है कि उसके प्रोडक्ट महंगे होने के बाद भी सबसे ज्यादा खरीदे जाते हैें। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि एप्पल अपने प्रोडक्ट को तैयार करने के लिए सबसे ज्यादा खर्च रिसर्च और क्वालिटी प्रोडक्ट बनाने पर करती है। दुनिया का शायद कोई ही ऐसा देश होगा जो एप्पल के प्रोडक्ट को न खरीदता हो। दुनिया भर के पैसे वाले लोग एप्पल के प्रोडक्ट को पसंद करते हैं। इसलिये एप्पल का आईफोन सबसे ज्यादा बिकता है।

Steve Jobs ही कंपनी की जान थे

एप्पल कंपनी की स्थापना एक अप्रैल 1976 को स्टीव जॉब्स, स्टीव वोज्नियेक और रोनाल्ड वेन ने की थी, जिसमें से स्टीव जॉब्स कंपनी के मुख्य अधिकारी थे। जाब्स का कैंसर की बीमारी के बाद निधन हो गया था। ये स्टीव जॉब्स ही ऐसे थे जिन्होंने एप्पल को टॉप पर पहुंचाया। चाहे वो यूएसबी बनाना हों या आईपॉड के माध्यम से गाने सुनना हो सभी क्षेत्र की हाई टेक्नीक तक एप्पल को पहुंचाने का काम जॉब्स ने किया। आज एप्पल जिस मुकाम पर है, उसका पूरा श्रेय जाब्स को ही जाता है। अमेरिकी कंपनी एप्पल कम्प्यूटर इंक का मुख्यालय कैलिफोर्निया के क्यूपर्टिनो में स्थित है।

एप्पल का पहला iPhone 2007 में आया

एप्पल ने 2007 में  जो आईफोन लांच किया है। वह दुनिया भर के अन्य स्मार्ट फोन से अलग है। इसकी खासबात यह है कि आईफोन के सारे सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर अमेरिका में ही बनाये जाते हैं। एप्पल दूसरी मोबाइल कंपनियों की तरह अपने आईफोन के प्रोडक्ट के लिए किसी दूसरे पर आश्रित नहीं है। इसलिये उसकी क्वालिटी में काफी अन्तर है।

सितम्बर 2019 को एप्पल ने आईफोन11, आईफोन 11 प्रो, आईफोन 11 प्रो मैक्स कोपेशकिया। ये सारे फोन लॉच होने के साथ ही मार्केट में हिट हो गये। इससे कंपनी को काफी मुनाफा हुआ।  15 अप्रैल 2020 को एप्पल ने दूसरी पीढ़ी के आईफोन एसई की घोषणा की। यह फोन आईफोन 8 की ही डिजाइन का था लेकिन इसमें अनेक खूबियां दीं गयीं थी जो कस्टमर को लुभाने वाला था। अपनी डिजाइनों के लिए मार्केट में छाने वाले आईफोन 12, आईफोन 12 मिनी, आईफोन 12 प्रो और आईफोन 12 प्रो मैक्स को एप्पल ने अक्टूबर 2020 में पेश किया था।

Apple की खास बातें

1. जनवरी 2022 में एप्पल कंपनी दुनिया की पहली ऐसी कंपनी बन गयी है, जिसकी मार्केट वैल्यू 3 लाख करोड़ डॉलर के पास हो गयी है, जो भारत समेत 198 देशों की जीडीपी से भी ज्यादा है।

2. एप्पल कंपनी हर मिनट में तीन लाख डॉलर यानी दो करोड़ रुपये कमाती है।

3. एप्पल मैकबुक की बैटरी बुलेटप्रूफ होती है। यदि कोई आपको गोली मारे और आप मैकबुक की बैटरी सामने कर देंगे तो वो गोली आपको नहीं लगेगी।

4. एप्पल के प्रत्येक आईफोन में 0.0034 ग्राम सोना और 0.34 ग्राम चांदी होती है।

5. एप्पल कंपनी के दुनिया भर में डेढ़ लाख कर्मचारी है, जिनमें भारतीयों की संख्या सबसे अधिक है।

6. एप्पल कम्प्यूटर के पास सिगरेट पीने से इसकी वारंटी खत्म हो जाती है। यह लिखित में दिया गया है।

7. यदि आपने एप्पल की आईट्यून का इस्तेमाल किया है तो आपने इस बात का कान्ट्रैक्ट कर लिया है कि आप एप्पल के किसी भी प्रोडक्ट को एटम बम बनाने के लिए नहीं करें। क्योंकि टर्म्स एंड कंडीशन में ऐसा ही लिखा हुआ है।

8. एप्पल विश्व की एकमात्र ऐसी कंपनी है जो अपनी कमाई से श्रीलंका जैसे 100 देश खरीद सकती है।

9. एप्पल कंपनी को शुरुआत में काफी संघर्ष करना पड़ा क्योंकि इसके सभी प्रोडक्ट काफी महंगे थे और उनमें ऐप्स की क्षमता भी कम थी लेकिन 2007में आईफोन लोने के बाद एप्पल कंपनी की हालत सुधर गयी क्योंकि महंगे होने के बावजूद आईफोन हाथोंहाथ बिक गया, जिससे कंपनी ने भारी लाभ कमाया। इस आईफोन की आज भी मार्केट में अच्छी खासी डिमांड है।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

प्रश्न. एप्पल के संस्थापक स्टीव जाब्स का कंपनी में विरोध क्यों शुरू हो गया था?

उत्तर. एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स का विरोध इसलिये शुरू हो गया था क्योंकि कंपनी के बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर मे अधिक संख्या बिजनेस मैन की थी और वे तत्काल लाभ का सौदा करना चाहते थे जबकि स्टीव जॉब रिसर्चर थे और उनका मानना था कि अच्छी क्वालिटी के ही अच्छे पैसे मिल सकते हैं। स्टीव जाब्स द्वारा लांच किये गये कई प्रोडक्ट महंगे होनेके कारण नहीं चल पाये थे इसलिये उनका कंपनी में विरोध हुआ था।

प्रश्न. एप्पल कंपनी का पहला कम्प्यूटर कैसा था?

उत्तर. एप्पल का पहला कम्प्यूटर कंपनी के संस्थापक वोज्नियाक द्वारा हाथ से डिजाइन करके बनाया गया था। कम्प्यूटर के नाम पर एक बोर्ड ही था जिसमें अनेक चिप्स वगैरह लगे हुए थे। ये कंप्यूटर आज की तरह के कम्प्यूटर की तरह मॉनिटर, कीबोर्ड और माउस वाला नहीं था।

प्रश्न. एप्पल के किसी प्रोडक्ट की बैटरी वास्तव में बुलेटप्रूफ होती है, इस बैटरी को ऐसा क्यों बनाया गया है?

उत्तर. हां ये सच है कि एप्पल मैकबुक की बैटरी बुलेट प्रूफ होती है। यदि कोई गोली मारी जाये और एप्पल मैक की बैटरी पर आकर लगे तो आरपार नहीं होगी। इस तरह से जान बचाई जा सकती है। इस बैटरी को इतना मजबूत क्यों बनाया गया है,कंपनी की ओर से आधिकारिक जानकारी कोई प्राप्त नहीं मिल पायी हे।

प्रश्न. ए्रप्पल कंपनी के आईफोन में क्या सोना-चांदी भरा रहता है जो इतने महंगे होते हैं?

उत्तर. एप्पल कंपनी के आईफोन में सोना-चांदी भरा नहीं रहता है लेकिन उसमें सोना चांदी अवश्य ही होता है। कंपनी के द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार एक आईफोन में  0.0034 ग्राम सोना और 0.34 ग्राम चांदी होती है। इस कंपनी के आईफोन अपनी हाई टेक्नीक और आकर्षक डिजाइन के कारण महंगे होते हैं।

प्रश्न. एप्पल के आईफोन महंगे होने के बाद भी सबसे ज्यादा क्यों बिकते हैं?

उत्तर. एप्पल कंपनी अपने आईफोन को यूनिक बनाने के लिए रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट में सबसे ज्यादा पैसा खर्च करती है और उसी वजह से ये आईफोन बाजार में सबसे ज्यादा महंगे होने के बावजूद सबसे ज्यादा बिकते हैं।