भारत में सड़कों का जाल तेजी से बिछ रहा है। पूरे देश में सड़क निर्माण को लेकर सरकार बहुत ही सजग है। सड़क निर्माण में भारत ने हाल के कुछ वर्षों में काफी प्रगति की है। यदि भारत के सड़क नेटवर्क के बारे में बात की जाये तो उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि चीन के बाद भारत ही दूसरा ऐसा देश है, जहां पर विश्व में सड़क का सबसे बड़ा नेटवर्क है। यदि हम सड़कों में नेशनल हाईवे की बात करें तो पता चलता है कि भारत में 200 से अधिक नेशनल हाईवे हैं। इन हाईवे की कुल लम्बाई 70 हजार किलोमीटर से भी अधिक है। यह देश के 40 प्रतिशत ट्रैफिक को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सबसे बड़ा और सबसे छोटा हाइवे कौन हैं
भारत का सबसे बड़ा नेशनल हाइवे एनएच-44 है। यह हाइवे तमिलनाडु से कश्मीर तक के भूभाग को पूरी तरह से कवर करता है। यह हाईवे लगभग 4000 किलोमीटर लम्बा है। इसी तरह यदि हम सबसे छोटे हाईवे की बात करें तो वह अन्नाकुलम से कोच्चि बंदरगाह तक जाने वाला मात्र 6 किलोमीटर लम्बा हाईवे है। देश के सभी हाइवे का प्रबंधन नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) संभालती है। इसके अलावा कुछ हाइवे राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र आते हैं, उनका प्रबंधन राज्य हाईवे अथॉरिटी संभालती है।
कितने लाभकारी है नेशनल हाइवे
ये हाइवे सभी के लिए काफी सुगम और सुविधा वाले हैं। ट्रैफिक जाम की झंझट से मुक्त अधिक गति वाली सड़कों के होने से वाहन चालकों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में अनेक सुविधाएं मिलतीं है। इससे देशवासियों का समय व पैसा दोनों ही बचता है। इन हाइवे का इस्तेमाल करके करोड़ों लोग रोजाना अपनी मंजिल का आसान और सुविधाजनक सफर करते हैं। जिन परंपरागत पुरानी सड़कों से सफर करके एक मंजिल को तय करने में 12 घंटे लगते थे , वहीं इन वैकल्पिक हाइवे से केवल 4 से 5 घंटे का समय लगता है। इन हाईवे ने अपनी उन्नत सड़कों से शहरों के बीच की दूरियां बहुत कम कर दीं हैं। सरकार ने इन हाइवे के सफर को सुरक्षित व आसान बनाने के लिये अनेक उपाय किये हैं। इनका लाभ देश की अधिकांश जनता को मिल रहा है।
कैसे आया हाईवे पर बिजनेस करने का आइडिया
इन हाइवे पर 24 घंटे वाहन दौड़ते रहते हैं। इन वाहनों में बुजुर्ग पुरुष, महिलाएं , युवा एवं बच्चे अपनी-अपनी मंजिल तय करते हैं। इसके अलावा इन हाईवे से व्यवसायी, अधिकारी, राजनीतिज्ञ सहित सभी वर्गों के लोग भी अपने-अपने काम से आवागमन करते हैं। इन हाइवे के किनारे बहुत सी जगह फालतू व बेकार जमीन पड़ी है। यह जगह एनएचएआई की निजी सम्पत्ति है। सरकार ने इस सम्पत्ति का लाभ उठाने का इरादा भी बनाया था, इसके लिए खास योजना बनाई गई थी लेकिन सरकार की वह परियोजना अज्ञात कारणों से परवान नहीं चढ़ सकी है। सरकार की योजना की चर्चा के बाद अनेक व्यवसायियों का ध्यान इस ओर अवश्य ही गया। हाईवे के किनारे बिजनेस शुरू करने के लिए बिजनेस मैन ने माथापच्ची करनी शुरू कर दी। कई लोगों ने इस हाईवे पर कई तरह के बिजनेस करके लाभ उठाना शुरू भी कर दिया है। लाभ कमाने के लिए हाईवे के किनारे कौन-कौन से बिजनेस शुरू किये जा सकते हैं,आइये उन पर विचार करते हैं।
हाइवे पर बिजनेस के कौन-कौन से प्रमुख फैक्टर
हाईवे के किनारे पर बिजनेस करने के प्रमुख फैक्टरों पर विचार करना होगा। आप कितनी पूंजी इन्वेस्ट करने की योजना बना रहे हैं? आपके पास हाईवे के किनारे कितनी जमीन है या नहीं है? आपका बिजनेस करने का कितना अनुभव है? बिजनेस में यदि नुकसान हुआ तो कितना तक वर्दाश्त कर पायेंगे? कितने पैसे आप कमाना चाहते हैं। कितने लोगों का स्टाफ रखकर आप अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं। इन प्रमुख फैक्टरों विचार करने के बाद ही हाइवे के किनारे वाले बिजनेस पर फैसला किया जाना चाहिये।
अमीर व गरीब दोनों के लिए हैं काफी संभावनाएं
1. अब हम यदि हाईवे के बिजनेस आइडिया पर विचार करे तों इसमें दो तरह के लोग सामने आते हैं। एक वे हैं जो हाईवे के किनारे बसे गांवों में रहते हैं और बहुत ही गरीब हैं। दूसरे वो हैं जो काफी पैसे वाले हैं तथा हाईवे के किनारे जमीन खरीद कर अच्छा खासा व्यवसाय करना चाहते हैं।
2. हाईवे के किनारे गरीबों के लिए तो बिजनेस का सबसे अच्छा आइडिया यह हो सकता है कि वो हाईवे के किनारे, सब्जी व फल को बेचने का आसान सा व्यवसाय कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें हाइवे के पास के खेतों में उगाई जाने वाली सब्जी व फल आदि को किसानों से लेकर उसे सड़क के किनारे रख कर बेचना चाहिये। हाईवे के किनारे ताजे फल व सब्जी देखकर वहां से गुजरने वाले अपनी गाड़ियों को रोक कर उनसे खरीदारी करेंगे। इस बिजनेस में जो मुनाफा हो उसे बिजनेसमैन और किसान आपस में बांट लें। इस तरह ये लोग बिना कोई लोन लिये आसानी से अपना व्यवसाय कर सकते हैं। किसी को किसी तरह का नुकसान पहुंचाये बिना महीने के हजारों रुपये कमा कर अपना जीवन स्तर उठा सकते हैं।
3. और पैसे वालों के लिए तो सबसे अच्छा आइडिया यह है कि हाईवे के किनारे जमीन खरीदें। उस जमीन पर सरकार से परमीशन लेकर मार्केट बनायें। इसमें अनेक दुकानें बनवा कर लोगों को किराये पर दें। इस मार्केट में दुकान किराये पर देते समय यह ध्यान रखें कि हाईवे से गुजरने वाले वाहन और वाहन मालिकों और मुसाफिरों की जरूरत वाले ही बिजनेस किये जायें। इससे मार्केट बहुत जल्दी ही मशहूर हो जायेगी इस मार्केट में हाईवे से गुजरने वाले वाहनों को सर्विस रिपेयर की सुविधा दें, फूड प्लाजा बनवायें, होटल, रेस्टोरेंट, कपड़े की शॉप खुलवायें, हैंडीक्राफ्ट की शॉप खुलवायें, मेडिकल स्टोर खुलवायें। धीरे-धीरे इस मार्केट का पता चलते ही लोगों का आना शुरू हो जायेगा। इसके साथ ही आपका प्रमुख उद्देश्य भी पूरा हो जायेगा। आपको अच्छी खासी कमायी भी हो जायेगी।
कुल मिलाकर देखा जाये तो हाईवे के किनारे अनेक बिजनेस की संभावनाएं हैं, इनमें से कुछ प्रमुख बिजनेस आइडिया इस प्रकार हैं:-
- आटो मोबाइल सर्विस सेन्टर
- ढाबा का बिजनेस
- फूड प्लाजा/फूड कॉर्नर
- ट्रैवल एजेंसी
- गारमेंट शॉप
- आटोमोबाइल रिपेयरिंग शॉप
- पेट्रोल पम्प/सीएनजी पम्प
- फैशन बिजनेस
- मोबाइल यूटिलिटी
- वेयर हाउस
- लोकल प्रोडक्ट बिजनेस
- कोचिंग क्लासेज
1. आटो मोबाइल सर्विस सेन्टर
हाईवे के किनारे आटो मोबाइल सर्विस शॉप का बिजनेस काफी अच्छा साबित हो सकता है। यह सर्विस सेन्टर काफी बड़ा होना चाहिये। इस सर्विस सेंन्टर में जल्दी से जल्दी और बेहतरीन सर्विस देने की व्यवस्था होगी तो लोग आपके सर्विस सेंटर से सर्विस लेंगे और उस सर्विस के अच्छे दाम भी देंगे। इस तरह के सर्विस सेंटर यदि पेट्रोल पम्प के आसपास होंगे तो वे काफी अच्छे चलेंगे तथा अच्छा खासा लाभ भी कमायेंगे।
2. ढाबा का बिजनेस
ढाबा का बिजनेस तो मूल रूप से हाईवे के किनारे के लिए ही बना है। ट्रक व बस ड्राइवरों, पर्यटकों Ñ बस यात्रियों, निजी वाहनों से आने जाने वाले यात्रियों के अलावा सैर-सपाटा के शौकीन लोगों के लिए ढाबा बहुत ही अच्छा खाने का स्थान है। हाईवे पर चलने वाला ढाबे का बिजनेस बहुत ही लाभकारी व्यवसाय है। यह ऐसा व्यवसाय है कि साल के पूरे 365 दिन और 24 घंटे चलने वाला बिजनेस है। हाईवे पर 24 घंटे गाड़ियां दौड़तीं रहतीं हैं और पूरे 24 घंटे लोगों की खाने-पीने की डिमांड बनी रहती है। यहां पर चलने वाले ढाबे को शिफ्ट में चलाने जहां मुसाफिरों को सुविधा मिलेगी। बिजनेसमैन को अधिक कमायी होगी और भारी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
3. फूड प्लाजा/फूड कॉर्नर
फूड प्लाजा एवं फूड कॉर्नर का बिजनेस भी खाने-पीने से जुड़ा हुआ व्यवसाय है। यह बिजनेस भी हाईवे पर अच्छा चल सकता है। यह बिजनेस सुबह और शाम के नाश्ते की सुविधा देने वाला बिजनेस है। सुबह और शाम इंसान को पेट भर खाना नहीं चाहिये बल्कि हल्का फुल्का नाश्ता ही चाहिये। इसके लिये फूड प्लाजा व फूड कॉर्नर का बिजनेस सबसे अच्छा कारोबार है। हाईवे पर लगने वाले फूड प्लाजा के चलने का एक कारण यह भी है कि हर शहर के फूड रेसिपी में काफी अंतर होता है और उसे टेस्ट में भी फर्क होता है। नये टेस्ट के लिए हाईवे से गुजरने वाले मुसाफिर अवश्य फूड प्लाजा की सर्विस को आजमायेंगे। इस तरह से यह बिजनेस का अच्छा खासा स्कोप है। यह बिजनेस आइडिया हाईवे के किनारे बिजनेस करने वालों के लिए बहुत ही अच्छा है।
4. ट्रैवल एजेंसी
ट्रैवल एजेंसी को हाईवे पर ही बनाया जाना चाहिये क्योंकि यहां से बसों के आवागमन की काफी सुविधा रहती है। एक शहर से दूसरे शहर को जाने वाली बसें, लक्जरी बसें व टूरिस्ट बसें शहर के अन्दर घनी बस्तियों के बीच बने बस स्टॉप में जाने से परहेज करतीं हैं। इसके अनेक कारण हो सकते हैं। इसलिये अधिकतर ट्रैवल एजेंसी वाले अपना कार्यालय हाईवे के किनारे ही बनाते हैं। वहीं से वह सवारी लोड करते हैं और दूसरे शहर के हाईवे पर ही सवारियों को अनलोड करते हैं।
5. गारमेंट शॉप
आजकल फैशन का दौर है। फैशन में कपड़ा सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिये हाईवे पर गारमेंट शॉप खोलना फायदेमंद बिजनेस है। हाईवे से गुजरने वालों को अधिकांश इतनी फुर्सत नहीं होती है कि वे व्यस्त बाजारों में अपना समय बर्बाद करके शॉपिंग कर सकें। हालांकि आज के जमाने में अधिकतर लोग ऑनलाइन आर्डर देकर कपड़े मंगाते हैं लेकिन वो उनसे पूरी तरह संतुष्ट नहीं होते हैं। ऐसे में यदि हाईवे पर कोई अच्छी गारमेंट शॉप दिखती है और उनके पास थोड़ा भी समय होता है तो हाईवे वाली शॉप पर अवश्य ही शॉपिंग करते हैं। इन हाईवे पर वाहन चलाने वाले में युवाओं की संख्या अधिक होती है और वे ही युवा फैशन के लिए कपड़ों की खरीद भी करते हैं। इसलिये ये बिजनेस आइडिया काफी अच्छा है।
6. आटोमोबाइल रिपेयरिंग शॉप
ऑटोमोबाइल रिपेयरिंग शॉप हाईवे के लिए सबसे जरूरी और सबसे अधिक लाभप्रद बिजनेस है। हाईवे में हजारों वाहन प्रतिदिन गुजरते रहते हैं। इन वाहनों में बस,ट्रक, कार, यूटिलिटी, एमयूवी, बाइक आदि शामिल हैं। हाईवे पर वाहनों की स्पीड भी काफी अधिक रहती है। हाईवे पर अक्सर ही देखने में आता है कि चलते-चलते वाहन अचानक खराब हो जाता है। उस समय वाहन चालक का सिर चकराने लगता है। यदि पहिया में पंक्चर हो गया तो स्टेपनी बदल कर काम चलाया जा सकता है। लेकिन वाहन में टेक्निकल खराबी आ जाने के बाद तो वाहन चालक को उसे घसीट कर रिपेयिरिंग सेंटर तक ले जाना ही होगा। इससे दोहरा नुकसान होता है। पहला नुकसान यह कि जो व्यक्ति किसी पूर्व नियोजित काम के लिए जा रहा था वह डिस्टर्ब हुआ और दूसरा यह कि उसका समय बर्बाद हो रहा है, पैसे तो लगेंगें ही । ऐसी स्थिति में हाइवे पर यदि कोई आटोमोबाइल रिपेयर सेंटर हो तो उसको काफी लाभ मिल सकता है। इसलिये यह बिजनेस भी हाईवे पर किया जाना लाभप्रद है।
7. पेट्रोल पम्प/सीएनजी पम्प
पेट्रोल पम्प/सीएनजी पम्प के बिजनेस के लिये हाईवे वरदान है। वरदान इसलिये नहीं कि यहां पर वाहन पेट्रोलÑ, डीजल या सीएनजी गैस भरवाएंगे बल्कि यह हाईवे इसलिये वरदान है कि हाईवे पर चलने वाला वाहन लम्बी दूरी के लिए निकलता है । जब वाहन में पेट्रोल नहीं होता है या कम होता है तो वाहन मालिक उस वाहन का टैंक फुल कराने की सोचता है। रेट फिक्स होने के कारण बड़े पैमाने पर फ्यूल बिकने से बिजनेस मैन को बहुत अधिक लाभ होता है। इस नजरिये से हाईवे पर यह बिजनेस करना बहुत ही अधिक लाभ वाला व्यवसाय माना जा सकता है।
8. फैशन बिजनेस
फैशन से जुड़े अन्य बिजनेस युवाओं की भारी मांग हैं। युवा ही अधिकांश हाईवे से सफर करते हैं। व्यस्तता के बीच यदि हाईवे पर फैशन इंडस्ट्री से जुड़े किसी खास बिजनेस का होर्डिंग दिख जाता है तो वे एक बार अवश्य वहां जाकर उसमें रुचि लेते हैं। चाहे वह फैशन बुटीक हो, स्टायलिस्ट हेयर डिजाइनिंग हो या कोई अन्य फैशन बिजनेस हो, उसमें वह अवश्य ही सर्विस लेना चाहेंगे। इस तरह से इस बिजनेस को फायदे के लिए हाइवे के किनारे किया जा सकता है।
9. मोबाइल यूटिलिटी
मोबाइल फोन व मोबाइल एसेसरीज व मोबाइल रिचार्ज अथवा मोबाइल से अन्य तरह के बिल के पेमेंट आदि की सुविधा वाला बिजनेस हाईवे पर काफी फायदे वाला हो सकता है। जानकार लोग यह बताते हैं कि हाईवे पर जाने वाले लोग किसी काम से जा रहे हैं। इस बीच उन्हें मोबाइल यूटिलिटी की सर्विस की आवश्यकता होती है तो वो सबसे पहले हाईवे पर ही इस तरह की सेवाओं को खोजते हैं क्योकि उनका एक साथ दो काम हो जाते हैं। कहने का मतलब यह है कि इधर-उधर खोजबीन कर ऐसी शॉप तलाशने में जो समय लगता है, वो बच जाता है। इसका लाभ हाईवे पर मोबाइल संबंधी बिजनेस करने वाले बिजनेस मैन को मिलता है। इसलिये इस बिजनेस को भी अच्छा बिजनेस आइडिया माना जाता है।
10. वेयर हाउस
हाईवे के किनारे बड़ी-बड़ी जमीन आसानी से मिल सकतीं हैं। तो वहां पर ऐसा वेयर हाउस बनवाना फायदेमंद सौदा साबित होगा, जो किसी भी ई कॉमर्स कंपनी को किराये पर दिया जा सकता है। ई कामर्स कंपनियों का व्यापारिक लेन-देन शहरों में ही होता है। शहरों के बीच जहां इतनी बड़ी जगह काफी महंगी मिलेगी, वहीं घनी बस्तियों के बीच होने वाले जाम से वेयरहाउस तक लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है। हाईवे से कहीं भी आना-जाना आसान होता है। इसलिये ये कंपनियां इस तरह की जगह स्वयं तलाशती रहतीं हैं। यदि आप उनके समक्ष हाईवे किनारे बने वेयर हाउस को किराये पर लेने प्रस्ताव पेश करेंगे तो वह आपके प्रस्ताव को खुशी-खुशी स्वीकार कर लेंगी तथा वाजिब किराया भी देने को तैयार हो जायेंगी।
11. लोकल प्रोडक्ट बिजनेस
हाईवे में अनेक शहर पड़ते हैं। सभी शहरों व उनके आसपास अनेक लोकल प्रोडक्ट ऐसे पाये जाते हैं जिनकी अच्छी खासी डिमांड रहती है। आम लोगों के जीवन की जरूरतों से जुड़े अनेक ऐसे खाने-पीने, पहनने,ओढ़ने-बिछाने व अन्य तरह के प्रोडक्ट होते हैं जिनको देख कर कोई भी खरीदना चाहेगा। इसके अलावा विभिन्न शहरों के नामी-गिरामी प्रोडक्ट को खरीदने में लोग अपनी शान समझते हैं। इस तरह से यदि शहरों के बाहर हाईवे के किनारे इस तरह के लोकल प्रोडक्ट का बिजनेस करें तो यह यूनिक बिजनेस होगा। यूनिक बिजनेस में आय की कोई सीमा नहीं होती है। इस नजरिये से देखा जाये तो यह बिजनेस आइडिया भी काफी लाभप्रद है।
12. कोचिंग क्लासेज
सभी तरह के ऑफलाइन कोचिंग का बिजनेस हाईवे के किनारे ही किया जाता है। इसका प्रमुख कारण यह है कि हाईवे के पास कोचिंग क्लास के लिए आवश्यक जगह शहर की घनी बस्तियों की जगह से काफी सस्ती होती है। दूसरा यह कि हाईवे के किनारे कोचिंग क्लासेज का एक और उद्देश्य यह है कि पढ़ाई करने का शांत माहौल जैसा कोचिंग को चाहिये वो शहर की घनी बस्ती में नहीं मिल पाता है। उसके लिए हाईवे का शांत एरिया ही सबसे सही लगता है। हाईवे के पास की इन्हीं खूबियों के कारण अधिकांश लोग हाईवे के किनारे ही कोचिंग क्लासेज चलाना पसंद करते हैं। हाईवे के किनारे कोचिंग चलाने का एक कारण और भी है कि इस क्षेत्र का एरिया काफी खुला होता है तो वहां पर आने वाले स्टूडेंट्स और टीचर्स को आने-जाने में काफी सुविधा होती है और उनको अपने वाहनों को पार्किग करने में भी काफी आसानी होती है।
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