भारत की अधिकांश आबादी आज भी कस्बों व गांवों में रहती है। इन कस्बों व गांवों की अपनी ही निजी अर्थव्यवस्था होती है। इनकी अर्थव्यवस्था खेती किसानी पर निर्भर करती है। यह भी सत्य है कि कस्बों व गांवों में रोजी-रोजगार करने के तौर-तरीके शहरों की अपेक्षा काफी अलग होते हैं। इन कस्बों व गांंवों के लोग अधिकांशत: खेती-किसानी से उत्पन्न फसलों पर ही अपना जीवन व्यतीत करने की कोशिश करते हैं। इसलिये वहाँ पर बिजनेस करने का उनका अपना तरीका अलग होता है। इसका मतलब यह नहीं हैं कि इन कस्बों व गांवों में बिजनेस शुरू करने की कोई संभावना नहीं हैं। बिजनेस करने की सम्भावनाएँ तो हैं लेकिन शहरों की तरह नहीं हैं। इसके लिए बिजनेस मैन को यह सोचना होगा कि कस्बों व गांवों के माहौल में किस तरह का बिजनेस किया जा सकता है। यदि गांव के लोगों से जुड़ा बिजनेस नहीं किया जायेगा तो बिजनेस मैन के असफल होने के अवसर अधिक हो सकते हैं।
कैसे बनाएं व्यापार की योजना?
व्यापार करना कोई हंसी-खेल नहीं हैं। उस पर गांवों व कस्बों में व्यापार करना तो बहुत ही टेढ़ा काम है। बिजनेस शुरू करने से पहले कस्बों व गांवों का इतिहास-भूगोल जानना होगा। आपको यह देखना होगा कि यहां पर किस तरह का बिजनेस शुरू किया जाये जिसके लिए अधिक से अधिक मूलभूत सुविधाएं मिल सकें। ताकि बिजनेस चलाने में परेशानी न हो। दूसरा यह कि आपके बिजनेस की कस्बों और गांव में क्या उपयोगिता है कि लोग आपके द्वारा शुरू किये गये बिजनेस का लाभ उठावें। आपके द्वारा शुरू किये गये बिजनेस से कोई लाभ कस्बों व गांव में रहने वालों को मिलेगा तभी वे आपके पास आयेंगे और आपके द्वारा बेचे जाने वाले प्रोडक्ट में रुचि। साथी उस लाभ के लिए आपको कुछ भुगतान भी करना चाहेंगे। इन्हीं सब बातों पर अच्छी तरह से विचार करने के बाद ही बिजनेसमैन को व्यापार शुरू करने की योजना बनानी चाहिये।
किन-किन बातों का रखना होगा ध्यान
कस्बों और गांवों में बिजनेस शुरू करने की योजना बनाते समय आपको कई चीजों पर विशेष ध्यान देना होगा। इनमें से कुछ प्रमुख हैं:-
1. सबसे पहले अपना बजट तय करना होगा। इस बजट में बिजनेस करना है। इससे अधिक खर्च नहीं करना है।
2. अपने बजट में आने वाले कई तरह के बिजनेस आइडिया हो सकते हैं उसमें से किसी खास आइडिया को चुनना होगा
3. बिजनेस आइडियाज को चुनते समय केवल एक ही नहीं बल्कि दो या तीन बिजनेस आइडिया पर विचार करना होगा
4. आप अपनी पूंजी लगाने जा रहे हैं तो यह भी अनुमान लगाना होगा कि कौन सा बिजनेस हमें जल्दी मुनाफा दे सकता है
5. वो ऐसी कौन सी चीजें हैं जो कस्बे व गांव में रहने वालों के लिए बहुत जरूरी हैं और उनके बिना वो नहीं रह सकते । ऐसी वस्तुओं का कारोबार करने का विचार करना चाहिये ताकि आपका बिजनेस जल्दी से चल सके।
6. इस तरह का बिजनेस करने से आपको ग्राहकों को तलाश नहीं करनी होगी और आपका बिजनेस कम मेहनत में ही आसानी से चल जायेगा
7. यदि बिजनेस का बजट कम है तो आपको बिजनेस चलाने की कुछ विशेषज्ञों की राय का अध्ययन करना होगा अथवा किसी अनुभवी बिजनेस मैन से सलाह मशविरा करना होगा।
अच्छी तरह से बिजनेस शुरू करने के लिए बिजनेस प्लान अवश्य बनायें
यदि आप चाहते हैं कि आपका बिजनेस अच्छी तरह से चले और अच्छा मुनाफा भी कमाये तो उसके लिए आपको बिजनेस प्लान बनाना बहुत ही आवश्यक है। यदि आप छोटे स्तर का बिजनेस करने जा रहे हों तो उसके लिए सुनियोजित तरीके से बिजनेस शुरू करना अतिआवश्यक है क्योंकि आपका बजट बहुत कम है इसलिये एक-एक पैसे का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाना बहुत जरूरी है। बिजनेस में एक पैसा भी बर्बाद करने की अनुमति नहीं होती है। कोई भी सुनियोजित और वैज्ञानिक तरीके से शुरू किया गया बिजनेस असफल नहीं होता है। उसके लिए बिजनेस प्लान बनाना जरूरी होता है। आप बिजनेस प्लान को एक तरह से आपके द्वारा शुरू किये जाने वाले बिजनेस की नींव मान सकते हैं। नींव जितनी मजबूत होती है, उस पर इमारत उतनी ही बुलंद खड़ी की जा सकती है।
अपना बिजनेस प्लान कैसे बनायें
अपने बिजनेस प्लान में आपको लम्बी चौड़ी दिमागी कसरत नहीं करनी है। बस आपको बिजनेस के लिये आवश्यक जगह-जमीन, जो कस्बों व गांवों में आसानी से कम से कम रेट पर मिल सकती है, उसका हिसाब जोड़ लें, शुरू-शुरू में बिजनेस के लिए आवश्यक मशीनों में से वहीं मशीन खरीदने की योजना बनायें जिनकी बहुत ही जरूरत हो अथवा जिनके बिना आपका काम नहीं चल सकता हो, इसका खर्च जोड़ लें, कच्चा माल भी शुरुआत में थोड़ा-थोड़ा खरीदें, उसका भी खर्च लिख लें। आपके बिजनेस में बिजली, पानी पर होने वाले खर्च को जोड़ लें, इस बिजनेस में यदि किसी कारीगर यानी एक्सपर्ट की जरूरत हो और उसके सहायक की जरूरत हो तो उसका भी हिसाब लगा लें, इसके अलावा ट्रांसपोर्टेशन, प्रचार प्रसार पर होने वाले खर्च को कतई न भूलें। कुछ अनजाने खर्चों का भी एक बजट तय कर लें। एक इमरजेंसी फंड या अतिरिक्त बजट अवश्य बनायें। इन सबके बाद शुरुआत में आप अपना मुनाफा भले कम लें लेकिन एक न्यूनतम मुनाफा निश्चित कर लें। पूंजीगत व्यवस्था का प्रबंधन करने की बात भी बिजनेस प्लान में अवश्य दर्ज कर लें। साथ ही कार्य करने का भी एक प्लान बनायें। बिजनेस किस तरह से शुरू करेंगे, उसे रफ्तार देने के लिए कब इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल करेंगे। बिजनेस का प्रचार किस प्रकार करेंगे। कितना मुनाफा लेंगे। जरूरत पड़ने पर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कोई ऑफर या गिफ्ट आदि देंगे। इन सबका विचार करके योजना बनायेंगे तो आपका बिजनेस अवश्य ही सफलता पूर्वक चलेगा।
ये हैं प्रमुख बिजनेस आइडिया
कस्बों और गांवों में खेती-किसानी से जुड़े अनेक ऐसे बिजनेस हैं, जिन्हें कम पैसे से आसानी से शुरू किया जा सकता है। इसका मूल मंत्र यह है कि आप कस्बे व गांव में जहां भी रहते हों वहां पर अपना छोटा सा बिजनेस शुरू कर सकते हैं । यह आपके लिए फायदेमंद होगा क्योंकि गांवों में लोग एकदूसरे से परिचित होते हैं, इसलिये प्रचार के लिए अधिक हाथ-पांव नहीं मारने होते हैं। आइये देखते हैं कि कौन-कौन से बिजनेस आइडियाज हैं जो कस्बों व गांवों के लिए अधिक से अधिक फायदेमंद साबित हो सकते हैं:-
1. मिल्क कलेक्शन सेंटर
कस्बों व गांवों में घर-घर गाय व भैंस पाली जाती है, जिनका दूध बेचा जाता है। इस दूध को लेने के लिए शहर का एजेंट गांवों में दो बार आता है। उसको काफी उल्टे सीधे समय पर गांवों में घर-घर जाकर दूध इकट्ठा करना पड़ता है। इस कारण गांव वालों को भी अपने जानवरों को उल्टे सीधे समय पर दुहना पड़ता है। जैसे गांवों में दिन और रात में दो बजे से जानवरों की दुहाई शुरू करनी होती है तब जाकर समय पर दूध शहर पहुंच पाता है। आप को चाहिये कि एजेंट और गांव के दूध विक्रेताओं की समस्याओं को देखते हुए दोनों से बात करें और मिल्क कलेक्शन सेंटर खोलने की अपनी योजना बनायें। इसमें अधिक नहीं केवल एक रुपये प्रति लीटर का कमीशन तय करेंगे तो काफी मुनाफा हो जायेगा। इसमें से 50 पैसे लीटर गांव वालों से और 50 पैसे लीटर एजेंट से लेंगे तो इन दोनों पर कोई विशेष बोझ नहीं पड़ेगा। दोनों को ही आसानी हो जायेगी। जहां एजेंट को रात एक बजे आकर घर-घर दरवाजा नहीं खटखटाना होगा वहीं गांव वालों को अपनी नींद भी नहीं खराब करनी होगी। जिस तरह से एजेंट गांव से दूध लेकर सुबह पांच बजे निकलता है। आप भी अपनी डेडलाइन बनाकर गांव वालों से दूध मंगवायें। आज का वैज्ञानिक युग है। दूध के लिए आपको थन के सामने बैठकर दुहाने की जरूरत नहीं है। फैट्स नापने वाली मशीन का इस्तेमाल करके आप दूध की क्वालिटी जान सकते हैं। दूध कलेक्ट करके एजेंट को दे सकते हैं। सुबह शाम के कुछ घंटों के काम से आप रोजाना कम से कम 1000 रुपये कमा सकते हैं।
2. आर्गेनिक सब्जियां व फल का व्यवसाय करें
आर्गेनिक सब्जियों व फल की आजकल शहरों में भारी डिमांड है। इसके लिए बिजनेस मैन को शुरू शुरू में थोड़ी अधिक मेहनत करनी होगी। सबसे पहले उसे आर्गेनिक सब्जियों और फलों की ऐसे बीज तलाशने होंगे जिनकी पैदावार आम तौर पर होने वाली फसल से काफी पहले हो सकती हो। इनकी खेती करके सब्जियां व फल उगानी होंगी। शुरू-शुरू में आपको शहरों में वेंडर तलाशने होंगे और उनको अपना प्रोडक्ट देना होगा। जो जगह-जगह ले जाकर बेच सकें। इसका मतलब यह है कि आपको अपना प्रोडक्ट पहले घर-घर तक पहुंचाना होगा, जिससे आपके प्रोडक्ट की डिमांड बढ़े। जब यह लगे कि आपका काम हो गया है और वेंडर्स आपसे जितना सामान ले रहे हैं उनकी खपत आसानी से हो रही है। आपके पास उससे कई गुना अधिक उत्पादन होने लगा है तब आपको थोक सब्जी मंडी का रुख करना होगा। अपने किसी एजेंट को थोक मंडी में बैठाकर अपना बिजनेस बढ़ाना होगा। साथ ही सभी वेंडरों को थोक मंडी में अपने एजेंट का पता देना होगा। इस तरह से आपका वेंडरों के साथ अलग-अलग डील करने का समय बच जायेगा और आपका प्रोडक्ट अधिक बिक सकेगा। अधिक माल विक्रय होने से आपको लाभ भी ज्यादा होगा।
3. मुर्गी पालन व्यवसाय, यानी पोल्ट्री फार्म
कस्बों व गांवों में मुर्गी पालन का व्यवसाय आसानी से किया जा सकता है। मुर्गी पालने के लिए कोई बहुत लम्बी-चौड़ी जगह या बहुत बड़ी पूंजी की जरूरत होती है। अपने ही घर के एक कमरे से ही यह बिजनेस शुरू किया जा सकता है। इसमें आपको चूजों को लाना है और उन्हें कुछ समय तक पालना है। जब वो बड़े हो जायें तो उन्हें मार्केट में बेचना है। यदि आपको लगता है कि उनको हमने कभी बेचा नहीं है तो कहां बेचने जायेंगे और कैसे बेचेंगे। इन समस्याओं से बचना है तो आपको ऐसे लोगों को तलाशना होगा जो अपने चूजे एवं उनका दाना-पानी देकर किराये पर पालने का काम करवाते हैं। इस तरह के लोगों से आप सम्पर्क करके उनसे बिजनेस की सारी डील कर लें। ये लोग अपने चूजों को देते समय यह बता देते हैं कि कितने समय बाद वो पाली गयी मुर्गियों व मुर्गों को वापस लेंगे। उस समय प्रति मुर्गी/मुर्गे के वजन के हिसाब से भुगतान करेंगे। यह बिजनेस आइडिया काफी अच्छा है और इसमें अधिक रकम भी नही लगनी है और मुनाफा अच्छा मिल सकता है।
4. किराना स्टोर
कस्बों और गांवों के निवासियों द्वारा खेती में अनेक ऐसी फसलें उगाई जाती हैं जिनसे उनका अधिकांश काम चल जाता है लेकिन फिर भी कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें उनका खरीदना ही होता है। उदाहरण के लिए नमक ऐसी चीज है जो सदियों से किसान खरीदते चले आये हैं और खरीदते रहेंगे। इसी तरह किराना के अनेक प्रोडक्ट हैं जो कस्बों व गांव के निवासियों के लिए सख्त जरूरी होते हैं। इन प्रोडक्ट को खरीदने के लिए उन्हें शहर की भागदौड़ करनी होती है। घर-गृहस्थी के सामान में अनेक ऐसी चीजें होतीं हैं जिनकी रोज ही जरूरत पड़ती रहती है। यदि इन सभी प्रोडक्ट को उपलब्ध कराने के लिए गांव में ही एक किराना स्टोर खोला जाये तो उससे काफी लाभ हो सकता है। उसके लिए सबसे पहले आपको यह देखना होगा कि गांव में कम से कम 200 परिवार रहते हों। यदि ऐसा नहीं है तो किन्हीं दो गांवों के बीच आप ऐसी जगह दुकान खोले जहां दोनों गांवों के लोग आसानी से आ जा सकें।
5. फूलों की खेती
भारत में फूलों की खेती को व्यवसायिक खेती के रूप में देखा जाता है। बाजार में फूलों की काफी डिमांड रहती है, यहां तक भारत के फूल कई देशों को निर्यात तक किये जाते हैं। भारत देश में प्रतिदिन लोग अपने इष्ट देव की पूजा अर्चना करते हैं, उसमें ताजे फूलों का प्रयोग करते हैं। रोजाना कोई न कोई धार्मिक त्योहार होता रहता है जिसमें फूलों की मांग बनी रहती है। इसके अलावा अब शादी-ब्याह, अनेक तरह की आयोजित होने वाली पार्टियों में सजावट के लिए फूलों की आवश्यकता होती रहती है। इसलिये फूलों की खेती करना फायदेमंद बिजनेस है। बिजनेस मैन को कोशिश करनी चाहिये कि ग्रीनहाउस खेती की सारी व्यवस्थाएं जुटाने के साथ सस्ते श्रमिकों को सैलरी पर रखें ंक्योंकि फूलों की खेती पूरे साल भर चलती रहती है। उसके लिए श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती रहती है। फूलों की खेती के लिए प्रत्येक सीजन वाले बीज लाने होंगे। गांव के खेतों में फूल उगाकर आप आसानी से नजदीकी शहर में बेच सकते हैं।
6. आटा चक्की यानी फ्लोर मिल
शहरों में तो लोग सीधे दूकान में जाकर आटा, बेसन, सूजी रवा, दलिया आदि खरीद लेते हैं लेकिन गांवों में जहां गेहूं,चना,व दलहन की फसलें पैदा की जातीं हैं वहां आज भी लोग गांव की चक्की में गेहूं, मक्का, आदि अनाज पिसवा कर ही आटा प्राप्त करते हैं। ग्रामीणों की इन जरूरतों को देखते हुए चक्की का व्यवसाय करना लाभ प्रद होगा। लेकिन इसके लिए आपको उन कस्बों व गांवों का चयन करना होगा जहां पर बिजली उपलब्ध हो। क्योंकि डीजल वालें इंजन से चक्की चलाकर आटा पीसना काफी महंगा पड़ता है और आम इंसान उतना खर्चा वहन नहीं कर पाता है। गेहूं की चक्की के साथ आप आसानी से मसाले पीसने की भी छोटी चक्की लगा कर बिजनेस कर सकते हैं।
7. पीने के पानी का व्यवसाय
आपके गांव के पास यदि कोई इंडस्ट्रियल एरिया हो। जहां तक आने-जाने के साधन उपलब्ध हों। यदि आपके पास थोड़ी पूंजी है तो आप पीने के पानी का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। गांवों में हालांकि लोग हैंडपम्प का पानी पीते हैं। लेकिन कस्बों व मार्केट व इंडस्ट्रियल एरिया के लोग पीने का पानी का बोतल/कैम्पर मंगाना पसंद करते हैं। गांवों में जगह जमीन के साथ सिंचाई के लिए बोरिंग व ट्यूबवेल आदि भी रहते हैं। यदि ये सुविधाएं आपके पास उपलब्ध हों तो आसानी से पानी का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। केवल आपको एक आरओ प्लांट लगवाना होगा। पानी की कैम्पर यानी पानी की 20 लीटर वाली बोतलें ढोने के लिए एक वाहन की आवश्यकता होगी। इससे आपको अच्छा मुनाफे वाला बिजनेस मिल जायेगा।
8. ऑयल मिल व राइस मिल
गांवों में तिलहन और धान की खेती की जाती है। तिलहनों से तेल निकालने के लिए आप आसानी से ऑयल मिल लगा कर अच्छी कमायी कर सकते है। यह बिजनेस थोड़ी पूंजी वाला बिजनेस है। यदि आप बिजनेस में नकद पूंजी इन्वेस्ट न करना चाहें तो उद्योग विभाग से लघु एवं मध्यम उद्योग को स्थापित करने की कई सरकारी योजनायें चलतीं रहतीं है। उनसे मिलने वाले लाभ सब्सिडी तथा लोन से यह उद्योग स्थापित कर सकते हैं। एक्सपेलर व धान कूटने वाली मशीन खरीद कर यह व्यवसाय शुरू किया जा सकता है।
9. मछली पालन का व्यवसाय
यह व्यवसाय भी गांवों व कस्बों में आसानी से किया जा सकता है। इस व्यवसाय करने वाले बिजनेसमैन को मछली के बारे में अच्छा खासा अनुभव होना चाहिये। यह बहुत ही जोखिम वाला बिजनेस है। एक जरा सी गलती आपके पूरे व्यवसाय को चौपट कर सकती है। हालांकि यह बिजनेस अच्छा चला तो आपको अच्छा मुनाफा हो सकता है।
10. खाद व बीज का व्यवसाय
खाद व बीज का व्यवसाय करना गांवों में बिजनेस करने वाले तमाम आइडियाज में बहुत ही अच्छा आइडिया है। इस बिजनेस में बिजनेस मैन का थोड़ा पढ़ा लिखा होना तथा सम्पन्न होना आवश्यक है। खाद व बीज स्टोर के लिए कुछ जरूरी कानूनी औपचारिकताएं भी पूरी करनी होती हैं। वैसे ये बिजनेस सदाबहार और मुनाफे वाला है।
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