देश की बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए सरकारें दो दशकों से पहले से ऐसे प्रयास करती रहीं हैं कि लोग सरकारी नौकरियों के अभाव में स्वयं अपना काम-धंधा करके जीविकोपर्जन कर सकें। वे पढ़ लिखकर सरकारी नौकरियों के भरोसे ना रहें क्यों कि देश की तेजी से बढ़ती आबादी के अनुपात में सरकारी नौकरियां नहीं बढ़ रहीं हैं। इसलिये सरकारों ने समय-समय पर स्वरोजगार को बढ़ावा देने और नये-नये हुनरमंद उद्यमियों की मदद करने के लिए अनेक योजनाएं बनायीं गयीं हैं। सीजीटीएमएसई योजना भी इसी तरह की योजना है।
कैसे हुई इस योजना की शुरुआत
जब देश में बेरोजगारी बढ़ने लगी और सरकार पर रोजगार यानी सरकारी नौकरियां दिये जाने के लिए दबाब बनाया गया तब सरकार ने नौकरियां देने की जगह स्वरोजगार को प्रोत्साहन देने के लिए बिना गारंटी के ऋण देने की योजना बनाई जिसमें व्यापार डूबने की स्थिति में व्यापारी के कर्ज की सरकार ने कुछ अंश तक जिम्मेदारी लेने की योजना बनायी।
इसके लिए सरकार, एमएसएमई मंत्रालय यानी सूक्ष्म, लघु और मध्यम एंटरप्राइजेज मंत्रालय, सिडबी यानी लघु उद्योग विकास बैंक ने क्रेडिट गारंटी फण्ड ट्रस्ट नामक एक ट्रस्ट की स्थापना की और इसके माध्यम से माइक्रो, और स्माल एंटरप्राइजेज को बिना गारंटी वाले लोन की सुविधा प्रदान करने का फैसला किया। शुरू-शुरू में इस योजना में लोन लेने की लिमिट और पेमेंटी का फिक्स टाइम रखा गया था। जिससे नये व्यापारियों को काफी समस्या हो रही थी क्योंकि नये व्यापारियों के पास हुनर ही था । उनके पास अनुभव तो था नहीं इसलिये वे अपना बिजनेस उतने समय में स्थापित नहीं कर पाते थे जितने समय में उन्हें लोन चुकाना होता था। सरकार ने व्यापारियों की इस समस्या को देखते हुए इस योजना में कुछ सुधार भी किये हैं।
सरकार की व्यापारी हित की योजनाएं
आपको मालूम होगा कि कोरोना काल की महामंदी के बाद से जिस एमएसएमई की सबसे अधिक चर्चा हो रही है। उस एमएसएमई बिजनेस लोन की सुविधा के लिए मई 2005 में संसद में बिल लाया गया था जिसे राष्टपति द्वारा एमएसएमई अधिनियम, 2006 के रूप में लाया गया था। इसका उद्देश्य छोटे से छोटे व्यापारी से लेकर मध्यम स्तर के व्यापारी की आर्थिक मदद करना और उनके बिजनेस को आगे बढ़ाना था। इससे पहले सरकार ने नये उद्यमियों को अपना बिजनेस शुरू करने के लिए सीजीटीएमएसई योजना को भी इसी तरह 30 अगस्त 2000 में ही स्थापित किया था। इसका मुख्य उद्देश्य कम से कम ब्याज पर नये उद्यमियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध करना था। इस योजना में उद्यमियों को आसान ऋण देने की सुविधा दी गयी थी लेकिन उस समय इसमें दो प्रमुख कमियां थीं। पहला तो यह पर्याप्त क्रेडिट नहीं मिलता था और दुसरा यह कि आवेदक को भुगतान के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया जाता था।
किसको कहते हैं सीजीटीएमएसई योजना
सीजीटीएमएसई योजना यानी क्रेडिट गारन्टी फण्ड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एण्ड स्माल एन्टरप्राइजेज है। इसके तहत सूक्ष्म और लघु उद्यमियों की आर्थिक मदद की जाती है। सरकार ने इस योजना की कमियों को दूर करते हुए इस योजना में बिना किसी कारंटी या जमान के ऋण देने क फैसला किया है।
नये नियमों के तहत अब देश के सभी बैंक सूक्ष्म और लघु उद्यमियों को मदद के लिए 50 लाख से 2 करोड़ रुपये तक ऋण उपलब्ध कराते हैं।
इस योजना के तहत यह भी निश्चित किया गया है कि यदि कोई व्यापारी लिये गये धन को किसी रीजनेबल कारण से मूल धन नहीं चुका पाता है तो उसे सरकार द्वारा कर्जदारों के अनुपात में 75 प्रतिशत तक कवर किया जाता है। यानी सरकार ऐसे व्यापारियों को लिये गये लोन की राशि का 75 प्रतिशत तक कर्ज भरने की जिम्मेदारी लेती है।
कौन-कौन ले सकता है सीजीटीएमएसई योजना के तहत लोन
महत्वपूर्ण सवाल यह है कि इस योजना के तहत कौन-कौन लोन ले सकता है। इसके बारे में यह बताया गया है कि इस योजना के तहत माइक्रो यानी सूक्ष्म, स्माल यानी लघु , मीडियम यानी मध्यम स्तर के उद्यमी लोन प्राप्त कर सकते हैं। यदि आपका उद्यम उत्पादन और सेवा क्षेत्र से जुड़ा नहीं है, उसे यह लोन नहीं मिल पायेगा।
कहां-कहां से मिल सकता है इस योजना का लोन
आम उद्यमी को यह जानने की इच्छा होगी कि इस योजना के तहत लोन कहां-कहां से मिल सकता है। इसलिये सभी उद्यमियों की सहायता के लिए यह बताय जा रहा है कि कहां कहां से इस योजना के तहत लोन लेकर लाभ उठा सकते हैं। हालांकि कुछ बैंक और कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाएं इस योजना के तहत लोन प्रदान करतीं हैं। उनका विवरण इस प्रकार है:-
- पब्लिक, प्राइवेट और कॉमर्शियल बैंक
- 73 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
- 21 प्राइवेट बैंक
- 26 पब्लिक सेक्टर के बैंक
- 4 विदेशी बैँक
गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाएं
- राज्यों के वित्तीय निगम यानी फाइनेंशियल कारपोरेशन
- आयात निर्यात बैंक
- नेशनल स्माल इंडस्ट्रीज कारपोरेशन (एनएसआईसी)
- स्माल इंडस्ट्रीज डेवलबमेंट बैंक आफ इंडिया (सिडबी)
- अलग-अलग क्षेत्र की वित्तीय संस्थाएं
आवेदन पत्र कहां-कहां मिल सकते हैं
सरकार द्वारा इस योजना के तहत बैंकों और वित्तीय संस्थाओं की बनायी सूची में शामिल सभी बैंकों व वित्तीय संस्थाओं से सीजीटीएमएसई बिजनेस लोन के लिए आवेदन फार्म मिलते हैं। इसके अलावा सीजीटीएमएसई की आधिकारिक वेबसाइट से आवेदन फार्म डाउन लोड किये जा सकते हैं।
इस योजना के तहत आवेदक ऑन लाइन व ऑफलाइन दोनो तरह से लोन प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकता है। इस तरह के लोन प्राप्त करने के लिए अन्य बिजनेस लोन की तरह ही आवश्यक दस्तावेज आवेदक की फोटो, सरकारी पहचान पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, नया लोन लेना हो तो बिजनेस की प्रोजेक्ट रिपोर्ट या बिजनेस प्लान, पुराना हो तो बिजनेस का रजिस्ट्रेशन, पैन कार्ड आदि लगता है।
सीजीटीएमएसई बिजनेस लोन के लिए आवेदन इस प्रकार से करें
आप इस योजना के तहत लोन कैसे प्राप्त कर सकते हैं तथा इस योजना के तहत मिलने वाले कवरेज का लाभ किस तरह से हासिल करसकते हैं। उसके लिए जो प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी वो इस प्रकार है:-
1. पहला स्टेप
आपको अपने बिजनेस से जुड़े सभी महत्वपूर्ण कागजात तैयार करने होंगे। क्योंकि यदि आपका बिजनेस नया हो या पुराना दोनों ही स्थितियों में आपके पास आवश्यक दस्तावेज नहीं होंगे तो आपको लोन नहीं मिल पायेगा। इसलिये आपको सबसे पहले अपने बिजनेस से जुड़े दस्तावेजों को दुरुस्त करके इकटठा कर लें। इसमें आप इन कागजातों पर ध्यान दे सकते हैं।
- अपने बिजनेस को नियमानुसार रजिस्टर्ड करायें। आपके बिजनेस का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र आपके पास होना चाहिये।
- आपके बिजनेस जुड़े सभी सरकारी परमीशन व लाइसेंस होने चाहिये। उनसे जुड़े सभी दस्तावेज स्पष्ट व सुरक्षित एक जगह होने चाहिये ताकि बैंक वालों की डिमांड के अनुसार तत्काल उपलब्ध कराये जा सकें।
- यदि आप नया लोन लेना चाहते हैं तो करेंट एकाउंट खोलें। पुरान व्यवसाय होने के बाद भी करेंट एकाउंट नहीं हैं तो पहले करेंंट एकाउंट खोलें।
- यदि आपका पुराना बिजनेस है और बिजनेस पैन कार्ड है तो ठीक वरना आप तत्काल बिजनेस पैन कार्ड के लिए अप्लाई करें।
- आधार कार्ड है तो ठीम वरना तत्काल आधार कार्ड बनवायें
- आईटीआर यानी इंकम टैक्स रिटर्न के दस्तावेज तैयार करायें
- आय प्रमाण पत्र यानी इन्कम प्रूफ का भी दस्तावेज हासिल करें।
2. दूसरा स्टेप
सीजीटीएमएसई बिजनेस लोन के लिए आपको दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कार्य यह करना है कि आपको नये बिजनेस के लिए बिजनेस की अच्छी व आकर्षक प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानी बिजनेस प्लान बनाना होगा। यही बिजनेस प्लान या प्रोजेक्ट रिपोर्ट आपको लोन और लोन की मनचाही राशि दिलवाने में मदद करेगी। बैंक के अधिकारी जब आपकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट से संतुष्ट हो जायेंगे और उन्हें लगेगा कि आपका बिजनेस इतने समय में लाभ देने लगेगा और आप अपने अन्य खर्चे निकाल करके बैंक का कर्जा चुका सकते हैं तभी वो आपको लोन देंगे।
आपकी बिजनेस की प्रोजेक्ट रिपोर्ट में बिजनेस को शुरू करने से लेकर लाभ हासिल करने तक की स्टेप बाई स्टेप सारी जानकारियों विस्तार से होनी चाहिये।
प्रोजेक्ट रिपोर्ट में मार्केट एनालिसिस होना चाहिये। आप जो इन्वेस्ट मेंट कर रहे हैं वो वापस कैसे होगा। इसके साथ आपके खर्च कैसे निकलेंगे और किस प्रकार का प्रॉफिट होगा। कितनी बचत होगी। कैसे रिस्क कवर होगा आदि-आदि बातें रिपोर्ट में शामिल होनी चाहिये।
इसके अलावा आपकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट में सरकारी लाइसेंस, उपकरण की खरीद, मानव श्रम की व्यवस्था अैर प्रोडक्ट की मार्केटिंग, ट्रांसपोर्टिंग व्यवस्था आदि का भी जिक्र जोना चाहिये।
यदि आप स्वयं अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट न बना सकें तो आपको किसी विशेषज्ञ से सलाह लेकर या उसे हायर करके प्रोफेशनल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनवानी चाहिये। ताकि आपको लोनलिने में आसानी हो सके।
3. तीसरा स्टेप
प्रोजेक्ट रिपोर्ट और आपके दस्तावेज तैयार होने के बाद आप अपने किसी नजदीकी बैंक या अपने मनपसंद बैंक य वित्तीय संस्थान में जाकर आवेदन कर सकते हैं। अच्छा तो यही होगा कि आपका जिस बैंक में खाता हो, वहां के अधिकारियों से आपकी जान-पहचान भी होगी, वहीं आप इस तरह के लोन के बारे में जांच पड़ताल करके आवेदन करेंगे तो आपको काफी सुविधा होगी।
4. चौथा स्टेप
इसके बाद आपको बैंक से इस योजना के तहत मिलने वाले लाभ जैसे कवरेज के बारे में जानकारी प्राप्न्त करनी होगी। उसके लिए बैंक अधिकारियों से बात करनी होगी। इसके सथ् कवरेज के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज पेश करने होंगे। जब आपका लोन मंजूर होगा तो बैंक आपके लोन से सम्बधित दस्तावेजों को सरकार के पास भेजेगा। उस समय आपको समस्त डॉक्यूमेंट के साथ फीस का भी भुगतान करना होगा।
सीजीटीएमएसई बिजनेस लोन के लिए कितनी फीस लगेगी
- आम तौर पर बताया जाता है कि सीजीटीएमएसई योजना में लोन की राशि का 1 प्रतिशत हिस्सा फीस चार्ज किया जाता है।
- 5 लाख रुपये तक के लोन के लिए 0.75 प्रतिशत फीस चार्ज की जाती है।
- 5 लाख से अधिक अैर एक करोड़ रुपये की लोन राशि पर 0.85 प्रतिशत तक की फीस ली जाती है।
योजना का लाभ यानी कवरेज मितना मिलता है
सीजीटीएमएसई योजना का सबसे बड़ा लाभ यही होता है कि किसी कारण से आपका बिजनेस सफल नही होता है और आप लोन को चुकाने में असमर्थ होते हैं तो उस स्थिति में जांच पड़ताल में सरकारी पैमने पर खरे उतरते हैं तो सरकार आपके लोन की कवरेज करती है। आइये जानते हैं कि आपको किस प्रकार से और कितना कवरेज मिलता है।
- आम तौर पर अलग-अलग परिस्थितियों के अनुसार 50 प्रतिशत से लेकर 80 प्रतिशत तक का कवरेज मिलता है। यह अधिकारियों के आंकलन पर निर्भर करता है।
- अगर किसी बिजनेस का संचालन महिला करती है और उसके बिजनेस में ऐसी स्थिति आती है तो उसको 80 प्रतिशत तक की विशेष छूट यानी कवरेज मिल सकती है।
- पूर्वी राज्यों में यह सुविधा मिलती है, जहां पर व्यापार के सफल होने के लिए विशेष अवसर की आवश्यकता होती है।
- यदि कोई व्यापारी डिफाल्ट की स्थिति में किसी उचित कारणों से अपने लोन का भुगतान नहीं कर पाता है तो 50 लाख रुपय तक के लोन के लिए इस योजना में 75 से 80 प्रतिशत का लोन सेटल कर दिया जाता है।
- यदि लोन की राशि 50 लाख रुपये से 2 करोड़ के बीच की हो तो लोन कवरेज मात्र 50 प्रतिशत ही दिया जाता है। उसके लिये व्यापारी को उचित कारण भी बताने होते हैं।
आवश्यकता पड़ने पर बैंक मांग सकता है सिक्योरिटी
आम तौर परा यह योजना नये उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए लायी गयी है। इस योजना के तहत 75 से 80 प्रतिशत तक का कवरेज दिया जाता है और 10 प्रतिशत मार्जिन भी रहता है। लेकिन 10 से 15 प्रतिशत का जो हिस्सा बचता है। उस पर बैंक और आवेदक के बीच का मामला होता है। इस हिस्से के लिए रिस्क कैसे कवर करेगा। उसके लिए बैंक या तो अपने पुराने कस्टमर पर भरोसा करके लोन देगा य जरूरी समझेगा तो वह आवेदक से इस हिस्से के बराबर की सिक्योरिटी भी मांग सकता है।
इस योजना की खास बात यह है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सूची में शामिल सभी प्राइवेट व विदेशी बैंक लोन दे सकते हैं। जो बैंक लोन देंगे वे कवरेज भी देने को बाध्य होंगे।
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