10 ऐसी मुश्किलें जो किराना व्यापारी रोजमर्रा की जिंदगी में अनुभव करता है, इससे उबरने के उपाय

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10 ऐसी मुश्किलें जो किराना व्यापारी रोजमर्रा की जिंदगी में अनुभव करता है, इससे उबरने के उपाय

किसी व्यापार को शुरू करना बहुत आसान है लेकिन उसको प्रॉफिट के साथ चालू रख पाना बहुत मुश्किल है। किराना बिजनेस का काम पूरी तरह मैनेजमेंट पर निर्भर करता है। जिसका जितना अच्छा मैनेजमेंट होगा, उसका उतना ही अच्छा बिजनेस होगा। जो व्यक्ति बारीक से बारीक बातों पर ध्यान देगा और उन पर सख्ती से कार्रवाई करेगा, वो व्यक्ति उतना ही सफल बिजनेसमैन होता है। लेकिन देखा गया है किराना व्यापारी छोटी-मोटी कमियों को नजरंदाज करता रहता है जो समय आने पर बड़ी समस्याएं बन जातीं हैं। इससे व्यापारी टेंशन में आ जाता है। इससे व्यापार प्रभावित होता है। कभी कभी तो ये टेंशन बिजनेस को ही ले डूबता है। आजकल देखने में आता है कि जोश ही जोश में बिजनेस शुरू कर तो  देते हैं लेकिन संभाल नहीं पाते और उनका शटर जल्द ही  डाउन हो जाता है यानी काम बंद हो जाता है। किराना स्टोर, जनरल स्टोर, मिनी मार्ट और सुपर मार्केट रोजाना धड़ाधड़ तेजी से खुल रहे हैंं। खोले जाने के समय तो लोगों को इनके खुलने का पता चल जाता है लेकिन वो बंद कब हो गये ये किसी को पता ही नहीं चल पाता है। इन परिस्थितियों में  किराना व्यापारियों के सामने रोजमर्रा की जिन्दगी में आने वाली 10 प्रमुख मुश्किलें कौन-कौन सी आतीं हैं, उन्हें जानते हैं और इनके समाधान क्या हो सकते हैं, उनका भी पता लगाते हैंं:-

1. सप्लाई अधिक, बढ़ता कंपटीशन

देखने में आया है कि किराना के बिजनेस को बहुत आसान मान कर हर कोई इस काम को शुरू कर देता है। इससे यह होता है कि जितनी डिमांड होती है उससे कई गुना अधिक सप्लाई हो जाती हैं। उदाहरण के तौर पर जिस क्षेत्र में चार ही किराना स्टोर वहां के रहने वालों की जरूरत का सामान सप्लाई करने के लिए काफी हो सकते हैं लेकिन वहां पर 10-12 दुकानें खुल जातीं हैं तो उस क्षेत्र में किराना बिजनेस मैन में कंपटीशन वार शुरू हो जाता है। कस्टमर को अपने पास बुलाने के लिए होड़ मच जाती है। इससे किराना व्यापारी को अनेक मुश्किले झेलनी पड़ती हैंं।

समाधान

साधारण तौर पर देखने से तो यही मालूम होता है कि इस समस्या का कोई समाधान नहीं है। लेकिन ऐसा नहीं है, इस समस्या का भी समाधान है।आप अपने कस्टमर पर ध्यान दें और उसे हर तरह से संतुष्ट रखें। यदि कोई होड़ में ऑफ़र या स्कीम या सेल लगाकर आपके कस्टमर तो तोड़ना चाहे तो आपको भी अपने कस्टमर के लिए कुछ ऐसी स्कीमें निकालनी होंगी, जिससे ग्राहक आपकी दुकान न छोड़ कर जाये। आप अच्छे कैरीबेग दें, क्वालिटी में सुधार करें, नई डेट का ब्रांडेड सामान रखें, ग्राहकों को फायदे वाली स्कीम का सामान लायें। साथ ही  आप अपने मधुर व्यवहार से ग्राहक को विश्वास दिलायें कि वो आपको सही दाम पर सही चीज दे रहा है। इसके अलावा आप अपनी दूकान के पास ही फल व सब्जी की छोटी सी दुकान लगवा लें तो उसका भी फायदा ग्राहकों को मिल सकता है।

2. ग्राहकों का टूटना

जब डिमांड से ज्यादा सप्लाई हो जाती है तो किराना व्यापारियों में ग्राहकों को अपनी ओर खींचने के लिए होड़ मच जाती है। इसके लिए नये-नये व्यापारी ग्राहकों को अपनी ओर खींचने के लिए तरह-तरह की स्कीमें, ऑफ़र चलाते हैं। इससे ग्राहक वहां चला जाता है जहां पर उसे सबसे ज्यादा लाभ मिलता है। इसको लेकर किराना व्यापारियों में आये दिन मुश्किलें आतीं रहतीं हैं।

समाधान

बस आपको अपने ग्राहकों का विश्वास जीतना होगा और यह बताना होगा कि कंपटीशन के चक्कर में जो आपको आज सबसे ज्यादा फायदा दे रहा है, वहीं आपको कल बिजनेस चल जाने के बाद चूना भी  लगा सकता है। क्योंकि कोई भी आदमी अपना घर लुटा कर बिजनेस नहीं कर सकता। सभी लोग बिजनेस फायदे के लिये ही करते हैं। हो सकता है कि आपकी इन बातों का कुछ ग्राहकों पर असर हो और नही भी हो। आपको इसमें से विश्वास करने वाले ग्राहकों को छांटें। वो जब भी आपके पास आयें तो उन्हेंं हर तरह से संतुष्ट रखें। जो आपके पुराने ग्राहक हों उन्हें समय-समय पर छोटा-मोटा गिफ्ट ऑफ़र करें। ये गिफ्ट आपकी दुकान के आईटमों से अलग हों।

3. मार्केटिंग की समस्या

किरान स्टोर के संचालक अपने बिजनेस में मार्केटिंग को महत्व नहीं देते हैं । जो लोग अपनी मार्केटिंग पर ध्यान नहीं देते हैं और उस पर कोई खर्च नहीं करते हैं तो उनके ग्राहक सीमित ही रहते हैं। और नयी दुकान खुलने पर वो वहां चले जाते हैं। जब दूकान टूटने लगती है तो फिर मार्केटिंग पर अनाप-शनाप पैसा खर्च करने लगते है। बाद में पता चलता है कि मुनाफ से अधिक मार्केटिंग पर खर्चा कर दिया। तब टेंशन बढ़ जाती है।

समाधान

आपको चाहिये कि समय-समय पर मार्केटिंग पर सही तरह से ध्यान दें। उसका एक बजट बनायें और उसी बजट में मार्केटिंग करायें। आज के कंपटीशन वाले जमाने में आपको नये नये फंडे इस्तेमाल करने होंगे। इसलिये आप अपने मार्केटिंग और कस्टमर डीलिंग का सही तरह से मैनेजमेंट करें। आपकी यह समस्या अपने आप सुलझ जायेगी।

4. ब्याज की टेंशन

यदि कोई बिजनेस मैन लोन लेकर बिजनेस शुरू करता है। उसे हर माह लम्बी-चौड़ी रकम ब्याज के रूप में चुकानी होती है। यदि प्रॉफिट इतना नहीं हो पाता है कि ब्याज की रकम चुकाई जा सके तो बिजनेस सिमटने लगता है। इससे व्यापारी की मुश्किलें बढ़ती जातीं हैं। व्यापारी की इस टेंशन का बिजनेस पर असर पड़ने लगता है। इस टेंशन से व्यापारी का व्यवहार भी चिड़चिड़ा हो जाता है। जो इस बिजनेस के लिए सबसे अधिक घातक साबित होता है।

समाधान

आप लोन लेकर बिजनेस शुरू कर रहे हैं तो सबसे पहले बिजनेस प्लान बनायें और यह तय करें कि लोन का ब्याज और लोन की रकम किस तरह से चुकाई जायेगी। यदि ऐसा नहीं किया है तो आप बिजनेस की फिजूलखर्ची पर अंकुश लगाये। हर खर्चे से पहले यह ध्यान रखें कि आपको व्याज की रकम भी देनी है। कर्मचारियों को अधिक से अधिक काम करवाने की कोशिश करें। आप अपने ग्राहकों की डिमांड को देखते हुए दुकान खोलने-बंद करने का समय थोड़ा बढ़ा दें। संभव हो तो कोई साइड बिजनेस भी अपने साथ जोड़ लें जिससे नये नये कस्टमर भी आपके पास  आयें। इससे आपकी इनकम बढ़ेगी और आपकी समस्या का समाधान निकल आयेगा।

Project management mind map on blackboard with white chalk

5. प्रोडक्ट मैनेजमेंट की मुश्किल

किराना स्टोर में मैनेजमेंट बहुत महत्वपूर्ण होता है।  मैनेजमेंट से अपनी दुकान की अच्छी तरह से देखभाल कर सकते है। लेकिन अधिकांश किराना व्यापारी इस ओर ध्यान नहीं देते हैं। नियम तो यह है कि जो माल पहले आया है उसे पहले ही बेचा जाना चाहिये।  इस पर ध्यान नहीं देने से माल की एक्सपायरी डेट निकल जाती है बहुत सा सामान नाट फॉर सेल यानी बिक्री के लिए नहीं हो जाता है। जिससे किराना बिजनेस मैन को  नुकसान उठाना पड़ता है। ये मुश्किल धीरे-धीरे बड़ी होती जाती है।

समाधान

अब आपको चाहिये कि एक्सपायरी डेट वाले सामान का विशेष ध्यानं रखें । उसकी एक लिस्ट बना लें। पुराने माल को सबसे आगे रखते जायें और नये माल को उसके पीछे रखते जायें ताकि कोई ग्राहक उठाये तो उसे पुराना माल पहले मिले मिले। इससे आपको एक्सपायरी डेट वाले सामान को बेचने के लिए समय मिल जायेगा। आपका सामान भी आसानी से बिक जायेगा। लिस्ट बनाते समय यह भी ध्यान रखें कि पिछले माह कौन सा सामान अधिक बिका और कौन सा सामान कम बिका। ज्यादा बिकने वाले सामान को अधिक मात्रा में मंगायें और कम सामान बिकने वाले को कम खरीदे। इस तरह से आपको नुकसान नहीं होगा और बिजनेस का टर्नओवर भी सही तरीके से चलता रहेगा।

6. वर्कर मैनेजमेंट

किराना स्टोर में बिजनेस मैन अपने वर्करों के भरोसे सारा बिजनेस छोड़ देते हैं। वह यह समझते हैं कि हमारा वर्कर पूरी वफादारी से अपना पूरा काम कर रहे हैं, हमें इसे कुछ कहने-सुनने की जरूरत नहीं है। पता चलता है कि वर्कर की लापरवाही से आपको बिजनेस में काफी नुकसान हो रहा है। जब हिसाब-किताब जोड़ने के समय पता चलता है कि आपका खर्चा अधिक हो गया और मुनाफा कम हो गया। तो आपकी मुश्किल बढ़ जाती है।

समाधान

आपको अपने वर्कर यानी मैन पॉवर पर नजर रखनी होगी कि कहीं आपका सामान चूहे तो नहीं खा रहे हैंं, दीमक तो नहीं लग रहे,कहीं कोई सामान दबा तो नहीं पड़ा है जो कुछ दिन बाद बेकार ही हो जायेगा।  कर्मचारी इन होने वाले नुकसान को छिपा तो नहीं रहा है। कर्मचारी ग्राहकों के साथ गलत व्यवहार तो नहीं कर  रहा हो। इन सब बातों का ध्यान समय समय पर देना होगा। क्योंकि इसका असर आपके बिजनेस पर पड़ने वाला है। इस समस्या का समाधान आपको ही निकालना होगा।

7. कस्टमर डीलिंग

कस्टमर डीलिंग किराना बिजनेस की जान होती है। इसमें किसी तरह का उतार-चढ़ाव आने से बिजनेस पर सीधा फर्क पड़ता है। चाहे बिजनेस मैन या उसके यहां काम करने वाला व्यक्ति यदि दुकान पर आने वाले ग्राहक से किसी तरह का खराब व्यवहार करता है तो ग्राहक टूट जाता है। ग्राहक के टूटने से दुकान का माहौल बदलता है। जब ग्राहक टूटने लगते हैं तो किराना व्यापारी की मुश्किलें बढ़ जातीं हैं।

समाधान

ग्राहक व्यापारी के लिए भगवान के सामान होता है। उसका आदर, सम्मान करने से तरक्की होती है। इस मूलमंत्र को ध्यान में रखकर बिजनेस करना चाहिये। साथ ही किसी प्रकार की गलती होने पर सबसे पहले ग्राहक से माफी मांगनी चाहिये। अक्सर देखा जाता है कि कस्टमर को किसी तरह की समस्या होती है तो वो दुकानदार को बताता है। दुकानदार की ओर से रूखा जवाब मिलता है तो वो निराश हो जाता है। फिर उस दुकान पर जाना बंद कर देता है। इसलिये अपने व्यवहार को अच्छा बनाये रखें। थोड़ा बहुत नुकसान सहकर ग्राहक को संतुष्ट करें। क्योंकि ग्राहक रहेगा तो नुकसान की भरपाई भी हो सकेंगी।

8. ग्राहकों का घटती संख्या

कंपटीशन, दूसरी दुकानो के आफर, स्कीमों, खराब व्यवहार आदि के कारण जब ग्राहकों का घटना शुरू हो जाता है तो किराना बिजनेस मैन की टेंशन बढ़ने लगती है।

समाधान

रेगुलर ग्राह किसी भी संस्था की पूंजी के समान होते हैं। अक्सर देखा गया है कि नये ग्राहकों की तलाश में दुकानदार पुराने ग्राहकों की अनदेखी करनी शुरू कर देते हैं। वो यह समझते हैं कि ये पुराने ग्राहक अपने ही घर के लोग हैं इन्हें हम अपनी तरह से डील कर लेंगे। लेकिन ऐसा नहीं है, पुराने ग्राहक आपके लिए एक स्थायी पूंजी के तरह होते हैं। पुराने ग्राहकोंं को अपने पास बनाये रखकर नये ग्राहकों की तलाश करें तभी बिजनेस आगे बढ़ेगा वरना पुराने ग्राहक चले गये तो आपकी पूंजी ही टूट जायेगी।

Letter block with word borrow on wood background with another alphabet as frame

9. उधारी और रकम डूबने की टेंशन

आज के जमाने में वैसे तो किराने के बिजनेस मेंं उधारी नही चलती है। लेकिन यह पूरी तरह से सच नही है। ऑनलाइन में भले ही उधारी नहीं चलती है लेकिन ऑफ़्लाइन में जहां आप दूकान खोले बैठें हैं, वहां आपको बिजनेस बढ़ाने के लिए उधार भी माल देना पड़ता है। उधार लेने वालों में कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनकी आदत ही उधार लेकर  पल्ला झाड़ने की होती है। पहले एक दुकान से उधार लिया, दुकानदार ने तकादा करना शुरू किया तो दूसरी दुकान से सामान लेने लगे उसके बाद वहां भी उधार लिया और तीसरी दुकान में चले गये। इस तरह से दुकानदार की टेंशन बढ़ती रहती है।

समाधान

OkCredit  अपनाएँ! ये एक बोहोत ही सरल और आसान ऐप्लिकेशन है जो गूगल प्ले स्टोर पर मुफ़्त में उपलब्ध है, इसके ज़रिए आप आसानी से अपना उधार वापस पा सकते हैं वो भी बिना किसी झंझट के. OkCredit के ज़रिए आप ग्राहक को पेमेंट रिमाइंडर भी भेज सकते हैं. इसके लिए आप SMS/WhatsApp के ज़रिए मेसिज भेज सकते हैं!

आपको अपनी दुकान का नियम ही बना लेना चाहिये कि उधार माल नहीं बेचेंगे। भले ही कम माल बिके। यदि इससे काम नहीं चलता है तो आप ग्राहक को परख कर ही उधार दे। कोशिश करें कि उधार कम से कम हो और खरा पेमेंट करने वाले को ही उधार दें। तकादा समय पर करके अपने फंसी हुई रकम निकालते रहेंं। शुरू शुरू में दुकान चलाने के लिए आप ऐसा कर सकते हैं। फिर धीरे-धीरे उधार देना बंद ही कर दें।

10. लालच में फंसने से होती है टेंशन

आप अपने किराना स्टोर के लिये जब होलसेल व्यापारी या एजेंट से सामान बुक कराने की कोशिश करते हैं तो ये होलसेल व्यापारी और एजेंट अपने फायदे के लिए अनेक तरह की स्कीमें बताते रहते हैं। ये लोग अपना वो माल अधिक से अधिक बेचने की कोशिश करते हैं। जो बिकने वाला नहीं होता है। यदि आप उनके प्रलोभन में फंसकर पूंजी फंसा देते हैं तो आपकी टेंशन बढ़ना स्वाभाविक है।

समाधान

होलसेल व्यापारी व एजेंट द्वारा बतायी जा रही स्कीमों पर एकदम विश्वास न करें। उन्हें मना भी न करें। अच्छी तरह से सोच विचार कर ही निर्णय लें। पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आप होलसेल व्यापारी या एजेंट की बात मानकर नुकसान तो नहीं उठाने जा रहे हैं। तभी उस स्कीम वाले सामान का आर्डर करें अन्यथा नहीं।

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