EMI kya hai, पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें

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EMI kya hai, पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें

आजकल महंगाई का जमाना है. ऐसे में अगर आप कुछ नया करने या फिर नई चीज खरीदने के बारे में सोचते हैं तो कई बार आपकी आमदनी उसके आड़े आ जाती है. लेकिन फिर भी बहुत से ऐसे चीजें हैं जो हमारा लिए ज़रूरी हो जाती है, जैसे की घर खरीदना या फिर किसी तरह का ट्रांसपोर्ट का साधन जैसे कि बाइक या कार. इसके अलावा बच्चों के बड़ा होने पर उनकी पढ़ाई - लिखाई के लिए भी अच्छे खासे पैसों की जरुरत पड़ती है. इसके साथ ही किसी भी तरह की आकस्मिक समस्या आ जाने पर भी आपको पैसे की आवश्यकता पड़ ही जाती है.

इन सब के बीच सवाल ये उठता है कि अपनी इस तरह की आवश्यकताओं के लिए क्या तरीका अपनाया जाए? हर बार यह संभव नहीं है कि आप किसी जानने वाले से या परिवार वालों से इसके लिए मदद लें. ये लंबे समय तक चलने वाले खर्चें हैं जिनका सामना आपको खुद ही करना पड़ता हैं.

इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए ही बहुत से ऐसे विकल्प लाए गए हैं जो आपकी इसी आमदनी में आपके आगे के सपने और जरूरतों को पूरा करते हैं. ऐसा ही एक साधन है लोन लेना. आप किसी भी जरुरत के लिए लोन के रूप में धनराशि बैंक या कंपनी से उधार ले सकते हैं.लेकिन लोन की धनराशि को एकसाथ चुकाना मुमकिन नहीं हो पाता है. उसी के चलते ईऍमआई की सुविधा सामने आती है.

इऍमआई(EMI) यानि कि इक्वेटेड मंथली इंस्टालमेन्ट्स या फिर हिंदी में इसे  मासिक किश्त का नाम दिया गया है. इसमें आपको एक निश्चित धनराशि हर महीने देनी पड़ती है जो आपके लोन का पेमेंट माना जाता है. आप अपनी सुविधा के अनुसार इसमें बदलाव कर सकते हैं.

EMI kya hai | ईऍमआई क्या है?

आजकल बढ़ते हुए खर्च और महंगाई के समय में बड़े फाइनेंसियल खर्चों के लिए लगभग हर व्यक्ति लोन का सहारा लेता है. इसी दौरान जिस भी बैंक या कंपनी से आप लोन लेते हैं वह एक निश्चित समय अवधि में थोड़ा थोड़ा पैसा लेते हुए आपको यह ऋण चुकाने की सुविधा भी देते हैं और एस एमें आपको एकसाथ पूरा भुगतान नहीं करना पड़ता हैं. आप हर महीना अपनी आमदनी से एक तय धनराशि चुका सकते हैं. यही प्रक्रिया  ईऍमआई की सुविधा है.

सरल शब्दों में समझा जाए तो ईऍमआई एक ऐसा साधन है जो आपको आजकल की भागदौड़ और महंगाई से भरी दुनिया में तनाव मुक्त रहने की अनुमति देती है.

ईऍमआई के बारे में एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इसके भुगतान के लिए आपको महीने की कोई एक तारीख का चयन करना होता है और उसी तय तारीख पर आपको अपनी मासिक किश्त का भुगतान करना होगा. ऐसा नहीं करने पर आपको पेनालिटी देनी पड़ सकती है. साथ ही हमे यह ध्यान में रखने की जरुरत है कि ईऍमआई में ब्याज भी साथ में ही चुकाना पड़ता है. सरल शब्दों में समझें तो आप जितना भी लोन लेते हैं उसके साथ साथ आपको ब्याज का पैसा भी चुकाना पड़ता है और सामान्य तौर पर जैसे जैसे ब्याज का पैसा घटता जाता है वैसे ही ब्याज की दर भी कम हो जाती है. ब्याज की दर एक बहुत बड़ा फैक्टर है जो कई तरह से EMI की राशि पर असर डालती है.

EMI को प्रभावित करने वाले कारक:

अब हमने यह तो जान लिया है की EMI है क्या चीज लेकिन अभी यह जानना बाकि है कि ऐसे कौन से फैक्टर है जो आपके EMI को प्रभावित कर सकते हैं. EMI पर मुख्य रूप से 3 चीजों से असर पड़ता हैं; वह हैं

  • लोन की राशि
  • ब्याज दर
  • लोन का समय

आइए अब इनके बारे में जरा विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं.

Loan bag, rising bar graph and hourglass on a table

1. लोन की राशि

आप अपनी अलग-अलग आवश्यकता के अनुसार ही लोन लेते हैं इसलिए लोन की राशि हर किसी के लिए अलग होती है. यहां आपको यह जानना ज़रूरी है कि आपके द्वारा ऋण में ली गई धनराशि से EMI का अमाउंट सीधे तौर पर जुड़ा होता है. आपकी लोन की धनराशि जितनी ज्यादा होगी आपको ईऍमआई भी उसी के अनुसार चुकानी होती है. अगर आप ज्यादा लोन लेते हैं तो EMI ज्यादा ही रहेगी.

2. ब्याज दर

ब्याज की दर दूसरा बड़ा फैक्टर है जो आपकी EMI को प्रभावित करता है.जैसा कि पहले बताया गया है कि मूलधन के साथ साथ आपको ब्याज के रूप में भी कुछ राशि चुकानी पड़ती है. ब्याज की दर आपको लोन लेते समय ही कंपनी के द्वारा बता दी जाती है. लोन देने वाली कंपनी बहुत सी चीजों को ध्यान में रखते हुए आपका EMI कैलकुलेट करती है जैसे कि आपकी आमदनी, क्रेडिट हिस्ट्री आदि.

3. लोन भुगतान का समय

यह तीसरा और काफी अहम फैक्टर है जो आपकी इऍमआई को प्रभावित करता है. आपके लोन लेने का समय आपकी आवश्यकता के हिसाब से रहता है. अगर आप कोई भी लोन लंबे समय के लिए लेते हैं तो आपकी EMI की धनराशि कम हो जाती है. लेकिन यहां पर एक बात हमे ध्यान में रखनी चाहिए कि लोन को भुगतान करने का समय जितना ज्यादा लिया जाता है उतना ही आपके ब्याज की दर भी बढ़ जाती है. इसलिए ज्यादातर हम देखते हैं कि लोग छोटे समय में अपना लोन चुका देना चाहते है.

EMI के बारे में यह जानने के बाद कि वह किन किन कारकों से प्रभावित होती है, हमारे मन में एक और सवाल उठता है कि क्या EMI का मूल्य या दर पूरे टेनोर यानि कि भुगतान समय में एक जैसा ही रहता है?

इस सवाल के जवाब में हम आपको बता दें कि EMI का अमाउंट ज्यादातर मामलों में एक जैसा ही रहता है लेकिन कुछ ऐसे केस हैं जहां पर ये समय के साथ प्रभावित होती है. जैसे कि:

  • फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट

आप लोन के समय फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट का चयन कर सकते हैं और अगर आप लोन लेते समय फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट का चयन करते हैं तो मार्किट के हिसाब से आपका EMI अमाउंट कम या ज्यादा होता रहता है. जैसे ही मार्किट में इंटरेस्ट रेट कम होगा तो आपको EMI भी कम हो जाएगी.

  • लोन प्रीपेमेंट

लोन प्रीपेमेंट का मतलब है कि आप लोन का एक बड़ा हिस्सा निर्धारित समय से पहले ही चुका दें. इससे आपका प्रिंसिपल अमाउंट कम हो जाता है और साथ ही आपकी ईऍमआई की राशि भी कम हो जाती है. ऐसा करने से आपका लोन चुकाने का समय भी कम हो जाता है.

  • प्रोग्रेसिव EMI

यह भी ईऍमआई भुगतान करने का एक तरीका है. इसमें आप शुरूआत में एक राशि EMI के तौर पर चुकाते हैं और जैसे जैसे आपकी आमदनी बढ़ती जाती है आप ईऍमआई की राशि भी ज्यादा करवा सकते हैं. ऐसा करने का सबस एब्दा फायदा है कि आपका लोन जल्द से जल्द चुकता हो जाता है.

EMI कैलकुलेट करने का तरीका

EMI को कैलकुलेट करने के लिए एक फ़ॉर्मूला का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें ये चीजें ध्यान में राखी जाती है;

  • ईएमआई
  • लोन की टोटल धनराशि
  • हर महीने लगने वाला ब्याज
  • लोन लेने का कुल समय

हालांकि जहां से भी आप लोन लेते हैं वह कंपनी आपको पूरी तरह से EMI की जानकारी देती है लेकिन खुद भी कैलकुलेट करते हुए आपको इसकी जानकारी होनी चाहिए. इसके कई फायदे हैं जैसे कि:

  • आप अपने बजट के अनुसार अपनी फाइनेंसियल प्लानिंग कर सकते हैं.
  • आप अपनी EMI भुगतान के बारे में सटीक जानकारी ले सकते हैं.
  • किसी भी तरह की गडबडी की आशंका होने पर आप तुरंत एक्शन ले सकते हैं.
  • इस तरह से यह आपके लिए लाभदायक है.
EMI alphabet on money background

EMI kaise bharte hain | कैसे करें EMI का भुगतान:

EMI का भुगतान आप ऑफलाइन या ऑनलाइन दोनों ही तरीकों से कर सकते हैं.

  • ऑनलाइन भुगतान के लिए आप अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं और तय समय पर निश्चित धनराशि आपके खाते से लोन के लिए चुका दी जाती है.
  • इसके अलावा अगर आप ऑनलाइन भुगतान नहीं करना चाहते हैं तो आप ऑफलाइन मोड से भी EMI चुका सकते हैं. इसके लिए आप चाहें तो चेक बनवा लें या फिर सीधा बैंक में जाकर भी इसका भुगतान कर सकते हैं. हालंकि आजकल ऑनलाइन पेमेंट का चलन ज्यादा है और लोग इसी तरीके का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इसके जरिए आप घर बैठे EMI भुगतान कर सकते हैं.

इन सब के साथ ही कई बार इस तरह के सवाल आते हैं कि क्या EMI एक अच्छी सुविधा है या नहीं. यहां पर हम यह जानते हैं कि इसमें कोई शक नहीं कि EMI के समय आपको ब्याज दर के अनुसार लोन की राशि से ज्यादा अमाउंट का भुगतान करना पड़ता है और यह धनराशि ना चुकाने पर बैंक या कंपनी की तरह से आपके क्रेडिट स्कोर भी प्रभावित होते हैं.

लेकिन फिर भी इसमें कोई दोराय नहीं है कि जब भी आपको फाइनेंसियल मदद की आवश्यकता पड़ती है तो यह बहुत फायदेमंद सुविधा है. बस आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आप अपनी आमदनी और बजट के अनुसार ही सही लोन और EMI प्लान का चयन करें.

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